फ़्यूज़ के प्रकार ( types of fuses in electrical systems )

विद्युत प्रणालियों में फ़्यूज़ के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें उनके उपयोग और विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। फ़्यूज़ का मुख्य कार्य ओवरकरंट या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में परिपथ को तोड़कर उपकरणों और तारों को सुरक्षित रखना है।

फ़्यूज़ के प्रकार

​फ़्यूज़ को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है: डीसी (DC) फ़्यूज़ और एसी (AC) फ़्यूज़। इसके अलावा, इन्हें उनके निर्माण और विशेषताओं के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है।

डीसी फ़्यूज़

​डीसी (डायरेक्ट करंट) सर्किट में इस्तेमाल होने वाले फ़्यूज़। ये एसी फ़्यूज़ की तुलना में अधिक जटिल होते हैं क्योंकि डीसी में शून्य क्रॉसिंग (zero-crossing) नहीं होता है, जिससे आर्क को बुझाना मुश्किल होता है। इसलिए, इनमें आर्क को बुझाने के लिए विशेष व्यवस्था होती है।

एसी फ़्यूज़

​एसी (अल्टरनेटिंग करंट) सर्किट में इस्तेमाल होने वाले फ़्यूज़। एसी में करंट हर आधे चक्र में शून्य क्रॉसिंग से गुजरता है, जिससे आर्क को बुझाना आसान हो जाता है।

निर्माण के आधार पर वर्गीकरण

​फ़्यूज़ को उनके निर्माण और आकार के आधार पर कई प्रकारों में बांटा गया है।

कार्ट्रिज फ़्यूज़ (Cartridge Fuses)

​ये फ़्यूज़ एक बेलनाकार या कार्ट्रिज के आकार के होते हैं। इनका उपयोग घरेलू और औद्योगिक दोनों तरह के परिपथों में होता है।

  • सामान्य उद्देश्य फ़्यूज़ (General Purpose Fuses): ये कम वोल्टेज वाले अनुप्रयोगों में उपयोग होते हैं।
  • उच्च ब्रेकिंग क्षमता (HBC) फ़्यूज़ (High Breaking Capacity Fuses): ये उच्च शॉर्ट-सर्किट करंट को सहन कर सकते हैं और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं।

किट-कैट फ़्यूज़ (Rewirable Fuses)

​इन्हें रिवाइरेबल फ़्यूज़ भी कहते हैं। इनका उपयोग घरेलू वायरिंग में होता है। इनमें फ़्यूज़ तार को बदला जा सकता है। ये कम खर्चीले होते हैं लेकिन उच्च शॉर्ट-सर्किट करंट पर कम विश्वसनीय होते हैं।

ब्लेड फ़्यूज़ (Blade Fuses)

​इन्हें ऑटोमोटिव फ़्यूज़ भी कहते हैं क्योंकि इनका उपयोग मुख्य रूप से वाहनों में होता है। ये छोटे होते हैं और इनमें ब्लेड जैसे दो टर्मिनल होते हैं जो सॉकेट में फिट होते हैं।

हाई-वोल्टेज फ़्यूज़ (High Voltage Fuses)

​इनका उपयोग उच्च वोल्टेज (1500 वोल्ट से अधिक) वाले अनुप्रयोगों में होता है, जैसे कि सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें।

ड्रॉपआउट फ़्यूज़ (Dropout Fuses)

​इनका उपयोग ओवरहेड वितरण लाइनों में होता है। जब फ़्यूज़ पिघल जाता है, तो फ़्यूज़ लिंक गिर जाता है, जो यह दर्शाता है कि सर्किट में फॉल्ट है।

फ़्यूज़ का प्रतीक

​फ़्यूज़ का प्रतीक विद्युत परिपथ आरेखों में उपयोग किया जाता है। यह एक आयत के अंदर एक सीधी रेखा के रूप में दिखाया जाता है जो यह दर्शाता है कि यह सर्किट का एक सुरक्षा घटक है।



​विद्युत प्रणालियों में फ़्यूज़ के कई सामान्य प्रकार होते हैं, जिन्हें उनके अनुप्रयोग और विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। फ़्यूज़ का मुख्य कार्य ओवरकरंट या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में परिपथ को तोड़कर उपकरणों और तारों को सुरक्षित रखना है।

प्रमुख प्रकार

  1. कार्ट्रिज फ़्यूज़ (Cartridge Fuses):
    • ​ये बेलनाकार या कार्ट्रिज के आकार के होते हैं, और इनमें फ़्यूज़ तार एक सिरेमिक या ग्लास ट्यूब के अंदर बंद होता है।
    • ​इनका उपयोग घरेलू उपकरणों और औद्योगिक प्रणालियों में होता है।
    • ​ये दो प्रकार के होते हैं:
      • HBC (High Breaking Capacity) फ़्यूज़: उच्च शॉर्ट-सर्किट करंट को रोकने में सक्षम होते हैं। इनका उपयोग औद्योगिक अनुप्रयोगों में होता है।
      • LBC (Low Breaking Capacity) फ़्यूज़: कम करंट के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि घरेलू उपकरणों में।
  2. किट-कैट फ़्यूज़ (Kit-Kat Fuses) / रिवाइरेबल फ़्यूज़:
    • ​इन्हें अर्ध-संलग्न (semi-enclosed) फ़्यूज़ भी कहते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से घरेलू वायरिंग में होता है।
    • ​इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनका फ़्यूज़ तार पिघलने पर बदला जा सकता है।
    • ​ये मिट्टी के पात्र (porcelain) से बने होते हैं और कम खर्चीले होते हैं, लेकिन इनकी ब्रेकिंग क्षमता कम होती है।
  3. ऑटोमोटिव फ़्यूज़ (Automotive Fuses):
    • ​ये मुख्य रूप से वाहनों में उपयोग किए जाते हैं और इन्हें ब्लेड फ़्यूज़ भी कहा जाता है।
    • ​ये छोटे और रंग-कोडित होते हैं, जो उनकी करंट रेटिंग (current rating) को दर्शाते हैं।
    • ​इनमें ब्लेड जैसे दो टर्मिनल होते हैं जो सॉकेट में फिट होते हैं।

