केबल ग्रंथियों के प्रकार ( Types of Cable Glands )

केबल ग्रंथियां (Cable Glands) विभिन्न मानदंडों के आधार पर कई प्रकार की होती हैं। ये विद्युत प्रतिष्ठानों में केबल को सुरक्षित रूप से उपकरण या बाड़ों (Enclosures) में प्रवेश कराने, यांत्रिक सहारा (Strain Relief), और पर्यावरणीय सीलिंग प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

केबल ग्रंथियों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

​1. संपीड़न के आधार पर (Based on Compression)

  • एकल संपीड़न केबल ग्रंथि (Single Compression Cable Glands):
    • ​ये अ-बख़्तरबंद (Unarmoured) केबलों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
    • ​इनमें केवल एक सील और एक कंप्रेस्ड ग्रिप होती है जो केबल के बाहरी शीथ (Sheath) को पकड़कर तनाव से राहत देती है।
    • ​आमतौर पर शुष्क और हल्के इनडोर वातावरण में उपयोग किए जाते हैं।
  • डबल संपीड़न केबल ग्रंथि (Double Compression Cable Glands - DCG):
    • ​इन्हें मुख्य रूप से बख़्तरबंद (Armoured) केबलों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
    • ​ये केबल के भीतरी और बाहरी दोनों शीथ पर दो सीलिंग और कंप्रेस्ड ग्रिप प्रदान करते हैं, जिससे मजबूत यांत्रिक पकड़ और बेहतर सुरक्षा मिलती है।
    • ​पावर प्लांट और फैक्ट्री जैसे कठोर, गीले या बाहरी वातावरण में उपयोग किए जाते हैं।

​2. केबल प्रकार के आधार पर (Based on Cable Type)

  • बख़्तरबंद केबल ग्रंथि (Armoured Cable Glands):
    • ​स्टील वायर आर्मर्ड (SWA) केबलों के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • ​इनमें केबल के बख़्तरबंद परत को ज़मीन से जोड़ने और मज़बूती से क्लैंप करने के लिए विशेष घटक होते हैं।
  • अ-बख़्तरबंद केबल ग्रंथि (Unarmoured Cable Glands):
    • ​उन केबलों के लिए जो बख़्तरबंद नहीं होते, जैसे कि प्लास्टिक या रबर शीथ वाले केबल।

​3. सामग्री के आधार पर (Based on Material)

  • धातु केबल ग्रंथि (Metal Cable Glands):
    • पीतल (Brass): मजबूत, टिकाऊ और अच्छे चालक (Conductor), औद्योगिक उपयोग के लिए लोकप्रिय।
    • स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel): संक्षारण (Corrosion) के लिए उत्कृष्ट प्रतिरोध, समुद्री, खाद्य प्रसंस्करण और रासायनिक उद्योगों के लिए आदर्श।
    • एल्यूमीनियम (Aluminium): हल्का और संक्षारण प्रतिरोधी।
  • प्लास्टिक/नायलॉन केबल ग्रंथि (Plastic/Nylon Cable Glands):
    • ​ये हल्के होते हैं, जंग नहीं लगते और कम यांत्रिक तनाव वाले सामान्य अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं।

​4. कार्यक्षमता/विशेष अनुप्रयोग के आधार पर (Based on Functionality/Special Application)

  • विस्फोट-रोधी/फ्लेमप्रूफ केबल ग्रंथि (Explosion-Proof / Flameproof Cable Glands):
    • ​ये खतरनाक क्षेत्रों (Hazardous Areas), जैसे कि तेल और गैस उद्योगों में, विस्फोटों को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  • वाटरप्रूफ/वेदरप्रूफ केबल ग्रंथि (Waterproof / Weatherproof Cable Glands):
    • ​बाहरी या नमी वाले वातावरण के लिए उच्च IP (Ingress Protection) रेटिंग प्रदान करते हैं।
  • ईएमसी केबल ग्रंथि (EMC Cable Glands):
    • ​विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (Electromagnetic Interference - EMI) को रोकने और केबल की शील्ड को बाड़े से जोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।



केबल ग्रंथि (Cable Gland) का उपयोग बिजली के उपकरणों या संलग्नकों (enclosures) में केबलों को सुरक्षित रूप से समाप्त करने और सील (seal) करने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण यांत्रिक उपकरण है जो कई कार्य करता है:

केबल ग्रंथि के मुख्य कार्य

​केबल ग्रंथि का उपयोग कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करता है, खासकर विद्युत प्रणालियों की सुरक्षा, अखंडता (integrity) और दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए:

  1. पर्यावरणीय सुरक्षा (Environmental Protection):
    • ​यह केबल के बाहरी आवरण पर एक तंग मुहर (tight seal) प्रदान करता है।
    • ​यह धूल, गंदगी, पानी और नमी को विद्युत उपकरण या संलग्नक में प्रवेश करने से रोकता है। यह सुनिश्चित करता है कि उपकरण का IP (Ingress Protection) रेटिंग बना रहे।
  2. केबल को सुरक्षित करना (Cable Securing):
    • ​यह केबल को अपनी जगह पर कसकर (firmly) फिक्स करता है।
    • ​यह केबल को मरोड़ने (twisting) या गलती से बाहर खींचने (pulling out) से रोकता है (जिसे स्ट्रेन रिलीफ - Strain Relief भी कहते हैं)।
  3. यांत्रिक सुदृढ़ीकरण (Mechanical Fortification):
    • ​यह केबल को बाहरी तनाव (stress) से बचाता है, जिससे कनेक्शन पॉइंट पर केबल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है।
  4. अर्थ निरंतरता (Earth Continuity):
    • ​धातु से बनी केबल ग्रंथियों के मामले में, यह आर्मर्ड केबलों (armoured cables) के लिए पृथ्वी (अर्थिंग) की निरंतरता प्रदान करता है, जो सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  5. विद्युत चिंगारी को रोकना (Preventing Electrical Sparks):
    • ​यह खतरनाक वातावरण (जैसे कि ज्वलनशील गैसों या धूल वाले क्षेत्र) में विद्युत शॉर्ट्स या चिंगारी को फैलने से रोकने में मदद करता है।

