स्विचगियर के प्रकार ( Types of Switchgear )
स्विचगियर को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है, लेकिन सबसे आम वर्गीकरण उनके वोल्टेज स्तर, इंसुलेशन माध्यम, और संरचना के आधार पर होता है।
वोल्टेज के आधार पर वर्गीकरण (Classification based on Voltage)
-
कम वोल्टेज (Low Voltage - LV) स्विचगियर:
- 1 kV (1000 वोल्ट) तक के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसमें एमसीबी (MCB), एमसीसीबी (MCCB), फ्यूज (Fuses), और एयर सर्किट ब्रेकर (ACB) जैसे उपकरण शामिल होते हैं।
- इनका उपयोग घरों, छोटे कारखानों, और वाणिज्यिक इमारतों में होता है।
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मध्यम वोल्टेज (Medium Voltage - MV) स्विचगियर:
- 1 kV से 36 kV तक के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसमें ऑयल सर्किट ब्रेकर, वैक्यूम सर्किट ब्रेकर, और SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) सर्किट ब्रेकर का उपयोग होता है।
- ये सबस्टेशन, बड़े उद्योगों और बिजली वितरण नेटवर्क में पाए जाते हैं।
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उच्च वोल्टेज (High Voltage - HV) स्विचगियर:
- 36 kV से ऊपर के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
- ये बिजली उत्पादन संयंत्रों और ट्रांसमिशन सबस्टेशनों जैसे बड़े पावर सिस्टम में इस्तेमाल होते हैं।
- इनमें SF6 और एयर-ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर का उपयोग होता है।
इंसुलेशन माध्यम के आधार पर वर्गीकरण (Classification based on Insulating Medium)
एयर-इंसुलेटेड (Air-Insulated): हवा का उपयोग इंसुलेशन माध्यम के रूप में किया जाता है।
एयर-इंसुलेटेड (Air-Insulated): हवा का उपयोग इंसुलेशन माध्यम के रूप में किया जाता है।
ऑयल-इंसुलेटेड (Oil-Insulated): एक विशेष प्रकार के तेल का उपयोग किया जाता है।
वैक्यूम-इंसुलेटेड (Vacuum-Insulated): वैक्यूम का उपयोग किया जाता है।
गैस-इंसुलेटेड (Gas-Insulated - GIS): SF6 गैस का उपयोग इंसुलेशन और आर्क शमन के लिए किया जाता है।
संरचना के आधार पर वर्गीकरण (Classification based on Construction)
- इंडोर टाइप (Indoor Type): ये स्विचगियर इमारतों या इनडोर स्थानों में स्थापित किए जाते हैं।
- आउटडोर टाइप (Outdoor Type): ये बाहरी वातावरण में स्थापित किए जाते हैं, आमतौर पर 66 kV से अधिक वोल्टेज के लिए।
- मेटल-एनक्लोज्ड (Metal-Enclosed): स्विचगियर के घटक धातु के बाड़े (metal enclosure) के अंदर होते हैं जो सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- पैड-माउंटेड (Pad-Mounted): ये कॉम्पैक्ट स्विचगियर होते हैं जिन्हें सीधे जमीन पर स्थापित किया जाता है।
स्विचगियर (Switchgear) एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग बिजली के उपकरणों के लिए किया जाता है, जो विद्युत सर्किट को नियंत्रित, सुरक्षित और अलग करने में मदद करते हैं। यह बिजली सबस्टेशन, पावर प्लांट और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग होने वाले मुख्य उपकरण हैं।
ये उपकरण विद्युत प्रवाह को चालू या बंद करने, सर्किट को ओवरलोड (overload) या शॉर्ट सर्किट (short circuit) जैसी खराबी से बचाने और रखरखाव (maintenance) के लिए सर्किट के हिस्सों को अलग करने के लिए आवश्यक होते हैं।
स्विचगियर के मुख्य घटक (Key Components of Switchgear)
स्विचगियर के कुछ प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:
- सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker): यह सबसे महत्वपूर्ण घटक है। यह एक स्वचालित स्विच की तरह काम करता है, जो ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट होने पर बिजली के प्रवाह को तुरंत रोक देता है।
- स्विच (Switch): यह मैन्युअल रूप से सर्किट को चालू या बंद करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- फ्यूज (Fuse): यह एक सुरक्षा उपकरण है जो अत्यधिक करंट (current) बहने पर पिघल कर सर्किट को तोड़ देता है।
- रिले (Relay): यह खराबी का पता लगाता है और सर्किट ब्रेकर को ट्रिप (trip) करने के लिए कमांड भेजता है।
- ट्रांसफॉर्मर (Transformer): यह वोल्टेज को बढ़ाने या घटाने में मदद करता है।
- बस बार (Busbar): यह एक तरह का धातु का बार होता है जो विभिन्न सर्किटों के बीच बिजली वितरित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
सरल शब्दों में,
स्विचगियर बिजली के वितरण और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जो विद्युत प्रणाली को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाता है।
स्विचगियर का मुख्य कार्य विद्युत प्रणालियों में सुरक्षा, नियंत्रण और अलगाव (isolation) प्रदान करना है। यह बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण के हर स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्विचगियर के प्रमुख कार्य (Key Functions of Switchgear)
स्विचगियर के तीन सबसे महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं:
- सुरक्षा (Protection): यह विद्युत प्रणालियों को ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट और अन्य दोषों से बचाता है। जब कोई खराबी आती है, तो स्विचगियर में लगे सर्किट ब्रेकर और फ़्यूज़ तुरंत उस हिस्से की बिजली काट देते हैं, जिससे उपकरणों को नुकसान होने से रोका जा सकता है और आग या अन्य दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- नियंत्रण (Control): यह बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करता है। ऑपरेटर स्विच और सर्किट ब्रेकर का उपयोग करके बिजली को चालू या बंद कर सकते हैं, जिससे विभिन्न उपकरणों या सर्किटों को आवश्यकतानुसार संचालित किया जा सकता है।
- अलगाव (Isolation): यह रखरखाव या मरम्मत के लिए विद्युत प्रणाली के किसी भी हिस्से को बाकी हिस्से से पूरी तरह से अलग कर देता है। यह सुनिश्चित करता है कि तकनीशियन सुरक्षित रूप से काम कर सकें।
कुल मिलाकर,
स्विचगियर बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करके और विद्युत दोषों से सुरक्षा प्रदान करके विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
बिजली प्रणालियों में स्विचगियर की आवश्यकता सुरक्षा, नियंत्रण और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए होती है। स्विचगियर के बिना, आधुनिक बिजली प्रणालियाँ प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकतीं और अत्यधिक खतरनाक हो सकती हैं। यह बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करने और विद्युत उपकरणों और कर्मियों को होने वाले नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्य कारण जिनकी वजह से स्विचगियर आवश्यक है
- विद्युत दोषों से सुरक्षा: स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट और अन्य विद्युत दोषों से सुरक्षा प्रदान करना है। जब कोई खराबी आती है, तो स्विचगियर में लगे सर्किट ब्रेकर तुरंत बिजली की आपूर्ति को काट देते हैं, जिससे उपकरणों को नुकसान होने और आग लगने का खतरा कम हो जाता है।
- बिजली का अलगाव: रखरखाव या मरम्मत के काम के लिए, यह आवश्यक है कि बिजली प्रणाली के कुछ हिस्सों को बाकी हिस्सों से अलग किया जा सके। स्विचगियर इस अलगाव को सुरक्षित रूप से करने में मदद करता है, जिससे तकनीशियनों के लिए काम करना सुरक्षित हो जाता है।
- बिजली का वितरण और नियंत्रण: यह बिजली को एक स्रोत से कई सर्किटों में वितरित करने में सक्षम बनाता है। यह बिजली के प्रवाह को चालू, बंद और नियंत्रित करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बिजली की आपूर्ति की जा सके।
- विश्वसनीयता और दक्षता: स्विचगियर बिजली प्रणाली की विश्वसनीयता को बढ़ाता है। यह एक भाग में खराबी होने पर भी बाकी प्रणाली को काम करने की अनुमति देता है। यह बिजली के प्रवाह को कुशलता से प्रबंधित करके ऊर्जा दक्षता को भी बढ़ाता है।
कुल मिलाकर,
स्विचगियर बिजली उत्पादन से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक, पूरी बिजली वितरण श्रृंखला का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह सुनिश्चित करता है कि बिजली का उपयोग और वितरण सुरक्षित, नियंत्रित और निर्बाध रूप से हो।
स्विचगियर में विभिन्न घटक होते हैं जो एक साथ काम करते हैं ताकि विद्युत प्रणाली का सुरक्षित और कुशल संचालन हो सके। इन घटकों को आम तौर पर दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
मुख्य विद्युत घटक (power-conducting devices) और सहायक नियंत्रण घटक (control system components)।
मुख्य विद्युत घटक (Main Electrical Components)
- सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker): यह स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। यह एक स्वचालित स्विच है जो ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह को तुरंत बाधित करके सर्किट को नुकसान से बचाता है।
- स्विच/आइसोलेटर (Switch/Isolator): ये मैन्युअल रूप से संचालित स्विच होते हैं जिनका उपयोग रखरखाव या मरम्मत के लिए सर्किट के एक हिस्से को बाकी प्रणाली से अलग करने के लिए किया जाता है। ये लोड के साथ सर्किट को तोड़ने के लिए नहीं बने हैं।
- फ्यूज (Fuse): यह एक सुरक्षा उपकरण है जिसमें एक तार होता है जो अत्यधिक करंट बहने पर पिघल जाता है और सर्किट को तोड़ देता है। यह छोटे और कम वोल्टेज वाले सर्किटों में अधिक उपयोग होता है।
- बस बार (Busbar): यह एक धातु का बार होता है (अक्सर तांबे या एल्यूमीनियम से बना) जो विभिन्न सर्किटों के बीच बिजली वितरित करने के लिए एक सामान्य विद्युत जंक्शन के रूप में कार्य करता है।
सहायक नियंत्रण घटक (Auxiliary Control Components)
- रिले (Relay): रिले विद्युत दोषों का पता लगाने और सर्किट ब्रेकर को खोलने का संकेत देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे ओवरकरंट, अंडरवोल्टेज, या अन्य असामान्य स्थितियों का पता लगाते हैं।
- करंट ट्रांसफॉर्मर (CT) और वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर (VT): ये ट्रांसफॉर्मर उच्च करंट और वोल्टेज को मापने योग्य स्तरों तक कम करते हैं, ताकि रिले और मीटरिंग उपकरण सुरक्षित रूप से काम कर सकें।
- नियंत्रण पैनल (Control Panel): यह वह इंटरफ़ेस है जहाँ से ऑपरेटर स्विचगियर को नियंत्रित और मॉनिटर करते हैं। इसमें मीटर, सूचक लाइट और नियंत्रण स्विच होते हैं।
- अर्थिंग स्विच (Earthing Switch): यह एक स्विच है जिसका उपयोग रखरखाव के दौरान सर्किट के एक हिस्से को सुरक्षित रूप से ग्राउंड करने के लिए किया जाता है, ताकि किसी भी अवशिष्ट चार्ज को हटाया जा सके।
स्विचगियर और कंट्रोल गियर दो अलग-अलग शब्द हैं, जिनका उपयोग अक्सर एक साथ किया जाता है, लेकिन उनके कार्य और उद्देश्य में महत्वपूर्ण अंतर हैं।
स्विचगियर (Switchgear)
स्विचगियर का मुख्य कार्य विद्युत प्रणाली को सुरक्षा और अलगाव प्रदान करना है। यह हाई, मीडियम और लो वोल्टेज स्तरों पर काम करता है और मुख्य रूप से बिजली के वितरण और सुरक्षा से संबंधित होता है। इसमें सर्किट ब्रेकर, स्विच, फ़्यूज़ और आइसोलेटर जैसे घटक शामिल होते हैं, जिनका उपयोग दोष (faults) जैसे शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड की स्थिति में बिजली को नियंत्रित करने और काटने के लिए किया जाता है।
मुख्य कार्य:
- सुरक्षा: दोष की स्थिति में सर्किट को तुरंत काटकर उपकरणों और लोगों की सुरक्षा करना।
- नियंत्रण: बिजली के प्रवाह को चालू या बंद करके नियंत्रित करना।
- अलगाव: रखरखाव और मरम्मत के लिए सर्किट के हिस्सों को अलग करना।
कंट्रोल गियर (Control Gear)
कंट्रोल गियर का मुख्य कार्य विद्युत उपकरणों के संचालन को नियंत्रित और प्रबंधित करना है। यह आमतौर पर कम वोल्टेज पर काम करता है और इसका उपयोग मुख्य रूप से औद्योगिक अनुप्रयोगों में, विशेष रूप से मोटरों और अन्य उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसमें ओवरलोड रिले, कॉन्टैक्टर और स्टार्ट-स्टॉप बटन जैसे घटक होते हैं।
मुख्य कार्य:
- ऑपरेशन का प्रबंधन: उपकरणों को शुरू, बंद और उनकी गति को नियंत्रित करना।
- उपकरण सुरक्षा: मोटर को ओवरलोड, अर्थ फ़ॉल्ट और अन्य असामान्य स्थितियों से बचाना।
- औद्योगिक स्वचालन: अक्सर यह स्वचालित प्रणालियों का हिस्सा होता है, जैसे कि मोटर कंट्रोल सेंटर (MCC)।
मुख्य अंतर (Key Differences)
संक्षेप में,
स्विचगियर एक व्यापक शब्द है जो पूरी प्रणाली की सुरक्षा करता है, जबकि कंट्रोल गियर विशिष्ट उपकरणों, जैसे मोटरों, के संचालन को नियंत्रित करता है। दोनों ही विद्युत प्रणालियों की सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए आवश्यक हैं।
स्विचगियर के तीन बुनियादी कार्य हैं:
- सुरक्षा (Protection):
- स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विद्युत प्रणाली को विभिन्न दोषों (faults) जैसे ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से बचाना है। यह दोष का पता चलते ही स्वचालित रूप से सर्किट को तोड़ देता है, जिससे उपकरणों को नुकसान होने और आग लगने का खतरा कम हो जाता है।
- नियंत्रण (Control):
- यह बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करता है। स्विचगियर में लगे स्विच और सर्किट ब्रेकर के माध्यम से बिजली को चालू या बंद किया जा सकता है, जिससे बिजली के प्रवाह को प्रबंधित करना संभव होता है।
- अलगाव (Isolation):
- यह विद्युत प्रणाली के किसी भी हिस्से को मरम्मत या रखरखाव के काम के लिए बाकी प्रणाली से सुरक्षित रूप से अलग करने की अनुमति देता है। यह सुनिश्चित करता है कि जब तकनीशियन काम कर रहे हों तो उस क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो जाए, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
एचवी (हाई वोल्टेज), एमवी (मीडियम वोल्टेज) और एलवी (लो वोल्टेज) स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनके द्वारा संभाले जाने वाले वोल्टेज स्तर, उनके अनुप्रयोग और उनके डिजाइन में होता है।
1. वोल्टेज स्तर
- एलवी (LV) स्विचगियर: यह 1000V (1 kV) तक के वोल्टेज स्तर के लिए उपयोग होता है।
- एमवी (MV) स्विचगियर: यह 1 kV से 36 kV तक के वोल्टेज स्तर के लिए उपयोग होता है।
- एचवी (HV) स्विचगियर: यह 36 kV से ऊपर के वोल्टेज स्तर के लिए उपयोग होता है।
2. अनुप्रयोग (Application)
- एलवी स्विचगियर: इसका उपयोग आमतौर पर घरों, अस्पतालों, छोटे कारखानों और वाणिज्यिक भवनों जैसे स्थानों पर किया जाता है जहाँ बिजली की आवश्यकता कम होती है।
- एमवी स्विचगियर: इसका उपयोग बड़े औद्योगिक संयंत्रों, डेटा केंद्रों और बिजली वितरण सबस्टेशनों में किया जाता है, जहाँ बिजली की मांग अधिक होती है।
- एचवी स्विचगियर: इसका उपयोग बिजली उत्पादन संयंत्रों और ट्रांसमिशन सबस्टेशनों में किया जाता है, जहाँ बिजली को लंबी दूरी तक भेजा जाता है।
3. डिजाइन और घटक
- एलवी स्विचगियर: यह आकार में कॉम्पैक्ट होते हैं और इनका रखरखाव अपेक्षाकृत आसान होता है। इसमें आमतौर पर एयर सर्किट ब्रेकर (ACB), मिनिएचर सर्किट ब्रेकर (MCB) और मोल्डेड केस सर्किट ब्रेकर (MCCB) जैसे घटक होते हैं।
- एमवी स्विचगियर: इन्हें अधिक सुरक्षा और बेहतर इन्सुलेशन की आवश्यकता होती है। इनमें आमतौर पर वैक्यूम या SF6 गैस सर्किट ब्रेकर का उपयोग किया जाता है।
- एचवी स्विचगियर: इनमें उच्चतम स्तर की सुरक्षा और इन्सुलेशन की आवश्यकता होती है। इनमें जटिल डिज़ाइन होते हैं और इनमें SF6 गैस या वैक्यूम सर्किट ब्रेकर का उपयोग होता है, जो बड़े और अधिक शक्तिशाली होते हैं।
वोल्टेज के आधार पर स्विचगियर का वर्गीकरण तीन मुख्य श्रेणियों में किया जाता है:
1. लो वोल्टेज (LV) स्विचगियर
यह 1000 वोल्ट (1 kV) तक के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आवासीय, वाणिज्यिक और हल्के औद्योगिक अनुप्रयोगों में होता है, जैसे कि घरों, कार्यालयों और छोटे कारखानों में।
- घटक: इसमें आमतौर पर मिनिएचर सर्किट ब्रेकर (MCB), मोल्डेड केस सर्किट ब्रेकर (MCCB), फ्यूज, रिले और कॉन्टैक्टर जैसे उपकरण शामिल होते हैं।
- उद्देश्य: ये उपकरण ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट और अर्थ फॉल्ट से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
2. मीडियम वोल्टेज (MV) स्विचगियर
यह 1 kV से 36 kV तक के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग बिजली वितरण सबस्टेशनों, बड़े औद्योगिक संयंत्रों और डेटा केंद्रों में होता है।
- घटक: इस श्रेणी में वैक्यूम सर्किट ब्रेकर, SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) गैस सर्किट ब्रेकर और एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर जैसे घटक शामिल होते हैं।
- उद्देश्य: यह अधिक जटिल प्रणालियों में विश्वसनीय सुरक्षा और नियंत्रण प्रदान करता है, जहां उच्च वोल्टेज और करंट को संभालने की आवश्यकता होती है।
3. हाई वोल्टेज (HV) स्विचगियर
यह 36 kV से ऊपर के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन संयंत्रों और लंबी दूरी के ट्रांसमिशन सबस्टेशनों में होता है।
- घटक: इसमें भी SF6 गैस और वैक्यूम सर्किट ब्रेकर का उपयोग होता है, लेकिन वे MV स्विचगियर की तुलना में बड़े और अधिक शक्तिशाली होते हैं। इसके अलावा, इसमें एयर-ब्लास्ट और ऑयल सर्किट ब्रेकर भी शामिल हो सकते हैं।
- उद्देश्य: इसका मुख्य कार्य उच्च-वोल्टेज वाली बिजली लाइनों की सुरक्षा और नियंत्रण करना है, ताकि ग्रिड की स्थिरता और विश्वसनीयता बनी रहे।
इनडोर (indoor) और आउटडोर (outdoor) स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनके स्थापना स्थान, वोल्टेज स्तर, और डिजाइन से संबंधित हैं।
1. स्थापना स्थान
2. वोल्टेज स्तर
- इनडोर स्विचगियर: इसका उपयोग आमतौर पर 11 kV तक के निम्न और मध्यम वोल्टेज प्रणालियों के लिए किया जाता है। हालांकि, यदि वातावरण बहुत प्रदूषित हो तो इसे 33 kV तक के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
- आउटडोर स्विचगियर: यह मुख्य रूप से 33 kV से अधिक के उच्च वोल्टेज प्रणालियों के लिए उपयोग होता है, क्योंकि इतने उच्च वोल्टेज के लिए उपकरणों और कंडक्टरों के बीच आवश्यक जगह इतनी अधिक होती है कि उन्हें इमारत के अंदर रखना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं होता।
3. डिजाइन और लागत
- इनडोर स्विचगियर: इसे मौसम से बचाने के लिए बाहरी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए इसका डिज़ाइन कम मजबूत होता है। हालांकि, इसे स्थापित करने के लिए एक इमारत बनाने की आवश्यकता होती है, जिससे समग्र लागत बढ़ सकती है।
- आउटडोर स्विचगियर: इसे बाहरी वातावरण का सामना करने के लिए मजबूत और मौसम-प्रतिरोधी सामग्री से बनाया जाता है। इसे स्थापित करने के लिए बड़ी जगह की आवश्यकता होती है, लेकिन इमारत बनाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे कभी-कभी यह कम खर्चीला हो सकता है।
इनडोर स्विचगियर को नियंत्रित वातावरण के कारण कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, जबकि आउटडोर स्विचगियर को मौसम के संपर्क में आने के कारण अधिक रखरखाव की जरूरत पड़ सकती है।
