पंपों के प्रकार ( Types of Pumps )
पंप एक ऐसा यांत्रिक उपकरण है जो तरल पदार्थ (जैसे पानी, तेल, या अन्य तरल) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित करता है या उसका दबाव बढ़ाता है।
ये मुख्य रूप से दो प्रमुख श्रेणियों में आते हैं:
1. सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pumps)
ये पंप हर ऑपरेशन साइकिल में एक निश्चित मात्रा में तरल को स्थानांतरित करते हैं, चाहे आउटलेट पर दबाव कितना भी हो। ये आमतौर पर उच्च दबाव और कम प्रवाह दर (flow rate) के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- पिस्टन पंप (Piston Pump): एक पिस्टन का उपयोग करके तरल को खींचते और धकेलते हैं।
- डायाफ्राम पंप (Diaphragm Pump): एक लचीले डायाफ्राम का उपयोग करके तरल को खींचते और बाहर निकालते हैं। ये अक्सर संक्षारक तरल पदार्थों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- रोटरी पंप (Rotary Pump): इनमें गियर, लोब या वैन (vanes) जैसे घूमने वाले घटक होते हैं जो तरल को स्थानांतरित करते हैं। ये शांत और कंपन-मुक्त होते हैं।
2. गतिज पंप (Kinetic Pumps)
ये पंप तरल की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) को बढ़ाकर उसे स्थानांतरित करते हैं। ये उच्च प्रवाह दर और कम से मध्यम दबाव के लिए उपयोग किए जाते हैं।
केंद्रत्यागी पंप (Centrifugal Pump) या सेंट्रीफ्यूगल पंप एक प्रकार का गतिज पंप (Kinetic Pump) है जो तरल पदार्थ की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) को बढ़ाकर उसका दबाव बढ़ाता है। यह पंप अपनी कार्यप्रणाली के कारण सबसे आम और व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले पंपों में से एक है।
कार्यप्रणाली
केंद्रत्यागी पंप का सिद्धांत बहुत सरल है: यह घूर्णन (rotation) के माध्यम से तरल में ऊर्जा स्थानांतरित करता है।
सक्शन (Suction): जब पंप का इंपेलर (impeller) घूमना शुरू करता है, तो उसके केंद्र में एक कम दबाव वाला क्षेत्र (low-pressure zone) बनता है। यह कम दबाव बाहर के वातावरण से तरल को खींचता है और पंप में प्रवेश कराता है।
वेग में वृद्धि: तरल इंपेलर की आंखों (eye) से प्रवेश करता है और ब्लेड (blades) के साथ घूमता है। इंपेलर की तेज गति से घूमने के कारण, तरल को गतिज ऊर्जा मिलती है और उसका वेग (velocity) बहुत बढ़ जाता है।
दबाव में वृद्धि: अत्यधिक वेग वाला तरल इंपेलर से बाहर निकलकर पंप के वॉल्यूट केसिंग (volute casing) में प्रवेश करता है। यह केसिंग एक सर्पिल आकार का चैनल होता है जो धीरे-धीरे चौड़ा होता जाता है। जैसे ही तरल इस चौड़े होते चैनल में प्रवेश करता है, उसका वेग कम होता है, लेकिन बर्नौली के सिद्धांत (Bernoulli's principle) के अनुसार, उसका दबाव बढ़ जाता है।
निर्गमन (Discharge): बढ़े हुए दबाव वाला तरल अंत में पंप के डिस्चार्ज पाइप से बाहर निकल जाता है।
केंद्रत्यागी पंप के मुख्य भाग
- इंपेलर (Impeller): यह पंप का घूमने वाला भाग है जिसमें ब्लेड लगे होते हैं। यह तरल को गतिज ऊर्जा देता है।
- केसिंग (Casing): यह एक स्थिर कवर है जो इंपेलर को घेरे रहता है। इसका काम तरल के वेग को दबाव में बदलना है।
- शाफ्ट (Shaft): यह वह रॉड है जो मोटर से शक्ति प्राप्त कर इंपेलर को घुमाती है।
- सील (Seals): ये शाफ्ट के चारों ओर लगे होते हैं ताकि पंप से तरल का रिसाव न हो।
उपयोग
केंद्रत्यागी पंपों का उपयोग उनके सरल डिज़ाइन, उच्च प्रवाह दर और विश्वसनीयता के कारण कई अनुप्रयोगों में होता है।
- कृषि: सिंचाई के लिए पानी पंप करने में।