अन्य प्रकार

  • उच्च वोल्टेज फ़्यूज़ (High Voltage Fuses):
    • इनका उपयोग उच्च वोल्टेज वाले अनुप्रयोगों (1500 वोल्ट से अधिक) में होता है, जैसे कि पावर सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें।
    • ​ये विशेष रूप से बड़े होते हैं और आर्क को बुझाने के लिए विशेष डिज़ाइन के साथ आते हैं।
  • ड्रॉपआउट फ़्यूज़ (Dropout Fuses):
    • ​इनका उपयोग ओवरहेड वितरण लाइनों में होता है।
    • ​जब फ़्यूज़ पिघल जाता है, तो फ़्यूज़ लिंक नीचे गिर जाता है, जिससे यह दूर से ही पता चल जाता है कि सर्किट में फॉल्ट है।
  • रिसेटेबल फ़्यूज़ (Resettable Fuses):
    • ​ये एक विशेष प्रकार के फ़्यूज़ हैं जो पिघलने के बजाय गर्म होने पर प्रतिरोध (resistance) बढ़ाते हैं, जिससे करंट का प्रवाह रुक जाता है।
    • ​जब परिपथ ठंडा होता है, तो इनका प्रतिरोध वापस सामान्य हो जाता है और ये फिर से काम करने लगते हैं।
    • ​इनका उपयोग छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है, जिससे फ़्यूज़ को बार-बार बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती।



​फ्यूज एक ऐसा सुरक्षा उपकरण है जो किसी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में अत्यधिक करंट प्रवाहित होने पर उसे सुरक्षा प्रदान करता है। फ्यूज कई प्रकार के होते हैं, और उनमें से कांच का फ्यूज (Glass Fuse) एक महत्वपूर्ण प्रकार है।

कांच का फ्यूज क्या है?

​कांच का फ्यूज एक बेलनाकार (cylindrical) फ्यूज होता है जिसका बाहरी आवरण कांच का बना होता है। इसके अंदर एक पतली धातु की तार लगी होती है, जो विशेष रूप से कम गलनांक (low melting point) वाली मिश्र धातु से बनी होती है। इस तार के दोनों सिरे धातु की टोपी (metal caps) से जुड़े होते हैं, जो फ्यूज को सर्किट से जोड़ते हैं।

यह कैसे काम करता है?

​जब किसी सर्किट में सामान्य मात्रा में करंट प्रवाहित होता है, तो यह धातु की तार से होकर गुजरता है और फ्यूज का तापमान सामान्य रहता है।

​लेकिन, जब किसी गड़बड़ी (जैसे शॉर्ट-सर्किट या ओवरलोड) के कारण सर्किट में अचानक से अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो यह अतिरिक्त करंट फ्यूज के अंदर लगी पतली तार को गर्म कर देता है। यह गर्मी इतनी ज़्यादा होती है कि तार पिघल जाती है और टूट जाती है।

​तार के टूट जाने से सर्किट खुल जाता है, जिससे आगे करंट का प्रवाह रुक जाता है। इस प्रकार, यह फ्यूज सर्किट के संवेदनशील (sensitive) और महंगे घटकों (components) को जलने या खराब होने से बचाता है।

कांच के फ्यूज के फायदे

  • देखने में आसान: कांच का होने के कारण इसके अंदर की तार को आसानी से देखा जा सकता है। अगर तार पिघल गई है, तो यह तुरंत पता चल जाता है कि फ्यूज खराब हो गया है।
  • सटीक सुरक्षा: ये बहुत तेज़ी से काम करते हैं और ज़्यादा करंट आने पर तुरंत सर्किट को तोड़ देते हैं।
  • कम लागत: ये आमतौर पर सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

उपयोग

​कांच के फ्यूज का उपयोग मुख्य रूप से उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है जहाँ कम वोल्टेज और करंट की आवश्यकता होती है, जैसे:

  • ​घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (जैसे, टीवी, म्यूजिक सिस्टम)
  • ​कार और वाहनों के सर्किट
  • ​लैब उपकरण

​अगली बार जब आप किसी पुराने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को देखें, तो शायद आपको उसमें एक कांच का फ्यूज लगा हुआ दिख जाए।



एचआरसी फ्यूज (HRC Fuse) का पूरा नाम हाई रप्चरिंग कैपेसिटी फ्यूज (High Rupturing Capacity Fuse) है। यह एक विशेष प्रकार का फ्यूज है जिसे अत्यधिक और खतरनाक शॉर्ट-सर्किट धाराओं को सुरक्षित रूप से बाधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सामान्य फ्यूज की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है और औद्योगिक या बड़े वाणिज्यिक विद्युत प्रणालियों में उपयोग किया जाता है जहाँ उच्च धाराएं बहती हैं।

एचआरसी फ्यूज की संरचना और कार्यप्रणाली

​एचआरसी फ्यूज की संरचना इसे सामान्य फ्यूज से अलग बनाती है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित घटक होते हैं:

  • बॉडी (Body): यह आमतौर पर सिरेमिक से बनी एक बेलनाकार (cylindrical) ट्यूब होती है, जो उच्च गर्मी और दबाव का सामना कर सकती है।
  • फ्यूज तत्व (Fuse Element): इसके अंदर चांदी या तांबे जैसी उच्च चालकता वाली धातु से बनी एक या एक से अधिक पतली तारें होती हैं। ये तारें सामान्य करंट पर गर्म नहीं होतीं, लेकिन अत्यधिक करंट आने पर तुरंत पिघल जाती हैं।
  • भरने वाला पाउडर (Filling Powder): सिरेमिक ट्यूब के अंदर, फ्यूज तत्व के चारों ओर क्वार्ट्ज या सिलिका पाउडर भरा होता है। यह पाउडर आर्क (Arc) को बुझाने (extinguish) का काम करता है। जब फ्यूज तार पिघलती है, तो एक आर्क बनता है। यह पाउडर उस आर्क को ठंडा करके तुरंत खत्म कर देता है, जिससे आग लगने या अन्य नुकसान का खतरा कम हो जाता है।