धातु आवरण (Metal-clad) और धातु संलग्न (Metal-enclosed) स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनके आंतरिक घटकों के अलगाव और सुरक्षा स्तर में होता है।
धातु आवरण (Metal-clad) स्विचगियर
धातु आवरण स्विचगियर को उच्च सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- संरचना: इसमें प्रत्येक प्रमुख घटक (जैसे सर्किट ब्रेकर, बस बार, और इंस्ट्रूमेंटेशन) को एक दूसरे से अलग-अलग, ग्राउंडेड धातु के डिब्बों (compartments) में रखा जाता है।
- सुरक्षा: यह डिज़ाइन एक डिब्बे में होने वाली गलती को दूसरे डिब्बों तक फैलने से रोकता है। यह कर्मचारियों के लिए उच्चतम स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, क्योंकि एक डिब्बे पर काम करते समय बाकी प्रणाली सुरक्षित रहती है।
- रखरखाव: इसमें सर्किट ब्रेकर को बाहर निकालने (draw-out) की सुविधा होती है, जिससे रखरखाव और परीक्षण आसान हो जाता है, क्योंकि ब्रेकर को पूरे सिस्टम को बंद किए बिना हटाया जा सकता है।
- अनुप्रयोग: इसका उपयोग आमतौर पर मीडियम वोल्टेज (MV) अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि बड़े औद्योगिक संयंत्रों, उपयोगिता सबस्टेशनों और पावर जनरेशन स्टेशनों में।
धातु संलग्न (Metal-enclosed) स्विचगियर
धातु संलग्न स्विचगियर एक अधिक सामान्य और किफायती विकल्प है।
- संरचना: इसमें सभी घटक (सर्किट ब्रेकर, बस बार, आदि) एक ही धातु के आवरण के अंदर एक साथ संलग्न होते हैं। अलग-अलग ग्राउंडेड धातु के डिब्बे नहीं होते हैं।
- सुरक्षा: हालांकि यह सुरक्षित होता है, लेकिन धातु आवरण वाले स्विचगियर की तुलना में इसका सुरक्षा स्तर कम होता है। एक डिब्बे में होने वाली गलती का जोखिम अधिक होता है क्योंकि घटक अलग नहीं होते हैं।
- रखरखाव: इसमें फिक्स्ड माउंटेड स्विचिंग डिवाइस (fixed-mounted switching devices) हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि रखरखाव के लिए पूरे सिस्टम को बंद करना पड़ सकता है।
- अनुप्रयोग: इसका उपयोग अक्सर कम वोल्टेज (LV) और कुछ मीडियम वोल्टेज अनुप्रयोगों में किया जाता है, जहाँ उच्च स्तर के अलगाव की आवश्यकता नहीं होती।
इन्सुलेशन माध्यम के आधार पर स्विचगियर को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। ये माध्यम विद्युत आर्क (electric arc) को बुझाने और स्विचगियर के घटकों को इन्सुलेट करने में मदद करते हैं।
1. तेल-इंसुलेटेड (Oil-Insulated) स्विचगियर
इसमें सर्किट ब्रेकर और अन्य घटकों के चारों ओर इंसुलेटिंग तेल का उपयोग किया जाता है। तेल एक प्रभावी इन्सुलेशन माध्यम है और आर्क को बुझाने में भी मदद करता है। हालांकि, इसमें आग लगने का जोखिम होता है और यह पर्यावरण के अनुकूल नहीं है, इसलिए इसका उपयोग अब कम होता है।
2. एयर-इंसुलेटेड (Air-Insulated) स्विचगियर
यह स्विचगियर के बीच इन्सुलेशन के लिए साधारण हवा का उपयोग करता है। यह सबसे पुराना और सबसे सामान्य प्रकार है। यह कम लागत वाला है लेकिन बड़े और खुले डिज़ाइन की आवश्यकता होती है ताकि पर्याप्त इन्सुलेशन दूरी बनी रहे। इसका उपयोग आमतौर पर लो और मीडियम वोल्टेज प्रणालियों में होता है।
3. वैक्यूम-इंसुलेटेड (Vacuum-Insulated) स्विचगियर
इसमें सर्किट ब्रेकर के संपर्कों (contacts) के बीच पूर्ण वैक्यूम (शून्य स्थान) का उपयोग किया जाता है। वैक्यूम एक उत्कृष्ट इन्सुलेटर है और इसमें आर्क बहुत तेजी से बुझता है। यह पर्यावरण के अनुकूल, कॉम्पैक्ट और कम रखरखाव वाला होता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से मीडियम वोल्टेज स्विचगियर में होता है।
4. SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर
इस प्रकार के स्विचगियर में SF6 गैस का उपयोग आर्क क्वेंचिंग और इन्सुलेशन माध्यम दोनों के रूप में होता है। SF6 गैस हवा की तुलना में 100 गुना अधिक प्रभावी इन्सुलेटर है।
- विशेषताएँ: यह कॉम्पैक्ट, बंद और विश्वसनीय होता है। इसका उपयोग मीडियम और हाई वोल्टेज दोनों प्रणालियों में होता है।
- पर्यावरणीय चिंताएँ: SF6 एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, इसलिए इसके रिसाव को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरती जाती है।
5. हाइब्रिड (Hybrid) स्विचगियर
इसमें SF6 गैस और एयर-इंसुलेटेड घटकों का संयोजन होता है। यह SF6 के कॉम्पैक्टनेस और एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर की लचीलेपन को जोड़ता है।
वोल्टेज स्तर के आधार पर स्विचगियर का वर्गीकरण तीन मुख्य श्रेणियों में किया जाता है:
- लो वोल्टेज (LV) स्विचगियर: यह 1000 वोल्ट (1 kV) तक के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आवासीय, वाणिज्यिक और हल्के औद्योगिक अनुप्रयोगों में होता है।
- मीडियम वोल्टेज (MV) स्विचगियर: यह 1 kV से 36 kV तक के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग बिजली वितरण सबस्टेशनों, बड़े औद्योगिक संयंत्रों और डेटा केंद्रों में होता है।
- हाई वोल्टेज (HV) स्विचगियर: यह 36 kV से ऊपर के वोल्टेज स्तरों पर काम करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन संयंत्रों और लंबी दूरी के ट्रांसमिशन सबस्टेशनों में होता है।
वायु रोधित स्विचगियर (Air-Insulated Switchgear) एक प्रकार का स्विचगियर है जो अपने घटकों को इन्सुलेट करने और विद्युत चाप (electric arc) को बुझाने के लिए हवा को एक माध्यम के रूप में उपयोग करता है। यह सबसे सामान्य और पारंपरिक स्विचगियर डिज़ाइनों में से एक है।
मुख्य विशेषताएँ
- इन्सुलेशन माध्यम: इसमें कोई विशेष गैस, तेल या वैक्यूम का उपयोग नहीं किया जाता। स्विचगियर के घटक खुले होते हैं, और हवा ही इन्सुलेशन का कार्य करती है।
- रचना: इसके घटक, जैसे कि सर्किट ब्रेकर, बस बार और आइसोलेटर, खुले होते हैं और पर्याप्त इन्सुलेशन दूरी बनाए रखने के लिए एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखे जाते हैं।
- आर्क बुझाना: जब सर्किट ब्रेकर संपर्क खोलता है तो पैदा हुए आर्क को बुझाने के लिए यह संपीड़ित हवा (compressed air) या हवा के प्राकृतिक प्रवाह का उपयोग करता है।
- उपयोग: इसे आमतौर पर लो-वोल्टेज और मीडियम-वोल्टेज अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किया जाता है, जहाँ अधिक जगह उपलब्ध होती है।
फायदे और नुकसान
फायदे
- कम लागत: यह अन्य प्रकार के स्विचगियर की तुलना में सस्ता होता है क्योंकि इसमें किसी विशेष माध्यम (जैसे SF6 गैस या वैक्यूम) की आवश्यकता नहीं होती।
- आसान रखरखाव: इसके खुले डिज़ाइन के कारण, घटकों तक पहुँचना आसान होता है, जिससे रखरखाव सरल हो जाता है।
- पर्यावरण के अनुकूल: यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता, जैसा कि SF6 जैसी गैसें कर सकती हैं।
नुकसान
- बड़ा आकार: हवा एक कमजोर इन्सुलेटर है, इसलिए पर्याप्त इन्सुलेशन दूरी बनाए रखने के लिए इसे अधिक जगह की आवश्यकता होती है, जिससे इसका आकार बड़ा हो जाता है।
- प्रदूषण का प्रभाव: धूल, नमी और प्रदूषण से इसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे फ्लैशओवर का खतरा बढ़ जाता है।
- रखरखाव का जोखिम: इसके खुले डिज़ाइन के कारण, काम करते समय कर्मियों के लिए सुरक्षा जोखिम थोड़ा अधिक हो सकता है।
वायु रोधित स्विचगियर अपनी कम लागत और सरल डिज़ाइन के कारण अभी भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, खासकर वहाँ जहाँ जगह की कमी एक बड़ी समस्या नहीं है।
गैस-रोधित स्विचगियर (Gas-Insulated Switchgear), जिसे अक्सर जीआईएस (GIS) कहा जाता है, एक प्रकार का स्विचगियर है जो अपने प्रमुख घटकों जैसे बस बार, सर्किट ब्रेकर और आइसोलेटर को एक वायुरोधी (airtight) धातु के आवरण के अंदर रखता है। इस आवरण के अंदर SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) गैस भरी होती है, जो इन्सुलेशन और विद्युत चाप (electric arc) को बुझाने का काम करती है।
मुख्य विशेषताएं
उत्कृष्ट इन्सुलेशन: SF6 गैस हवा की तुलना में 100 गुना अधिक प्रभावी इन्सुलेटर है। यह उच्च वोल्टेज को सुरक्षित रूप से नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे स्विचगियर का आकार बहुत छोटा हो जाता है।
कॉम्पैक्ट डिजाइन: चूँकि SF6 गैस बहुत प्रभावी है, इसलिए घटकों के बीच बहुत कम दूरी की आवश्यकता होती है। इसी वजह से जीआईएस (GIS) बहुत कॉम्पैक्ट होता है और इसे कम जगह में स्थापित किया जा सकता है, जो शहरी क्षेत्रों या भूमि की कमी वाले स्थानों के लिए आदर्श है।
विश्वसनीयता: जीआईएस प्रणाली पूरी तरह से बंद होती है, जिससे धूल, नमी, प्रदूषण और जानवरों जैसे बाहरी कारकों से सुरक्षा मिलती है। इससे यह बहुत विश्वसनीय और कम रखरखाव वाला बन जाता है।
सुरक्षा: चूंकि सभी लाइव हिस्से (live parts) धातु के आवरण के अंदर संलग्न होते हैं, इसलिए कर्मियों के लिए बिजली के झटके का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
फायदे और नुकसान
फायदे
- कम जगह की आवश्यकता: जीआईएस को एयर-इंसुलेटेड सबस्टेशन की तुलना में 10% से भी कम जगह की आवश्यकता होती है।
- उच्च विश्वसनीयता: बंद प्रणाली के कारण बाहरी पर्यावरणीय प्रभाव नहीं पड़ता।
- कम रखरखाव: धूल और नमी से मुक्त होने के कारण, इसके रखरखाव की आवश्यकता बहुत कम होती है।
नुकसान
- उच्च लागत: जीआईएस की प्रारंभिक लागत एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर की तुलना में बहुत अधिक होती है।
- मरम्मत की जटिलता: यदि कोई खराबी आती है, तो मरम्मत करना जटिल और महंगा हो सकता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: SF6 एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, इसलिए इसके रिसाव को रोकना एक बड़ी चुनौती है।
हाइब्रिड स्विचगियर (Hybrid Switchgear) एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (Air-Insulated Switchgear) और गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (Gas-Insulated Switchgear) की विशेषताओं को मिलाकर बनाया गया एक उन्नत प्रकार का स्विचगियर है। यह दोनों प्रौद्योगिकियों के लाभों को जोड़ता है ताकि एक ऐसा समाधान प्रदान किया जा सके जो लागत प्रभावी हो और कम जगह में भी फिट हो जाए।
मुख्य विशेषताएं
- संरचना: हाइब्रिड स्विचगियर में, कुछ घटक जैसे बस बार (bus bars) और आइसोलेटर (isolators) खुले, एयर-इंसुलेटेड होते हैं, जबकि सर्किट ब्रेकर और कुछ अन्य महत्वपूर्ण हिस्से SF6 गैस के आवरण में संलग्न होते हैं।
- अंतरिक्ष उपयोग: यह जीआईएस (GIS) जितना कॉम्पैक्ट तो नहीं होता, लेकिन एयर-इंसुलेटेड सबस्टेशन की तुलना में इसे काफी कम जगह की आवश्यकता होती है। यह उन स्थानों के लिए एक अच्छा विकल्प है जहाँ भूमि की कीमत अधिक है, लेकिन पूर्ण जीआईएस सिस्टम की आवश्यकता नहीं है।
- लचीलापन: हाइब्रिड डिज़ाइन इंजीनियरों को सिस्टम को अधिक लचीलेपन के साथ डिज़ाइन करने की अनुमति देता है, जिससे वे विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार एयर-इंसुलेटेड और गैस-इंसुलेटेड घटकों का सबसे अच्छा संयोजन चुन सकते हैं।
फायदे और नुकसान
फायदे
- जगह की बचत: यह पारंपरिक एयर-इंसुलेटेड सबस्टेशन की तुलना में कम जगह लेता है।
- कम लागत: यह पूरी तरह से गैस-इंसुलेटेड (GIS) सिस्टम की तुलना में कम खर्चीला होता है।
- आसान रखरखाव: इसके एयर-इंसुलेटेड हिस्से के कारण रखरखाव और निरीक्षण करना सरल होता है।
नुकसान
- जटिलता: इसके मिश्रित डिज़ाइन के कारण, सिस्टम की समग्र जटिलता बढ़ जाती है।
- पर्यावरणीय जोखिम: इसमें SF6 गैस का उपयोग होता है, जिससे गैस रिसाव का पर्यावरणीय जोखिम बना रहता है।
हाइब्रिड स्विचगियर आधुनिक बिजली ग्रिड में एक महत्वपूर्ण समाधान है, जो लागत, जगह और विश्वसनीयता के बीच संतुलन प्रदान करता है।
एआईएस (AIS) और जीआईएस (GIS) के बीच मुख्य अंतर उनके इन्सुलेशन माध्यम, आकार और लागत में होता है। दोनों ही हाई-वोल्टेज सबस्टेशनों में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन उनकी डिज़ाइन और प्रदर्शन में काफी भिन्नता होती है।
एआईएस (AIS) - एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर
- इन्सुलेशन माध्यम: यह अपने लाइव हिस्सों को इंसुलेट करने के लिए हवा (air) का उपयोग करता है।
- आकार: हवा एक कमजोर इन्सुलेटर है, इसलिए घटकों के बीच अधिक जगह की आवश्यकता होती है, जिससे सबस्टेशन का आकार बड़ा हो जाता है।
- लागत: इसकी प्रारंभिक लागत जीआईएस की तुलना में कम होती है।
- रखरखाव और विश्वसनीयता: इसके खुले डिज़ाइन के कारण, यह धूल, नमी और प्रदूषण से प्रभावित हो सकता है, जिससे रखरखाव की आवश्यकता बढ़ जाती है।
- अनुप्रयोग: इसका उपयोग आमतौर पर उन जगहों पर किया जाता है जहाँ भूमि आसानी से और कम लागत पर उपलब्ध हो।
जीआईएस (GIS) - गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर
- इन्सुलेशन माध्यम: यह अपने घटकों को इंसुलेट करने के लिए SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) गैस का उपयोग करता है। यह गैस हवा से कहीं अधिक प्रभावी इन्सुलेटर है।
- आकार: SF6 गैस की उच्च इन्सुलेशन क्षमता के कारण, सभी घटक एक धातु के आवरण के अंदर कॉम्पैक्ट रूप से पैक किए जाते हैं, जिससे सबस्टेशन का आकार बहुत छोटा हो जाता है।
- लागत: इसकी प्रारंभिक लागत एआईएस की तुलना में काफी अधिक होती है।
- रखरखाव और विश्वसनीयता: यह पूरी तरह से बंद प्रणाली होती है, जो इसे बाहरी पर्यावरणीय कारकों से बचाती है। इससे यह अधिक विश्वसनीय होता है और इसे कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- अनुप्रयोग: इसका उपयोग शहरी क्षेत्रों, पहाड़ी इलाकों और तटीय क्षेत्रों जैसे स्थानों में होता है, जहाँ जगह की कमी होती है या जहाँ वातावरण प्रदूषित होता है।
तेल रोधित स्विचगियर (Oil-Insulated Switchgear) एक प्रकार का स्विचगियर है जो अपने घटकों को इन्सुलेट करने और विद्युत चाप (electric arc) को बुझाने के लिए इन्सुलेटिंग तेल का उपयोग करता है। यह एक पारंपरिक तकनीक है जो पहले व्यापक रूप से उपयोग की जाती थी, लेकिन अब इसे अन्य, अधिक सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों जैसे कि वैक्यूम या SF6 गैस स्विचगियर से बदला जा रहा है।
मुख्य विशेषताएं
- इन्सुलेशन माध्यम: इसमें विद्युत संपर्कों (contacts) को इन्सुलेट करने और शॉर्ट सर्किट के दौरान बनने वाले चाप को बुझाने के लिए विशेष रूप से संसाधित खनिज तेल (mineral oil) का उपयोग किया जाता है।
- आर्क बुझाना: जब सर्किट ब्रेकर के संपर्क अलग होते हैं तो तेल में उत्पन्न हाइड्रोजन गैस और तेल के हीटिंग से एक दबाव बनता है, जो आर्क को बुझाने में मदद करता है।
- रचना: इसके घटक एक तेल से भरे हुए टैंक या आवरण में डूबे रहते हैं, जो बाहरी वातावरण से उनकी सुरक्षा करता है।
फायदे और नुकसान
फायदे
- उच्च इन्सुलेशन शक्ति: तेल एक प्रभावी इन्सुलेटर है और उच्च वोल्टेज को संभालने में सक्षम है।
- आर्क बुझाने की क्षमता: तेल में आर्क को प्रभावी ढंग से बुझाने की क्षमता होती है।
- कम लागत: खनिज तेल अपेक्षाकृत सस्ता होता है।
नुकसान
- आग का जोखिम: तेल ज्वलनशील होता है, जिससे आग लगने या विस्फोट का खतरा बना रहता है, खासकर जब कोई बड़ा दोष (fault) होता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: तेल का रिसाव होने पर मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर सकता है।
- रखरखाव: तेल को समय-समय पर बदलना और फिल्टर करना पड़ता है, क्योंकि कार्बन जमा होने से इसकी इन्सुलेशन क्षमता कम हो जाती है।
- बड़ा आकार: एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर जितना बड़ा नहीं, लेकिन वैक्यूम और गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर की तुलना में यह काफी बड़ा होता है।
वैक्यूम स्विचगियर (Vacuum Switchgear) एक प्रकार का स्विचगियर है जो अपने सर्किट ब्रेकर और अन्य स्विचिंग घटकों में वैक्यूम (यानी, पूर्ण शून्य स्थान) को आर्क बुझाने और इन्सुलेशन माध्यम के रूप में उपयोग करता है। यह तकनीक सबसे उन्नत और पर्यावरण-अनुकूल स्विचगियर डिज़ाइनों में से एक है।
कार्य सिद्धांत
वैक्यूम स्विचगियर का हृदय वैक्यूम इंटरप्टर होता है। जब सर्किट ब्रेकर के संपर्क वैक्यूम के अंदर अलग होते हैं, तो एक आर्क बनता है। क्योंकि वैक्यूम में हवा या गैस के अणु नहीं होते, इसलिए कोई भी माध्यम नहीं होता जो आर्क को बनाए रख सके। इस वजह से, आर्क बहुत तेजी से बुझ जाता है।
मुख्य विशेषताएं
- उच्च दक्षता: वैक्यूम इंटरप्टर आर्क को बेहद कम समय में बुझा देता है, जिससे स्विचिंग प्रक्रिया बहुत तेज़ और कुशल हो जाती है।
- कम रखरखाव: वैक्यूम पूरी तरह से बंद होता है और बाहरी वातावरण से प्रभावित नहीं होता, इसलिए इसे बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इसे 20-25 साल तक बिना किसी बड़ी समस्या के उपयोग किया जा सकता है।
- सुरक्षित: यह ज्वलनशील नहीं होता और न ही इसमें कोई जहरीली गैस होती है, जिससे आग लगने या पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का कोई जोखिम नहीं होता।
- कॉम्पैक्ट डिजाइन: वैक्यूम की उच्च इन्सुलेशन क्षमता के कारण, वैक्यूम स्विचगियर का आकार काफी छोटा होता है।
- पर्यावरण के अनुकूल: इसमें कोई ग्रीनहाउस गैस (जैसे SF6) या जहरीले पदार्थ नहीं होते।
अनुप्रयोग
वैक्यूम स्विचगियर का उपयोग आमतौर पर मीडियम वोल्टेज (MV) अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि औद्योगिक संयंत्रों, शहरी सबस्टेशनों, और बिजली वितरण नेटवर्क में। अपनी उच्च विश्वसनीयता और कम रखरखाव के कारण यह एक बहुत लोकप्रिय विकल्प है।
एसएफ6 स्विचगियर (SF6 Switchgear) एक प्रकार का स्विचगियर है जो अपने सर्किट ब्रेकर और अन्य घटकों को इन्सुलेट करने और विद्युत चाप (electric arc) को बुझाने के लिए SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) गैस का उपयोग करता है। यह गैस अपने उत्कृष्ट इन्सुलेटिंग और आर्क-बुझाने वाले गुणों के कारण इस उद्देश्य के लिए आदर्श मानी जाती है।
मुख्य विशेषताएँ
- उच्च इन्सुलेशन क्षमता: SF6 गैस हवा की तुलना में 100 गुना अधिक प्रभावी इन्सुलेटर है। यह उच्च वोल्टेज को संभालने में सक्षम है और घटकों को एक-दूसरे के करीब रखने की अनुमति देती है, जिससे स्विचगियर का आकार काफी छोटा हो जाता है।
- आर्क बुझाने का गुण: जब सर्किट ब्रेकर संपर्क खोलता है, तो बनने वाले विद्युत चाप को SF6 गैस जल्दी और प्रभावी ढंग से बुझा देती है। यह गैस ऊष्मा को अवशोषित करती है और अपने अणुओं को पुनर्व्यवस्थित करती है, जिससे चाप का प्रतिरोध बढ़ जाता है।
- बंद प्रणाली: SF6 स्विचगियर एक वायुरोधी (airtight) धातु के आवरण में पूरी तरह से बंद होता है, जो इसे धूल, नमी और प्रदूषण जैसे बाहरी पर्यावरणीय कारकों से बचाता है। इससे इसकी विश्वसनीयता बहुत बढ़ जाती है।
- सुरक्षा: चूंकि सभी लाइव हिस्से पूरी तरह से संलग्न होते हैं, इसलिए कर्मियों के लिए बिजली के झटके का कोई जोखिम नहीं होता है।
फायदे और नुकसान
फायदे
कॉम्पैक्ट और कम जगह: इसकी उच्च इन्सुलेशन क्षमता के कारण, यह एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर की तुलना में बहुत कम जगह लेता है।