- घरेलू उपयोग: पानी की टंकी भरने और जल निकासी में।
- उद्योग: रासायनिक प्रसंस्करण, तेल रिफाइनरियों और HVAC (Heating, Ventilation, and Air Conditioning) प्रणालियों में।
- पानी की आपूर्ति: नगर पालिकाओं द्वारा जल वितरण प्रणालियों में।
डायाफ्राम पंप (Diaphragm Pump), जिसे झिल्ली पंप (Membrane Pump) के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है। यह पंप एक लचीले डायाफ्राम (झिल्ली) का उपयोग करके तरल पदार्थ को खींचता और धकेलता है।
कार्यप्रणाली
डायाफ्राम पंप की कार्यप्रणाली दो स्ट्रोक में होती है:
- सक्शन स्ट्रोक (Suction Stroke): जब पंप के अंदर का डायाफ्राम पीछे की ओर खींचा जाता है, तो पंप के अंदर एक वैक्यूम (vacuum) या कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है। यह वैक्यूम इनलेट वाल्व को खोलता है और तरल को पंप के अंदर खींचता है।
- डिस्चार्ज स्ट्रोक (Discharge Stroke): जब डायाफ्राम आगे की ओर धकेला जाता है, तो यह तरल को कंप्रेस करता है, जिससे इनलेट वाल्व बंद हो जाता है और आउटलेट वाल्व खुल जाता है। यह दबा हुआ तरल फिर आउटलेट पाइप से बाहर निकल जाता है।
यह प्रक्रिया लगातार दोहराई जाती है, जिससे तरल का निरंतर प्रवाह बना रहता है।
डायाफ्राम पंप के फायदे
- कोई रिसाव नहीं: डायाफ्राम पंप में शाफ्ट सील (shaft seal) नहीं होती, जिससे तरल का रिसाव नहीं होता। यह संक्षारक (corrosive), विषाक्त (toxic) या खतरनाक तरल पदार्थों के लिए आदर्श है।
- प्राइमिंग की आवश्यकता नहीं: ये पंप स्वयं-प्राइमिंग (self-priming) होते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें काम शुरू करने के लिए तरल से भरने की आवश्यकता नहीं होती।
- शुष्क-संचालन क्षमता: कुछ मॉडल बिना किसी तरल के भी थोड़ी देर तक चल सकते हैं।
- क्षति से बचाव: ये पंप हल्के घर्षण वाले तरल पदार्थों को भी बिना क्षति पहुंचाए पंप कर सकते हैं।
उपयोग
- रासायनिक उद्योग: एसिड, सॉल्वैंट्स और अन्य खतरनाक रसायनों को पंप करने के लिए।
- फार्मास्यूटिकल उद्योग: दवाओं और अन्य स्वच्छ तरल पदार्थों को संभालने के लिए।
- भोजन और पेय: खाद्य ग्रेड तरल पदार्थों को स्थानांतरित करने के लिए।
- जल उपचार: पानी से अशुद्धियों को अलग करने और रासायनिक डोजिंग के लिए।
- पेंट उद्योग: पेंट और कोटिंग्स को पंप करने के लिए।
विद्युतचुंबकीय पंप (Electromagnetic pump), जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पंप (Electromagnetic Pump) भी कहते हैं, एक विशेष प्रकार का पंप है जिसका उपयोग केवल विद्युत-चालक तरल पदार्थों (electrically conductive fluids) को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। ये पंप किसी भी यांत्रिक भाग (जैसे इंपेलर, पिस्टन या डायाफ्राम) का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे इनका डिज़ाइन अद्वितीय और रखरखाव-मुक्त होता है।
कार्यप्रणाली
विद्युतचुंबकीय पंप का कार्य सिद्धांत लॉरेंज बल (Lorentz Force) पर आधारित है। यह बल तब उत्पन्न होता है जब एक विद्युत धारा एक चुंबकीय क्षेत्र से होकर गुजरती है।
- चुंबकीय क्षेत्र: पंप के अंदर, एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) बनाया जाता है जो तरल पदार्थ के प्रवाह की दिशा के समकोण (right angle) पर होता है।
- विद्युत धारा: एक विद्युत धारा (electric current) को तरल पदार्थ के माध्यम से प्रवाहित किया जाता है। यह धारा भी चुंबकीय क्षेत्र के समकोण पर प्रवाहित होती है।
- बल का निर्माण: जब ये दोनों (धारा और चुंबकीय क्षेत्र) एक दूसरे के लंबवत होते हैं, तो इन दोनों के समकोण पर एक बल उत्पन्न होता है। यह बल सीधे तरल पदार्थ पर कार्य करता है और उसे आगे की ओर धकेलता है।
यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है, जिससे तरल को बिना किसी यांत्रिक गति के स्थानांतरित किया जाता है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- कोई यांत्रिक भाग नहीं: चूंकि इसमें कोई घूमने वाला भाग या सील नहीं होती, इसलिए घिसाव (wear and tear) नहीं होता, जिससे इसकी विश्वसनीयता बहुत अधिक होती है और रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती।
- कोई रिसाव नहीं: यांत्रिक सील की अनुपस्थिति के कारण, रिसाव का कोई खतरा नहीं होता, जो संक्षारक या खतरनाक तरल पदार्थों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- शांतिपूर्ण संचालन: ये पंप बहुत ही शांत और बिना कंपन के चलते हैं।
नुकसान:
- केवल चालक तरल के लिए: इनका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये केवल विद्युत-चालक तरल पदार्थों (जैसे पिघली हुई धातु, इलेक्ट्रोलाइट्स) के लिए ही काम करते हैं, पानी जैसे गैर-चालक तरल पदार्थों के लिए नहीं।
- दक्षता: पारंपरिक यांत्रिक पंपों की तुलना में इनकी दक्षता कम होती है।
उपयोग
विद्युतचुंबकीय पंप का उपयोग उन विशिष्ट अनुप्रयोगों में होता है जहाँ पिघली हुई धातुओं या अन्य चालक तरल पदार्थों को संभालना होता है।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्र: तरल सोडियम जैसे पिघले हुए धातु कूलेंट को पंप करने के लिए।
- धातुकर्म: पिघली हुई धातुओं, जैसे एल्यूमीनियम और पारा, को स्थानांतरित करने के लिए।
- कुछ रासायनिक प्रक्रियाएँ: जहाँ संक्षारक या जहरीले चालक तरल पदार्थों को पंप करना होता है।
जेट पंप (Jet Pump) एक विशेष प्रकार का पंप है जो वेंचुरी प्रभाव (Venturi effect) का उपयोग करके तरल पदार्थ को खींचता और धकेलता है। यह अपने आप में एक मैकेनिकल पंप नहीं है, बल्कि एक सहायक उपकरण है जो किसी अन्य पंप (जैसे केन्द्रापसारक पंप) के साथ मिलकर काम करता है।
कार्यप्रणाली
जेट पंप का मुख्य भाग एक नोजल (nozzle) और एक वेंचुरी ट्यूब (Venturi tube) होता है।
- प्राथमिक द्रव का प्रवाह: एक प्राथमिक पंप (जैसे केन्द्रापसारक पंप) एक तरल पदार्थ को उच्च वेग से नोजल के माध्यम से धकेलता है।
- दबाव में कमी: नोजल से निकलने वाला उच्च-वेग का द्रव एक जेट बनाता है। यह जेट अपने चारों ओर के क्षेत्र में दबाव को कम करता है, जिससे एक वैक्यूम (vacuum) बनता है।
- माध्यमिक द्रव का खिंचाव: यह वैक्यूम कुएं या स्रोत से माध्यमिक द्रव (secondary fluid) को खींचता है।
- मिश्रण और दबाव में वृद्धि: प्राथमिक और माध्यमिक द्रव मिलकर एक चैनल (जिसे डिफ्यूजर कहते हैं) में प्रवेश करते हैं। इस चैनल में, द्रव का वेग कम होता है लेकिन दबाव बढ़ जाता है, जिससे तरल को ऊपर की ओर धकेला जाता है।
इस प्रकार, जेट पंप बिना किसी घूमने वाले यांत्रिक भाग के द्रव को ऊपर खींचने का काम करता है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- कोई घूमने वाला भाग नहीं: चूंकि इसमें कोई पिस्टन, इंपेलर या अन्य यांत्रिक भाग नहीं होता, इसलिए इसमें घिसाव (wear and tear) नहीं होता और यह काफी विश्वसनीय होता है।
- गहरी कुओं के लिए उपयुक्त: जेट पंप विशेष रूप से उन कुओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जहाँ पानी की सतह बहुत नीचे होती है।
नुकसान:
- कम दक्षता: पारंपरिक केन्द्रापसारक पंपों की तुलना में जेट पंप की दक्षता कम होती है।
- अधिक ऊर्जा खपत: यह कम दक्षता के कारण अधिक बिजली की खपत करता है।
उपयोग