उपयोग के क्षेत्र

​केबल ग्रंथियों का उपयोग बिजली, 

इंस्ट्रुमेंटेशन (Instrumentation), 

नियंत्रण (control), 

स्वचालन (automation) प्रणालियों, 

डेटा और दूरसंचार (telecommunication) सहित विभिन्न उद्योगों और अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से किया जाता है:

  • ​औद्योगिक मशीनरी और पैनल
  • ​आउटडोर प्रकाश व्यवस्था
  • ​समुद्री उद्योग (Marine Industry)
  • ​खनन (Mining)
  • ​पेट्रोकेमिकल संयंत्र
  • ​नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ
  • ​खतरनाक वातावरण (Explosive Atmospheres)

संक्षेप में, 

केबल ग्रंथि एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण घटक है जो विद्युत प्रणालियों में सुरक्षित, भरोसेमंद और संरक्षित कनेक्शन सुनिश्चित करता है।




केबल ग्रंथि (Cable Gland) अपने सुरक्षात्मक कार्यों के लिए आवश्यक हैं, लेकिन उनके उपयोग में कुछ सीमाएँ और संभावित नुकसान भी हैं, जिनमें मुख्य रूप से स्थापना (Installation), लचीलापन (Flexibility), और लागत (Cost) शामिल हैं:

​केबल ग्रंथि के नुकसान और सीमाएँ

​1. स्थापना से संबंधित चुनौतियाँ

  • गलत स्थापना का जोखिम: केबल ग्रंथि की प्रभावशीलता सही स्थापना पर निर्भर करती है।
    • अपर्याप्त या अत्यधिक कसना (Tightening): यदि ग्रंथि को बहुत ढीला छोड़ दिया जाए, तो सीलिंग खराब हो जाती है और पानी/धूल अंदर जा सकता है। यदि बहुत कस दिया जाए, तो यह केबल को नुकसान पहुंचा सकता है।
    • केबल की गलत तैयारी: केबल को ठीक से तैयार न करने से कनेक्शन कमजोर हो सकता है।
  • समय और श्रम: बड़ी संख्या में केबलों के लिए, प्रत्येक ग्रंथि को सही ढंग से स्थापित करने में अधिक समय और श्रम लगता है, जिससे परियोजना की कुल लागत बढ़ जाती है।

​2. लचीलेपन की कमी

  • भविष्य में बदलाव मुश्किल: एक बार जब ग्रंथि स्थापित हो जाती है, तो अतिरिक्त केबल जोड़ने या केबल के आकार को बदलने के लिए मौजूदा संलग्नक (enclosure) में छेद करना या उसमें बदलाव करना जटिल और जोखिम भरा हो सकता है।
  • कम केबल घनत्व (Low Cable Density): ग्रंथि को कसने के लिए आवश्यक उपकरण स्थान के कारण, केबलों को एक-दूसरे से काफी दूर रखना पड़ता है। इससे कैबिनेट या संलग्नक में जगह का उपयोग अप्रभावी हो जाता है, जिससे बड़े और महंगे कैबिनेट की आवश्यकता हो सकती है।

​3. लागत और सामग्री के मुद्दे

  • उच्च अग्रिम लागत (Higher Upfront Cost): पारंपरिक कनेक्शनों की तुलना में, विशेष रूप से धातु (पीतल या स्टेनलेस स्टील) से बने उच्च गुणवत्ता वाले या विशेष-प्रकार (जैसे फ्लेमप्रूफ) केबल ग्रंथियों की शुरुआती लागत अधिक होती है।
  • सामग्री की सीमाएँ:
    • प्लास्टिक ग्रंथि: धातु की तुलना में कम टिकाऊ होती हैं और अत्यधिक गर्मी या यांत्रिक तनाव (mechanical stress) में विकृत या क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
    • धातु ग्रंथि: यदि स्टेनलेस स्टील से नहीं बनी है, तो नमी वाले या संक्षारक (corrosive) वातावरण में जंग (corrosion) लग सकता है।

​4. तकनीकी समस्याएँ

  • गलत चयन: गलत आकार या प्रकार की ग्रंथि चुनने से अपर्याप्त सीलिंग, अर्थिंग की विफलता या केबल को नुकसान हो सकता है।

​ये नुकसान केबल ग्रंथि की उपयोगिता को कम नहीं करते, बल्कि यह दर्शाते हैं कि इष्टतम सुरक्षा और कार्यक्षमता के लिए सही ग्रंथि का चयन और सावधानीपूर्वक स्थापना आवश्यक है।



केबल ग्रंथि (Cable Gland) को उनके डिजाइन, उपयोग किए गए केबल के प्रकार और अनुप्रयोग के वातावरण के आधार पर कई श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

केबल ग्रंथि के प्रमुख प्रकार

​केबल ग्रंथियों को वर्गीकृत करने के कई तरीके हैं, लेकिन मुख्य श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:

​1. केबल के प्रकार के आधार पर

3. थ्रेड टाइप के आधार पर

  • मैट्रिक (Metric/M): यूरोपीय मानक, मिलीमीटर (mm) में मापा जाता है।
  • पी.जी. (PG - Panzergewinde): पुराना जर्मन मानक, जिसे अक्सर नए डिज़ाइनों में मैट्रिक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।
  • एन.पी.टी. (NPT - National Pipe Thread): उत्तरी अमेरिकी मानक।