कार्यप्रणाली: जब सर्किट में एक बड़ा दोष (जैसे शॉर्ट-सर्किट) होता है, तो करंट का मान अचानक बहुत बढ़ जाता है। इस अत्यधिक करंट के कारण फ्यूज तार पिघल जाती है और टूट जाती है।  जैसे ही तार टूटती है, उसके बीच में एक शक्तिशाली आर्क बनता है। अंदर भरा हुआ पाउडर इस आर्क को तुरंत सोख लेता है और बुझा देता है, जिससे सर्किट सुरक्षित रूप से खुल जाता है।

एचआरसी फ्यूज के फायदे

  • उच्च ब्रेकिंग क्षमता: यह बहुत बड़ी धाराओं को भी सुरक्षित रूप से तोड़ सकता है।
  • तीव्र कार्य: यह बहुत कम समय में (कुछ मिलीसेकंड में) काम करता है, जिससे महंगे उपकरणों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
  • स्थायित्व: ये उम्र के साथ खराब नहीं होते और इनका प्रदर्शन स्थिर रहता है।
  • कोई मेंटेनेंस नहीं: इन्हें किसी रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती।

उपयोग

​एचआरसी फ्यूज का उपयोग मुख्य रूप से उन स्थानों पर किया जाता है जहाँ उच्च वोल्टेज और करंट की आवश्यकता होती है, जैसे:

  • ​औद्योगिक मोटर और ट्रांसफार्मर
  • ​बिजली वितरण प्रणाली
  • ​वाणिज्यिक भवनों के मेन स्विचबोर्ड


किट कैट फ्यूज (Kit Kat Fuse), जिसे रीवायरएबल फ्यूज (Rewireable Fuse) या अर्ध-संलग्न फ्यूज (Semi-enclosed Fuse) भी कहते हैं, एक साधारण प्रकार का फ्यूज है जिसका उपयोग मुख्य रूप से घरेलू और छोटे वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में होता है। इसे "किट कैट" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी दो मुख्य संरचनाएं होती हैं जो एक चॉकलेट बार की तरह अलग और फिर से जोड़ी जा सकती हैं। 

संरचना

​किट कैट फ्यूज दो मुख्य भागों से बना होता है:

  1. फ्यूज बेस (Fuse Base): यह एक सिरेमिक (चीनी मिट्टी) का टुकड़ा होता है जो सर्किट में स्थायी रूप से लगा रहता है। इस पर आने और जाने वाले तारों को जोड़ने के लिए टर्मिनल होते हैं।
  2. फ्यूज कैरियर (Fuse Carrier): यह भी सिरेमिक का बना एक हैंडल जैसा टुकड़ा होता है जिसे बेस में से निकाला और डाला जा सकता है। इसी कैरियर के अंदर फ्यूज तार लगी होती है।

कार्यप्रणाली

​जब सर्किट में कोई खराबी (जैसे शॉर्ट-सर्किट या ओवरलोड) होती है, तो अत्यधिक करंट के कारण फ्यूज कैरियर के अंदर लगी पतली धातु की तार (जो अक्सर टिन, जस्ता, या तांबे की मिश्र धातु से बनी होती है) पिघल जाती है और टूट जाती है।  तार के टूट जाने से सर्किट खुल जाता है और विद्युत प्रवाह रुक जाता है, जिससे आगे के उपकरणों को नुकसान से बचाया जा सकता है।

​इस फ्यूज का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब तार पिघल जाती है, तो पूरे फ्यूज को बदलने की बजाय, आप सिर्फ फ्यूज कैरियर को बाहर निकालकर उसमें एक नई फ्यूज तार लगा सकते हैं। इसी वजह से इसे "रीवायरएबल" या "पुनः तार लगाने योग्य" फ्यूज कहते हैं।

फायदे और नुकसान

फायदे:

  • पुनः उपयोग योग्य: फ्यूज तार को आसानी से बदला जा सकता है, जिससे यह लागत प्रभावी होता है।
  • सस्ता: ये एचआरसी या कार्ट्रिज फ्यूज की तुलना में काफी सस्ते होते हैं।

नुकसान:

  • निम्न ब्रेकिंग क्षमता: इनकी ब्रेकिंग क्षमता कम होती है, जिससे ये बड़े औद्योगिक या उच्च-शक्ति वाले अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं होते।
  • धीमी गति: ये एचआरसी फ्यूज की तुलना में धीरे काम करते हैं।
  • विश्वसनीयता: फ्यूज तार की मोटाई हाथ से तय की जाती है, जो हमेशा सटीक नहीं होती, जिससे इसकी सुरक्षा पर थोड़ा असर पड़ सकता है।

​किट कैट फ्यूज मुख्य रूप से पुराने घरों, दुकानों और छोटे-मोटे घरेलू उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं, जबकि आधुनिक और अधिक सुरक्षा-संवेदनशील प्रणालियों में अब एमसीबी (MCB) और एचआरसी फ्यूज का अधिक इस्तेमाल होता है।


बोतल फ्यूज (Bottle Fuse), जिसे स्क्रू-इन फ्यूज (Screw-in Fuse) या D-फ्यूज भी कहा जाता है, एक प्रकार का फ्यूज है जिसे उसके विशिष्ट बोतल जैसे आकार के कारण यह नाम मिला है। इसका उपयोग मुख्य रूप से पुराने घरों और औद्योगिक प्रणालियों में ओवरकरंट सुरक्षा के लिए किया जाता था।