- घरेलू जल आपूर्ति: छोटे घरों में पानी की आपूर्ति के लिए।
- गहरे कुओं से पानी निकालना: कुओं से पानी खींचने के लिए जेट पंपों का व्यापक उपयोग होता है।
- कृषि: कुछ छोटे सिंचाई प्रणालियों में।
मिश्रित प्रवाह पंप (Mixed Flow Pump) एक प्रकार का पंप है जो केन्द्रापसारक (centrifugal) और अक्षीय-प्रवाह (axial-flow) पंप दोनों की विशेषताओं को जोड़ता है। यह न तो पूरी तरह से रेडियल (radial) प्रवाह बनाता है और न ही पूरी तरह से अक्षीय (axial) प्रवाह, बल्कि दोनों का मिश्रण उत्पन्न करता है।
कार्यप्रणाली
मिश्रित प्रवाह पंप के अंदर का इंपेलर (impeller) एक शंकु के आकार का होता है। यह ब्लेडों के साथ घूमता है जो एक कोण पर व्यवस्थित होते हैं।
- सक्शन (Suction): तरल पंप में प्रवेश करता है।
- ऊर्जा का स्थानांतरण: ब्लेड घूमते हैं और तरल को आगे की ओर धकेलते हैं, जिससे इसमें गतिज ऊर्जा और दबाव दोनों बढ़ जाते हैं। यह प्रक्रिया आंशिक रूप से केन्द्रापसारक बल (radial component) और आंशिक रूप से धक्का (axial component) के माध्यम से होती है।
- निर्गमन (Discharge): तरल एक शंकु के आकार के केसिंग से बाहर निकलता है, जो इसे डिस्चार्ज पाइप में निर्देशित करता है।
इस दोहरे सिद्धांत के कारण, मिश्रित प्रवाह पंप मध्यम से उच्च प्रवाह दर और कम से मध्यम दबाव के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- उच्च दक्षता: ये पंप केन्द्रापसारक और अक्षीय-प्रवाह पंपों के बीच की दक्षता प्रदान करते हैं।
- मध्यम प्रदर्शन: ये उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श हैं जहाँ केन्द्रापसारक पंप का दबाव बहुत अधिक होता है और अक्षीय-प्रवाह पंप का दबाव बहुत कम होता है।
- कॉम्पैक्ट डिजाइन: इनका डिजाइन अक्सर कॉम्पैक्ट होता है।
नुकसान:
- जटिल डिजाइन: इनके इंपेलर और केसिंग का डिजाइन केन्द्रापसारक पंपों की तुलना में अधिक जटिल होता है।
उपयोग
मिश्रित प्रवाह पंप का उपयोग उन अनुप्रयोगों में किया जाता है जहाँ बड़ी मात्रा में तरल को मध्यम दबाव पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है।
- बाढ़ नियंत्रण: बड़े जलाशयों और बाढ़ वाले क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए।
- कृषि: बड़े सिंचाई कार्यों के लिए।
- जल उपचार: जल और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों में।
- HVAC प्रणाली: बड़े हीटिंग और कूलिंग सिस्टम में तरल के संचलन के लिए।
गीयर पंप (Gear Pump) एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है जो दो जालीदार गियर (meshing gears) का उपयोग करके तरल पदार्थ को स्थानांतरित करता है। यह अपनी सादगी और विश्वसनीयता के कारण सबसे आम प्रकार के पंपों में से एक है।
कार्यप्रणाली
गीयर पंप दो मुख्य प्रकार के होते हैं, लेकिन दोनों का मूल सिद्धांत समान है:
सक्शन (Suction): जब गियर घूमते हैं, तो वे एक-दूसरे से दूर होते हैं, जिससे सक्शन पोर्ट पर एक वैक्यूम (vacuum) बनता है। यह वैक्यूम तरल को पंप में खींचता है।
स्थानांतरण (Transfer): तरल पदार्थ गियर के दांतों (teeth) और पंप की केसिंग (casing) के बीच फंस जाता है और घूमता हुआ सक्शन पोर्ट से डिस्चार्ज पोर्ट की ओर जाता है।
डिस्चार्ज (Discharge): डिस्चार्ज पोर्ट पर, गियर के दांत फिर से एक-दूसरे के साथ जालते (mesh) हैं, जिससे तरल को बाहर धकेला जाता है।
गीयर पंप के प्रकार:
- बाहरी गीयर पंप (External Gear Pump): इसमें दो समान बाहरी गियर होते हैं जो एक-दूसरे के साथ जाले होते हैं। यह सबसे सामान्य प्रकार है।