​4. सामग्री के आधार पर

  • पीतल (Brass) या निकल-प्लेटेड पीतल: उच्च यांत्रिक शक्ति, अच्छी चालकता, और कठोर वातावरण के लिए उपयुक्त।
  • स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel): उत्कृष्ट संक्षारण प्रतिरोध, खासकर समुद्री और रासायनिक वातावरण के लिए।
  • प्लास्टिक/नायलॉन (Plastic/Nylon): हल्के, लागत प्रभावी, और इनडोर या सामान्य अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त।

​5. विशेष अनुप्रयोगों के आधार पर

  • खतरनाक क्षेत्र ग्रंथि (Hazardous Area/Flameproof Glands): विस्फोटक गैसों या धूल वाले क्षेत्रों (जैसे तेल, गैस, रसायन संयंत्र) में उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई, जो सुनिश्चित करती है कि कोई भी विस्फोट संलग्नक के बाहर न फैल पाए।
  • वाटरप्रूफ/वेदरप्रूफ ग्रंथि (Waterproof/Weatherproof Glands): IP (Ingress Protection) रेटिंग (जैसे IP68) बनाए रखने के लिए, जो बाहरी या गीले वातावरण में नमी के प्रवेश को रोकती हैं।
  • ई.एम.सी. ग्रंथि (EMC Glands): विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (Electromagnetic Interference - EMI) से बचाने के लिए, जो केबल शील्ड (Shield) के साथ संपर्क स्थापित करती हैं।



केबल ग्रंथि के उपयोग (Uses of Cable Glands) बहुत महत्वपूर्ण हैं और मुख्य रूप से बिजली के उपकरणों या बाड़ों (enclosures) में केबलों को सुरक्षित और सील करने के लिए किए जाते हैं।

​यहाँ केबल ग्रंथि के मुख्य उपयोग दिए गए हैं:

​1. पर्यावरणीय सुरक्षा (Environmental Protection)

​केबल ग्रंथि का सबसे महत्वपूर्ण कार्य सील प्रदान करना है:

  • ​यह सुनिश्चित करता है कि धूल, गंदगी, पानी और नमी संलग्नक (Enclosure) के अंदर प्रवेश न कर पाएं।
  • ​यह उपकरण के आईपी (Ingress Protection) रेटिंग को बनाए रखने में मदद करता है।
  • ​यह केबल को रसायनों, तेलों और संक्षारक तत्वों के संपर्क से बचाता है, जिससे केबल और उपकरण की उम्र बढ़ जाती है।

​2. यांत्रिक स्थिरता और सुरक्षा (Mechanical Stability and Safety)

​ग्रंथियां केबल को भौतिक क्षति और विस्थापन (Displacement) से बचाती हैं:

  • स्ट्रेन रिलीफ (Strain Relief): यह केबल को अपनी जगह पर मजबूती से पकड़ता है, जिससे केबल के अचानक खींचे जाने या अत्यधिक मोड़ने पर कनेक्शन पॉइंट पर तनाव (Stress) कम हो जाता है।
  • होल्डिंग फ़ोर्स (Holding Force): यह सुनिश्चित करता है कि केबल कंपन (Vibration) या आकस्मिक खिंचाव के कारण संलग्नक से बाहर न निकल जाए
  • सुरक्षात्मक समाप्ति (Protective Termination): यह केबल के खुले सिरों को क्षति से बचाता है और एक साफ-सुथरा, पेशेवर समाप्ति (Termination) प्रदान करता है।

​3. विद्युत सुरक्षा (Electrical Safety)

​विद्युत प्रणालियों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रंथियों का उपयोग किया जाता है:

  • अर्थ निरंतरता (Earth Continuity): धातु (Metallic) और आर्मर्ड केबल ग्रंथियां केबल के कवच (Armour) या शील्ड के माध्यम से विद्युत उपकरणों के लिए एक विश्वसनीय अर्थिंग (Grounding) पथ प्रदान करती हैं।
  • खतरनाक क्षेत्र (Hazardous Areas): फ्लेमप्रूफ (Flameproof) और एक्सप्लोशनप्रूफ (Explosion-proof) ग्रंथियां तेल, गैस और रासायनिक उद्योगों में उपयोग की जाती हैं। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि संलग्नक के अंदर कोई भी चिंगारी या विस्फोट बाहर के ज्वलनशील वातावरण तक न फैले।
  • ई.एम.सी. शील्डिंग (EMC Shielding): विशेष ई.एम.सी. ग्रंथियां विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (EMI) को कम करने के लिए केबल शील्ड को प्रभावी ढंग से समाप्त करती हैं।

संक्षेप में, 

केबल ग्रंथि किसी भी विद्युत स्थापना का एक अनिवार्य घटक है जो उपकरण, केबल और उसे संचालित करने वाले कर्मियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है।




केबलों को सुरक्षित करना विद्युत सुरक्षा, दीर्घायु (Longevity) और सिस्टम के सुचारू संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि केबल यांत्रिक क्षति, पर्यावरणीय कारकों और अनावश्यक तनाव से सुरक्षित रहें।

​केबलों को सुरक्षित करने के मुख्य तरीके और उपकरण इस प्रकार हैं:

​1. यांत्रिक सुरक्षा उपकरण (Mechanical Protection Devices)

​ये उपकरण केबलों को मजबूती से पकड़ते हैं और उन्हें बाहरी क्षति से बचाते हैं:

  • केबल ग्रंथि (Cable Glands): इनका उपयोग केबल को जंक्शन बॉक्स, उपकरण या संलग्नक (Enclosures) में प्रवेश करते समय सील करने और सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। ये स्ट्रेन रिलीफ (तनाव से राहत) प्रदान करते हैं और धूल/पानी के प्रवेश को रोकते हैं।
  • केबल टाई और वेल्क्रो स्ट्रैप (Cable Ties & Velcro Straps):
    • ज़िप टाई (Zip Ties) (केबल टाई): केबलों को एक साथ बांधने और उन्हें एक निश्चित मार्ग पर सुरक्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
    • वेल्क्रो स्ट्रैप (Velcro Straps): ये समायोज्य होते हैं और उन केबलों के लिए बेहतर होते हैं जिन्हें अक्सर बदलने या पुनर्व्यवस्थित करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ये इंसुलेशन को नुकसान नहीं पहुंचाते।
  • केबल क्लैंप और क्लिप (Cable Clamps & Clips): इनका उपयोग दीवारों, छत या उपकरण के फ्रेम जैसी सतहों पर केबलों को सुरक्षित रूप से लगाने के लिए किया जाता है।
  • ग्रोमेट्स (Grommets): इनका उपयोग धातु के बक्सों या पैनलों में छेदों के किनारों पर किया जाता है। ये केबल को छेद के नुकीले किनारों से रगड़ (Abrasion) और कटने से बचाते हैं।
  • कंड्यूट (Conduit) और डक्ट (Duct): कठोर या लचीली ट्यूब या चैनल जो केबल के बंडल को यांत्रिक क्षति, नमी और आग से पूरी तरह से घेरकर सुरक्षित करते हैं।

​2. स्थापना की सही प्रक्रिया (Correct Installation Procedures)

​सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केबल बिछाने के दौरान कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है:

  • ओवरलोडिंग से बचें: सुनिश्चित करें कि केबल अपनी निर्धारित क्षमता (Rated Capacity) से अधिक करंट पर न चलें, क्योंकि इससे अत्यधिक गर्मी पैदा हो सकती है।
  • न्यूनतम झुकाव त्रिज्या (Minimum Bending Radius): केबलों को बहुत कसकर या तेज़ कोण पर नहीं मोड़ना चाहिए। अत्यधिक झुकाव केबल के अंदरूनी कंडक्टरों या इंसुलेशन को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अलग करना (Separation): उच्च-वोल्टेज केबलों को डेटा या संचार केबलों से एक निश्चित दूरी पर अलग रखा जाना चाहिए ताकि विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (EMI) को रोका जा सके।
  • उचित अर्थिंग (Proper Grounding): सुनिश्चित करें कि धातु के कंड्यूट, केबल ट्रे और आर्मर्ड केबल के कवच ठीक से अर्थ (Ground) किए गए हैं ताकि शॉर्ट सर्किट या बिजली गिरने की स्थिति में खतरा कम हो।
  • नियमित अंतराल पर सुरक्षित करें: केबलों को झूलने या खींचने से रोकने के लिए उन्हें निर्दिष्ट अंतराल (Specified Intervals) पर बांधना या क्लैंप करना चाहिए।

​3. पर्यावरण और रखरखाव के उपाय (Environmental & Maintenance Measures)

  • अग्निरोधक सामग्री (Fire-resistant Materials): आग के जोखिम वाले क्षेत्रों में, आग प्रतिरोधी या ज्वाला मंदक (Flame Retardant) केबल और सुरक्षात्मक सामग्री का उपयोग करें।
  • नियमित निरीक्षण: समय-समय पर केबलों, इंसुलेशन और सुरक्षा उपकरणों में घिसाव, दरारें या क्षति की जाँच करें और तुरंत मरम्मत करें।
  • लेबलिंग (Labeling): केबलों को उनके गंतव्य (Destination) और उद्देश्य के अनुसार ठीक से लेबल करें ताकि मरम्मत और रखरखाव आसान हो सके।



"सीलिंग और सुरक्षा" विद्युत प्रणालियों में दो अंतर-संबंधित और महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं, जो उपकरण की विश्वसनीयता, दीर्घायु और व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।

सीलिंग (Sealing)

​सीलिंग का अर्थ है, किसी विद्युत संलग्नक (Enclosure) या उपकरण में प्रवेश करने वाले केबल या कवर के चारों ओर एक अभेद्य अवरोध (impermeable barrier) बनाना।

सीलिंग का महत्व:

  1. पर्यावरण से सुरक्षा (Environmental Protection): सीलिंग संलग्नक के अंदर धूल, गंदगी, पानी, नमी, तेल और संक्षारक गैसों को प्रवेश करने से रोकती है। यह शॉर्ट सर्किट, जंग (Corrosion), और घटक क्षति को रोकता है।
  2. आईपी/नेमा अनुपालन (IP/NEMA Compliance): उचित सीलिंग सुनिश्चित करती है कि उपकरण अपनी आवश्यक प्रवेश संरक्षण (Ingress Protection - IP) रेटिंग (जैसे IP67: धूल-रोधी और जलमग्नता से संरक्षित) या NEMA रेटिंग को पूरा करता है।
  3. लागत बचत: उपकरण को पर्यावरण क्षति से बचाकर, सीलिंग महंगी मरम्मत, प्रतिस्थापन और डाउनटाइम (उत्पादन में रुकावट) को कम करती है।

सीलिंग के तरीके:

  • केबल ग्रंथि (Cable Glands): केबल और संलग्नक के बीच प्रवेश बिंदु पर मुहर लगाने के लिए।
  • गास्केट और सीलेंट (Gaskets and Sealants): संलग्नक के दरवाजों, पैनलों और जोड़ों पर रबर (EPDM, नियोप्रीन) जैसे लचीले गास्केट का उपयोग करना।
  • पोटिंग/एनकैप्सुलेशन (Potting/Encapsulation): संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक घटकों को नमी और कंपन से बचाने के लिए उन्हें एक यौगिक (Compound) में सील करना।