उच्च विश्वसनीयता: बंद प्रणाली होने के कारण यह बाहरी प्रभावों से सुरक्षित रहता है, जिससे इसकी विफलता की संभावना कम होती है।
कम रखरखाव: इसे बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
नुकसान
- उच्च लागत: SF6 स्विचगियर की प्रारंभिक लागत अन्य प्रकार के स्विचगियर की तुलना में अधिक होती है।
- पर्यावरणीय चिंताएं: SF6 एक बहुत शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता CO2 से हजारों गुना अधिक है। इस कारण से इसके रिसाव को रोकने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं, और अब वैक्यूम जैसी अन्य तकनीकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
- मरम्मत की जटिलता: किसी भी खराबी की स्थिति में, मरम्मत करना जटिल और महंगा हो सकता है।
SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) स्विचगियर और एआईएस (AIS) स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनके इन्सुलेशन माध्यम,
आकार और लागत से संबंधित हैं। इन दोनों तकनीकों का उपयोग हाई-वोल्टेज सबस्टेशनों में किया जाता है, लेकिन उनके डिज़ाइन और प्रदर्शन में महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।
स्विचगियर का मूल निर्माण एक संरचना है जिसमें विद्युत उपकरणों को सुरक्षित रूप से रखा जाता है। यह बिजली के सर्किटों को नियंत्रित करने, सुरक्षित रखने और अलग करने के लिए एक समन्वित प्रणाली के रूप में काम करता है।
स्विचगियर की मूल संरचना
स्विचगियर का निर्माण मुख्य रूप से एक धातु के आवरण (metal enclosure) के इर्द-गिर्द किया जाता है, जिसके अंदर विभिन्न विद्युत घटक लगे होते हैं। इस संरचना में तीन मुख्य भाग होते हैं:
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मुख्य विद्युत घटक (Main Electrical Components):
- सर्किट ब्रेकर: यह स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। यह एक स्विच की तरह काम करता है, जो ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में स्वचालित रूप से सर्किट को तोड़ देता है। यह अक्सर अपने ही अलग डिब्बे (compartment) में होता है।
- बस बार (Busbar): ये मुख्य कंडक्टर होते हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिजली वितरित करते हैं। इन्हें स्विचगियर के ऊपरी या पीछे के हिस्से में स्थापित किया जाता है।
- आइसोलेटर स्विच: ये सर्किट को मैन्युअल रूप से पूरी तरह से अलग करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिससे रखरखाव का काम सुरक्षित हो सके।
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नियंत्रण और सुरक्षा घटक (Control and Protection Components):
- रिले (Relay): ये छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं जो सर्किट में खराबी का पता लगाते हैं। जब कोई खराबी आती है, तो ये सर्किट ब्रेकर को एक संकेत भेजते हैं, जिससे वह ट्रिप हो जाता है।
- ट्रांसफॉर्मर (CTs & VTs): ये करंट और वोल्टेज को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं, ताकि रिले और मीटरिंग उपकरण सही ढंग से काम कर सकें। ये आमतौर पर मुख्य बस बार के पास लगे होते हैं।
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आवरण (Enclosure) और इन्सुलेशन:
- सभी घटक एक धातु के कैबिनेट या आवरण के अंदर संलग्न होते हैं, जो उन्हें बाहरी वातावरण और शारीरिक नुकसान से बचाता है। यह आवरण कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
- घटकों के बीच इन्सुलेशन माध्यम (जैसे हवा, SF6 गैस या वैक्यूम) का उपयोग किया जाता है ताकि बिजली के शॉर्ट सर्किट को रोका जा सके और एक घटक का दोष दूसरे तक न फैले।
संक्षेप में,
स्विचगियर का निर्माण एक मजबूत धातु के आवरण में इन सभी घटकों को व्यवस्थित करके किया जाता है, जो एक सुरक्षित, विश्वसनीय और नियंत्रित बिजली वितरण प्रणाली बनाने के लिए एक साथ काम करते हैं।
बसबार सेक्शन की भूमिका स्विचगियर में बहुत महत्वपूर्ण है। बसबार एक प्रकार के विद्युत कंडक्टर होते हैं जो बिजली को एक स्थान से दूसरे स्थान पर वितरित करते हैं। स्विचगियर में उनका मुख्य कार्य एक केंद्रीकृत बिजली वितरण बिंदु के रूप में कार्य करना है।
बसबार सेक्शन की भूमिकाएँ:
- शक्ति वितरण: बसबारें बिजली के विभिन्न स्रोतों (जैसे जनरेटर या ट्रांसफॉर्मर) से बिजली प्राप्त करती हैं और उसे विभिन्न आउटगोइंग सर्किटों (जैसे मोटर्स, लाइटिंग, या अन्य उपकरण) तक पहुंचाती हैं। यह एक मुख्य "राजमार्ग" की तरह काम करता है जहाँ से बिजली की अलग-अलग शाखाएँ निकलती हैं।
- संरचनात्मक सहायता: बसबारें एक मजबूत संरचना बनाती हैं जिस पर अन्य घटक, जैसे कि सर्किट ब्रेकर और आइसोलेटर, लगाए जाते हैं। यह पूरे स्विचगियर को एक सुसंगत और व्यवस्थित रूप देता है।
- लचीलापन: बसबारों का उपयोग करके, एक ही बिजली स्रोत से कई सर्किटों को आसानी से जोड़ा या डिस्कनेक्ट किया जा सकता है। यह रखरखाव, मरम्मत या नए सर्किट जोड़ने के दौरान सिस्टम में लचीलापन प्रदान करता है।
- दोष सुरक्षा: बसबार सेक्शन को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि यह शॉर्ट सर्किट के दौरान उत्पन्न होने वाले उच्च करंट को सुरक्षित रूप से सहन कर सके। जब कोई दोष (fault) होता है, तो बसबार पर लगे सुरक्षात्मक उपकरण (जैसे रिले और सर्किट ब्रेकर) दोषपूर्ण हिस्से को तुरंत सिस्टम से अलग कर देते हैं, जिससे बाकी सिस्टम सुरक्षित रहता है।
स्विचगियर में सीबी (CB) या सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि यह सिस्टम की सुरक्षा और संचालन को सुनिश्चित करता है। सर्किट ब्रेकर को विभिन्न प्रकार से व्यवस्थित किया जाता है, जो स्विचगियर के प्रकार और उसकी परिचालन आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।
स्विचगियर में सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था के प्रकार:
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एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (AIS) में व्यवस्था:
- इस प्रकार में, सर्किट ब्रेकर खुले में या एक धातु के आवरण के अंदर स्थापित होते हैं।
- सर्किट ब्रेकर को अक्सर एक ट्रॉली पर लगाया जाता है, जिसे बसबार और सर्किट से जोड़ने या अलग करने के लिए "ड्रॉ-आउट" किया जा सकता है। यह रखरखाव के काम को आसान बनाता है।
- इसे बसबार से अलग करने के लिए एक आइसोलेटर स्विच का उपयोग किया जाता है।
-
गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS) में व्यवस्था:
- जीआईएस (GIS) में, सर्किट ब्रेकर और अन्य सभी घटक SF6 गैस से भरे एक धातु के आवरण के अंदर संलग्न होते हैं।
- सर्किट ब्रेकर को स्थायी रूप से स्थापित किया जाता है और उसे बाहर निकालने (ड्रॉ-आउट) की सुविधा नहीं होती है।
- इसकी कॉम्पैक्ट संरचना के कारण, सर्किट ब्रेकर को अन्य घटकों जैसे बसबार और अर्थिंग स्विच के बहुत करीब रखा जाता है।
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हाइब्रिड स्विचगियर में व्यवस्था:
- इस व्यवस्था में, सर्किट ब्रेकर को अक्सर SF6 गैस के आवरण में संलग्न किया जाता है, जबकि बसबार जैसे अन्य घटक खुले (एयर-इंसुलेटेड) होते हैं।
- यह व्यवस्था सर्किट ब्रेकर की उच्च विश्वसनीयता को बनाए रखती है, जबकि पूरे सिस्टम को अधिक लचीला और आर्थिक बनाती है।
कुल मिलाकर,
सीबी की व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, विश्वसनीयता और आसान रखरखाव प्रदान करना है। ड्रॉ-आउट प्रकार की व्यवस्था रखरखाव को सरल बनाती है, जबकि स्थायी रूप से संलग्न व्यवस्था उच्च सुरक्षा और कॉम्पैक्टनेस प्रदान करती है।
इनडोर धातु आवरण स्विचगियर का निर्माण एक विशेष और सुरक्षित डिज़ाइन पर आधारित होता है जहाँ सभी प्रमुख घटकों को अलग-अलग, ग्राउंडेड धातु के डिब्बों (compartments) में रखा जाता है। यह डिज़ाइन उच्च स्तर की सुरक्षा और विश्वसनीयता प्रदान करता है और इसे इमारतों के अंदर स्थापित करने के लिए बनाया जाता है।
मुख्य निर्माण विशेषताएँ
धातु आवरण स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसका खंडीकरण (compartmentalization) है। स्विचगियर को कई अलग-अलग, धातु-आवृत्त डिब्बों में विभाजित किया जाता है:
- बस बार डिब्बा (Busbar Compartment): यह डिब्बा मुख्य बस बार को सुरक्षित रूप से रखता है। बस बार, जो आमतौर पर कॉपर या एल्यूमीनियम से बने होते हैं, बिजली के प्रवाह के लिए मुख्य मार्ग के रूप में कार्य करते हैं। यह डिब्बा पूरी तरह से संलग्न और अन्य खंडों से अलग होता है।
- सर्किट ब्रेकर डिब्बा (Circuit Breaker Compartment): यह स्विचगियर का दिल होता है। सर्किट ब्रेकर को एक ड्रॉ-आउट तंत्र पर लगाया जाता है। इसका मतलब है कि सर्किट ब्रेकर को पूरे स्विचगियर को बंद किए बिना निरीक्षण या रखरखाव के लिए सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सकता है। यह सुविधा रखरखाव के दौरान कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
- केबल डिब्बा (Cable Compartment): यह वह खंड है जहाँ इनकमिंग और आउटगोइंग पावर केबलों को समाप्त किया जाता है। यह भी पूरी तरह से अलग होता है ताकि काम करते समय कोई दुर्घटना न हो।
- लो-वोल्टेज/कंट्रोल डिब्बा (Low-Voltage/Control Compartment): इस डिब्बे में सहायक उपकरण जैसे रिले, मीटर, करंट ट्रांसफॉर्मर (CTs), और कंट्रोल वायरिंग शामिल होती है। यह डिब्बा मुख्य पावर सर्किट से पूरी तरह से अलग होता है।
सुरक्षा और कार्यप्रणाली
धातु आवरण स्विचगियर का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि एक डिब्बे में होने वाली गलती दूसरे डिब्बे में न फैले। यह डिज़ाइन दोषपूर्ण चाप (arc fault) के जोखिम को बहुत कम करता है। इसके अतिरिक्त, इसमें कई सुरक्षा इंटरलॉक भी शामिल होते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि सर्किट ब्रेकर को केवल तभी बाहर निकाला जा सके जब वह खुला (off) हो, जिससे गलती से होने वाली दुर्घटनाएं रुकती हैं।
यह इनडोर उपयोग के लिए बनाया गया है,
इसलिए इसे मौसम-रोधी आवरण की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यह धूल, प्रदूषण और अन्य आंतरिक पर्यावरणीय कारकों से पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।
स्विचगियर के निर्माण में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें उनके विशिष्ट कार्यों और गुणों के आधार पर चुना जाता है। इन सामग्रियों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है: चालक, इन्सुलेटिंग और संरचनात्मक सामग्री।
चालक सामग्री (Conducting Materials)
ये सामग्री बिजली का प्रवाह करने के लिए उपयोग की जाती है।
- तांबा (Copper): यह अपनी उच्च चालकता, यांत्रिक शक्ति और जंग-प्रतिरोध के कारण बसबार, केबल और संपर्कों (contacts) के लिए एक पसंदीदा सामग्री है।
- एल्यूमीनियम (Aluminium): तांबे की तुलना में सस्ता और हल्का होने के कारण इसका उपयोग भी बसबार और केबल में किया जाता है, खासकर वहाँ जहाँ भार एक महत्वपूर्ण कारक होता है।
इन्सुलेटिंग सामग्री (Insulating Materials)
ये सामग्री बिजली के प्रवाह को रोकती हैं और शॉर्ट सर्किट को रोकती हैं।
- पॉलिमर और सिरेमिक (Polymers and Ceramics): इनका उपयोग इंसुलेटर और bushings के लिए किया जाता है ताकि लाइव कंडक्टर को ग्राउंडेड फ्रेम से अलग किया जा सके।
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इन्सुलेटिंग माध्यम: स्विचगियर के प्रकार के आधार पर, इन्सुलेशन के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग होता है:
- हवा (Air): यह सबसे सामान्य और सस्ता इन्सुलेशन माध्यम है।
- SF6 (Sulfur Hexafluoride) गैस: अपनी उच्च इन्सुलेटिंग क्षमता के कारण यह कॉम्पैक्ट स्विचगियर के लिए उपयोग होती है।
- वैक्यूम (Vacuum): सर्किट ब्रेकर में चाप को बुझाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- तेल (Oil): पारंपरिक स्विचगियर में इन्सुलेशन और चाप बुझाने के लिए उपयोग होता था।
संरचनात्मक सामग्री (Structural Materials)
ये सामग्री स्विचगियर को एक मजबूत और सुरक्षित आवरण प्रदान करती हैं।
- इस्पात (Steel): जस्ती (galvanized) या स्टेनलेस स्टील का उपयोग कैबिनेट, आवरण और आंतरिक फ्रेम के लिए किया जाता है ताकि यांत्रिक शक्ति और जंग से सुरक्षा मिल सके।
- एल्यूमीनियम: हल्के स्विचगियर आवरण और पैनल के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा,
कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए अन्य सामग्री भी उपयोग होती हैं, जैसे कि चाप-प्रतिरोधी सामग्री (arc-resistant materials) और अग्नि-प्रतिरोधी पेंट (fire-resistant paint)।
सबस्टेशन में स्विचगियर का लेआउट एक सुनियोजित व्यवस्था होती है जिसमें सभी विद्युत उपकरण, जैसे सर्किट ब्रेकर, आइसोलेटर, बस बार और ट्रांसफॉर्मर, को एक विशिष्ट क्रम में स्थापित किया जाता है। इस लेआउट का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, विश्वसनीयता और रखरखाव में आसानी सुनिश्चित करना है।
लेआउट के मुख्य घटक और उनकी व्यवस्था
किसी भी सबस्टेशन लेआउट में स्विचगियर के घटक एक निर्धारित क्रम में लगे होते हैं ताकि बिजली का प्रवाह नियंत्रित और सुरक्षित हो सके। एक विशिष्ट लेआउट में निम्नलिखित घटक शामिल होते हैं:
- इनकमिंग और आउटगोइंग लाइनें: बिजली पहले इनकमिंग लाइन से सबस्टेशन में प्रवेश करती है। यह लाइन सीधे आइसोलेटर स्विच और सर्किट ब्रेकर से जुड़ी होती है। सर्किट ब्रेकर के बाद, बिजली बस बार तक पहुँचती है।
-
बस बार (Busbar): बस बार सबस्टेशन का केंद्रीय वितरण बिंदु है। इसे एक सामान्य कंडक्टर के रूप में उपयोग किया जाता है जहाँ से बिजली विभिन्न आउटगोइंग सर्किटों को वितरित की जाती है। सबस्टेशन में कई प्रकार के बस बार लेआउट हो सकते हैं:
- सिंगल बस लेआउट (Single Bus Layout): यह सबसे सरल लेआउट है जिसमें सभी इनकमिंग और आउटगोइंग सर्किट एक ही बस बार से जुड़े होते हैं।
- डबल बस लेआउट (Double Bus Layout): इसमें दो बस बार होते हैं, जो अधिक विश्वसनीयता और लचीलापन प्रदान करते हैं। यदि एक बस बार खराब हो जाता है, तो सर्किट को दूसरे बस बार पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
- सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker): सर्किट ब्रेकर हर इनकमिंग और आउटगोइंग लाइन के साथ श्रृंखला (series) में जुड़ा होता है। इसका मुख्य कार्य दोष (fault) की स्थिति में बिजली के प्रवाह को स्वचालित रूप से बाधित करना है।
- आइसोलेटर स्विच: यह सर्किट ब्रेकर के दोनों तरफ लगा होता है। इसका उपयोग रखरखाव के लिए सर्किट के एक हिस्से को मैन्युअल रूप से पूरी तरह से अलग करने के लिए किया जाता है। आइसोलेटर हमेशा नो-लोड कंडीशन में ही संचालित होते हैं, जबकि सर्किट ब्रेकर लोड कंडीशन में भी काम कर सकता है।
सुरक्षा पर ध्यान
पूरा लेआउट इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि हर घटक तक सुरक्षित पहुँच सुनिश्चित हो। पर्याप्त जगह और इन्सुलेशन दूरी रखी जाती है ताकि कर्मियों को विद्युत झटके से बचाया जा सके। सबस्टेशन का लेआउट वोल्टेज स्तर, लागत और विश्वसनीयता की आवश्यकता के आधार पर भिन्न हो सकता है।
स्विचगियर में अर्थिंग प्रणाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था है जो कर्मियों और उपकरणों को बिजली के झटके और क्षति से बचाती है। इसका मुख्य उद्देश्य दोष (fault) की स्थिति में अतिरिक्त विद्युत धारा को सुरक्षित रूप से जमीन में प्रवाहित करना है।
अर्थिंग प्रणाली की भूमिका
- कर्मचारियों की सुरक्षा: यदि कोई व्यक्ति गलती से स्विचगियर के धातु के आवरण या किसी लाइव घटक के संपर्क में आता है, तो अर्थिंग प्रणाली उस धारा को जमीन में प्रवाहित कर देती है, जिससे व्यक्ति को गंभीर बिजली के झटके से बचाया जा सकता है।
- उपकरणों की सुरक्षा: दोष की स्थिति में उत्पन्न होने वाला उच्च करंट उपकरणों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। अर्थिंग प्रणाली इस करंट को तुरंत जमीन में ले जाती है, जिससे रिले को दोष का पता लगाने और सर्किट ब्रेकर को ट्रिप करने का समय मिल जाता है।
- स्थिरता बनाए रखना: यह प्रणाली उपकरण के वोल्टेज को स्थिर रखने में भी मदद करती है, जिससे बिजली की गुणवत्ता बनी रहती है।
अर्थिंग प्रणाली के मुख्य घटक
स्विचगियर में एक व्यापक अर्थिंग नेटवर्क होता है, जिसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
- अर्थिंग बस (Earthing Bus): यह एक मुख्य कंडक्टर होता है (आमतौर पर तांबे या एल्यूमीनियम से बना), जो स्विचगियर के सभी धातु के हिस्सों और उपकरणों को आपस में जोड़ता है।
- अर्थिंग स्विच (Earthing Switch): यह एक यांत्रिक स्विच है जिसका उपयोग सर्किट के एक हिस्से को मैन्युअल रूप से ग्राउंड करने के लिए किया जाता है, खासकर जब रखरखाव का काम चल रहा हो। यह सुनिश्चित करता है कि सर्किट का वह हिस्सा पूरी तरह से डी-एनर्जाइज़्ड है।
- अर्थिंग इलेक्ट्रोड (Earthing Electrode): यह एक चालक है जिसे जमीन में गाड़ा जाता है। यह पूरे अर्थिंग नेटवर्क को धरती से जोड़ता है और दोष धारा को जमीन में प्रवाहित करता है।
संक्षेप में,
स्विचगियर में अर्थिंग प्रणाली एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जो विद्युत दोषों से उत्पन्न होने वाले खतरों को कम करती है और प्रणाली की समग्र सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाती है।
स्विचगियर में आर्क शमन (Arc Quenching) का मतलब है सर्किट ब्रेकर के संपर्कों (contacts) के बीच बनने वाले विद्युत चाप (electric arc) को प्रभावी ढंग से बुझाना। जब एक दोष (fault) के कारण सर्किट ब्रेकर खुलता है, तो भारी मात्रा में विद्युत धारा के प्रवाह से एक शक्तिशाली चाप बनता है, जो उपकरणों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। विभिन्न स्विचगियर इस चाप को बुझाने के लिए अलग-अलग माध्यमों का उपयोग करते हैं।
विभिन्न स्विचगियर में आर्क शमन
1. वायु-रोधी (Air-Insulated) स्विचगियर
इस प्रकार के स्विचगियर में, आर्क को बुझाने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है।
- कार्यप्रणाली: आर्क को यांत्रिक रूप से खींचकर लंबा किया जाता है और फिर उसे ठंडी हवा के झोंकों (air blasts) से उड़ाकर बुझाया जाता है। यह हवा चाप को ठंडा करती है और उसके मार्ग में मौजूद आयनित गैसों को हटा देती है, जिससे वह बुझ जाता है।
2. तेल-रोधी (Oil-Insulated) स्विचगियर
इसमें आर्क को बुझाने के लिए विशेष इन्सुलेटिंग तेल का उपयोग किया जाता है।
- कार्यप्रणाली: जब सर्किट ब्रेकर के संपर्क तेल के अंदर अलग होते हैं, तो चाप की गर्मी तेल को वाष्पीकृत करती है। इस प्रक्रिया से हाइड्रोजन गैस और अन्य हाइड्रोकार्बन का एक दबावयुक्त बुलबुला बनता है। यह गैस चाप को ठंडा करती है और चाप मार्ग के चारों ओर एक उच्च दबाव बनाती है, जिससे आर्क बुझ जाता है।
3. वैक्यूम (Vacuum) स्विचगियर
यह सबसे प्रभावी आर्क शमन तकनीकों में से एक है, जिसमें आर्क को एक पूर्ण वैक्यूम के अंदर बुझाया जाता है।