संरचना और कार्यप्रणाली

  • बॉडी: यह सिरेमिक (चीनी मिट्टी) या ग्लास से बनी एक बेलनाकार ट्यूब होती है, जिसका एक सिरा चौड़ा और दूसरा सिरा पतला होता है।
  • फ्यूज तत्व: अंदर एक पतली धातु की तार लगी होती है जो अतिभार (overload) या शॉर्ट-सर्किट की स्थिति में पिघल जाती है।
  • स्क्रू कैप: फ्यूज को फ्यूज होल्डर (holder) में सुरक्षित रूप से कसने के लिए इसके चौड़े सिरे पर एक धातु की स्क्रू कैप लगी होती है।
  • संकेतक (Indicator): कुछ बोतल फ्यूज में एक छोटा सा रंगीन बिंदु होता है जो फ्यूज के पिघलने पर बाहर निकल आता है, जिससे यह पता चलता है कि फ्यूज खराब हो गया है।

कार्यप्रणाली: जब सर्किट में सामान्य से अधिक करंट प्रवाहित होता है, तो अंदर की पतली तार गर्म होकर पिघल जाती है। तार के पिघलने से सर्किट टूट जाता है और विद्युत प्रवाह रुक जाता है, जिससे सर्किट में लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।

बोतल फ्यूज के फायदे और नुकसान

फायदे:

  • गलत फ्यूज लगाने से बचाव: बोतल फ्यूज को अलग-अलग करंट रेटिंग (current rating) के लिए अलग-अलग आकार में बनाया जाता है। इसका मतलब है कि एक विशिष्ट होल्डर में केवल उसी रेटिंग का फ्यूज फिट हो सकता है, जिससे गलती से गलत फ्यूज लगाने का जोखिम कम हो जाता है।
  • विज़ुअल इंडिकेशन: रंगीन संकेतक से यह आसानी से पता चल जाता है कि फ्यूज खराब हो गया है।
  • लागत प्रभावी: ये सामान्य फ्यूज की तरह ही किफायती होते हैं।

नुकसान:

  • पुराना डिज़ाइन: आधुनिक एमसीबी (MCB) और एचआरसी फ्यूज की तुलना में इनका उपयोग अब कम होता जा रहा है।
  • कम ब्रेकिंग क्षमता: ये अत्यधिक हाई-करंट फॉल्ट्स (high-current faults) को संभालने में उतने प्रभावी नहीं होते हैं जितने एचआरसी फ्यूज होते हैं।

उपयोग

​बोतल फ्यूज का उपयोग अक्सर उन जगहों पर किया जाता है जहाँ कम और मध्यम वोल्टेज की आवश्यकता होती है, जैसे:

  • ​कुछ पुराने घरों में मुख्य विद्युत पैनल
  • ​औद्योगिक मशीनरी और नियंत्रण पैनल
  • ​कुछ विशेष इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

आजकल, 

बोतल फ्यूज की जगह एमसीबी (मिनीएचर सर्किट ब्रेकर) ने ले ली है, क्योंकि एमसीबी को खराब होने पर बदला नहीं जाता, बल्कि उसे रीसेट किया जा सकता है।


रीसेट करने योग्य फ्यूज (Resettable Fuse) एक आधुनिक सुरक्षा उपकरण है जो पारंपरिक फ्यूज के विपरीत, खराब होने पर खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है और फिर से काम करने लगता है। इसे अक्सर पॉलीमरिक पॉजिटिव टेंपरेचर कोएफिशिएंट (PPTC) डिवाइस या पॉलीफ्यूज भी कहा जाता है।

यह कैसे काम करता है?

​यह फ्यूज एक विशेष प्रकार के कंडक्टिव पॉलिमर से बना होता है जिसमें कार्बन के कण मिले होते हैं।

  1. सामान्य स्थिति में: जब सर्किट में करंट सामान्य होता है, तो पॉलिमर अपनी क्रिस्टलीय (crystalline) अवस्था में रहता है। कार्बन के कण एक साथ जुड़े रहते हैं, जिससे फ्यूज की प्रतिरोधकता (resistance) बहुत कम होती है और करंट आसानी से प्रवाहित होता रहता है।
  2. दोषपूर्ण स्थिति में: जब शॉर्ट-सर्किट या ओवरलोड के कारण अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो फ्यूज गर्म हो जाता है। गर्मी के कारण पॉलिमर का विस्तार (expansion) होता है, और यह अपनी संरचना को क्रिस्टलीय से अनाकार (amorphous) में बदल लेता है। इस प्रक्रिया में, कार्बन के कण एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं, जिससे फ्यूज की प्रतिरोधकता अचानक बहुत बढ़ जाती है। यह उच्च प्रतिरोध करंट के प्रवाह को लगभग रोक देता है, और सर्किट को सुरक्षित रखता है।
  3. रीसेट होने की प्रक्रिया: जब आप दोषपूर्ण स्थिति (जैसे शॉर्ट-सर्किट) को हटा देते हैं और करंट का प्रवाह बंद कर देते हैं, तो फ्यूज ठंडा होने लगता है। जैसे ही यह ठंडा होता है, पॉलिमर वापस अपनी क्रिस्टलीय अवस्था में सिकुड़ जाता है, जिससे कार्बन के कण फिर से जुड़ जाते हैं। इससे फ्यूज की प्रतिरोधकता वापस कम हो जाती है, और यह सामान्य रूप से काम करने के लिए तैयार हो जाता है।

फायदे

  • स्वत: रीसेट: फ्यूज को बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे यह लागत और समय बचाता है।
  • कम रखरखाव: चूंकि यह खुद-ब-खुद रीसेट हो जाता है, इसलिए इसे बार-बार जांचने या बदलने की परेशानी नहीं होती।
  • कॉम्पैक्ट साइज: ये बहुत छोटे होते हैं और अक्सर पीसीबी (PCB - Printed Circuit Board) पर सीधे लगाए जा सकते हैं, जिससे छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए यह आदर्श हैं।