सुरक्षा (Protection)

​सुरक्षा का अर्थ है, केबलों और उपकरणों को यांत्रिक, विद्युत और थर्मल (उष्मीय) खतरों से बचाना।

सुरक्षा का महत्व:

  1. व्यक्तिगत सुरक्षा (Personnel Safety): सुरक्षा उपाय (जैसे अर्थिंग, फ्यूज और उचित इंसुलेशन) बिजली के झटके, जलने और आकस्मिक मृत्यु के जोखिम को समाप्त करते हैं।
  2. यांत्रिक क्षति निवारण (Mechanical Damage Prevention): केबलों को बाहरी रूप से कुचलने, खींचने या रगड़ने से बचाना, जिससे इंसुलेशन विफल हो सकता है और शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
  3. विद्युत अखंडता (Electrical Integrity): फ्यूज, सर्किट ब्रेकर (MCB/MCCB), और ग्राउंड फॉल्ट सर्किट इंटरप्टर (GFCI/RCCB) का उपयोग करना ताकि ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट और ग्राउंड फॉल्ट से उपकरण और वायरिंग सुरक्षित रहें।
  4. खतरनाक क्षेत्र संरक्षण (Hazardous Area Protection): फ्लेमप्रूफ संलग्नक यह सुनिश्चित करते हैं कि संलग्नक के अंदर कोई भी विस्फोट बाहर के ज्वलनशील वातावरण में न फैले।

सुरक्षा के तरीके:

  • कंड्यूट, केबल ट्रे और डक्ट: केबलों को यांत्रिक रूप से सुरक्षित करने और प्रबंधित करने के लिए।
  • सुरक्षात्मक उपकरण: ओवरकरंट और शॉर्ट सर्किट से बचाने के लिए एमसीबी/फ्यूज का उपयोग।
  • अर्थिंग (Grounding): उपकरण के धातु के हिस्सों को जमीन से जोड़ना।
  • स्ट्रेन रिलीफ: केबल ग्रंथि का उपयोग करके खींचने से बचाना।

​सीलिंग और सुरक्षा मिलकर एक संपूर्ण सुरक्षा रणनीति बनाते हैं, जो किसी भी विद्युत प्रणाली के लिए अनिवार्य है।



अर्थिंग (Earthing) और ग्राउंडिंग (Grounding) दोनों ही विद्युत प्रणालियों में सुरक्षा के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाएं हैं, जिसमें एक चालक (conductor) को पृथ्वी (earth) से जोड़ा जाता है।

हालांकि, 

कुछ संदर्भों (विशेषकर भारतीय और यूरोपीय मानकों) में इनके उद्देश्य और कनेक्शन के बिंदु के आधार पर एक सूक्ष्म अंतर किया जाता है:

अर्थिंग (Earthing) - मानव और उपकरण की बॉडी सुरक्षा

  • उद्देश्य: मुख्य रूप से मानव जीवन और उपकरण के बाहरी भाग की सुरक्षा करना।
  • कनेक्शन बिंदु: यह सुरक्षात्मक तार उपकरण के गैर-करंट-ले जाने वाले धातु के हिस्सों (Non-current-carrying metallic parts) जैसे- मोटर की बॉडी, रेफ्रिजरेटर का खोल या स्विचबोर्ड के बाड़े से जुड़ा होता है।
  • कार्य: यदि कोई विद्युत दोष (Electrical Fault) होता है और लाइव तार गलती से उपकरण की धातु की बॉडी को छू लेता है, तो रिसाव (Leakage) करंट सीधे अर्थिंग तार के माध्यम से जमीन में चला जाता है, जिससे उपयोगकर्ता को बिजली का झटका लगने से बचाया जा सकता है।
  • अवस्था: यह सुनिश्चित करता है कि उपकरण की बॉडी का पोटेंशियल (विभव) हमेशा शून्य (Zero Potential) रहे।

ग्राउंडिंग (Grounding) - विद्युत प्रणाली की सुरक्षा

  • उद्देश्य: मुख्य रूप से विद्युत प्रणाली (जैसे ट्रांसफार्मर, जनरेटर) और उसके घटकों को सुरक्षित रखना।
  • कनेक्शन बिंदु: यह तार करंट-ले जाने वाले तारों (Current-carrying conductors) के एक हिस्से से जुड़ा होता है, विशेष रूप से ट्रांसफार्मर या जनरेटर के न्यूट्रल बिंदु (Neutral Point) या स्टार पॉइंट से।
  • कार्य:
    • सिस्टम को स्थिर करना: यह न्यूट्रल को संदर्भ (Reference) शून्य विभव पर बनाए रखता है।
    • असंतुलित धारा (Unbalanced Current) से सुरक्षा: यह सुनिश्चित करता है कि सिस्टम में लोड असंतुलन की स्थिति में न्यूट्रल में प्रवाहित अतिरिक्त या असंतुलित करंट सीधे जमीन में चला जाए, जिससे ट्रांसफार्मर या जनरेटर को क्षति न हो।
    • ओवरवोल्टेज से सुरक्षा: बिजली गिरने (Lightning) या किसी अन्य उच्च-वोल्टेज स्पाइक की स्थिति में अतिरिक्त वोल्टेज को जमीन में मोड़ना।



केबल ग्रंथियों में तनाव से राहत (Strain Relief) एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। इसका सीधा मतलब है कि यह सुनिश्चित करना कि केबल के खींचे जाने या मुड़ने पर लगने वाला यांत्रिक बल (Mechanical Stress) सीधे उसके विद्युत कनेक्शन (टर्मिनल) पर न पड़े।