- कार्यप्रणाली: वैक्यूम इंटरप्टर के अंदर, कोई गैस या हवा नहीं होती जो चाप को बनाए रख सके। जैसे ही संपर्क अलग होते हैं, चाप बनता है लेकिन बहुत जल्दी बुझ जाता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के लिए कोई माध्यम नहीं होता।
4. SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) स्विचगियर
इसमें SF6 गैस का उपयोग किया जाता है, जो एक उत्कृष्ट आर्क शमन माध्यम है।
- कार्यप्रणाली: SF6 गैस अत्यधिक इलेक्ट्रोनेगेटिव होती है, जिसका अर्थ है कि यह चाप में मौजूद मुक्त इलेक्ट्रॉनों को तुरंत अवशोषित कर लेती है। यह प्रक्रिया चाप के मार्ग को तेजी से गैर-चालक (non-conductive) बना देती है, जिससे आर्क तुरंत बुझ जाता है। यही कारण है कि SF6 स्विचगियर बहुत कॉम्पैक्ट और कुशल होते हैं।
स्विचगियर में इंटरलॉक (Interlock) एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणाली है जो यह सुनिश्चित करती है कि विद्युत उपकरण केवल एक विशिष्ट और सुरक्षित क्रम में ही संचालित हों। इसका मुख्य उद्देश्य मानवीय भूलों (human error) के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है।
इंटरलॉक की भूमिका
इंटरलोक ऐसी यांत्रिक या विद्युत प्रणालियाँ हैं जो एक उपकरण के संचालन को तब तक रोकती हैं जब तक कि दूसरे उपकरण की स्थिति सुरक्षित न हो। ये स्विचगियर में निम्नलिखित स्थितियों को रोकने में मदद करते हैं:
- लाइव सर्किट पर आइसोलेटर स्विच खोलना: इंटरलॉक यह सुनिश्चित करता है कि आइसोलेटर स्विच (जो लोड करंट को तोड़ने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं) तभी खुलें जब सर्किट ब्रेकर पहले से ही खुला हो। यदि कोई ऑपरेटर गलती से लोड के नीचे एक आइसोलेटर खोलने का प्रयास करता है, तो इंटरलॉक उसे रोक देगा।
- लाइव बस बार से सर्किट ब्रेकर को हटाना: इंटरलॉक ब्रेकर को उसकी ड्रॉ-आउट स्थिति से तब तक बाहर निकालने से रोकता है जब तक कि यह पूरी तरह से डी-एनर्जाइज़्ड न हो जाए। यह ऑपरेटर को भारी चाप (arc) और संभावित विस्फोट से बचाता है।
- अर्थिंग स्विच को बंद सर्किट पर बंद करना: इंटरलॉक यह सुनिश्चित करता है कि अर्थिंग स्विच केवल तभी बंद हो जब सर्किट पूरी तरह से डी-एनर्जाइज़्ड हो। यदि सर्किट लाइव हो तो अर्थिंग स्विच को बंद करने का प्रयास करने पर भारी शॉर्ट सर्किट होगा।
प्रकार
- यांत्रिक इंटरलॉक: ये भौतिक ताले या लीवर होते हैं जो उपकरणों के संचालन को रोकते हैं।
- विद्युत इंटरलॉक: ये रिले और सेंसर का उपयोग करते हैं, जो एक उपकरण की स्थिति की जाँच करते हैं और दूसरे के संचालन को अनुमति या रोकते हैं।
संक्षेप में,
इंटरलॉक स्विचगियर का एक सुरक्षा कवच है जो ऑपरेटर की सुरक्षा और उपकरण की अखंडता को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन (Compartmentalization) का अर्थ है स्विचगियर के अलग-अलग घटकों को पृथक, बंद डिब्बों (compartments) में रखना। यह स्विचगियर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण डिज़ाइन सिद्धांत है, जिसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाना है।
कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन का महत्व
- सुरक्षा में वृद्धि: यह कर्मचारियों के लिए उच्चतम स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। चूँकि सर्किट ब्रेकर, बस बार, और केबल जैसे सभी लाइव हिस्से (live parts) अलग-अलग धातु के आवरण में होते हैं, इसलिए गलती से किसी लाइव हिस्से को छूने का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
- दोष का सीमित होना (Fault Containment): यदि किसी एक डिब्बे में कोई विद्युत दोष (fault), जैसे शॉर्ट सर्किट, होता है, तो वह उसी डिब्बे तक सीमित रहता है। इससे दोष अन्य डिब्बों में नहीं फैलता है, जिससे पूरे सिस्टम को बड़े पैमाने पर क्षति होने से बचाया जा सकता है।
- आसान रखरखाव: कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन रखरखाव को बहुत आसान और सुरक्षित बनाता है। यह कर्मचारियों को एक डिब्बे पर काम करने की अनुमति देता है, जबकि बाकी स्विचगियर एनर्जाइज़्ड (energized) रहता है। इससे सिस्टम को पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे बिजली की आपूर्ति में व्यवधान कम होता है।
- विश्वसनीयता में वृद्धि: चूँकि हर डिब्बा बाहरी कारकों जैसे धूल, नमी और प्रदूषण से सुरक्षित होता है, इसलिए यह पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता को बढ़ाता है और जीवनकाल को लंबा करता है।
कुल मिलाकर,
कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन स्विचगियर को एक सुरक्षित, विश्वसनीय और प्रभावी प्रणाली बनाता है जो दोषपूर्ण स्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती है।
स्विचगियर का कार्य सिद्धांत मुख्य रूप से विद्युत सर्किट को नियंत्रित और सुरक्षित करना है। यह तीन प्रमुख सिद्धांतों पर काम करता है: सुरक्षा, नियंत्रण, और अलगाव, जिनका उद्देश्य दोष (fault) की स्थिति में बिजली प्रणाली की अखंडता को बनाए रखना है।
1. सुरक्षा (Protection)
यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। जब बिजली प्रणाली में कोई दोष (जैसे शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड) होता है, तो स्विचगियर में लगे प्रोटेक्टिव रिले इस असामान्य स्थिति का पता लगाते हैं। रिले तुरंत सर्किट ब्रेकर को एक संकेत भेजते हैं। सर्किट ब्रेकर, बदले में, उस सर्किट को तुरंत खोल देता है, जिससे विद्युत प्रवाह बाधित हो जाता है। यह प्रक्रिया उपकरणों को गंभीर नुकसान और आग जैसे खतरों से बचाती है।
2. नियंत्रण (Control)
स्विचगियर बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करने का एक साधन है। ऑपरेटर मैन्युअल रूप से या दूरस्थ रूप से स्विचगियर के माध्यम से बिजली को चालू या बंद कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बिजली की आपूर्ति आवश्यकतानुसार वितरित की जाए, और विभिन्न प्रणालियों को सुरक्षित रूप से संचालित किया जा सके।
3. अलगाव (Isolation)
यह सिद्धांत रखरखाव और मरम्मत के लिए आवश्यक है। स्विचगियर में लगे आइसोलेटर स्विच और अर्थिंग स्विच का उपयोग करके, बिजली प्रणाली के एक हिस्से को बाकी प्रणाली से पूरी तरह से अलग किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि तकनीशियन सुरक्षित रूप से काम कर सकें क्योंकि उस हिस्से में कोई बिजली नहीं होती है।
दोष निवारण (fault clearing) के दौरान स्विचगियर का संचालन एक विशिष्ट और स्वचालित क्रम में होता है, जिसका उद्देश्य दोषपूर्ण सर्किट को तुरंत अलग करना और बाकी प्रणाली को सुरक्षित रखना है।
संचालन का क्रम
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दोष का पता लगाना (Fault Detection):
- जब सर्किट में कोई दोष (जैसे शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड) होता है, तो करंट ट्रांसफॉर्मर (CT) और वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर (VT) जैसी संवेदन इकाइयां इसे महसूस करती हैं।
- ये इकाइयां तुरंत प्रोटेक्टिव रिले को दोष के बारे में संकेत भेजती हैं।
-
सर्किट ब्रेकर को ट्रिगर करना (Circuit Breaker Tripping):
- रिले दोष के प्रकार और तीव्रता का विश्लेषण करता है। यदि दोष गंभीर है, तो रिले तुरंत सर्किट ब्रेकर को एक ट्रिप सिग्नल भेजता है।
- यह सिग्नल ब्रेकर को अपने संपर्कों (contacts) को खोलने का निर्देश देता है।
-
दोषपूर्ण सर्किट का अलगाव (Isolation of Faulty Circuit):
- सर्किट ब्रेकर के संपर्क अलग होते हैं, जिससे सर्किट में बिजली का प्रवाह तुरंत बंद हो जाता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान एक विद्युत चाप (electric arc) बनता है, जिसे स्विचगियर में लगे आर्क-शमन माध्यम (जैसे SF6 गैस या वैक्यूम) द्वारा तुरंत बुझा दिया जाता है।
-
स्थिति की पुष्टि (Confirmation of Status):
- सर्किट ब्रेकर के ट्रिप होने के बाद, स्विचगियर में लगे इंडिकेटर्स (जैसे लाइट) और अलार्म यह दर्शाते हैं कि एक दोष हुआ है और सर्किट अब अलग हो गया है।
- इस बिंदु पर, ऑपरेटर मैन्युअल रूप से या दूरस्थ रूप से दोष की जाँच करता है और समस्या का निवारण करता है।
- सिस्टम को बहाल करना (System Restoration):
- जब दोष ठीक हो जाता है, तो सर्किट ब्रेकर को मैन्युअल रूप से या दूरस्थ रूप से रीसेट किया जाता है ताकि बिजली की आपूर्ति को बहाल किया जा सके।
यह पूरा क्रम कुछ ही मिलीसेकंड में होता है, जिससे उपकरणों को होने वाले गंभीर नुकसान और आग जैसे खतरों से बचाया जा सकता है।
एसएफ6 (SF6) स्विचगियर में आर्क रुकावट (Arc Interruption) एक बहुत ही कुशल प्रक्रिया है जो SF6 गैस के अद्वितीय गुणों पर आधारित है। यह गैस एक विद्युत चाप को बुझाने में हवा या तेल की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी होती है।
आर्क रुकावट का सिद्धांत
एसएफ6 गैस में आर्क रुकावट मुख्य रूप से दो प्रमुख सिद्धांतों पर काम करती है:
- उच्च इलेक्ट्रोनेगेटिविटी: SF6 गैस के अणु अत्यधिक इलेक्ट्रोनेगेटिव होते हैं। इसका मतलब है कि उनके पास मुक्त इलेक्ट्रॉनों को अवशोषित करने की एक मजबूत प्रवृत्ति होती है। जब सर्किट ब्रेकर के संपर्कों के बीच एक चाप बनता है, तो यह गैस तुरंत चाप के रास्ते में मौजूद मुक्त इलेक्ट्रॉनों को पकड़ लेती है। इलेक्ट्रॉनों के अवशोषण से चाप का मार्ग गैर-चालक (non-conductive) बन जाता है, जिससे चाप बुझ जाता है।
- उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता (Heat Conductivity): SF6 गैस ऊष्मा की एक अच्छी चालक भी है। यह चाप द्वारा उत्पन्न ऊष्मा को तेजी से अवशोषित और हटा देती है। ऊष्मा को हटाने से चाप ठंडा होता है और उसकी तीव्रता कम हो जाती है, जिससे उसे बुझाना आसान हो जाता है।
कार्यप्रणाली
आर्क रुकावट की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- जब सर्किट ब्रेकर खुलता है, तो एक चाप बनता है।
- सर्किट ब्रेकर तुरंत उच्च दबाव वाली SF6 गैस को चाप के मार्ग में भेजता है।
- गैस के अणु मुक्त इलेक्ट्रॉनों को तेजी से अवशोषित करते हैं और आयनित गैस के कणों को निष्क्रिय कर देते हैं।
- यह प्रक्रिया चाप की ऊर्जा को बहुत जल्दी समाप्त कर देती है, जिससे वह बुझ जाता है।
एसएफ6 गैस की इन दोहरी क्षमताओं (इलेक्ट्रॉन अवशोषण और ऊष्मा चालकता) के कारण ही एसएफ6 स्विचगियर बहुत कॉम्पैक्ट और कुशल होते हैं, जो उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाते हैं।
वैक्यूम स्विचगियर में आर्क रुकावट (Arc Interruption) एक बहुत ही कुशल और त्वरित प्रक्रिया है जो वैक्यूम (शून्य स्थान) के अद्वितीय गुणों पर आधारित है। यह तकनीक सर्किट ब्रेकर के संपर्कों के बीच बनने वाले विद्युत चाप (electric arc) को बुझाने के लिए किसी भी गैस या तरल माध्यम का उपयोग नहीं करती, जिससे यह बहुत सुरक्षित और विश्वसनीय बन जाती है।
वैक्यूम इंटरप्टर का कार्य सिद्धांत
वैक्यूम स्विचगियर का हृदय वैक्यूम इंटरप्टर होता है, जो एक सिरेमिक या ग्लास आवरण के अंदर एक वायुरोधी (airtight) सीलबंद कक्ष होता है। इसके अंदर दो विद्युत संपर्क (contacts) होते हैं।
- संपर्कों का अलगाव: जब सर्किट ब्रेकर संचालित होता है, तो वैक्यूम इंटरप्टर के अंदर के संपर्क अलग हो जाते हैं।
- आर्क का बनना: संपर्कों के बीच अलगाव के क्षण में एक विद्युत चाप बनता है।
- आर्क का बुझना: क्योंकि इंटरप्टर के अंदर लगभग पूर्ण वैक्यूम होता है, वहाँ हवा या किसी अन्य गैस के अणु मौजूद नहीं होते हैं जो चाप को बनाए रख सकें। चाप में उत्पन्न होने वाले धातु वाष्प (metallic vapor) भी बहुत तेजी से संघनित (condense) होकर संपर्कों की सतहों पर वापस जमा हो जाते हैं।
- त्वरित रुकावट: इस प्रक्रिया के कारण, चाप के लिए कोई निरंतर माध्यम नहीं होता है, और वह कुछ ही मिलीसेकंड में बुझ जाता है।
प्रमुख लाभ
- उच्च गति: वैक्यूम इंटरप्टर बहुत तेजी से चाप को बुझाता है, जिससे उपकरणों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
- कम रखरखाव: चूंकि यह एक बंद प्रणाली है, इसलिए इसे बाहरी पर्यावरणीय प्रभावों से कोई नुकसान नहीं होता है और इसे लगभग 20-25 वर्षों तक बिना किसी बड़े रखरखाव के उपयोग किया जा सकता है।
- उच्च सुरक्षा: इसमें कोई ज्वलनशील सामग्री या जहरीली गैस (जैसे SF6) नहीं होती है, जिससे आग या पर्यावरणीय प्रदूषण का कोई जोखिम नहीं होता।
सामान्य भार (normal load) के तहत, स्विचगियर का मुख्य कार्य बिजली के निरंतर और सुरक्षित प्रवाह को सुनिश्चित करना है। यह दोष (fault) की स्थिति के विपरीत होता है, जब इसका कार्य बिजली को काटना होता है। सामान्य परिचालन के दौरान, स्विचगियर एक वितरण और नियंत्रण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
सामान्य भार के तहत संचालन का क्रम
- सर्किट ब्रेकर और स्विच: सभी सर्किट ब्रेकर और स्विच बंद (closed) स्थिति में होते हैं, जिससे बिजली को बिना किसी बाधा के बस बार और आउटगोइंग सर्किट तक प्रवाहित होने दिया जाता है। इस दौरान, सर्किट ब्रेकर का ट्रिपिंग तंत्र सक्रिय होता है और किसी भी असामान्य स्थिति के लिए तैयार रहता है।
- बस बार और लाइन्स: बस बार पूरी तरह से एनर्जाइज्ड (energized) होते हैं और बिजली को विभिन्न सर्किटों में वितरित करते हैं। सभी आउटगोइंग फीडर (feeders) जुड़े होते हैं और उनके उपकरण अपनी आवश्यकतानुसार बिजली प्राप्त करते हैं।
- सुरक्षा प्रणाली: प्रोटेक्टिव रिले और अन्य सेंसर (जैसे CTs और VTs) लगातार विद्युत धारा और वोल्टेज के स्तरों की निगरानी करते हैं। वे तब तक निष्क्रिय रहते हैं जब तक कोई असामान्य स्थिति (जैसे ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट) नहीं होती।
- नियंत्रण पैनल: नियंत्रण पैनल पर सभी संकेतक सामान्य रीडिंग दिखाते हैं, जो यह पुष्टि करता है कि प्रणाली सुचारू रूप से काम कर रही है।
संक्षेप में,
सामान्य भार के तहत, स्विचगियर एक निष्क्रिय लेकिन सतर्क प्रहरी के रूप में कार्य करता है। यह बिजली को नियंत्रित, वितरित और मॉनिटर करता है, जबकि किसी भी संभावित दोष से निपटने के लिए हर समय तैयार रहता है।
दोष का पता लगाना और ट्रिपिंग स्विचगियर की सुरक्षा प्रणाली के दो सबसे महत्वपूर्ण और शुरुआती चरण हैं। ये मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी विद्युत दोष (fault) की स्थिति में प्रणाली को तुरंत और सुरक्षित रूप से बंद कर दिया जाए।
दोष का पता लगाना (Fault Detection)
दोष का पता लगाने का काम मुख्य रूप से करंट ट्रांसफॉर्मर (CT) और वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर (VT) द्वारा किया जाता है।
- ये ट्रांसफॉर्मर विद्युत प्रणाली में लगातार करंट और वोल्टेज के स्तरों की निगरानी करते हैं।
- जब कोई दोष होता है (जैसे कि शॉर्ट सर्किट), तो करंट अचानक और बड़े पैमाने पर बढ़ जाता है, जबकि वोल्टेज गिर जाता है।
- ये ट्रांसफॉर्मर इन असामान्य स्तरों को मापते हैं और प्रोटेक्टिव रिले को एक संकेत (signal) भेजते हैं। रिले इस प्रणाली का "मस्तिष्क" होता है।
ट्रिपिंग (Tripping)
दोष का पता चलने के बाद, रिले ट्रिपिंग प्रक्रिया शुरू करता है।
- रिले को पहले से ही सामान्य परिचालन के लिए सुरक्षित करंट और वोल्टेज स्तरों के साथ प्रोग्राम किया जाता है।
- जब रिले को ट्रांसफॉर्मर से असामान्य स्तरों का संकेत मिलता है, तो वह तुरंत इसे एक दोष के रूप में पहचानता है।
- रिले फिर सर्किट ब्रेकर को एक "ट्रिप सिग्नल" भेजता है।
- यह सिग्नल सर्किट ब्रेकर के आंतरिक तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे उसके संपर्क (contacts) तुरंत खुल जाते हैं और दोषपूर्ण सर्किट में बिजली का प्रवाह बाधित हो जाता है।
यह पूरी प्रक्रिया कुछ मिलीसेकंड में पूरी हो जाती है, जिससे आग, विस्फोट और उपकरणों को गंभीर क्षति से बचाया जा सकता है।
तेल सर्किट ब्रेकर (Oil Circuit Breaker), जिसे आमतौर पर ओसीबी (OCB) कहा जाता है, एक प्रकार का सर्किट ब्रेकर है जो दोष (fault) की स्थिति में बिजली के चाप (electric arc) को बुझाने और इन्सुलेशन प्रदान करने के लिए इन्सुलेटिंग तेल का उपयोग करता है।
कार्य सिद्धांत
ओसीबी का कार्य सिद्धांत एक दोष के दौरान चाप को बुझाने के लिए तेल के गुणों पर निर्भर करता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- सामान्य स्थिति: सामान्य भार के तहत, सर्किट ब्रेकर के संपर्क तेल में डूबे रहते हैं। यह तेल एक प्रभावी इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है, जो संपर्कों के बीच शॉर्ट सर्किट को रोकता है।
- दोष का पता लगाना: जब प्रणाली में शॉर्ट सर्किट जैसा कोई दोष होता है, तो सुरक्षात्मक रिले इसका पता लगाता है और सर्किट ब्रेकर को एक ट्रिप सिग्नल भेजता है।
- संपर्कों का अलगाव: ट्रिप सिग्नल के कारण सर्किट ब्रेकर का आंतरिक तंत्र सक्रिय होता है, और यह चलते हुए संपर्क (moving contact) को स्थिर संपर्क (fixed contact) से दूर खींचता है।
- चाप का बनना: जैसे ही संपर्क अलग होते हैं, एक शक्तिशाली विद्युत चाप बनता है क्योंकि धारा का प्रवाह जारी रहता है। यह चाप अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
- आर्क शमन (Arc Quenching): यही वह जगह है जहाँ तेल की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। चाप की गर्मी तुरंत उसके चारों ओर के तेल को वाष्पीकृत कर देती है, जिससे एक बड़ा गैस का बुलबुला बनता है। इस बुलबुले में मुख्य रूप से हाइड्रोजन गैस होती है, जिसमें उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता होती है। यह गैस चाप को तेजी से ठंडा करती है और चाप मार्ग में मौजूद आयनित कणों को हटा देती है, जिससे चाप बुझ जाता है।
इस प्रकार,
तेल न केवल चाप को बुझाता है, बल्कि यह एक उत्कृष्ट इन्सुलेटिंग माध्यम के रूप में भी कार्य करता है। हालांकि, तेल की ज्वलनशीलता और रखरखाव की आवश्यकता के कारण, इसे अब SF6 या वैक्यूम सर्किट ब्रेकर जैसी अधिक उन्नत तकनीकों से बदला जा रहा है।
स्विचगियर में रिले (Relay) की भूमिका एक सुरक्षात्मक दिमाग की तरह होती है। इसका मुख्य कार्य विद्युत प्रणाली में किसी भी असामान्य स्थिति या दोष (fault) का पता लगाना और फिर उस दोषपूर्ण सर्किट को अलग करने के लिए सर्किट ब्रेकर को एक संकेत भेजना है।
रिले की मुख्य भूमिकाएँ:
- दोष का पता लगाना (Fault Detection): रिले लगातार विद्युत धारा और वोल्टेज जैसे विद्युत मापदंडों की निगरानी करते हैं। जब किसी शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड जैसी असामान्य स्थिति के कारण इन मापदंडों में अचानक और बड़ा बदलाव आता है, तो रिले तुरंत इसका पता लगा लेते हैं।
- विश्लेषण और निर्णय (Analysis and Decision): रिले को विशिष्ट सुरक्षात्मक मापदंडों के साथ प्रोग्राम किया जाता है। जब इसे असामान्य संकेत मिलता है, तो यह यह विश्लेषण करता है कि क्या स्थिति वास्तव में एक दोष है और क्या सर्किट ब्रेकर को ट्रिगर करने की आवश्यकता है।
- सर्किट ब्रेकर को ट्रिगर करना (Circuit Breaker Tripping): एक बार जब रिले यह पुष्टि कर लेता है कि एक दोष मौजूद है, तो वह तुरंत सर्किट ब्रेकर को एक "ट्रिप सिग्नल" भेजता है। यह सिग्नल सर्किट ब्रेकर के आंतरिक तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे वह खुल जाता है और दोषपूर्ण सर्किट में बिजली का प्रवाह रुक जाता है।