- आंतरिक गीयर पंप (Internal Gear Pump): इसमें एक बड़ा बाहरी गियर होता है जिसके अंदर एक छोटा आंतरिक गियर जाला होता है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- सरल डिजाइन: इनमें कुछ ही चलने वाले हिस्से होते हैं, जिससे इनका निर्माण और रखरखाव आसान होता है।
- सटीक प्रवाह: प्रत्येक चक्र में एक निश्चित मात्रा में तरल को स्थानांतरित करते हैं, जिससे वे डोजिंग (dosing) और मापन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श होते हैं।
- उच्च दबाव: ये उच्च दबाव पर काम करने में सक्षम होते हैं।
- प्राइमिंग: अधिकांश गीयर पंप स्व-प्राइमिंग (self-priming) होते हैं।
नुकसान:
- ठोस पदार्थों के लिए नहीं: ये तरल में मौजूद ठोस पदार्थों या कणों को नहीं संभाल सकते, क्योंकि वे गियर को जाम कर सकते हैं।
- कम दक्षता: उच्च प्रवाह दर पर इनकी दक्षता केन्द्रापसारक पंपों से कम हो सकती है।
उपयोग
गीयर पंपों का उपयोग कई अनुप्रयोगों में होता है, विशेषकर जहाँ सटीक प्रवाह और उच्च दबाव की आवश्यकता होती है।
- हाइड्रोलिक सिस्टम: हाइड्रोलिक तरल पदार्थ (hydraulic fluids) को पंप करने के लिए।
- पेट्रोलियम उद्योग: तेल, स्नेहक (lubricants) और अन्य चिपचिपे तरल पदार्थों को स्थानांतरित करने के लिए।
- रासायनिक उद्योग: रसायनों और पॉलिमर को पंप करने के लिए।
- खाद्य उद्योग: चिपचिपे खाद्य उत्पादों जैसे सिरप और तेल को स्थानांतरित करने के लिए।
पिस्टन पंप (Piston Pump) एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है। यह एक या अधिक पिस्टन का उपयोग करके तरल पदार्थ को एक सिलेंडर से खींचता है और फिर उसे उच्च दबाव पर बाहर धकेलता है।
कार्यप्रणाली
पिस्टन पंप की कार्यप्रणाली दो स्ट्रोक में होती है:
- सक्शन स्ट्रोक (Suction Stroke): जब पिस्टन सिलेंडर के अंदर पीछे की ओर हटता है, तो एक वैक्यूम (vacuum) बनता है। यह वैक्यूम इनलेट वाल्व को खोलता है और तरल को सिलेंडर के अंदर खींचता है।
- डिस्चार्ज स्ट्रोक (Discharge Stroke): जब पिस्टन आगे की ओर बढ़ता है, तो यह तरल को संपीड़ित (compress) करता है। इससे इनलेट वाल्व बंद हो जाता है और आउटलेट वाल्व खुल जाता है। यह दबा हुआ तरल फिर उच्च दबाव पर बाहर निकल जाता है।
यह प्रक्रिया लगातार दोहराई जाती है, जिससे तरल का एक निश्चित मात्रा में निरंतर प्रवाह बना रहता है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- उच्च दबाव: पिस्टन पंप बहुत उच्च दबाव उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे ये उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श हैं जहाँ लंबी दूरी तक तरल को पंप करना होता है।
- सटीक प्रवाह: प्रत्येक चक्र में एक निश्चित मात्रा में तरल को स्थानांतरित करते हैं, जिससे वे डोजिंग (dosing) और मापन के लिए उपयोगी होते हैं।
- ऊंची दक्षता: ये आम तौर पर केन्द्रापसारक पंपों की तुलना में अधिक कुशल होते हैं, खासकर उच्च दबाव पर।
नुकसान:
- जटिल यांत्रिक भाग: इनमें कई चलते हुए भाग होते हैं, जिससे रखरखाव की लागत बढ़ सकती है।
- स्पंदन (Pulsation): एकल-पिस्टन पंप तरल प्रवाह में स्पंदन पैदा करते हैं। इस समस्या को मल्टी-पिस्टन पंप का उपयोग करके कम किया जा सकता है।
उपयोग
पिस्टन पंप का उपयोग उन अनुप्रयोगों में किया जाता है जहाँ उच्च दबाव और सटीक प्रवाह की आवश्यकता होती है।
- जल निकासी: गहरे कुओं से पानी खींचने के लिए।
- हाइड्रोलिक्स: हाइड्रोलिक सिस्टम में शक्ति उत्पन्न करने के लिए।
- पानी का छिड़काव: कृषि में पानी के छिड़काव और दबाव वाली धुलाई मशीनों (pressure washers) में।