​तनाव से राहत के कारण ही केबल ग्रंथि को एक आवश्यक सुरक्षा उपकरण माना जाता है।

केबल ग्रंथि में तनाव से राहत का महत्व

​तनाव से राहत के मुख्य कारण और लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. कनेक्शन की सुरक्षा (Protection of Connection):
    • ​यदि केबल को ग्रंथि से ठीक से सुरक्षित न किया जाए, तो बाहरी खिंचाव या कंपन (Vibration) के कारण केबल टर्मिनल से बाहर निकल सकता है या कनेक्शन पॉइंट पर तार टूट सकते हैं।
    • ​तनाव से राहत इस बल को अवशोषित कर लेती है, जिससे तार सुरक्षित रहते हैं।
  2. शॉर्ट सर्किट की रोकथाम (Prevention of Short Circuit):
    • ​केबल के बार-बार खींचने या हिलाने से उसके अंदर के छोटे तार (Conductors) क्षतिग्रस्त हो सकते हैं या आपस में टकरा सकते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
    • ​तनाव से राहत केबल को स्थिर रखती है और आंतरिक क्षति को रोकती है।
  3. केबल की दीर्घायु (Cable Longevity):
    • ​केबल के एंट्री पॉइंट पर अत्यधिक तनाव उसके बाहरी जैकेट और आंतरिक इंसुलेशन को फाड़ सकता है।
    • ​ग्रंथि यह सुनिश्चित करती है कि केबल अपनी निर्दिष्ट झुकाव त्रिज्या (Bending Radius) के भीतर ही मुड़े, जिससे केबल की उम्र बढ़ती है।
  4. पर्यावरणीय सीलिंग का रखरखाव (Maintaining Environmental Seal):
    • ​यदि केबल खींच लिया जाता है या विस्थापित हो जाता है, तो ग्रंथि द्वारा बनाई गई सीलिंग (Seal) टूट सकती है, जिससे पानी, धूल या नमी संलग्नक (Enclosure) के अंदर प्रवेश कर सकती है।
    • ​तनाव से राहत सील को बरकरार रखती है और उपकरण की IP रेटिंग (Ingress Protection) को बनाए रखती है।

केबल ग्रंथि में तनाव से राहत कैसे काम करती है?

​केबल ग्रंथि में तनाव से राहत प्रदान करने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित डिज़ाइन का उपयोग किया जाता है:

  • क्लैंपिंग नट (Clamping Nut): यह ग्रंथि का अंतिम भाग होता है। जब इस नट को कसा जाता है, तो यह अंदर के सीलिंग घटक (जैसे ग्रिपिंग इंसर्ट या गैस्केट) को केबल के चारों ओर कसकर दबाता है।
  • ग्रिपिंग/सीलिंग घटक (Gripping/Sealing Element): यह हिस्सा रबर, नियोप्रीन या प्लास्टिक का बना होता है। कसने पर, यह केबल की बाहरी जैकेट को चारों ओर से मजबूती से पकड़ लेता है। यही पकड़ केबल को खींचने या धकेलने पर उसे हिलने से रोकती है, जिससे कनेक्शन पर तनाव नहीं पड़ता।
  • लॉकनट (Locknut): यह ग्रंथि को संलग्नक की दीवार पर मजबूती से सुरक्षित करता है, जिससे पूरी ग्रंथि हिलती नहीं है।

संक्षेप में, 

केबल ग्रंथि का स्ट्रेन रिलीफ मैकेनिज़्म एक मजबूत, नियंत्रित पकड़ प्रदान करता है जो केबल को कनेक्शन बिंदु से पहले ही लॉक कर देता है।




केबल ग्रंथियों में विस्फोट संरक्षण (Explosion Protection) का अर्थ है यह सुनिश्चित करना कि वे खतरनाक (Hazardous) वातावरण में विद्युत उपकरण के बाड़ों (Enclosures) के अंदर या बाहर किसी भी आग या विस्फोट को फैलने से रोकें। 

यह सुरक्षा उन उद्योगों में अत्यंत महत्वपूर्ण है जहाँ ज्वलनशील गैसें, वाष्प, धूल या फाइबर मौजूद होते हैं (जैसे तेल और गैस, रसायन, खनन)।

विस्फोट संरक्षण का महत्व और सिद्धांत

​खतरनाक क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली केबल ग्रंथियों को विशेष रूप से डिज़ाइन किया जाता है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों (जैसे ATEX यूरोप में, IECEx विश्व स्तर पर, और NEC/CEC उत्तरी अमेरिका में) का अनुपालन करें।

​1. फ्लेमप्रूफ सीलिंग (Flameproof Sealing - Ex d)

​यह सबसे आम संरक्षण प्रकार है, जिसे अक्सर "विस्फोट-सबूत" भी कहा जाता है:

  • सिद्धांत: ग्रंथि संलग्नक के अंदर होने वाले किसी भी आंतरिक विस्फोट के दबाव को झेलने के लिए डिज़ाइन की गई है।
  • कार्य: यह किसी भी गर्म दहन उत्पाद (Combustion Product) या ज्वाला को संलग्नक से बाहर के विस्फोटक वातावरण में फैलने से रोकती है। यह सुनिश्चित करती है कि ज्वाला ग्रंथि के लंबे, संकीर्ण मार्ग से गुजरने पर ठंडी हो जाए और बाहर के वातावरण को प्रज्वलित न कर सके।

​2. प्रतिबंधित श्वास (Restricted Breathing - Ex nR)

​यह सुरक्षा उन बाड़ों के लिए है जहाँ आंतरिक चाप (Arc) या चिंगारी की संभावना कम होती है:

  • सिद्धांत: ग्रंथि गैसों या वाष्पों के संलग्नक में प्रवेश की दर को सीमित करती है।
  • कार्य: यह सुनिश्चित करती है कि यदि कोई ज्वलनशील गैस अंदर चली भी जाती है, तो उसकी सांद्रता (Concentration) उस स्तर तक न पहुँचे जहाँ विस्फोट हो सके। यह संलग्नक को लगभग वायुरोधी (Air-tight) बनाती है।

​3. दबाव संरक्षण (Pressurization Protection - Ex p)

  • सिद्धांत: संलग्नक के अंदर हवा या अक्रिय गैस को सकारात्मक दबाव पर बनाए रखा जाता है।
  • कार्य: यह ग्रंथि को यह सुनिश्चित करने के लिए सील करता है कि अंदर का दबाव बाहर के खतरनाक वातावरण को अंदर प्रवेश करने से रोके।

विशेष विस्फोट-सबूत केबल ग्रंथियों की आवश्यकता

​साधारण ग्रंथि का उपयोग खतरनाक क्षेत्रों में नहीं किया जा सकता क्योंकि वे निम्नलिखित समस्याओं को हल नहीं कर सकतीं:

  • कोल्ड फ्लो (Cold Flow): सामान्य केबल इंसुलेशन पर दबाव पड़ने पर वह विरूपित हो सकता है। खतरनाक ग्रंथियां इस विरूपण को रोकती हैं।
  • गैस विसरणीकरण (Gas Diffusion): ग्रंथि के माध्यम से गैसों को संलग्नक के अंदर रिसने से रोकने के लिए विशेष सीलिंग तत्वों का उपयोग किया जाता है।
  • यांत्रिक मजबूती: विस्फोट के दौरान उत्पन्न होने वाले उच्च दबाव को झेलने के लिए इन ग्रंथियों को अत्यधिक मजबूत धातु (आमतौर पर निकल-प्लेटेड ब्रास या स्टेनलेस स्टील) से बनाया जाता है।

संक्षेप में, 

केबल ग्रंथियों में विस्फोट संरक्षण एक जीवन रक्षक विशेषता है जो यह सुनिश्चित करती है कि विद्युत उपकरण खतरनाक क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से संचालित हों, जिससे आग, विस्फोट और जनहानि का खतरा समाप्त हो जाए।




केबल ग्लैंड्स (Cable Glands) की आईपी रेटिंग (IP Rating - Ingress Protection) बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि विद्युत संलग्नक (Electrical Enclosures) पानी, धूल और अन्य बाहरी तत्वों से सुरक्षित रहें।

यदि ग्लैंड्स ठीक से सील न हों, तो उपकरण खराब हो सकते हैं और सुरक्षा जोखिम पैदा हो सकता है।

आईपी रेटिंग बनाए रखने के मुख्य तरीके (Key Methods to Maintain IP Rating)

​आईपी रेटिंग बनाए रखने के लिए सही चयन, स्थापना और रखरखाव आवश्यक है:

​1. सही ग्लैंड का चुनाव (Selecting the Correct Gland)

  • पर्यावरण से मेल: हमेशा ऐसी ग्लैंड चुनें जिसकी आईपी रेटिंग आपके संलग्नक की रेटिंग के बराबर या उससे अधिक हो। उदाहरण के लिए, यदि संलग्नक IP67 रेटेड है, तो ग्लैंड भी कम से कम IP67 होनी चाहिए।
    • IP66: धूल से पूर्ण सुरक्षा और शक्तिशाली पानी के जेट से सुरक्षा।
    • IP67: धूल से पूर्ण सुरक्षा और पानी में अस्थायी विसर्जन (Temporary Immersion) से सुरक्षा।
  • केबल व्यास (Cable Diameter) से मिलान: ग्लैंड का क्लैंपिंग या सीलिंग रेंज (Clamping/Sealing Range) केबल के बाहरी व्यास (Outer Diameter) से मेल खाना चाहिए। यदि केबल बहुत पतला है, तो ग्लैंड प्रभावी रूप से सील नहीं कर पाएगी।

​2. उचित स्थापना तकनीक (Proper Installation Technique)

  • टॉर्क नियंत्रण (Torque Control): ग्लैंड्स को कसने के लिए निर्माता द्वारा बताए गए टॉर्क (Torque) का उपयोग करें।
    • बहुत कम टॉर्क: सीलिंग तत्वों पर पर्याप्त दबाव नहीं पड़ेगा और आईपी रेटिंग हासिल नहीं होगी।
    • बहुत अधिक टॉर्क: क्लैंपिंग नट, सीलिंग इंसर्ट या केबल जैकेट को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे सील विफल हो जाएगी।
  • होल्डिंग और फिक्सिंग: ग्लैंड को संलग्नक से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लॉकनट (Locknut) को ठीक से कसें। यदि ग्लैंड संलग्नक की दीवार पर मजबूती से सील नहीं हुई है, तो धूल और पानी वहाँ से प्रवेश कर सकता है।
  • सील का संपीड़न (Compression of the Seal): सुनिश्चित करें कि रबर या नियोप्रीन सीलिंग तत्व केबल जैकेट के चारों ओर समान रूप से संकुचित (Compressed) हो, जिससे कोई गैप न बचे।

​3. अतिरिक्त सीलिंग घटक (Additional Sealing Components)

  • ओ-रिंग्स और वाशर (O-Rings and Washers): धातु के संलग्नकों (Metallic Enclosures) में, ग्लैंड और संलग्नक की दीवार के बीच वेदरप्रूफ वाशर या ओ-रिंग (O-Ring) का उपयोग किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि ग्लैंड के पीछे का क्षेत्र भी सील हो।
  • अवांछित छेदों को सील करना: यदि संलग्नक में अतिरिक्त छेद हैं जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है, तो उन्हें उसी आईपी रेटिंग वाले ब्लैंकिंग प्लग (Blanking Plugs) से सील करें।