- बैकअप सुरक्षा (Backup Protection): कुछ प्रणालियों में, रिले का उपयोग प्राथमिक सुरक्षात्मक उपकरणों के विफल होने की स्थिति में बैकअप सुरक्षा के रूप में भी किया जाता है।
संक्षेप में,
रिले स्विचगियर का एक महत्वपूर्ण घटक है जो उपकरणों को क्षति से बचाने और बिजली की आपूर्ति की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए दोषों को स्वचालित रूप से पहचानता है और प्रतिक्रिया करता है।
रखरखाव कर्मियों की सुरक्षा स्विचगियर डिजाइन और परिचालन का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि तकनीशियन बिजली के उच्च वोल्टेज और करंट से सुरक्षित रहें, कई सुरक्षा सुविधाओं और प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है।
डिजाइन द्वारा सुरक्षा
स्विचगियर को इस तरह से बनाया जाता है कि यह रखरखाव के दौरान कर्मियों की सुरक्षा करे:
- कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन (Compartmentalization): स्विचगियर के घटक जैसे बस बार, सर्किट ब्रेकर और केबल को अलग-अलग, धातु के डिब्बों में रखा जाता है। यह एक डिब्बे पर काम करने की अनुमति देता है, जबकि बाकी प्रणाली अभी भी सक्रिय (energized) हो, जिससे दोष के फैलने का जोखिम कम हो जाता है।
- इंटरलाक (Interlocks): ये यांत्रिक या विद्युत सुरक्षा तंत्र हैं जो गलत संचालन को रोकते हैं। उदाहरण के लिए, एक इंटरलॉक यह सुनिश्चित करता है कि सर्किट ब्रेकर को तभी बाहर निकाला जा सके जब वह पूरी तरह से बंद (off) हो, या अर्थिंग स्विच को केवल तभी बंद किया जा सके जब लाइन डी-एनर्जाइज्ड हो।
- ड्रॉ-आउट सुविधा (Draw-out Facility): कई स्विचगियर सर्किट ब्रेकर को एक ड्रॉ-आउट यूनिट में लगाते हैं, जिससे ब्रेकर को सुरक्षित रूप से बाहर खींचकर रखरखाव किया जा सकता है, बिना पूरे सिस्टम को बंद किए।
प्रक्रिया द्वारा सुरक्षा
डिजाइन के अलावा, कठोर सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन करना भी आवश्यक है:
- लॉकआउट-टैगआउट (LOTO): यह एक अनिवार्य सुरक्षा प्रक्रिया है। रखरखाव शुरू करने से पहले, कर्मी यह सुनिश्चित करते हैं कि उपकरण पूरी तरह से डी-एनर्जाइज्ड है। वे फिर इसे लॉक कर देते हैं और एक टैग लगा देते हैं ताकि कोई भी गलती से इसे चालू न कर दे।
- अर्थिंग स्विच (Earthing Switch): उपकरण को पूरी तरह से डी-एनर्जाइज करने के बाद, एक अर्थिंग स्विच का उपयोग करके सर्किट को जमीन से जोड़ दिया जाता है। यह किसी भी अवशिष्ट विद्युत आवेश को हटा देता है, जिससे काम शुरू करना सुरक्षित हो जाता है।
इन डिजाइन सुविधाओं और प्रक्रियाओं का संयोजन यह सुनिश्चित करता है कि स्विचगियर पर काम करने वाले कर्मी विद्युत खतरों से पूरी तरह सुरक्षित रहें।
बिजली उत्पादन संयंत्रों में, स्विचगियर एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है जो जनरेटर से उत्पन्न बिजली को सुरक्षित रूप से नियंत्रित, वितरित और संरक्षित करने का कार्य करता है। स्विचगियर के बिना, बिजली संयंत्रों का संचालन करना असंभव और बेहद खतरनाक होगा।
बिजली उत्पादन संयंत्रों में उपयोग का क्रम
जनरेटर आउटपुट की सुरक्षा: जब जनरेटर बिजली पैदा करता है, तो यह सीधे स्विचगियर के पहले खंड से जुड़ता है। यहाँ, स्विचगियर जनरेटर को किसी भी दोष (जैसे शॉर्ट सर्किट) से बचाता है। यदि कोई दोष होता है, तो स्विचगियर में लगे सर्किट ब्रेकर तुरंत जनरेटर को नेटवर्क से अलग कर देते हैं, जिससे जनरेटर को क्षति से बचाया जा सकता है।
वोल्टेज बढ़ाना: जनरेटर द्वारा उत्पन्न वोल्टेज को लंबी दूरी के पारेषण (transmission) के लिए उपयुक्त उच्च वोल्टेज तक बढ़ाने की आवश्यकता होती है। स्विचगियर इस प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, जहाँ बिजली को ट्रांसफॉर्मर के माध्यम से बढ़ाया जाता है।
विद्युत वितरण: एक बार जब वोल्टेज बढ़ जाता है, तो स्विचगियर बिजली को सबस्टेशन और वितरण नेटवर्क तक वितरित करने के लिए बस बार और फीडर सर्किट ब्रेकर का उपयोग करता है। यह सुनिश्चित करता है कि बिजली विभिन्न लाइनों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं तक पहुँच सके।
सिस्टम अलगाव: रखरखाव या मरम्मत के दौरान, स्विचगियर कर्मियों को सुरक्षित रूप से काम करने की अनुमति देता है। यह आइसोलेटर स्विच का उपयोग करके जनरेटर या किसी विशेष सर्किट को बाकी प्रणाली से पूरी तरह से अलग कर देता है।
सिंक्रोनाइजेशन: स्विचगियर यह सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि कई जनरेटर एक ही समय में और एक ही आवृत्ति पर काम करें ताकि वे एक-दूसरे से और ग्रिड से ठीक से जुड़े रहें।
संक्षेप में,
बिजली उत्पादन संयंत्रों में, स्विचगियर एक सुरक्षात्मक कवच, एक नियंत्रण केंद्र और एक वितरण हब के रूप में कार्य करता है।
ट्रांसमिशन सिस्टम में स्विचगियर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह सुनिश्चित करता है कि उच्च वोल्टेज वाली बिजली को सुरक्षित और कुशलता से लंबी दूरी तक पारेषित किया जा सके। ट्रांसमिशन सबस्टेशन में, स्विचगियर एक सुरक्षा, नियंत्रण और अलगाव केंद्र के रूप में कार्य करता है।
ट्रांसमिशन सिस्टम में स्विचगियर के उपयोग
वोल्टेज बढ़ाना: बिजली उत्पादन संयंत्रों से आने वाली कम वोल्टेज वाली बिजली को लंबी दूरी के पारेषण के लिए उच्च वोल्टेज में बदलने के लिए स्विचगियर, ट्रांसफॉर्मर के साथ काम करता है।
विश्वसनीयता और सुरक्षा: ट्रांसमिशन नेटवर्क बहुत विशाल होता है और इसमें दोष (fault) का जोखिम अधिक होता है। स्विचगियर इन दोषों (जैसे शॉर्ट सर्किट) का पता लगाकर तुरंत दोषपूर्ण लाइन या उपकरण को अलग कर देता है। इससे बाकी ग्रिड को नुकसान से बचाया जा सकता है।
ग्रिड का अलगाव और रखरखाव: ट्रांसमिशन लाइनों और उपकरणों का रखरखाव एक खतरनाक कार्य है। स्विचगियर, अपने सर्किट ब्रेकर और आइसोलेटर स्विच का उपयोग करके, रखरखाव के लिए ग्रिड के एक हिस्से को पूरी तरह से डी-एनर्जाइज़ (de-energize) कर देता है। यह कर्मियों को सुरक्षित रूप से काम करने की अनुमति देता है।
पावर फ्लो का नियंत्रण: ट्रांसमिशन लाइनों के बीच बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए स्विचगियर का उपयोग किया जाता है। ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करने के लिए ग्रिड को मॉनिटर और नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है कि बिजली की मांग पूरी हो रही है और ग्रिड स्थिर है।
विभिन्न स्तरों पर स्विचगियर: ट्रांसमिशन सिस्टम में आमतौर पर हाई-वोल्टेज (HV) स्विचगियर का उपयोग होता है, जो 36 kV से ऊपर के वोल्टेज को संभालता है। इनमें अक्सर SF6 गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS) का उपयोग किया जाता है क्योंकि वे बहुत विश्वसनीय और कॉम्पैक्ट होते हैं, जो सीमित स्थान वाले सबस्टेशन के लिए आदर्श है।
संक्षेप में,
ट्रांसमिशन सिस्टम में स्विचगियर एक सुरक्षात्मक ढाल, एक नियंत्रण केंद्र और एक लचीला इंटरकनेक्शन बिंदु के रूप में कार्य करता है, जो बिजली के सुरक्षित और प्रभावी पारेषण के लिए आवश्यक है।
वितरण प्रणालियों में स्विचगियर एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो बिजली को ट्रांसमिशन ग्रिड से अंतिम उपभोक्ता तक सुरक्षित और कुशलता से वितरित करने का कार्य करता है। यह सबस्टेशन, आवासीय क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित और संरक्षित करने में मदद करता है।
वितरण प्रणालियों में स्विचगियर के उपयोग
- वोल्टेज कम करना: वितरण सबस्टेशनों में, स्विचगियर बिजली के वोल्टेज को ट्रांसमिशन लाइनों (जैसे 33 kV या 11 kV) से उपयोग योग्य स्तरों (जैसे 400V या 230V) तक कम करने के लिए ट्रांसफॉर्मर के साथ मिलकर काम करता है।
- दोष का पता लगाना और अलगाव: वितरण लाइनों में अक्सर शॉर्ट सर्किट, ओवरलोड या अर्थ फॉल्ट जैसे दोष होते हैं। स्विचगियर में लगे सर्किट ब्रेकर और फ़्यूज़ इन दोषों का तुरंत पता लगाते हैं और दोषपूर्ण सर्किट को बाकी ग्रिड से अलग कर देते हैं। इससे बिजली की आपूर्ति में रुकावट कम होती है और उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचता।
- लोड का प्रबंधन: स्विचगियर बिजली के भार को विभिन्न फीडर लाइनों के बीच संतुलित करने में मदद करता है। यह ऑपरेटरों को आवश्यकतानुसार कुछ क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को चालू या बंद करने की अनुमति देता है।
- सुरक्षा: स्विचगियर यह सुनिश्चित करता है कि बिजली का वितरण सुरक्षित हो। इसके बंद आवरण और इंटरलॉक प्रणाली कर्मियों को बिजली के लाइव हिस्सों से दूर रखते हैं।
- विभिन्न स्तरों पर स्विचगियर: वितरण प्रणालियों में, अक्सर मीडियम वोल्टेज (MV) और लो वोल्टेज (LV) स्विचगियर का उपयोग होता है। एमवी स्विचगियर सबस्टेशनों में उपयोग होता है, जबकि एलवी स्विचगियर को आवासीय और वाणिज्यिक भवनों में लगाया जाता है।
संक्षेप में,
वितरण प्रणालियों में स्विचगियर बिजली के सुरक्षित और विश्वसनीय वितरण के लिए आवश्यक है, जो ट्रांसमिशन नेटवर्क को अंतिम उपयोगकर्ताओं से जोड़ता है।
औद्योगिक विद्युत प्रणालियाँ (Industrial Electrical Systems) वे जटिल नेटवर्क हैं जो बिजली को एक उद्योग के भीतर सुरक्षित और कुशलता से वितरित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन प्रणालियों का उपयोग विनिर्माण संयंत्रों, कारखानों और अन्य औद्योगिक सुविधाओं में मशीनरी, उपकरण और प्रकाश व्यवस्था को शक्ति देने के लिए किया जाता है।
मुख्य घटक
औद्योगिक विद्युत प्रणाली के प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:
- पावर सोर्स: ये बिजली का मुख्य स्रोत होते हैं, जैसे कि सार्वजनिक ग्रिड, या उद्योग के अपने जनरेटर।
- ट्रांसफॉर्मर: ये वोल्टेज को उद्योग के अंदर उपयोग के लिए उपयुक्त स्तरों तक कम या ज्यादा करते हैं।
- स्विचगियर: ये सर्किट को नियंत्रित, सुरक्षित और अलग करते हैं। औद्योगिक प्रणालियों में, लो वोल्टेज (LV) और मीडियम वोल्टेज (MV) स्विचगियर का व्यापक रूप से उपयोग होता है।
- मोटर कंट्रोल सेंटर (MCCs): ये मोटर और अन्य मशीनरी को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले केंद्रीय बिंदु होते हैं।
- केबल और बसवे (Busways): ये कंडक्टर हैं जो बिजली को एक घटक से दूसरे घटक तक ले जाते हैं।
- लोड (Loads): ये वे अंतिम उपकरण हैं जो बिजली का उपयोग करते हैं, जैसे कि मोटर, रोबोट और हीटिंग सिस्टम।
स्विचगियर की भूमिका
औद्योगिक प्रणालियों में स्विचगियर की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है:
- सुरक्षा: यह सिस्टम को शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड जैसे दोषों से बचाता है, जो महंगे उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आग का कारण बन सकते हैं।
- नियंत्रण: स्विचगियर ऑपरेटरों को उत्पादन लाइनों और मशीनरी को चालू या बंद करने की अनुमति देता है।
- अलगाव: रखरखाव और मरम्मत के दौरान, यह प्रणाली के कुछ हिस्सों को बाकी से अलग करता है ताकि काम सुरक्षित रूप से किया जा सके।
औद्योगिक विद्युत प्रणालियों को अत्यधिक विश्वसनीय और मजबूत बनाया जाता है ताकि वे उत्पादन प्रक्रिया में किसी भी रुकावट को कम कर सकें।
वाणिज्यिक भवनों में स्विचगियर एक महत्वपूर्ण घटक है जो सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल बिजली वितरण सुनिश्चित करता है। यह एक केंद्रीय हब के रूप में कार्य करता है जो बाहरी ग्रिड से आने वाली बिजली को भवन के भीतर विभिन्न प्रणालियों और उपकरणों तक पहुंचाता है।
वाणिज्यिक भवनों में स्विचगियर के उपयोग
- सुरक्षित बिजली वितरण: स्विचगियर भवन में आने वाली मुख्य बिजली को लेता है और इसे अलग-अलग सर्किटों में वितरित करता है। ये सर्किट लाइटिंग सिस्टम, एयर कंडीशनिंग (HVAC), लिफ्ट, कंप्यूटर, और अन्य कार्यालय उपकरण जैसे महत्वपूर्ण भारों को बिजली प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बिजली का प्रवाह नियंत्रित और व्यवस्थित हो।
- दोष से सुरक्षा: यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। वाणिज्यिक भवनों में बिजली की मांग अधिक होती है और दोष (जैसे शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड) का जोखिम भी होता है। स्विचगियर इन दोषों का तुरंत पता लगाता है और प्रभावित सर्किट को अलग कर देता है, जिससे आग लगने और महंगे उपकरणों जैसे सर्वर और कंप्यूटर को नुकसान होने से बचाया जा सके।
- लोड का प्रबंधन: स्विचगियर बिजली के भार को संतुलित करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी सर्किट ओवरलोड न हो और यह बिजली की खपत को नियंत्रित करने में भी सहायता कर सकता है।
- आपातकालीन बैकअप सिस्टम का एकीकरण: कई वाणिज्यिक भवनों में आपातकालीन जनरेटर या यूपीएस (UPS) सिस्टम होते हैं। स्विचगियर इन बैकअप प्रणालियों को मुख्य ग्रिड से जोड़ता है और बिजली गुल होने पर स्वचालित रूप से बिजली को बैकअप स्रोत पर स्विच कर देता है, जिससे महत्वपूर्ण प्रणालियों का संचालन जारी रहता है।
संक्षेप में, वाणिज्यिक भवनों में स्विचगियर एक सुरक्षात्मक ढाल और वितरण केंद्र दोनों के रूप में कार्य करता है, जो निर्बाध और सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक है।
नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में, स्विचगियर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करता है कि स्वच्छ ऊर्जा को सुरक्षित रूप से उत्पन्न किया जाए, नियंत्रित किया जाए और मुख्य बिजली ग्रिड से जोड़ा जाए।
नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों में स्विचगियर की भूमिका
- ग्रिड के साथ एकीकरण (Grid Integration): स्विचगियर नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र और ग्रिड के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है। यह ग्रिड की आवश्यकताओं के अनुसार बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि संयंत्र द्वारा उत्पादित बिजली ग्रिड से ठीक से सिंक्रनाइज़ हो।
- सुरक्षा: नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों में महंगे उपकरण (जैसे सौर इनवर्टर और पवन टर्बाइन) होते हैं। स्विचगियर उन्हें शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड जैसे दोषों से बचाता है। यदि कोई दोष होता है, तो स्विचगियर तुरंत उस हिस्से को ग्रिड से अलग कर देता है, जिससे उपकरणों को नुकसान नहीं होता है।
- वोल्टेज नियंत्रण: स्विचगियर यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसफॉर्मर के साथ काम करता है कि संयंत्र से निकलने वाला वोल्टेज ग्रिड से जोड़ने के लिए उपयुक्त हो। यह अस्थिर उत्पादन (intermittent generation) के दौरान वोल्टेज को स्थिर रखने में भी मदद करता है।
- रखरखाव और अलगाव: यह रखरखाव कर्मियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। स्विचगियर अपने आइसोलेटर और अर्थिंग स्विच का उपयोग करके, रखरखाव के लिए संयंत्र के किसी भी हिस्से को सुरक्षित रूप से डी-एनर्जाइज़ कर देता है।
- आउटपुट प्रबंधन: यह स्विचगियर ही है जो ऑपरेटरों को यह नियंत्रित करने की अनुमति देता है कि उत्पादित बिजली को कहाँ और कितनी मात्रा में भेजा जाए।
संक्षेप में,
स्विचगियर एक सुरक्षित और विश्वसनीय नींव प्रदान करता है, जिस पर नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों का पूरा संचालन निर्भर करता है, जिससे वे प्रभावी ढंग से और सुरक्षित रूप से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन और आपूर्ति कर सकें।
स्मार्ट ग्रिड में स्विचगियर की भूमिका पारंपरिक बिजली नेटवर्क की तुलना में बहुत अधिक महत्वपूर्ण और उन्नत है। यह सिर्फ बिजली को चालू या बंद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक इंटेलिजेंट हब के रूप में काम करता है जो ग्रिड के प्रदर्शन को बेहतर बनाता है और इसे अधिक विश्वसनीय बनाता है।
स्मार्ट ग्रिड में स्विचगियर की भूमिकाएँ
- स्वचालन और दूरस्थ नियंत्रण (Automation and Remote Control): स्मार्ट ग्रिड में, स्विचगियर स्वचालित रूप से काम करता है। दोष (fault) का पता लगाने पर, यह खुद से प्रतिक्रिया कर सकता है और दोषपूर्ण हिस्से को अलग कर सकता है। ऑपरेटरों को अब मैन्युअल रूप से स्विचगियर को नियंत्रित करने के लिए साइट पर जाने की आवश्यकता नहीं होती; वे इसे एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र से दूरस्थ रूप से प्रबंधित कर सकते हैं।
- दोष का पता लगाना और स्व-उपचार (Fault Detection and Self-Healing): पारंपरिक ग्रिड के विपरीत, स्मार्ट स्विचगियर दोषों का तेजी से पता लगा सकता है और ग्रिड को 'ठीक' करने के लिए खुद से रीकॉन्फ़िगर कर सकता है। यह बिजली की आपूर्ति में व्यवधान को कम करता है और ग्राहक को बिजली गुल होने से बचाता है।
- द्विदिशात्मक संचार (Bidirectional Communication): स्मार्ट स्विचगियर में उन्नत सेंसर और संचार मॉड्यूल होते हैं। यह न केवल नियंत्रण कक्ष से निर्देश प्राप्त करता है, बल्कि ग्रिड की स्थिति, करंट और वोल्टेज के बारे में वास्तविक समय (real-time) डेटा भी भेजता है। यह डेटा ग्रिड ऑपरेटरों को सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।
- नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण: स्मार्ट स्विचगियर सौर पैनलों और पवन टर्बाइनों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को ग्रिड में आसानी से एकीकृत करने में मदद करता है। यह बिजली के प्रवाह की अस्थिर प्रकृति को प्रबंधित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि ग्रिड स्थिर रहे।
- बेहतर लोड प्रबंधन: उन्नत स्विचगियर बिजली की खपत के पैटर्न की निगरानी कर सकता है और लोड को अधिक कुशलता से प्रबंधित कर सकता है, जिससे ग्रिड की समग्र दक्षता में सुधार होता है।
महानगरों में जीआईएस (GIS - Gas-Insulated Switchgear) का उपयोग बहुत आम है क्योंकि यह उन चुनौतियों का समाधान करता है जो घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में बिजली वितरण के दौरान उत्पन्न होती हैं। इन चुनौतियों में जगह की कमी, उच्च विश्वसनीयता की आवश्यकता और सुरक्षा प्रमुख हैं।
महानगरों में जीआईएस की भूमिका
- जगह की बचत (Space Saving):
- शहरी क्षेत्रों में भूमि बहुत महंगी और सीमित होती है। जीआईएस, अपने कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के कारण, पारंपरिक एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (AIS) की तुलना में बहुत कम जगह लेता है। एक जीआईएस सबस्टेशन को एक इमारत के अंदर या यहाँ तक कि भूमिगत भी बनाया जा सकता है। यह महानगरों में एक बड़ा लाभ है जहाँ जगह एक प्रीमियम पर होती है।
- उच्च विश्वसनीयता (High Reliability):
- जीआईएस एक पूरी तरह से बंद प्रणाली होती है। इसके घटक बाहरी पर्यावरणीय कारकों जैसे धूल, प्रदूषण, नमी, नमक और जानवरों से पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। यह विश्वसनीयता में काफी सुधार करता है और बिजली कटौती की संभावना को कम करता है, जो शहरी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