- तेल और गैस उद्योग: तेल और गैस को पंप करने के लिए।
प्रगतिशील गुहा पंप (Progressive Cavity Pump) एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है। इसका उपयोग विशेष रूप से उन तरल पदार्थों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है जिनमें ठोस कण (solids) होते हैं, या जो बहुत चिपचिपे (viscous) होते हैं। इन पंपों को अक्सर इकोसेंट्रिक स्क्रू पंप (Eccentric Screw Pump) या हेलिकल रोटर पंप (Helical Rotor Pump) भी कहा जाता है।
कार्यप्रणाली
प्रगतिशील गुहा पंप की कार्यप्रणाली दो मुख्य भागों पर निर्भर करती है:
- रोटर (Rotor): यह एक सर्पिल आकार का (helical-shaped) धातु का स्क्रू होता है।
- स्टेटोर (Stator): यह एक समान सर्पिल आकार का, लेकिन रोटर से बड़ा, इलास्टोमेर (elastomer) या रबर का बना होता है।
जब रोटर स्टेटोर के अंदर घूमता है, तो यह एक घूमने वाली सील बनाता है। यह क्रिया लगातार तरल से भरी हुई छोटी-छोटी "गुहाएं" (cavities) या पॉकेट बनाती है।
- सक्शन (Suction): जैसे ही रोटर घूमता है, यह इन गुहाओं में तरल को खींचता है।
- स्थानांतरण (Transfer): ये गुहाएं लगातार रोटर के अक्ष के साथ आगे बढ़ती हैं, जिससे तरल को सक्शन से डिस्चार्ज की ओर ले जाया जाता है।
- डिस्चार्ज (Discharge): तरल को एक स्थिर, गैर-स्पंदित प्रवाह (non-pulsating flow) में डिस्चार्ज पोर्ट से बाहर धकेला जाता है।
यह अनूठी कार्यप्रणाली पंप को ठोस कणों को आसानी से संभालने और उच्च चिपचिपाहट वाले तरल पदार्थों को पंप करने की अनुमति देती है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- ठोस पदार्थों को संभालना: यह ठोस कणों, रेशों (fibers) और चिपचिपे तरल पदार्थों को बिना नुकसान पहुंचाए पंप कर सकता है।
- स्थिर प्रवाह: यह एक चिकना, गैर-स्पंदित प्रवाह प्रदान करता है।
- उच्च दक्षता: यह अपनी दक्षता बनाए रखता है, भले ही तरल की चिपचिपाहट (viscosity) बदल जाए।
नुकसान:
- जटिल डिजाइन: इसका डिजाइन अन्य पंपों की तुलना में अधिक जटिल होता है, जिससे इसकी लागत बढ़ जाती है।
- रखरखाव: स्टेटोर और रोटर के बीच के घिसाव के कारण इन्हें नियमित रखरखाव की आवश्यकता हो सकती है।
उपयोग
प्रगतिशील गुहा पंप का उपयोग उन उद्योगों में किया जाता है जहाँ मुश्किल तरल पदार्थों को पंप करना होता है।
- अपशिष्ट जल उपचार: सीवेज और स्लज (sludge) को पंप करने के लिए।
- खाद्य और पेय उद्योग: गाढ़े खाद्य उत्पाद जैसे सॉस, जैम, और सिरप को स्थानांतरित करने के लिए।
- तेल और गैस: ड्रिलिंग मड और कच्चे तेल को पंप करने के लिए।
- रासायनिक उद्योग: गाढ़े रसायन और पॉलिमर को पंप करने के लिए।
प्लंजर पंप (Plunger Pump) एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है जो तरल पदार्थ को स्थानांतरित करने के लिए एक या अधिक प्लंजर (plungers) का उपयोग करता है। यह पिस्टन पंप के समान है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अंतरों के साथ।
प्लंजर और पिस्टन में अंतर
पिस्टन: एक पिस्टन अपनी पूरी लंबाई में एक सिलेंडर के साथ फिट होता है और आम तौर पर सील (seal) को पिस्टन पर ही लगाया जाता है।
प्लंजर: एक प्लंजर एक चिकनी, बेलनाकार रॉड होती है जो सिलेंडर से बाहर निकलती है। सील को सिलेंडर पर लगाया जाता है।
प्लंजर का उपयोग आमतौर पर उच्च दबाव वाले अनुप्रयोगों में किया जाता है, क्योंकि सील बाहर होने के कारण यह बहुत अधिक दबाव को संभाल सकती है।
कार्यप्रणाली
प्लंजर पंप की कार्यप्रणाली पिस्टन पंप जैसी ही है:
- सक्शन स्ट्रोक (Suction Stroke): जब प्लंजर पीछे हटता है, तो यह पंप के अंदर एक वैक्यूम बनाता है। यह वैक्यूम इनलेट वाल्व को खोलता है और तरल को सिलेंडर में खींचता है।