उपयोग

​रीसेट करने योग्य फ्यूज का उपयोग उन आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है जहाँ फ्यूज को बार-बार बदलने की आवश्यकता हो सकती है या जहाँ फ्यूज को बदलना मुश्किल होता है।

  • कंप्यूटर और लैपटॉप: USB पोर्ट और मदरबोर्ड को ओवरकरंट से बचाने के लिए।
  • मोबाइल फोन और चार्जर: चार्जिंग सर्किट में।
  • कार इलेक्ट्रॉनिक्स: कार के विभिन्न छोटे सर्किटों में।
  • उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: खिलौने, स्पीकर और अन्य पोर्टेबल डिवाइसेस।


​ऑटोमोटिव फ्यूज (Automotive fuse) ऐसे सुरक्षा उपकरण होते हैं जो कारों और अन्य वाहनों में विद्युत सर्किट को ओवरलोड या शॉर्ट-सर्किट से बचाते हैं। ये फ्यूज वाहन के संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक घटकों जैसे रेडियो, हेडलाइट्स, और कंप्यूटर सिस्टम को बिजली के अचानक बढ़ने से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। 

ऑटोमोटिव फ्यूज के प्रकार

​ऑटोमोटिव फ्यूज कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे आम प्रकार ब्लेड फ्यूज (blade fuses) हैं। इनके अलावा कुछ अन्य प्रकार भी उपयोग में लाए जाते हैं।

​1. ब्लेड फ्यूज (Blade Fuses)

​ये सबसे आम प्रकार के फ्यूज हैं जो आजकल लगभग सभी आधुनिक वाहनों में उपयोग किए जाते हैं। इनकी पहचान इनके प्लास्टिक बॉडी और दो धातु के ब्लेड से होती है जो सर्किट में फिट होते हैं। ये विभिन्न रंगों में आते हैं, और प्रत्येक रंग एक विशिष्ट एम्परेज (amperage) रेटिंग को दर्शाता है।

  • मिनी फ्यूज (Mini fuses): ये सबसे छोटे ब्लेड फ्यूज होते हैं।
  • लो-प्रोफाइल मिनी फ्यूज (Low-profile mini fuses): ये मिनी फ्यूज से भी छोटे होते हैं।
  • एटीओ (ATO) या रेगुलर फ्यूज (Regular fuses): ये मानक आकार के ब्लेड फ्यूज होते हैं।
  • मैक्सी फ्यूज (Maxi fuses): ये सबसे बड़े ब्लेड फ्यूज होते हैं, जिनका उपयोग उच्च-करंट वाले सर्किट (जैसे स्टार्टर मोटर या एयर कंडीशनर) में किया जाता है।

​2. ग्लास ट्यूब फ्यूज (Glass tube fuses)

​ये पुराने वाहनों में अधिक सामान्य थे। ये बेलनाकार कांच की ट्यूब से बने होते हैं जिनके अंदर धातु की एक तार होती है।

​3. कार्ट्रिज फ्यूज (Cartridge fuses)

​ये फ्यूज बड़े होते हैं और इनका उपयोग उच्च करंट वाले सर्किट (जैसे स्टार्टर और अल्टरनेटर) में होता है।

यह कैसे काम करता है?

​ऑटोमोटिव फ्यूज भी अन्य फ्यूज की तरह ही काम करते हैं। जब किसी सर्किट में अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो फ्यूज के अंदर की पतली तार पिघल जाती है और सर्किट को तोड़ देती है। इससे उपकरण सुरक्षित रहते हैं। फ्यूज बॉक्स (fuse box) में, प्रत्येक फ्यूज एक विशिष्ट सर्किट की सुरक्षा करता है, और फ्यूज बॉक्स के ढक्कन पर एक डायग्राम होता है जो यह बताता है कि कौन सा फ्यूज किस सर्किट के लिए है।

फ्यूज रेटिंग को समझना

​फ्यूज को हमेशा सर्किट की एम्परेज (Ampere) रेटिंग के अनुसार ही चुना जाना चाहिए। यदि आप कम रेटिंग वाला फ्यूज लगाते हैं, तो वह जल्दी उड़ जाएगा, और यदि आप बहुत अधिक रेटिंग वाला फ्यूज लगाते हैं, तो वह ओवरलोड की स्थिति में भी नहीं उड़ेगा, जिससे उपकरण जल सकते हैं।

ऑटोमोटिव फ्यूज की रेटिंग को अक्सर उसके रंग से पहचाना जाता है:

  • भूरा (Brown): 5A
  • लाल (Red): 10A
  • नीला (Blue): 15A
  • पीला (Yellow): 20A
  • हरा (Green): 30A

​जब भी कोई फ्यूज खराब हो जाए, तो हमेशा उसे उसी रेटिंग और प्रकार के फ्यूज से बदलें जो वाहन निर्माता द्वारा अनुशंसित है।



​निष्कासन फ्यूज (Expulsion Fuse) एक प्रकार का फ्यूज है जिसका उपयोग मुख्य रूप से उच्च वोल्टेज वाली विद्युत लाइनों और ट्रांसफार्मर को अत्यधिक करंट से बचाने के लिए किया जाता है। इसे ड्रॉप-आउट फ्यूज (Drop-out fuse) या पॉवर फ्यूज (Power fuse) भी कहते हैं।

कार्यप्रणाली

​निष्कासन फ्यूज की कार्यप्रणाली इस प्रकार है:

  1. सामान्य स्थिति: जब सर्किट में करंट सामान्य होता है, तो फ्यूज के अंदर की पतली तार बिना किसी रुकावट के करंट प्रवाहित होने देती है। यह फ्यूज एक ओपन-एंडेड ट्यूब (open-ended tube) में लगा होता है जो आमतौर पर फाइबर ग्लास से बनी होती है।
  2. दोषपूर्ण स्थिति: जब शॉर्ट-सर्किट या ओवरलोड के कारण अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो फ्यूज तार पिघल जाती है।
  3. आर्क का बनना: जैसे ही तार पिघलती है, उसके बीच में एक बहुत शक्तिशाली आर्क (Arc) बनता है। यह आर्क अंदर की ट्यूब को गर्म करता है, जिससे ट्यूब के अंदर की सामग्री का तेजी से वाष्पीकरण होता है।
  4. गैस का निर्माण और निष्कासन: वाष्पीकरण से उत्पन्न होने वाली गैस ट्यूब के अंदर उच्च दबाव बनाती है। यह गैस एक या दोनों खुले सिरों से बहुत तेज़ी से बाहर निकलती है, और अपने साथ आर्क को भी बाहर धकेल देती है, जिससे आर्क बुझ जाता है।
  5. फ्यूज का गिरना: आर्क के बुझने के बाद, फ्यूज का निचला हिस्सा अपने भार के कारण नीचे गिर जाता है। इससे यह स्पष्ट रूप से पता चल जाता है कि फ्यूज उड़ गया है और सर्किट अब खुला (open) है।

फायदे और नुकसान

फायदे:

  • देखने में आसान: फ्यूज के नीचे गिरने से यह आसानी से पता चल जाता है कि वह खराब हो गया है।
  • उच्च ब्रेकिंग क्षमता: यह उच्च वोल्टेज सर्किट में उत्पन्न होने वाली बड़ी धाराओं को संभालने में सक्षम है।
  • सस्ता: यह अपने वर्ग के अन्य उच्च-वोल्टेज सर्किट ब्रेकरों की तुलना में सस्ता होता है।

नुकसान:

  • शोर और गैस: जब यह काम करता है, तो यह बहुत शोर करता है और गैस और गर्म धातु के कणों को बाहर निकालता है, जिससे यह बंद स्थानों के लिए अनुपयुक्त है।
  • आर्क के लिए स्पेस: इसे काम करने के लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता होती है ताकि यह आर्क और गैस को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल सके।

उपयोग

​निष्कासन फ्यूज का उपयोग मुख्य रूप से बाहरी विद्युत सबस्टेशनों और बिजली वितरण लाइनों में किया जाता है, जहाँ सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह ट्रांसफार्मर और वितरण लाइनों को ओवरलोड और शॉर्ट-सर्किट से सुरक्षा प्रदान करता है।



​डी.ओ. फ्यूज (D.O. Fuse) का मतलब ड्रॉप-आउट फ्यूज (Drop-Out Fuse) है। यह एक प्रकार का उच्च वोल्टेज वाला फ्यूज है जिसका उपयोग बिजली वितरण प्रणालियों में ट्रांसफार्मर, कैपेसिटर बैंकों और अन्य उपकरणों को अत्यधिक करंट (ओवरलोड और शॉर्ट-सर्किट) से बचाने के लिए किया जाता है।

डी.ओ. फ्यूज की कार्यप्रणाली

​डी.ओ. फ्यूज मुख्य रूप से दो भागों से बना होता है:

  1. फ्यूज कैरियर (Fuse Carrier): यह एक ट्यूब जैसी संरचना होती है, जिसके अंदर फ्यूज तार लगा होता है।
  2. फ्यूज होल्डर (Fuse Holder): यह वह फ्रेम होता है जो फ्यूज कैरियर को सहारा देता है।

​जब सर्किट में करंट का प्रवाह सामान्य होता है, तो फ्यूज कैरियर फ्यूज होल्डर में अपनी जगह पर लगा रहता है। लेकिन, जब किसी दोष (fault) के कारण अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो फ्यूज तार पिघल जाती है। तार के पिघलने से एक आर्क (arc) बनता है।  यह आर्क फ्यूज कैरियर के अंदर की गैसों को गर्म करके उनका तेजी से विस्तार करता है, जिससे आर्क बुझ जाता है। जैसे ही आर्क बुझता है, फ्यूज कैरियर का निचला हिस्सा अपने वजन के कारण नीचे की ओर झूल जाता है या गिर जाता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • विजुअल इंडिकेशन: डी.ओ. फ्यूज का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब यह उड़ता है, तो इसका निचला हिस्सा झूल जाता है। इससे दूर से ही पता चल जाता है कि फ्यूज खराब हो गया है और सर्किट में कोई खराबी है।
  • सरल रखरखाव: फ्यूज को बदलने के लिए, बस एक हॉट स्टिक (hot stick) का उपयोग करके झूलते हुए फ्यूज कैरियर को नीचे खींचकर बाहर निकाला जाता है और एक नए फ्यूज कैरियर से बदल दिया जाता है।
  • उच्च वोल्टेज के लिए उपयुक्त: इनका डिज़ाइन इन्हें 11kV से 33kV तक के उच्च वोल्टेज वाले सर्किटों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है।

​डी.ओ. फ्यूज और एक्सपल्शन फ्यूज में अंतर

​डी.ओ. फ्यूज और निष्कासन फ्यूज (Expulsion Fuse) अक्सर एक ही माने जाते हैं क्योंकि दोनों की कार्यप्रणाली समान होती है। निष्कासन (expulsion) प्रक्रिया वह क्रिया है जिसमें आर्क को बुझाने के लिए गैसों का उपयोग किया जाता है। डी.ओ. फ्यूज इस निष्कासन सिद्धांत पर ही काम करते हैं, और "ड्रॉप-आउट" शब्द उनके भौतिक व्यवहार को दर्शाता है जब वे काम करते हैं।



​एच जी फ्यूज (H.G. Fuse) एक विशेष प्रकार का फ्यूज है जिसका पूरा नाम "हाउसिंग एंड ग्रिप" (Housing and Grip) फ्यूज है। यह एक उच्च वोल्टेज वाला फ्यूज है जिसका उपयोग मुख्य रूप से विद्युत वितरण प्रणालियों में ट्रांसफार्मर, कैपेसिटर बैंकों और अन्य उपकरणों को अत्यधिक करंट से बचाने के लिए किया जाता है। इसे अक्सर लिक्विड-फिल्ड फ्यूज के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि कुछ डिज़ाइनों में, आर्क को बुझाने के लिए कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे तरल का उपयोग किया जाता था।