- सुरक्षा (Safety):
- जीआईएस में सभी लाइव हिस्से धातु के आवरण के अंदर होते हैं और SF6 गैस से घिरे होते हैं। इससे कर्मियों या आम जनता को गलती से बिजली के लाइव हिस्सों को छूने का कोई जोखिम नहीं होता है। यह घनी आबादी वाले क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा सुविधा है।
- कम रखरखाव (Less Maintenance):
- चूंकि जीआईएस प्रणाली बंद होती है, इसलिए उसे पारंपरिक स्विचगियर की तुलना में बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इससे परिचालन लागत कम होती है और शहरी नेटवर्क के सुचारू संचालन में मदद मिलती है।
संक्षेप में,
महानगरों में जीआईएस का उपयोग एक व्यावहारिक और आवश्यक समाधान है जो स्थान, विश्वसनीयता और सुरक्षा की मांगों को पूरा करता है।
आपातकालीन बिजली प्रणालियों में, स्विचगियर एक महत्वपूर्ण घटक है जो यह सुनिश्चित करता है कि मुख्य बिजली आपूर्ति में बाधा आने पर भी महत्वपूर्ण सुविधाएं चालू रहें। यह मुख्य ग्रिड से आपातकालीन स्रोत (जैसे जनरेटर या यूपीएस) में और वापस सुरक्षित रूप से बिजली स्थानांतरित करने का कार्य करता है।
आपातकालीन प्रणालियों में स्विचगियर की भूमिकाएँ
- स्वचालित स्थानांतरण (Automatic Transfer): आपातकालीन बिजली प्रणालियों में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण स्वचालित स्थानांतरण स्विच (ATS) होता है, जो स्विचगियर का एक अभिन्न अंग है। जब एटीएस को मुख्य बिजली गुल होने का पता चलता है, तो यह तुरंत सर्किट ब्रेकर को सक्रिय करता है, ग्रिड से बिजली को काटता है और जनरेटर को शुरू करने का संकेत भेजता है। जब जनरेटर स्थिर आउटपुट पर होता है, तो एटीएस बिजली के प्रवाह को स्वचालित रूप से जनरेटर पर स्विच कर देता है।
- दोष सुरक्षा: स्विचगियर आपातकालीन बिजली प्रणाली और उससे जुड़े भार (loads) को ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट जैसे दोषों से बचाता है। यदि जनरेटर या बैकअप प्रणाली में कोई दोष होता है, तो स्विचगियर तुरंत उसे अलग कर देता है ताकि बाकी सिस्टम सुरक्षित रहे।
- लोड प्रबंधन: कुछ उन्नत स्विचगियर प्रणालियाँ आपातकालीन बिजली के भार को प्रबंधित कर सकती हैं। वे महत्वपूर्ण सर्किट (जैसे अस्पताल के जीवन-समर्थन उपकरण) को पहले बिजली प्रदान करती हैं और गैर-महत्वपूर्ण सर्किटों को बाद में, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपातकालीन स्रोत पर भार संतुलित रहे।
- सिंक्रनाइजेशन: जब मुख्य बिजली बहाल हो जाती है, तो स्विचगियर यह सुनिश्चित करता है कि लोड को वापस ग्रिड में स्थानांतरित करने से पहले जनरेटर ग्रिड के साथ ठीक से सिंक्रनाइज़ हो। यह प्रक्रिया विद्युत प्रणाली को झटकों से बचाती है।
संक्षेप में,
स्विचगियर आपातकालीन बिजली प्रणाली का एक बुद्धिमान मध्यस्थ है जो डेटा केंद्रों, अस्पतालों और औद्योगिक सुविधाओं जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए निरंतर बिजली की गारंटी देता है।
स्विचगियर विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बिजली आपूर्ति की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करता है।
विश्वसनीयता में सुधार के तरीके
- दोष का पता लगाना और निवारण (Fault Detection and Clearing): स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य दोष (faults) को तुरंत पहचानना और उन्हें सिस्टम से अलग करना है। यदि कोई शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड होता है, तो रिले और सर्किट ब्रेकर तुरंत उस हिस्से को बंद कर देते हैं। यह छोटी-सी गड़बड़ी को पूरे ग्रिड में फैलने से रोकता है, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने की संभावना कम हो जाती है।
- अलगाव और रखरखाव (Isolation and Maintenance): स्विचगियर, आइसोलेटर स्विच और अर्थिंग प्रणाली के माध्यम से, रखरखाव और मरम्मत के लिए सिस्टम के एक हिस्से को सुरक्षित रूप से अलग करने की अनुमति देता है। यह बिना किसी बड़े व्यवधान के निवारक रखरखाव (preventive maintenance) करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में होने वाली विफलताओं को रोका जा सकता है।
- लोड प्रबंधन और बैकअप (Load Management and Backup): जटिल प्रणालियों में, स्विचगियर बिजली के भार को संतुलित करने और आपातकालीन स्थिति में बैकअप स्रोतों (जैसे जनरेटर) पर स्वचालित रूप से स्विच करने में मदद करता है। यह महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जो समग्र प्रणाली की विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
- सिस्टम की स्थिरता (System Stability): दोषों को जल्दी से साफ़ करके, स्विचगियर ग्रिड के वोल्टेज और आवृत्ति की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। यह स्थिरता सभी जुड़े हुए उपकरणों के विश्वसनीय संचालन के लिए आवश्यक है।
संक्षेप में, स्विचगियर केवल एक सुरक्षा उपकरण नहीं है, बल्कि यह एक बुनियादी ढांचागत घटक है जो विद्युत प्रणाली की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करता है।
SF6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) स्विचगियर का मुख्य लाभ इसकी असाधारण कॉम्पैक्टनेस और उच्च विश्वसनीयता है, जो इसे आधुनिक बिजली प्रणालियों के लिए एक प्रभावी समाधान बनाता है।
एसएफ6 स्विचगियर के मुख्य लाभ
जगह की बचत (Space Saving): SF6 गैस की उत्कृष्ट इन्सुलेटिंग क्षमता के कारण, स्विचगियर के घटकों को एक-दूसरे के बहुत करीब रखा जा सकता है। इससे स्विचगियर का आकार पारंपरिक एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (AIS) की तुलना में 10% से भी कम हो जाता है। यह शहरी क्षेत्रों और सीमित जगह वाले सबस्टेशनों के लिए एक बड़ा फायदा है।
उच्च विश्वसनीयता (High Reliability): SF6 स्विचगियर एक पूरी तरह से सीलबंद और वायुरोधी प्रणाली होती है। यह धूल, नमी, प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय कारकों से पूरी तरह सुरक्षित रहता है। यह इसे बहुत विश्वसनीय बनाता है और बिजली कटौती की संभावना को कम करता है।
सुरक्षा (Safety): चूंकि सभी लाइव हिस्से धातु के आवरण के अंदर संलग्न होते हैं, इसलिए कर्मियों के लिए बिजली के झटके का कोई जोखिम नहीं होता है। SF6 गैस गैर-ज्वलनशील (non-flammable) भी है, जिससे आग का जोखिम कम हो जाता है।
कम रखरखाव (Less Maintenance): बंद प्रणाली होने के कारण, SF6 स्विचगियर को बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इसके घटकों का निरीक्षण या सफाई करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे परिचालन लागत कम होती है।
उच्च आर्क बुझाने की क्षमता (High Arc Quenching Capability): SF6 गैस में चाप (arc) को बुझाने की अद्भुत क्षमता होती है। यह दोष की स्थिति में चाप को बहुत तेजी से बुझा देता है, जिससे उपकरणों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
एसएफ6 स्विचगियर के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ महत्वपूर्ण नुकसान भी हैं, खासकर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य से संबंधित।
एसएफ6 के नुकसान शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस: SF6 का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह एक अत्यंत शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
इसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (Global Warming Potential - GWP) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की तुलना में 23,500 गुना अधिक है।
एक किलोग्राम SF6 का ग्रिड से रिसाव 23,500 किलोग्राम CO2 के बराबर होता है।
इसके अलावा,
इसका वायुमंडलीय जीवनकाल 3,200 वर्ष से भी अधिक होता है। इसलिए, यदि इसका रिसाव होता है, तो यह सदियों तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता रहेगा।
विषैले उप-उत्पाद: हालांकि, शुद्ध SF6 गैस गैर-विषैली होती है, लेकिन जब यह विद्युत चाप (electric arc) या स्पार्किंग के संपर्क में आती है, तो यह विघटित होकर सल्फर डाइऑक्साइड (SO_2) और हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) जैसे विषैले और संक्षारक उप-उत्पाद बनाती है।
यदि ये उप-उत्पाद साँस के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाएँ तो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं, जैसे श्वसन तंत्र में जलन और फेफड़ों को नुकसान।
उच्च लागत: SF6 स्विचगियर की प्रारंभिक लागत और उसकी गैस को संभालने के लिए आवश्यक विशेष उपकरण (जैसे गैस डिटेक्टर और रिकवरी यूनिट) की लागत वैक्यूम या एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर की तुलना में अधिक होती है।
रिसाव का जोखिम: SF6 स्विचगियर एक बंद प्रणाली है, लेकिन इसमें हमेशा गैस के रिसाव का जोखिम रहता है। इस रिसाव को रोकने के लिए नियमित निगरानी और विशेष रखरखाव की आवश्यकता होती है।
इन नुकसानों के कारण,
कई देश SF6 के उपयोग को सीमित करने के लिए सख्त नियम बना रहे हैं और अब वैक्यूम स्विचगियर जैसे अधिक पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को प्राथमिकता दी जा रही है।
वैक्यूम स्विचगियर एक आधुनिक और कुशल तकनीक है जिसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। ये लाभ इसे पर्यावरण के प्रति जागरूक और सुरक्षित बिजली प्रणालियों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं।
वैक्यूम स्विचगियर के मुख्य लाभ
- पर्यावरण के अनुकूल (Environmentally Friendly): यह वैक्यूम (शून्य स्थान) का उपयोग करता है, जो न तो कोई ग्रीनहाउस गैस है और न ही विषाक्त पदार्थ। यह इसे SF6 गैस स्विचगियर का एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस का उपयोग करता है।
- उच्च विश्वसनीयता और लंबी उम्र (High Reliability and Long Life): वैक्यूम इंटरप्टर पूरी तरह से सीलबंद होता है और बाहरी वातावरण से प्रभावित नहीं होता। इससे धूल, नमी या अन्य प्रदूषकों से कोई नुकसान नहीं होता है। नतीजतन, इसे बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और इसका परिचालन जीवनकाल 20-25 साल या उससे भी अधिक हो सकता है।
- उत्कृष्ट सुरक्षा (Excellent Safety): चूंकि वैक्यूम स्विचगियर में कोई ज्वलनशील तेल या जहरीली गैसें नहीं होती हैं, इसलिए आग या विस्फोट का कोई खतरा नहीं होता। यह कर्मियों और आसपास के वातावरण के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- तेज़ आर्क शमन (Fast Arc Quenching): वैक्यूम में आर्क बहुत तेजी से बुझता है क्योंकि चाप को बनाए रखने के लिए कोई माध्यम नहीं होता। यह प्रक्रिया कुछ ही मिलीसेकंड में पूरी हो जाती है, जिससे प्रणाली को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
- कॉम्पैक्ट आकार (Compact Size): वैक्यूम की उच्च इन्सुलेशन क्षमता के कारण, वैक्यूम स्विचगियर का आकार काफी छोटा होता है, जिससे इसे सीमित जगह वाले सबस्टेशनों और औद्योगिक अनुप्रयोगों में स्थापित करना आसान हो जाता है।
इन सभी लाभों के कारण,
वैक्यूम स्विचगियर को अक्सर उच्च सुरक्षा और पर्यावरण-अनुकूल आवश्यकताओं वाली प्रणालियों के लिए पसंदीदा विकल्प माना जाता है।
तेल रोधित स्विचगियर (Oil-Insulated Switchgear) की मुख्य सीमाएँ इसकी सुरक्षा और रखरखाव से जुड़ी हैं। ये सीमाएँ इसे आधुनिक स्विचगियर प्रौद्योगिकियों की तुलना में कम आकर्षक बनाती हैं।
तेल रोधित स्विचगियर की सीमाएँ
- आग और विस्फोट का जोखिम: सबसे बड़ी सीमा यह है कि तेल एक ज्वलनशील सामग्री है। जब सर्किट ब्रेकर एक बड़ा दोषपूर्ण करंट तोड़ता है, तो चाप की गर्मी तेल को वाष्पित कर देती है, जिससे एक दबावयुक्त गैस का बुलबुला बनता है। यदि यह दबाव बहुत अधिक हो जाए या तेल का टैंक क्षतिग्रस्त हो जाए, तो आग या विस्फोट का खतरा बहुत अधिक होता है।
- पर्यावरणीय प्रदूषण: इन्सुलेटिंग तेल एक खनिज-आधारित उत्पाद है। यदि इसका रिसाव होता है, तो यह मिट्टी और भूजल को प्रदूषित कर सकता है। तेल का निपटान भी एक पर्यावरणीय चुनौती है।
- अधिक रखरखाव: तेल की इन्सुलेशन क्षमता समय के साथ और चाप बुझाने की प्रक्रिया के दौरान कम होती जाती है, क्योंकि उसमें कार्बन के कण जमा हो जाते हैं। इसलिए, तेल को नियमित रूप से जांचने, फिल्टर करने और बदलने की आवश्यकता होती है, जिससे रखरखाव की लागत और प्रयास बढ़ जाते हैं।
- बड़ा आकार: एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर की तुलना में यह कॉम्पैक्ट होता है, लेकिन वैक्यूम या SF6 गैस स्विचगियर की तुलना में यह काफी बड़ा होता है। यह उन स्थानों के लिए एक बड़ी कमी है जहाँ जगह की कमी होती है।
इन सीमाओं के कारण,
तेल रोधित स्विचगियर का उपयोग अब नए इंस्टॉलेशन में कम हो गया है और इसकी जगह अधिक सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल वैक्यूम या SF6 स्विचगियर ने ले ली है।
स्विचगियर में ऑपरेटर सुरक्षा एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। इसे सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन, प्रक्रिया और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का एक संयोजन उपयोग किया जाता है।
डिजाइन द्वारा सुरक्षा उपाय
- कम्पार्टमेंटलाइज़ेशन (Compartmentalization): स्विचगियर को अलग-अलग धातु के डिब्बों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक डिब्बे में सर्किट ब्रेकर, बस बार या केबल जैसे घटक होते हैं। यह ऑपरेटर को एक डिब्बे पर सुरक्षित रूप से काम करने की अनुमति देता है, जबकि बाकी प्रणाली अभी भी सक्रिय हो, जिससे दुर्घटना का जोखिम कम होता है।
- इंटरलाक (Interlocks): ये यांत्रिक या विद्युत सुरक्षा उपकरण होते हैं जो गलत संचालन को रोकते हैं। उदाहरण के लिए, एक इंटरलाक यह सुनिश्चित करता है कि एक आइसोलेटर स्विच को तब तक नहीं खोला जा सकता जब तक कि सर्किट ब्रेकर पहले से बंद न हो। यह ऑपरेटर को लोड के तहत स्विच खोलने से रोकता है, जिससे चाप (arc) का खतरा टल जाता है।
- विज़ुअल इंडिकेटर्स: स्विचगियर पैनल पर लगे लाइट, मीटर और क्लियर लेबल ऑपरेटर को उपकरणों की स्थिति (चालू/बंद, वोल्टेज स्तर) को सुरक्षित रूप से देखने की अनुमति देते हैं, बिना पैनल खोले।
प्रक्रिया और उपकरण द्वारा सुरक्षा
- लॉकआउट-टैगआउट (LOTO): यह एक अनिवार्य सुरक्षा प्रक्रिया है। रखरखाव या मरम्मत का काम शुरू करने से पहले, सर्किट को पूरी तरह से डी-एनर्जाइज्ड करके लॉक कर दिया जाता है और उस पर एक टैग लगा दिया जाता है, ताकि गलती से कोई उसे चालू न कर दे।
- व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE): ऑपरेटरों को इन्सुलेटेड दस्ताने, सुरक्षात्मक जूते, हेलमेट और आर्क फ्लैश सूट जैसे विशेष सुरक्षा उपकरण पहनने होते हैं।
- प्रशिक्षण: ऑपरेटरों को स्विचगियर के सुरक्षित संचालन और आपातकालीन प्रक्रियाओं के बारे में उचित प्रशिक्षण दिया जाता है।
इन उपायों का पालन करके,
स्विचगियर ऑपरेटरों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करता है।
आधुनिक स्विचगियर को पुराने डिजाइनों की तुलना में बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। उनके उन्नत और सीलबंद निर्माण के कारण, रखरखाव का ध्यान निवारक (preventive) उपायों से हटकर कंडीशन-आधारित (condition-based) निगरानी पर आ गया है।
आधुनिक स्विचगियर की रखरखाव आवश्यकताएँ
- कंडीशन-आधारित निगरानी (Condition-Based Monitoring): आधुनिक स्विचगियर में स्मार्ट सेंसर और निगरानी प्रणालियाँ लगाई जाती हैं। ये सेंसर वास्तविक समय (real-time) में महत्वपूर्ण मापदंडों जैसे तापमान, SF6 गैस का दबाव, और आंशिक डिस्चार्ज (partial discharge) को मापते हैं। रखरखाव केवल तभी किया जाता है जब डेटा कोई संभावित समस्या दिखाता है। यह दृष्टिकोण अनावश्यक रखरखाव और सिस्टम डाउनटाइम को कम करता है।
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नियमित निरीक्षण:
नियमित, लेकिन कम-अक्सर होने वाले निरीक्षण अभी भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें शामिल हैं:
- किसी भी दृश्यमान क्षति, रिसाव या जंग की जाँच करना।
- केबल टर्मिनेशन और अन्य कनेक्शनों की जाँच करना।
- SF6 स्विचगियर में गैस के दबाव स्तरों को सत्यापित करना।
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निवारक परीक्षण (Preventive Testing):
नियमित अंतरालों पर, कुछ निवारक परीक्षण किए जाते हैं:
- रिले और सुरक्षात्मक उपकरणों का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि वे दोष की स्थिति में ठीक से काम करेंगे।
- सर्किट ब्रेकर का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि वे सुचारू रूप से चल रहे हैं और सही समय पर ट्रिप कर रहे हैं।
संक्षेप में,
आधुनिक स्विचगियर की रखरखाव आवश्यकताएँ बहुत कम हैं, जिससे परिचालन लागत घटती है और विश्वसनीयता बढ़ती है।
उद्योगों में स्विचगियर का उपयोग डाउनटाइम (down-time) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डाउनटाइम का मतलब है जब किसी खराबी के कारण उत्पादन या संचालन रुका रहता है। स्विचगियर इस तरह के व्यवधानों को रोकने के लिए कई तरीके से काम करता है।
डाउनटाइम कम करने के तरीके
- तेज़ दोष निवारण (Fast Fault Clearing): स्विचगियर का सबसे महत्वपूर्ण काम दोषों (faults), जैसे शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड, का तुरंत पता लगाना और उन्हें अलग करना है। यह प्रक्रिया मिलीसेकंड में होती है। दोष को तुरंत हटाने से यह अन्य उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचाता और बिजली गुल होने की संभावना कम हो जाती है। यदि दोष को जल्दी से नहीं हटाया जाता, तो यह एक बड़े क्षेत्र में फैल सकता है, जिससे लंबी और महंगी बिजली कटौती हो सकती है।
- निवारक रखरखाव (Preventive Maintenance): आधुनिक स्विचगियर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसका रखरखाव आसान हो। ड्रॉ-आउट सर्किट ब्रेकर और इंटरलॉक जैसी सुविधाएँ कर्मियों को सुरक्षित रूप से काम करने की अनुमति देती हैं, बिना पूरे सिस्टम को बंद किए। इससे नियमित निरीक्षण और मरम्मत बिना किसी बड़े व्यवधान के की जा सकती है, जिससे संभावित विफलताओं को पहले ही रोका जा सकता है।
- बैकअप और समानांतर प्रणाली (Backup and Parallel Systems): औद्योगिक प्रणालियों में अक्सर डबल बस बार या रिंग मेन यूनिट जैसे स्विचगियर लेआउट का उपयोग किया जाता है। यदि एक बस बार या फीडर में खराबी आती है, तो लोड को दूसरे पर स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे बिजली की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आती।
- स्वचालन और दूरस्थ निगरानी (Automation and Remote Monitoring): स्मार्ट स्विचगियर में सेंसर होते हैं जो वास्तविक समय में सिस्टम की स्थिति की निगरानी करते हैं। यह डेटा ऑपरेटरों को संभावित समस्याओं का पता लगाने और उन्हें होने से पहले ही ठीक करने में मदद करता है। स्वचालित संचालन भी मानवीय भूलों को कम करता है और तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
संक्षेप में,