- डिस्चार्ज स्ट्रोक (Discharge Stroke): जब प्लंजर आगे बढ़ता है, तो यह तरल को संपीड़ित (compress) करता है। इससे इनलेट वाल्व बंद हो जाता है और आउटलेट वाल्व खुल जाता है। यह दबा हुआ तरल फिर उच्च दबाव पर बाहर निकल जाता है।
यह प्रक्रिया लगातार दोहराई जाती है, जिससे तरल का एक निश्चित मात्रा में निरंतर प्रवाह बना रहता है।
फायदे और उपयोग
फायदे:
- अत्यधिक उच्च दबाव: प्लंजर पंप सबसे उच्च दबाव वाले पंपों में से एक हैं। ये सैकड़ों या हजारों बार के दबाव उत्पन्न कर सकते हैं।
- उच्च दक्षता: ये अपनी उच्च दक्षता के लिए जाने जाते हैं।
- विश्वसनीय: इनका निर्माण मजबूत होता है और ये विश्वसनीय माने जाते हैं।
उपयोग:
- दबाव वाली धुलाई (Pressure Washing): अत्यधिक उच्च दबाव वाले पानी के लिए।
- तेल और गैस उद्योग: तेल और गैस को कुओं से निकालने और उन्हें पाइपलाइनों में धकेलने के लिए।
- हाइड्रोलिक सिस्टम: जहां बहुत अधिक दबाव की आवश्यकता होती है।
स्क्रू पंप (Screw Pump) एक प्रकार का सकारात्मक विस्थापन पंप (Positive Displacement Pump) है। यह एक या अधिक घूमने वाले सर्पिल स्क्रू (helical screws) का उपयोग करके तरल पदार्थ को एक छोर से दूसरे छोर तक स्थानांतरित करता है।
कार्यप्रणाली
स्क्रू पंप का डिज़ाइन बहुत ही सरल और प्रभावी है। यह एक मोटर द्वारा संचालित होता है जो एक या अधिक स्क्रू को घुमाती है।
- सक्शन (Suction): जब स्क्रू घूमना शुरू करता है, तो यह तरल को अपने ब्लेड (या वैन) के बीच खींचता है।
- स्थानांतरण (Transfer): घूमने वाले स्क्रू के ब्लेड तरल को एक बंद जगह में फंसा लेते हैं और उसे धीरे-धीरे स्क्रू की धुरी (axis) के साथ आगे बढ़ाते हैं।
- डिस्चार्ज (Discharge): तरल अंत में स्क्रू के दूसरे छोर से उच्च दबाव पर बाहर निकल जाता है।
यह पंप तरल को एक चिकने और गैर-स्पंदित (non-pulsating) प्रवाह में स्थानांतरित करता है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- कम गति पर काम: ये पंप कम गति पर काम करते हैं, जिससे घिसाव (wear and tear) कम होता है और यह संवेदनशील तरल पदार्थों के लिए आदर्श होते हैं।
- ठोस पदार्थों को संभालना: ये ठोस कणों या चिपचिपे (viscous) तरल पदार्थों को भी आसानी से पंप कर सकते हैं।
- कम शोर: ये बहुत शांत और बिना कंपन के चलते हैं।
- उच्च दक्षता: ये पंप उच्च चिपचिपाहट (high viscosity) वाले तरल पदार्थों को पंप करने में बहुत कुशल होते हैं।
नुकसान:
- लागत: इनका निर्माण अन्य पंपों की तुलना में थोड़ा महंगा हो सकता है।
- जटिल डिजाइन: इनके स्क्रू और केसिंग का निर्माण अधिक जटिल होता है।
उपयोग
स्क्रू पंप का उपयोग उन अनुप्रयोगों में होता है जहाँ मुश्किल तरल पदार्थों को पंप करना होता है।
- अपशिष्ट जल उपचार: सीवेज और स्लज (sludge) को पंप करने के लिए।
- खाद्य और पेय उद्योग: गाढ़े खाद्य उत्पाद जैसे सिरप और तेल को स्थानांतरित करने के लिए।
- रासायनिक उद्योग: गाढ़े रसायन और पॉलिमर को पंप करने के लिए।
अक्षीय-प्रवाह पंप (Axial-flow Pump) एक प्रकार का गतिज पंप (Kinetic Pump) है जो तरल पदार्थ को मुख्य रूप से अक्षीय (axial) या समानांतर (parallel) दिशा में स्थानांतरित करता है। इसका डिज़ाइन एक जहाज के प्रोपेलर (propeller) के समान होता है।
कार्यप्रणाली
अक्षीय-प्रवाह पंप के अंदर एक घूमने वाला प्रोपेलर या रोटर होता है जिसमें ब्लेड लगे होते हैं।
- सक्शन (Suction): तरल पंप के इनलेट से प्रवेश करता है।