संरचना और कार्यप्रणाली

​एच.जी. फ्यूज की संरचना इसे सामान्य फ्यूज से अलग बनाती है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित घटक होते हैं:

  • फ्यूज तत्व (Fuse Element): यह एक पतली चांदी या तांबे की तार होती है।
  • फ्यूज ट्यूब (Fuse Tube): यह एक सील की हुई (sealed) ट्यूब होती है जिसमें फ्यूज तत्व होता है। कुछ पुराने डिज़ाइनों में इस ट्यूब को कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे ज्वलनशील तरल से भरा जाता था। यह तरल आर्क को प्रभावी ढंग से बुझाने का काम करता था।
  • मेटल कैप्स (Metal Caps): ट्यूब के दोनों सिरों पर धातु की कैप होती हैं जो फ्यूज को सर्किट से जोड़ती हैं।

कार्यप्रणाली: जब सर्किट में सामान्य से अधिक करंट प्रवाहित होता है, तो फ्यूज तार पिघल जाती है। तार के पिघलने से एक आर्क बनता है।  इस फ्यूज में, आर्क को बुझाने के लिए ट्यूब के अंदर का तरल (या आधुनिक डिज़ाइनों में विशेष गैस) काम करता है। यह तरल आर्क से उत्पन्न होने वाली गर्मी को अवशोषित करके उसे तुरंत बुझा देता है, जिससे सर्किट सुरक्षित रूप से खुल जाता है।

फायदे और नुकसान

फायदे:

  • उच्च ब्रेकिंग क्षमता: यह बहुत बड़ी धाराओं को भी सुरक्षित रूप से बाधित कर सकता है।
  • शोर-रहित ऑपरेशन: ड्रॉप-आउट फ्यूज के विपरीत, यह फ्यूज काम करते समय कोई शोर नहीं करता और न ही कोई गैस बाहर निकालता है, जिससे यह बंद सबस्टेशन के लिए उपयुक्त है।

नुकसान:

  • लागत: ये अन्य प्रकार के उच्च-वोल्टेज फ्यूज की तुलना में महंगे होते हैं।
  • पर्यावरणीय चिंताएँ: पुराने डिज़ाइनों में उपयोग किए जाने वाले तरल पदार्थ, जैसे कार्बन टेट्राक्लोराइड, पर्यावरण के लिए हानिकारक होते थे।

उपयोग

​एच.जी. फ्यूज का उपयोग मुख्य रूप से उच्च वोल्टेज वितरण प्रणालियों में किया जाता है, जहाँ सुरक्षा और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण होती है। इन्हें सबस्टेशन, बड़े ट्रांसफार्मर और अन्य औद्योगिक उपकरणों के लिए सुरक्षा प्रदान करने हेतु इस्तेमाल किया जाता है।



​थर्मल फ्यूज (Thermal Fuse) एक सुरक्षा उपकरण है जो किसी सर्किट को अत्यधिक गर्मी से बचाता है, न कि अत्यधिक करंट से। यह पारंपरिक फ्यूज से अलग है जो करंट के बढ़ने पर पिघलता है। थर्मल फ्यूज को "थर्मल कटऑफ" या "थर्मल लिंकेज" भी कहा जाता है।

यह कैसे काम करता है?

​एक थर्मल फ्यूज के अंदर एक विशेष प्रकार का छोटा धातु का टुकड़ा होता है जिसे फ्यूजिबल एलोय (fusible alloy) कहते हैं। यह मिश्र धातु एक निश्चित तापमान पर पिघलने के लिए डिज़ाइन की जाती है।

  1. सामान्य स्थिति: जब उपकरण का तापमान सामान्य रहता है, तो फ्यूजिबल एलोय ठोस अवस्था में रहता है और करंट को बिना किसी रुकावट के प्रवाहित होने देता है।
  2. अति-ताप की स्थिति: यदि किसी खराबी के कारण (जैसे मोटर जाम होना, कूलिंग फैन का काम न करना) उपकरण का तापमान एक पूर्व-निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है, तो फ्यूजिबल एलोय पिघल जाता है।
  3. सर्किट का टूटना: जैसे ही यह मिश्र धातु पिघलती है, यह सर्किट को तोड़ देती है और करंट का प्रवाह रुक जाता है।

​एक बार जब थर्मल फ्यूज पिघल जाता है, तो उसे बदला नहीं जा सकता है। यह एक डिस्पोजेबल (disposable) उपकरण है जिसे मैन्युअल रूप से बदलना पड़ता है, और इसीलिए इसे नॉन-रीसेट करने योग्य (non-resettable) माना जाता है।

थर्मल फ्यूज के उपयोग

​थर्मल फ्यूज का उपयोग उन उपकरणों में किया जाता है जहाँ ओवरहीटिंग का खतरा होता है। यह अक्सर सुरक्षा की अंतिम परत के रूप में काम करता है।

  • छोटे घरेलू उपकरण: कॉफी मेकर, टोस्टर, हेयर ड्रायर, और चावल कुकर।
  • मोटर्स: हेयर ड्रायर, मिक्सर ग्राइंडर और पंखों की मोटर्स को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए।
  • हीटिंग एलीमेंट्स: इलेक्ट्रिक हीटर और बॉयलर में।

​थर्मल फ्यूज एक महत्वपूर्ण सुरक्षा घटक है जो आग लगने या उपकरण को स्थायी नुकसान से बचाता है, खासकर उन स्थितियों में जहाँ तापमान नियंत्रण प्रणाली (temperature control system) विफल हो जाती है।



​माइक्रो फ्यूज (Micro fuse) एक बहुत छोटा और कॉम्पैक्ट फ्यूज होता है जिसका उपयोग मुख्य रूप से आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और उपकरणों में किया जाता है, जहाँ जगह की कमी एक बड़ी चुनौती होती है। इसका आकार इतना छोटा होता है कि इसे सीधे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) पर सोल्डर किया जा सकता है।