स्विचगियर एक सुरक्षित और विश्वसनीय नींव प्रदान करता है जो औद्योगिक संचालन की निरंतरता को सुनिश्चित करता है, जिससे उत्पादकता और लाभप्रदता बनी रहती है।
स्विचगियर के संचालन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऑपरेटर को संभावित विद्युत खतरों से बचाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सख्त सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।
संचालन के दौरान मुख्य सावधानियाँ
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व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment - PPE): किसी भी प्रकार का काम शुरू करने से पहले, ऑपरेटर को उचित पीपीई पहनना चाहिए। इसमें शामिल हैं:
- आर्क-फ्लैश सूट (Arc-Flash Suit): चाप (arc) के अचानक बनने से होने वाली गर्मी और विस्फोट से सुरक्षा के लिए।
- इन्सुलेटेड दस्ताने: बिजली के झटके से बचाने के लिए।
- सुरक्षात्मक जूते और हेलमेट: शारीरिक सुरक्षा के लिए।
- आँखों और चेहरे की सुरक्षा: आँखों और चेहरे को चाप और स्पार्क से बचाने के लिए।
- लॉकआउट-टैगआउट (Lockout-Tagout - LOTO): यह सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रक्रिया है। जब किसी सर्किट पर काम करना हो, तो उसे पूरी तरह से डी-एनर्जाइज्ड कर दिया जाता है। फिर उसे एक ताले से बंद कर दिया जाता है और उस पर एक टैग लगा दिया जाता है जिस पर लिखा हो कि काम चल रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी गलती से बिजली को वापस चालू न कर दे।
- इंटरलाक का पालन: स्विचगियर में लगे इंटरलॉक को कभी भी बायपास या निष्क्रिय नहीं करना चाहिए। ये इंटरलॉक यांत्रिक और विद्युत तंत्र हैं जो गलत और असुरक्षित संचालन को रोकते हैं।
- दूरी बनाए रखना: एनर्जाइज्ड उपकरणों से हमेशा एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें। किसी भी पैनल को खोलने या किसी भी हिस्से को छूने से पहले यह सुनिश्चित करें कि सर्किट डी-एनर्जाइज्ड है।
- उचित प्रशिक्षण: ऑपरेटर को स्विचगियर के प्रकार, उसके संचालन की प्रक्रियाओं और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए। बिना प्रशिक्षण के किसी भी उपकरण को नहीं छूना चाहिए।
इन सावधानियों का पालन करके,
ऑपरेटर और उपकरण दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
एसएफ6 (सल्फर हेक्साफ्लोराइड) स्विचगियर के उपयोग से जुड़ी सबसे बड़ी पर्यावरणीय चिंताएँ इसकी शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस क्षमता और लंबा वायुमंडलीय जीवनकाल हैं। मुख्य पर्यावरणीय चिंताएँ शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस: SF6 दुनिया की सबसे शक्तिशाली ज्ञात ग्रीनहाउस गैसों में से एक है। इसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (Global Warming Potential - GWP) कार्बन डाइऑक्साइड (CO_2) से 23,500 गुना अधिक है। इसका मतलब है कि एक किलोग्राम SF6 का वायुमंडल में रिसाव, 23,500 किलोग्राम CO_2 के बराबर ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव डालता है। अत्यधिक लंबा जीवनकाल: SF6 का वायुमंडलीय जीवनकाल लगभग 3,200 वर्ष है। एक बार जब यह वायुमंडल में उत्सर्जित होता है, तो यह सदियों तक ग्रह को गर्म करने की क्षमता रखता है। इस वजह से, इसके रिसाव को रोकना एक गंभीर पर्यावरणीय चुनौती है। विषैले उप-उत्पाद: हालांकि शुद्ध SF6 गैस गैर-विषाक्त होती है, लेकिन जब यह एक विद्युत चाप (electric arc) के संपर्क में आती है, तो यह विघटित होकर हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO_2) जैसे जहरीले और संक्षारक उप-उत्पाद बनाती है। ये गैसें पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन गंभीर चिंताओं के कारण, स्विचगियर उद्योग में SF6 के उपयोग को कम करने और वैक्यूम या शुष्क हवा (dry air) जैसी अधिक पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है।
आधुनिक स्विचगियर सुरक्षा डिज़ाइन के रुझान मुख्य रूप से कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने, विश्वसनीयता में सुधार करने, और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने पर केंद्रित हैं। पारंपरिक स्विचगियर की सीमाओं को दूर करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों और डिज़ाइनों को अपनाया जा रहा है।
प्रमुख रुझान
- चाप प्रतिरोधी डिज़ाइन (Arc-Resistant Design):
- यह सबसे महत्वपूर्ण रुझानों में से एक है। चाप प्रतिरोधी स्विचगियर को इस तरह से बनाया जाता है कि यदि कोई आंतरिक चाप दोष (internal arc fault) होता है, तो वह ऊर्जा को सुरक्षित रूप से सीमित और निर्देशित करता है। यह ऊर्जा को ऑपरेटर या आसपास के उपकरणों की ओर जाने से रोकता है, जिससे गंभीर चोट और क्षति से बचा जा सकता है।
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कम जगह की आवश्यकता:
- गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS): घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी एक बड़ी चुनौती है। जीआईएस, अपने कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के कारण, इस समस्या का समाधान करता है।
- वैक्यूम स्विचगियर: यह भी अपने छोटे आकार के कारण लोकप्रिय है, और इसे अक्सर पारंपरिक स्विचगियर को बदलने के लिए उपयोग किया जाता है।
- बुद्धिमान निगरानी और नियंत्रण (Intelligent Monitoring and Control):
- आधुनिक स्विचगियर में उन्नत सेंसर, संचार मॉड्यूल और सॉफ्टवेयर शामिल होते हैं। यह ऑपरेटरों को वास्तविक समय में सिस्टम की स्थिति की निगरानी करने, संभावित समस्याओं का पता लगाने और दूरस्थ रूप से संचालन करने की अनुमति देता है। यह प्रणाली को अधिक प्रतिक्रियाशील और कुशल बनाता है।
- पर्यावरण-अनुकूल सामग्री:
- SF6 गैस के पर्यावरणीय नुकसान के कारण, उद्योग अब इसके विकल्पों की ओर बढ़ रहा है। वैक्यूम और शुष्क हवा (dry-air) स्विचगियर जैसे विकल्प प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं क्योंकि वे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करते हैं।
- मॉड्यूलर डिज़ाइन (Modular Design):
- मॉड्यूलर डिज़ाइन स्विचगियर को आसानी से विस्तारित करने या पुनर्स्थापित करने की अनुमति देता है। यह भविष्य की आवश्यकताओं के लिए लचीलापन प्रदान करता है और डाउनटाइम को कम करता है।
संक्षेप में,
आधुनिक स्विचगियर डिज़ाइन सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाकर, पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित करके और संचालन को अधिक बुद्धिमान बनाकर विद्युत प्रणालियों को बेहतर बना रहा है।
400kV के लिए सबसे उपयुक्त स्विचगियर SF6 गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS) है। यह अपनी उच्च इन्सुलेशन क्षमता, विश्वसनीयता और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के कारण अल्ट्रा-हाई वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है।
400kV के लिए GIS ही क्यों?
- उत्कृष्ट इन्सुलेशन: 400kV जैसे बहुत उच्च वोल्टेज स्तर पर, हवा का उपयोग इन्सुलेशन के लिए पर्याप्त नहीं होता है क्योंकि इससे चाप (arc) और शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है। SF6 गैस में हवा की तुलना में 100 गुना अधिक इन्सुलेशन क्षमता होती है, जो इसे इस वोल्टेज स्तर के लिए सुरक्षित बनाती है।
- आर्क शमन: SF6 गैस में चाप को बुझाने की अद्भुत क्षमता होती है, जो दोष (fault) की स्थिति में उत्पन्न होने वाले शक्तिशाली विद्युत चाप को तुरंत और कुशलता से बुझा देती है। यह 400kV सिस्टम में उपकरणों को सुरक्षित रखता है।
- कॉम्पैक्टनेस: GIS का बंद और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन बहुत कम जगह लेता है। यह शहरी और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में 400kV सबस्टेशन स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है, जहाँ भूमि बहुत महंगी होती है।
- उच्च विश्वसनीयता: GIS एक पूरी तरह से सीलबंद प्रणाली है जो बाहरी पर्यावरणीय कारकों जैसे धूल, प्रदूषण, नमी और पक्षियों से सुरक्षित रहती है। यह बिजली गुल होने की संभावना को कम करता है और रखरखाव की आवश्यकता को भी घटाता है।
हालांकि,
एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (AIS) का उपयोग भी 400kV के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है और यह पर्यावरणीय प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इसलिए, अधिकांश नए और महत्वपूर्ण 400kV प्रतिष्ठानों में GIS को ही प्राथमिकता दी जाती है।
सीमित स्थान वाली साइटों के लिए, SF6 गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS) सबसे अच्छा और सबसे उपयुक्त विकल्प है।
GIS ही क्यों?
- अत्यधिक कॉम्पैक्ट डिज़ाइन: GIS अपने इन्सुलेशन माध्यम के रूप में SF6 गैस का उपयोग करता है, जिसमें हवा की तुलना में 100 गुना अधिक इन्सुलेशन क्षमता होती है। यह स्विचगियर के घटकों को एक-दूसरे के बहुत करीब रखने की अनुमति देता है, जिससे पूरे सबस्टेशन का आकार बहुत कम हो जाता है।
- भूमिगत या इनडोर इंस्टॉलेशन: इसका कॉम्पैक्ट आकार इसे इमारतों के अंदर, भूमिगत, या घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में स्थापित करने के लिए आदर्श बनाता है, जहाँ भूमि बहुत महंगी होती है।
अन्य विकल्प
- वैक्यूम स्विचगियर: यह भी एक बहुत अच्छा और कॉम्पैक्ट विकल्प है, खासकर मीडियम वोल्टेज (MV) अनुप्रयोगों के लिए। इसमें SF6 गैस की तुलना में कम जगह की आवश्यकता होती है।
- एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर (AIS): यह सीमित स्थान वाली साइटों के लिए सबसे कम उपयुक्त है क्योंकि यह हवा को इन्सुलेशन के लिए उपयोग करता है और इसे सुरक्षित संचालन के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है।
संक्षेप में,
जबकि वैक्यूम स्विचगियर एक अच्छा कॉम्पैक्ट विकल्प है, जीआईएस (GIS) सीमित स्थान वाली साइटों के लिए अंतिम समाधान है, खासकर उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों में।
रेगिस्तानी परिस्थितियों में स्विचगियर को कई कठोर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि अत्यधिक उच्च तापमान, धूल, रेत के तूफान, और कम नमी। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, स्विचगियर को विशेष रूप से डिज़ाइन किया जाता है ताकि यह विश्वसनीय और सुरक्षित रूप से काम कर सके।
प्रमुख चुनौतियाँ और समाधान
- रेत और धूल: यह रेगिस्तानी परिस्थितियों में सबसे बड़ी चुनौती है। रेत के छोटे कण स्विचगियर के खुले हिस्सों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे इन्सुलेशन क्षतिग्रस्त हो सकता है, मूविंग पार्ट्स (moving parts) जाम हो सकते हैं, और आंतरिक शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
- समाधान: इस समस्या से निपटने के लिए, गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS) और धातु-संलग्न (metal-enclosed) डिज़ाइन सबसे उपयुक्त हैं। ये प्रणालियाँ पूरी तरह से सीलबंद होती हैं, जिससे रेत या धूल अंदर नहीं जा पाती।
- उच्च तापमान: रेगिस्तान में तापमान बहुत अधिक हो सकता है। यह गर्मी स्विचगियर के घटकों को गर्म कर सकती है, जिससे उनकी दक्षता कम हो जाती है और उनका जीवनकाल छोटा हो सकता है।
- समाधान: स्विचगियर को ऐसे घटकों के साथ डिज़ाइन किया जाता है जो उच्च तापमान को सहन कर सकें। अतिरिक्त पंखे या एयर कंडीशनिंग इकाइयाँ भी लगाई जा सकती हैं।
- कम नमी: रेगिस्तान में हवा बहुत शुष्क होती है। यह स्टैटिक बिजली (static electricity) के जोखिम को बढ़ा सकती है, जो उपकरण के लिए खतरनाक हो सकता है।
- समाधान: इसे रोकने के लिए, स्विचगियर में एक मजबूत और प्रभावी अर्थिंग प्रणाली होना अनिवार्य है जो किसी भी स्टैटिक चार्ज को तुरंत जमीन में भेज दे।
- जंग: कुछ तटीय रेगिस्तानी क्षेत्रों में, हवा में नमक की मात्रा अधिक हो सकती है, जिससे जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- समाधान: स्विचगियर के आवरण (enclosure) को जंग-प्रतिरोधी सामग्री या विशेष कोटिंग्स के साथ बनाया जाता है।
इन चुनौतियों के कारण,
रेगिस्तानी परिस्थितियों के लिए डिज़ाइन किए गए स्विचगियर को मजबूत, सीलबंद और उच्च तापमान को सहन करने वाला होना चाहिए ताकि वे लंबे समय तक विश्वसनीय प्रदर्शन कर सकें।
तटीय क्षेत्रों में स्विचगियर को कई विशिष्ट पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें मुख्य रूप से नमक वाली हवा, उच्च आर्द्रता और जंग शामिल हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, स्विचगियर को विशेष रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया जाता है ताकि यह विश्वसनीय रूप से काम कर सके।
प्रमुख चुनौतियाँ और समाधान
- नमक और जंग (Salt and Corrosion): तटीय हवा में नमक के कण होते हैं जो स्विचगियर के धातु के हिस्सों और इंसुलेटर पर जमा हो सकते हैं। ये जमाव जंग लगने का कारण बनते हैं और इंसुलेटर की सतह पर एक प्रवाहकीय (conductive) परत बनाते हैं, जिससे फ्लैशओवर (flashover) और शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है।
- समाधान: इस समस्या से निपटने के लिए, स्विचगियर के आवरण (enclosure) और अन्य धातु भागों को जंग-प्रतिरोधी सामग्री (जैसे स्टेनलेस स्टील या एल्यूमीनियम) से बनाया जाता है और उन पर विशेष एंटी-करोशन कोटिंग लगाई जाती है। सीलबंद डिज़ाइन, जैसे गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर (GIS), को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि वे नमक और नमी को आंतरिक घटकों तक पहुँचने से रोकते हैं।
- उच्च आर्द्रता और नमी: तटीय क्षेत्रों में हवा में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह स्विचगियर के अंदर संघनन (condensation) का कारण बन सकती है, जो इन्सुलेशन को कमजोर कर सकता है और बिजली के रिसाव को बढ़ा सकता है।
- समाधान: नमी को नियंत्रित करने के लिए, स्विचगियर के डिब्बों के अंदर हीटर और dehumidifier लगाए जाते हैं। इसके अलावा, आवरण को पूरी तरह से सील किया जाता है ताकि नमी अंदर न जा सके।
- रखरखाव: तटीय क्षेत्रों में स्विचगियर को अधिक लगातार और गहन रखरखाव की आवश्यकता होती है। इंसुलेटर और आवरण की सतहों को नियमित रूप से साफ किया जाता है ताकि नमक के जमाव को हटाया जा सके।
संक्षेप में,
तटीय क्षेत्रों में स्विचगियर को मजबूत, जंग-प्रतिरोधी और सीलबंद होना चाहिए ताकि यह कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी सुरक्षित और विश्वसनीय प्रदर्शन कर सके।
स्विचगियर में विफलताएँ कई कारणों से हो सकती हैं, जो मुख्य रूप से विद्युत, यांत्रिक या पर्यावरणीय कारकों से जुड़ी होती हैं। इन विफलताओं से बिजली की आपूर्ति में व्यवधान आ सकता है और उपकरणों को गंभीर क्षति हो सकती है।
सामान्य विफलताएँ और उनके कारण
- इन्सुलेशन विफलता (Insulation Failure)
- कारण: यह स्विचगियर में सबसे आम विफलताओं में से एक है। नमी, धूल, प्रदूषण या उम्र बढ़ने के कारण इन्सुलेशन सामग्री की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिससे शॉर्ट सर्किट या फ्लैशओवर हो सकता है।
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यांत्रिक विफलताएँ (Mechanical Failures)
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कारण: यह तब होता है जब सर्किट ब्रेकर या अन्य स्विच का यांत्रिक तंत्र ठीक से काम नहीं करता है। इसके मुख्य कारण हैं:
- रखरखाव की कमी: चिकनाई (lubrication) की कमी या जंग लगने से चलती हुई पुर्जे जाम हो सकते हैं।
- संपर्क की विफलता: ढीले या क्षतिग्रस्त विद्युत संपर्क (contacts) प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी पैदा होती है और आग लगने का जोखिम बढ़ जाता है।
-
कारण: यह तब होता है जब सर्किट ब्रेकर या अन्य स्विच का यांत्रिक तंत्र ठीक से काम नहीं करता है। इसके मुख्य कारण हैं:
- अत्यधिक करंट और चाप (Excessive Current and Arcing)
- कारण: शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड की स्थिति में, अत्यधिक करंट बहता है। यदि सुरक्षा प्रणाली (रिले और सर्किट ब्रेकर) तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करती है, तो यह अत्यधिक गर्मी और शक्तिशाली विद्युत चाप (arc flash) उत्पन्न कर सकता है, जिससे उपकरण पिघल सकते हैं।
- नियंत्रण प्रणाली की विफलता (Control System Failure)
- कारण: रिले, सेंसर या वायरिंग में खराबी के कारण नियंत्रण प्रणाली विफल हो सकती है। यदि यह प्रणाली काम करना बंद कर देती है, तो स्विचगियर दोष का पता लगाने या प्रतिक्रिया करने में असमर्थ हो सकता है, जिससे एक बड़ी विफलता हो सकती है।
- पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Factors)
- कारण: कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियां विफलताओं को जन्म दे सकती हैं। उदाहरण के लिए, रेगिस्तानी क्षेत्रों में धूल और रेत, तटीय क्षेत्रों में नमक और नमी, और अत्यधिक तापमान स्विचगियर के प्रदर्शन और जीवनकाल को प्रभावित कर सकते हैं।
इन विफलताओं से बचने के लिए नियमित रखरखाव और निवारक परीक्षण (preventive testing) आवश्यक हैं।
स्विचगियर का सामान्य जीवनकाल उसके प्रकार, रखरखाव और परिचालन की स्थितियों पर निर्भर करता है। औसतन, अधिकांश स्विचगियर 20 से 40 वर्ष तक चल सकते हैं।
जीवनकाल को प्रभावित करने वाले कारक
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स्विचगियर का प्रकार:
- आधुनिक स्विचगियर: वैक्यूम और एसएफ6 (SF6) स्विचगियर, अपने सीलबंद और कम रखरखाव वाले डिज़ाइन के कारण, आमतौर पर 30 से 50 वर्ष तक का जीवनकाल रखते हैं।
- पुराना स्विचगियर: तेल-रोधी (oil-insulated) और पुराने एयर-इंसुलेटेड स्विचगियर का जीवनकाल कम होता है, जो आमतौर पर 20 से 30 वर्ष के बीच होता है, क्योंकि उन्हें अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- रखरखाव:
- नियमित और उचित रखरखाव स्विचगियर के जीवनकाल को काफी हद तक बढ़ा सकता है। घटकों की सफाई, चिकनाई (lubrication) और निवारक परीक्षण (preventive testing) विफलताओं को रोकते हैं और उनके जीवनकाल को लंबा करते हैं।
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परिचालन और पर्यावरणीय स्थिति:
- कठोर वातावरण: रेगिस्तानी या तटीय क्षेत्रों में स्थित स्विचगियर को धूल, रेत, नमी और नमक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो अगर ठीक से सुरक्षित न किया जाए तो उसके जीवनकाल को कम कर सकते हैं।
- भार (Load): बार-बार स्विचिंग या भारी भार के तहत लगातार संचालन भी घटकों पर तनाव डालता है, जिससे उनकी उम्र घट सकती है।
संक्षेप में,
जबकि 20 से 40 वर्ष एक सामान्य अनुमान है, उचित देखभाल के साथ, एक अच्छी तरह से बनाए रखा गया स्विचगियर इससे भी अधिक समय तक चल सकता है।
स्विचगियर में स्थिति निगरानी (Condition Monitoring) एक उन्नत तकनीक है जो उपकरणों की स्वास्थ्य स्थिति की लगातार जाँच करती है ताकि संभावित विफलताओं का अनुमान लगाया जा सके और उन्हें होने से पहले ही ठीक किया जा सके। यह निवारक रखरखाव के बजाय एक सक्रिय (proactive) दृष्टिकोण है।
यह कैसे काम करता है?