- ऊर्जा का स्थानांतरण: प्रोपेलर घूमता है और ब्लेड के माध्यम से तरल को धक्का देता है, जिससे इसमें गतिज ऊर्जा और दबाव दोनों बढ़ जाते हैं। यह धक्का-आधारित क्रिया तरल को पंप की धुरी (axis) के समानांतर आगे की ओर ले जाती है।
- डिस्चार्ज (Discharge): बढ़ा हुआ दबाव वाला तरल अंत में पंप के डिस्चार्ज पाइप से बाहर निकल जाता है।
यह पंप बहुत अधिक प्रवाह दर (flow rate) और बहुत कम दबाव (low head) के लिए सबसे उपयुक्त है।
फायदे और नुकसान
फायदे:
- उच्च प्रवाह दर: ये बड़ी मात्रा में तरल को बहुत जल्दी स्थानांतरित कर सकते हैं।
- छोटे आकार: अपने प्रदर्शन की तुलना में, ये पंप अक्सर कॉम्पैक्ट होते हैं।
- ऊर्जा दक्षता: कम दबाव वाले अनुप्रयोगों में ये बहुत ऊर्जा-कुशल होते हैं।
नुकसान:
- कम दबाव: ये उच्च दबाव उत्पन्न नहीं कर सकते।
- विशेषज्ञता: ये केवल विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हैं जहाँ कम दबाव और उच्च प्रवाह की आवश्यकता होती है।
उपयोग
अक्षीय-प्रवाह पंप का उपयोग उन अनुप्रयोगों में किया जाता है जहाँ बड़ी मात्रा में तरल को कम ऊंचाई तक उठाने या स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है।
- बाढ़ नियंत्रण: बड़े जलाशयों और बाढ़ वाले क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए।
- कृषि: बड़े सिंचाई कार्यों में।
- जहाजरानी: जहाजों में गिट्टी (ballast) और पानी निकालने के लिए।
- जल उपचार: पानी और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों में।
मूल्यहीन पंप (Valveless Pump) एक प्रकार का पंप है जो तरल पदार्थों को स्थानांतरित करने के लिए पारंपरिक वाल्व (valves) का उपयोग नहीं करता है। इसके बजाय, यह अपने डिज़ाइन और यांत्रिक क्रिया पर निर्भर करता है ताकि तरल को सही दिशा में प्रवाहित किया जा सके।
कार्यप्रणाली
मूल्यहीन पंप आमतौर पर निम्नलिखित सिद्धांतों पर काम करते हैं:
- पेरिस्टाल्टिक सिद्धांत: यह सबसे सामान्य प्रकार का मूल्यहीन पंप है। इसमें एक घूमने वाला रोलर (roller) या शू (shoe) होता है जो एक लचीली ट्यूब को निचोड़ता है। जैसे ही रोलर ट्यूब को निचोड़कर आगे बढ़ता है, यह तरल को धक्का देता है। रोलर के गुजरने के बाद, ट्यूब अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाती है, जिससे वैक्यूम बनता है और अधिक तरल खींचा जाता है।
- डायनामिक वाल्विंग: कुछ पंप तरल के बहाव को नियंत्रित करने के लिए यांत्रिक वाल्वों के बजाय दबाव, जड़ता (inertia) और तरल की चिपचिपाहट (viscosity) पर निर्भर करते हैं।
फायदे
- कम रखरखाव: वाल्वों की अनुपस्थिति के कारण, ये पंप जाम होने या घिसने से सुरक्षित रहते हैं, जिससे रखरखाव की आवश्यकता कम हो जाती है।
- स्वच्छता: ये अत्यधिक स्वच्छ होते हैं, जिससे ये फार्मास्युटिकल और खाद्य उद्योगों के लिए आदर्श हैं।
- संवेदनशील तरल पदार्थों के लिए उपयुक्त: ये नाजुक तरल पदार्थों या जीवित कोशिकाओं को बिना नुकसान पहुंचाए पंप कर सकते हैं।
नुकसान
- दक्षता: पारंपरिक वाल्व वाले पंपों की तुलना में इनकी दक्षता कम हो सकती है।
- कम दबाव: ये आमतौर पर उच्च दबाव वाले अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।
उपयोग
- चिकित्सा उद्योग: दवा वितरण, तरल प्रयोगशाला परीक्षण और डायलिसिस मशीनों में।
- खाद्य और पेय उद्योग: तरल पदार्थों को साफ-सुथरे तरीके से पंप करने के लिए।
- रासायनिक उद्योग: संक्षारक या संवेदनशील रसायनों को स्थानांतरित करने के लिए।
मूल्यहीन पंप अपनी सादगी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं।
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