माइक्रो फ्यूज की विशेषताएँ

  • आकार: ये पारंपरिक फ्यूज की तुलना में बहुत छोटे होते हैं, इनका आकार अक्सर कुछ मिलीमीटर ही होता है।
  • संरचना: ये आमतौर पर सिरेमिक या ग्लास से बनी एक छोटी ट्यूब में लगे होते हैं, जिसके दोनों सिरों पर धातु के संपर्क (contacts) होते हैं। कुछ डिज़ाइन में तो ये सीधे सतह पर लगने वाले (surface-mount) फ्यूज होते हैं।
  • एम्पीयर रेटिंग: ये कम करंट वाली रेटिंग (मिलीएम्पीयर से कुछ एम्पीयर तक) में उपलब्ध होते हैं।
  • काम करने का तरीका: पारंपरिक फ्यूज की तरह, जब अत्यधिक करंट प्रवाहित होता है, तो माइक्रो फ्यूज के अंदर की पतली तार पिघल जाती है और सर्किट को तोड़ देती है।

उपयोग

​माइक्रो फ्यूज का उपयोग उन उपकरणों में होता है जहाँ आकार, सटीकता और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण होती है।

  • मोबाइल फोन और टैबलेट: बैटरी और चार्जिंग सर्किट को सुरक्षा देने के लिए।
  • कम्प्यूटर और लैपटॉप: मदरबोर्ड और अन्य संवेदनशील घटकों की सुरक्षा के लिए।
  • उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: गेमिंग कंसोल, पोर्टेबल स्पीकर, और छोटे गैजेट्स।
  • मेडिकल उपकरण: पोर्टेबल मेडिकल डिवाइस।

क्यों यह महत्वपूर्ण है?

​जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण छोटे और अधिक जटिल होते जा रहे हैं, माइक्रो फ्यूज जैसे छोटे सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। ये फ्यूज कम जगह लेते हैं और सर्किट के महत्वपूर्ण हिस्सों को महंगे नुकसान से बचाते हैं, जिससे उपकरणों की लंबी उम्र सुनिश्चित होती है।



​अर्धचालक फ्यूज (Semiconductor Fuse), जिसे हाई-स्पीड फ्यूज (High-speed Fuse) या अल्ट्रा-फास्ट एक्टिंग फ्यूज (Ultra-fast Acting Fuse) भी कहते हैं, एक विशेष प्रकार का फ्यूज है जिसे विशेष रूप से संवेदनशील अर्धचालक उपकरणों (जैसे डायोड, एससीआर, आईजीबीटी और ट्रांजिस्टर) को सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये पारंपरिक फ्यूज की तुलना में बहुत तेजी से काम करते हैं।

अर्धचालक फ्यूज की आवश्यकता

​पारंपरिक फ्यूज, जैसे किट कैट या एचआरसी फ्यूज, बड़े करंट के खिलाफ प्रभावी होते हैं, लेकिन वे इतनी तेज़ी से काम नहीं करते कि महंगे अर्धचालक उपकरणों को बचा सकें। अर्धचालक घटक बहुत कम समय में अत्यधिक करंट से स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए उन्हें बचाने के लिए एक ऐसे फ्यूज की आवश्यकता होती है जो मिलीसेकंड के बजाय माइक्रोसेकंड में काम करे।

संरचना और कार्यप्रणाली

​अर्धचालक फ्यूज की संरचना इसे अल्ट्रा-फास्ट बनाती है:

  1. फ्यूज तत्व (Fuse Element): इसमें एक या अधिक पतली चांदी की तारें होती हैं, जिन्हें अक्सर v-shaped या notched डिज़ाइन में बनाया जाता है ताकि वे तेजी से पिघलें।
  2. फ्यूज बॉडी: फ्यूज की बॉडी उच्च गुणवत्ता वाले सिरेमिक से बनी होती है जो उच्च तापमान और दबाव को सह सकती है।
  3. भरने वाला पाउडर: फ्यूज तार के चारों ओर क्वार्ट्ज पाउडर भरा होता है, जो आर्क को प्रभावी ढंग से बुझाने का काम करता है।

कार्यप्रणाली: जब सर्किट में शॉर्ट-सर्किट या ओवरलोड के कारण करंट का प्रवाह अचानक बढ़ता है, तो फ्यूज तार तुरंत पिघल जाती है।  तार के पिघलने से एक शक्तिशाली आर्क बनता है, जिसे क्वार्ट्ज पाउडर तुरंत बुझा देता है। यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही कम समय (लगभग एक मिलीसेकंड से भी कम) में होती है, जिससे सर्किट में लगे संवेदनशील अर्धचालक उपकरणों को नुकसान होने से पहले ही सर्किट टूट जाता है।

अर्धचालक फ्यूज के फायदे

  • अल्ट्रा-फास्ट एक्टिंग: ये अन्य फ्यूज की तुलना में बहुत तेजी से काम करते हैं, जिससे संवेदनशील उपकरणों को सुरक्षा मिलती है।
  • उच्च ब्रेकिंग क्षमता: ये बड़ी धाराओं को भी सुरक्षित रूप से बाधित कर सकते हैं।
  • कम वोल्टेज ड्रॉप: सामान्य परिचालन में, इनका प्रतिरोध बहुत कम होता है, जिससे वोल्टेज ड्रॉप न्यूनतम होता है।

उपयोग

  • पावर इलेक्ट्रॉनिक्स: हाई-पावर इनवर्टर, कनवर्टर और रेक्टिफायर।
  • मोटर ड्राइव: एसी और डीसी मोटर ड्राइव को सुरक्षा देने के लिए।
  • यूपीएस (UPS): निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रणालियों में।
  • सॉलिड-स्टेट रिले (SSR): ठोस-अवस्था रिले सर्किट।


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