स्थिति निगरानी के लिए स्विचगियर में कई सेंसर और मॉनिटरिंग डिवाइस लगाए जाते हैं जो वास्तविक समय (real-time) में महत्वपूर्ण मापदंडों पर डेटा एकत्र करते हैं। इस डेटा का विश्लेषण करके, ऑपरेटरों को उपकरण की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
- तापमान: सेंसर विद्युत कनेक्शन और सर्किट ब्रेकर के संपर्कों का तापमान मापते हैं। बढ़ा हुआ तापमान ढीले कनेक्शन या ओवरलोडिंग का संकेत हो सकता है।
- आंशिक निर्वहन (Partial Discharge): यह एक प्रमुख संकेतक है जो इन्सुलेशन की गिरावट को दर्शाता है। सेंसर इन्सुलेशन के अंदर होने वाले छोटे विद्युत निर्वहन का पता लगाते हैं।
- दबाव: SF6 गैस-इंसुलेटेड स्विचगियर में, गैस के दबाव की लगातार निगरानी की जाती है। दबाव में कमी से रिसाव का पता चलता है।
- यांत्रिक स्थिति: कुछ सेंसर सर्किट ब्रेकर के चलने वाले हिस्सों के कंपन और गति को मापते हैं ताकि किसी भी यांत्रिक समस्या का पता लगाया जा सके।
इसके लाभ
- डाउनटाइम में कमी: संभावित विफलताओं का पहले से ही पता लगाकर, रखरखाव को योजनाबद्ध किया जा सकता है, जिससे अचानक होने वाली बिजली कटौती को टाला जा सकता है।
- रखरखाव लागत में कमी: स्थिति के आधार पर रखरखाव करने से अनावश्यक निरीक्षण और मरम्मत से बचा जा सकता है।
- विश्वसनीयता में वृद्धि: प्रणाली की लगातार निगरानी यह सुनिश्चित करती है कि वह हमेशा इष्टतम स्थिति में रहे।
संक्षेप में,
स्थिति निगरानी आधुनिक स्विचगियर का एक अनिवार्य हिस्सा है जो इसे अधिक बुद्धिमान, कुशल और विश्वसनीय बनाता है।
स्विचगियर में कमीशनिंग पूर्व परीक्षण (Pre-commissioning Tests) वे महत्वपूर्ण जाँचें हैं जो किसी भी नए या अपग्रेड किए गए स्विचगियर प्रणाली को चालू करने से पहले की जाती हैं। इन परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्थापना सही ढंग से हुई है, सभी घटक ठीक से काम कर रहे हैं और प्रणाली सुरक्षित रूप से संचालन के लिए तैयार है।
मुख्य परीक्षण
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इन्सुलेशन प्रतिरोध परीक्षण (Insulation Resistance Test):
- यह परीक्षण मेगर (Megger) का उपयोग करके किया जाता है।
- यह जांचा जाता है कि स्विचगियर के लाइव हिस्सों और ग्राउंडेड बॉडी के बीच इन्सुलेशन कितना मजबूत है। यदि प्रतिरोध कम है, तो यह नमी या इन्सुलेशन दोष का संकेत हो सकता है।
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सर्किट ब्रेकर का परीक्षण (Circuit Breaker Test):
- इस परीक्षण में सर्किट ब्रेकर की यांत्रिक और विद्युत कार्यप्रणाली की जाँच की जाती है।
- इसके खुलने और बंद होने का समय मापा जाता है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह ट्रिप सिग्नल पर सही ढंग से प्रतिक्रिया दे रहा है।
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प्रोटेक्टिव रिले का परीक्षण (Protective Relay Test):
- यह सबसे महत्वपूर्ण परीक्षणों में से एक है।
- रिले को दोष की स्थिति का अनुकरण करके परीक्षण किया जाता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह सही समय पर और सही करंट या वोल्टेज स्तर पर सर्किट ब्रेकर को ट्रिप सिग्नल भेजता है।
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अर्थिंग निरंतरता परीक्षण (Earthing Continuity Test):
- यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि स्विचगियर का अर्थिंग कनेक्शन मजबूत और कम प्रतिरोध वाला है।
- उचित अर्थिंग कर्मियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- संपर्क प्रतिरोध परीक्षण (Contact Resistance Test):
- यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि सर्किट ब्रेकर और अन्य स्विचों के संपर्क (contacts) ढीले या क्षतिग्रस्त नहीं हैं, क्योंकि ढीले संपर्क अत्यधिक गर्मी पैदा कर सकते हैं।
इन परीक्षणों को पूरा करने के बाद ही स्विचगियर को सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन के लिए माना जाता है।
परावैद्युत शक्ति परीक्षण (Dielectric Strength Test) एक महत्वपूर्ण जाँच है जो किसी भी विद्युत इन्सुलेटिंग सामग्री की क्षमता का आकलन करने के लिए की जाती है कि वह बिना टूटे (breakdown) उच्च वोल्टेज का सामना कर सकती है या नहीं। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि स्विचगियर में उपयोग किए जाने वाले इन्सुलेटर और माध्यम सुरक्षित और विश्वसनीय हैं।
उद्देश्य और कार्यप्रणाली
- उद्देश्य: इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य इन्सुलेटिंग सामग्री की गुणवत्ता और अखंडता की पुष्टि करना है। यह सुनिश्चित करता है कि इन्सुलेशन नमी, उम्र बढ़ने या भौतिक क्षति के कारण कमजोर नहीं हुआ है। यदि इन्सुलेशन की परावैद्युत शक्ति कम है, तो यह विद्युत चाप (electric arc) या शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकता है, जिससे उपकरण और कर्मियों को खतरा हो सकता है।
- कार्यप्रणाली: परीक्षण के दौरान, इन्सुलेटिंग सामग्री पर धीरे-धीरे बढ़ते हुए उच्च वोल्टेज को लगाया जाता है। जिस वोल्टेज स्तर पर सामग्री अपनी इन्सुलेटिंग क्षमता खो देती है और एक विद्युत मार्ग (conductive path) बन जाता है, उसे उसकी परावैद्युत शक्ति (dielectric strength) कहा जाता है।
स्विचगियर में उपयोग
स्विचगियर में, इस परीक्षण का उपयोग विभिन्न घटकों पर किया जाता है:
- इंसुलेटर: पोर्सिलेन या पॉलिमर से बने इंसुलेटर पर यह परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे निर्दिष्ट वोल्टेज का सामना कर सकते हैं।
- सर्किट ब्रेकर: सर्किट ब्रेकर के आंतरिक इन्सुलेशन (जैसे SF6 गैस, तेल या वैक्यूम) और उसके संपर्कों (contacts) के बीच की दूरी की जांच की जाती है।
- बस बार और केबल: बस बार और केबलों पर लगे इन्सुलेशन को भी इस परीक्षण से गुजारा जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे संचालन के दौरान विफल नहीं होंगे।
संक्षेप में,
परावैद्युत शक्ति परीक्षण एक गुणवत्ता नियंत्रण उपाय है जो स्विचगियर की समग्र सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है।
दूरस्थ संचालन (Remote Operation) को लागू करना स्विचगियर को एक स्मार्ट और कुशल प्रणाली में बदल देता है। यह एक आधुनिक प्रक्रिया है जिसमें ऑपरेटर स्विचगियर को शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बिना, एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र से नियंत्रित और निगरानी कर सकते हैं। यह बुद्धिमान उपकरणों, संचार नेटवर्क और एक केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली के संयोजन से संभव होता है।
मुख्य घटक
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बुद्धिमान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Intelligent Electronic Devices - IEDs):
- ये स्विचगियर के भीतर स्थापित माइक्रोप्रोसेसर-आधारित उपकरण होते हैं।
- आईईडीएस सेंसर से डेटा (जैसे करंट, वोल्टेज और तापमान) एकत्र करते हैं, सुरक्षात्मक तर्क (protection logic) लागू करते हैं, और दूरस्थ आदेशों को निष्पादित करते हैं।
- संचार नेटवर्क:
- आईईडीएस और केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली के बीच डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए एक विश्वसनीय संचार नेटवर्क (जैसे फाइबर ऑप्टिक्स, रेडियो या सेल्युलर नेटवर्क) की आवश्यकता होती है।
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एससीएडीए प्रणाली (SCADA System):
- एससीएडीए (Supervisory Control and Data Acquisition) प्रणाली एक केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली है जो ऑपरेटरों के लिए एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करती है।
- यह स्विचगियर की स्थिति के बारे में वास्तविक समय (real-time) का डेटा दिखाती है और ऑपरेटरों को दूर से कमांड भेजने की अनुमति देती है।
कार्यान्वयन प्रक्रिया
- डेटा अधिग्रहण: आईईडीएस स्विचगियर से लगातार डेटा एकत्र करते हैं और इसे डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करते हैं।
- डेटा ट्रांसमिशन: यह डिजिटल डेटा संचार नेटवर्क के माध्यम से एससीएडीए प्रणाली को भेजा जाता है।
- दूरस्थ नियंत्रण: जब ऑपरेटर को स्विचगियर को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है (जैसे सर्किट ब्रेकर को बंद या चालू करना), तो वे एससीएडीए इंटरफ़ेस पर कमांड भेजते हैं।
- आदेश निष्पादन: एससीएडीए प्रणाली इस कमांड को नेटवर्क के माध्यम से संबंधित आईईडीएस तक पहुंचाती है, जो फिर कमांड को निष्पादित करता है।
दूरस्थ संचालन कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाता है,
दोषों पर प्रतिक्रिया का समय कम करता है, और प्रणाली की परिचालन दक्षता में काफी सुधार करता है।
इनडोर और आउटडोर स्विचगियर में मुख्य अंतर यह है कि इनडोर स्विचगियर को इमारतों या बंद स्थानों के अंदर स्थापित किया जाता है, जबकि आउटडोर स्विचगियर को सीधे खुले आसमान के नीचे और कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
इनडोर स्विचगियर
- डिज़ाइन: यह आमतौर पर एक धातु के आवरण (metal-enclosed) में होता है और इसे धूल, नमी और अन्य बाहरी कारकों से बचाने के लिए बनाया जाता है, क्योंकि यह एक नियंत्रित वातावरण में होता है।
- उपयोग: इसका उपयोग अक्सर औद्योगिक संयंत्रों, वाणिज्यिक भवनों और शहरी सबस्टेशनों में होता है जहाँ जगह सीमित होती है और सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है।
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लाभ:
- यह बाहरी मौसम की स्थिति से सुरक्षित रहता है, जिससे इसका जीवनकाल बढ़ जाता है।
- इसका रखरखाव आसान होता है क्योंकि यह एक साफ और सूखे वातावरण में होता है।
- यह कर्मियों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
आउटडोर स्विचगियर
- डिज़ाइन: इसे मौसम-प्रतिरोधी और जंग-प्रतिरोधी बनाया जाता है। इसके घटक या तो एक मजबूत, मौसम-प्रतिरोधी बाड़े में होते हैं या सीधे हवा में खुले होते हैं।
- उपयोग: इसका उपयोग आमतौर पर बड़े सबस्टेशनों, बिजली उत्पादन संयंत्रों और लंबी ट्रांसमिशन लाइनों में होता है, जहाँ बहुत अधिक जगह उपलब्ध होती है।
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लाभ:
- इसे किसी अलग इमारत की आवश्यकता नहीं होती, जिससे निर्माण लागत कम हो जाती है।
- यह उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है क्योंकि इसके घटकों के बीच दूरी अधिक होती है, जिससे इन्सुलेशन की आवश्यकता कम होती है।
संक्षेप में,
चुनाव स्थान, वोल्टेज स्तर, सुरक्षा आवश्यकताओं और उपलब्ध जगह पर निर्भर करता है।
एआईएस (AIS - Air-Insulated Switchgear) और जीआईएस (GIS - Gas-Insulated Switchgear) दो मुख्य प्रकार की स्विचगियर प्रौद्योगिकियाँ हैं। उनके बीच का सबसे बड़ा अंतर उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले इन्सुलेशन माध्यम में है। एआईएस में हवा का उपयोग होता है, जबकि जीआईएस में SF6 गैस का उपयोग होता है।
तुलनात्मक सारणी
प्रमुख अंतर
- जगह: एआईएस को अपने इन्सुलेशन के लिए हवा पर निर्भरता के कारण अधिक दूरी की आवश्यकता होती है, जिससे इसका आकार बड़ा होता है। जीआईएस, SF6 गैस के बेहतर इन्सुलेशन गुणों के कारण, बहुत ही कॉम्पैक्ट होता है।
- सुरक्षा और विश्वसनीयता: जीआईएस पूरी तरह से सीलबंद होता है, जिससे यह धूल, नमी और जानवरों से सुरक्षित रहता है। यह इसे अधिक विश्वसनीय बनाता है और चाप (arc) के जोखिम को कम करता है। एआईएस बाहरी कारकों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है।
- लागत: एआईएस की प्रारंभिक लागत कम होती है, लेकिन इसकी परिचालन लागत (उच्च रखरखाव के कारण) अधिक हो सकती है। जीआईएस की प्रारंभिक लागत अधिक होती है, लेकिन कम रखरखाव के कारण लंबी अवधि में यह अधिक किफायती हो सकता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: एआईएस पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, जबकि जीआईएस में SF6 गैस का रिसाव एक गंभीर पर्यावरणीय चिंता है क्योंकि यह एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
कुल मिलाकर,
एआईएस बड़े स्थानों और कम बजट वाले परियोजनाओं के लिए एक उपयुक्त विकल्प है, जबकि जीआईएस शहरी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के लिए सबसे अच्छा है जहाँ जगह सीमित हो और उच्च विश्वसनीयता की आवश्यकता हो।
स्विचगियर में तेल, एसएफ6, और वैक्यूम का उपयोग उनके इन्सुलेटिंग और चाप (arc) को बुझाने के माध्यमों के आधार पर किया जाता है। प्रत्येक तकनीक के अपने फायदे और नुकसान हैं, जो उन्हें विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
तुलनात्मक सारणी
विस्तृत विवरण
तेल स्विचगियर (Oil Switchgear): यह एक पुरानी तकनीक है जो चाप को बुझाने और इन्सुलेशन प्रदान करने के लिए तेल का उपयोग करती है। इसका सबसे बड़ा नुकसान आग और विस्फोट का जोखिम है, जिससे इसे आधुनिक प्रणालियों में कम पसंद किया जाता है। इसे नियमित तेल रखरखाव की भी आवश्यकता होती है।
एसएफ6 स्विचगियर (SF6 Switchgear): यह अपनी असाधारण इन्सुलेटिंग और चाप बुझाने की क्षमताओं के कारण हाई वोल्टेज अनुप्रयोगों में एक लोकप्रिय विकल्प है। यह बहुत कॉम्पैक्ट और विश्वसनीय है, लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि SF6 एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है।
वैक्यूम स्विचगियर (Vacuum Switchg ear): यह एक आधुनिक और सबसे सुरक्षित तकनीक है जो चाप को बुझाने के लिए वैक्यूम का उपयोग करती है। यह पर्यावरण के अनुकूल है, इसे लगभग कोई रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है, और यह आग या विस्फोट का कोई जोखिम नहीं रखता है। यह आजकल मीडियम वोल्टेज अनुप्रयोगों में सबसे पसंदीदा विकल्प है।
उच्च वोल्टेज (HV) और निम्न वोल्टेज (LV) स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनके द्वारा संचालित वोल्टेज स्तर है।
एचवी (HV) स्विचगियर
- वोल्टेज रेटिंग: 1000 वोल्ट (1 kV) से ऊपर के वोल्टेज को संभालता है। आमतौर पर, 33kV से ऊपर के वोल्टेज को उच्च वोल्टेज माना जाता है।
- उपयोग: इसका उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और बड़े औद्योगिक सुविधाओं में होता है जहाँ बिजली को लंबी दूरी पर वितरित किया जाता है।
- डिज़ाइन: एचवी स्विचगियर का डिज़ाइन बड़ा और अधिक मजबूत होता है। इसमें चाप (arc) को प्रभावी ढंग से बुझाने के लिए SF6 गैस या वैक्यूम जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग होता है।
- सुरक्षा: एचवी स्विचगियर में सुरक्षा के लिए विशेष "पांच-निवारक" इंटरलॉक प्रणाली होती है ताकि गलत संचालन और दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
एलवी (LV) स्विचगियर
- वोल्टेज रेटिंग: 1000 वोल्ट (1 kV) या उससे कम वोल्टेज पर काम करता है।
- उपयोग: इसका उपयोग आवासीय, वाणिज्यिक भवनों और छोटे औद्योगिक संयंत्रों में बिजली वितरण के लिए होता है।
- डिज़ाइन: एलवी स्विचगियर का डिज़ाइन कॉम्पैक्ट और मॉड्यूलर होता है। इसमें आमतौर पर एयर-इंसुलेटेड सर्किट ब्रेकर और फ़्यूज़ का उपयोग होता है।
- सुरक्षा: इसमें सुरक्षा के लिए बुनियादी इंटरलॉक और पैनल होते हैं, लेकिन एचवी स्विचगियर के समान जटिल नहीं होते।
संक्षेप में,
एचवी स्विचगियर का उपयोग बड़े पैमाने पर बिजली के संचरण और वितरण के लिए होता है, जबकि एलवी स्विचगियर अंतिम उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने के लिए होता है।
निश्चित और निकासी योग्य प्रकार के स्विचगियर के बीच मुख्य अंतर उनकी रखरखाव और स्थापना की विधि में है। निश्चित प्रकार स्थायी रूप से लगे होते हैं, जबकि निकासी योग्य प्रकार को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है, जिससे रखरखाव के दौरान समय की बचत होती है।
निश्चित प्रकार (Fixed Type)
- डिज़ाइन: इस प्रकार के स्विचगियर में, सर्किट ब्रेकर और अन्य घटक पैनल के भीतर स्थायी रूप से बोल्ट किए जाते हैं। उन्हें हटाया नहीं जा सकता।
- रखरखाव: यदि किसी घटक को मरम्मत या बदलने की आवश्यकता होती है, तो पूरे स्विचगियर या उसके एक बड़े हिस्से को बंद करना पड़ता है। इससे डाउनटाइम (down-time) बढ़ जाता है।
- उपयोग: यह उन अनुप्रयोगों में सबसे अच्छा होता है जहाँ लागत सबसे महत्वपूर्ण होती है और डाउनटाइम स्वीकार्य होता है, जैसे छोटे औद्योगिक संयंत्र या कम महत्वपूर्ण वितरण प्रणालियाँ।
निकासी योग्य प्रकार (Draw-out Type)
- डिज़ाइन: इसमें सर्किट ब्रेकर, फ़्यूज़ और अन्य घटक एक स्लाइडिंग या निकालने योग्य गाड़ी (movable carriage) पर लगे होते हैं।
- रखरखाव: यह सबसे बड़ा लाभ है। किसी भी दोषपूर्ण घटक को पूरे स्विचगियर को बंद किए बिना आसानी से बाहर निकाला जा सकता है और उसकी जगह एक स्पेयर यूनिट लगाई जा सकती है। इससे मरम्मत का समय बहुत कम हो जाता है। मरम्मत किए गए घटक को बाद में ऑफ़लाइन काम किया जा सकता है।
- उपयोग: यह अस्पतालों, डेटा केंद्रों, और बड़ी औद्योगिक सुविधाओं जैसे महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में उपयोग होता है जहाँ बिजली की निरंतरता अनिवार्य होती है।
निष्कर्ष रूप में,
निश्चित प्रकार कम लागत वाले होते हैं, लेकिन निकासी योग्य प्रकार परिचालन में अधिक लचीलापन और विश्वसनीयता प्रदान करते हैं, जिससे डाउनटाइम बहुत कम हो जाता है।
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