इन उपायों का पालन करके, 

आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि केबल ग्लैंड्स प्रभावी रूप से सीलिंग प्रदान करें और विद्युत उपकरण की आईपी रेटिंग बनी रहे।




केबल ग्रंथियों (Cable Glands) के उपयोग के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं जो विद्युत प्रणालियों की सुरक्षा (Safety), विश्वसनीयता (Reliability) और दीर्घायु (Longevity) सुनिश्चित करते हैं। 

वे केवल केबल को संलग्नक (Enclosure) से जोड़ने का काम नहीं करते, बल्कि एक बहु-कार्यात्मक सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।

​यहाँ केबल ग्रंथियों के उपयोग के मुख्य लाभ दिए गए हैं:

​1. उत्कृष्ट पर्यावरणीय सीलिंग (Excellent Environmental Sealing) 

  • जल और धूल से सुरक्षा (Water and Dust Protection): सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वे संलग्नक के अंदर पानी, धूल, गंदगी और नमी के प्रवेश को रोकते हैं। यह उपकरण की आईपी रेटिंग (Ingress Protection) को बनाए रखता है, जिससे शॉर्ट सर्किट और जंग (Corrosion) का खतरा कम होता है।
  • रासायनिक और संक्षारण प्रतिरोध (Chemical Resistance): वे केबल को तेल, रसायन और संक्षारक वाष्पों के संपर्क से बचाते हैं, जो औद्योगिक वातावरण में केबल इंसुलेशन को खराब कर सकते हैं।

​2. यांत्रिक स्थिरता और तनाव से राहत (Mechanical Stability and Strain Relief) 

  • स्ट्रेन रिलीफ (Strain Relief): केबल को खींचने या घुमाने पर लगने वाले बल (तनाव) को ग्लैंड अवशोषित कर लेती है। यह सुनिश्चित करता है कि बल सीधे विद्युत टर्मिनलों पर न पड़े, जिससे तारों के टूटने या ढीले होने का जोखिम समाप्त हो जाता है।
  • कंपन प्रतिरोध (Vibration Resistance): औद्योगिक उपकरणों में कंपन आम है। केबल ग्रंथि केबल को मजबूती से पकड़कर रखती है, जिससे कंपन के कारण कनेक्शन ढीले नहीं होते।
  • एब्रेशन से सुरक्षा (Abrasion Protection): यह केबल को संलग्नक के नुकीले किनारों से कटने या रगड़ने से बचाती है।

​3. विद्युत और प्रणाली सुरक्षा (Electrical and System Safety) 

  • अर्थिंग निरंतरता (Earth Continuity): धातु (Metallic) और आर्मर्ड केबल ग्रंथियां केबल के कवच (Armour) या शील्ड के माध्यम से विद्युत उपकरणों के लिए एक विश्वसनीय अर्थिंग (Grounding) पथ प्रदान करती हैं। यह दोष धारा (Fault Current) को सुरक्षित रूप से जमीन तक पहुँचाती है, जिससे बिजली के झटके से बचाव होता है।
  • विस्फोट संरक्षण (Explosion Protection): खतरनाक क्षेत्रों (जैसे तेल, गैस, खनन) के लिए विशेष एक्स-रेटेड (Ex-rated) ग्रंथियां उपलब्ध हैं। वे संलग्नक के अंदर होने वाले विस्फोटों की ज्वाला और दबाव को बाहर के ज्वलनशील वातावरण में फैलने से रोकती हैं।
  • ई.एम.आई. / आर.एफ.आई. शील्डिंग (EMI/RFI Shielding): कुछ विशेष ग्रंथियां (EMC Glands) विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (Electromagnetic Interference) को रोकती हैं, जो संवेदनशील डेटा और संचार केबलों के लिए महत्वपूर्ण है।

संक्षेप में, 

केबल ग्रंथि का उपयोग करके, आप न केवल केबल को सुरक्षित रूप से लगाते हैं, बल्कि आप पूरी प्रणाली की निष्क्रिय सुरक्षा (Passive Protection) सुनिश्चित करते हैं, जिससे महंगे उपकरणों की विफलता और सुरक्षा खतरों से बचा जा सकता है।




केबल ग्रंथियों (Cable Glands) को उनके निर्माण सामग्री (Material), उपयोग के क्षेत्र (Application), और सुरक्षा विशेषताओं (Safety Features) के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।

​यहाँ केबल ग्रंथियों के मुख्य प्रकार दिए गए हैं:

​1. निर्माण सामग्री पर आधारित (Based on Construction Material)

​केबल ग्रंथियां विभिन्न सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जो उनके अनुप्रयोगों को निर्धारित करती हैं:

  • धातु की ग्रंथियां (Metallic Glands):
    • पीतल (Brass) / निकल-प्लेटेड पीतल: ये सबसे आम हैं और औद्योगिक, कठोर (Harsh) और उच्च-तापमान वाले वातावरण के लिए मजबूत और टिकाऊ होते हैं।
    • स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel - SS): अत्यंत संक्षारण (Corrosion) प्रतिरोधी होते हैं और समुद्री, खाद्य प्रसंस्करण या रासायनिक उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं जहाँ स्वच्छता और कठोरता महत्वपूर्ण है।
    • एल्युमिनियम (Aluminum): हल्के वजन वाले अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं।
  • प्लास्टिक/नायलॉन ग्रंथियां (Plastic/Nylon Glands):
    • नायलॉन (Polyamide - PA): ये हल्के, सस्ते और संक्षारण प्रतिरोधी होते हैं। इनका उपयोग सामान्य औद्योगिक, भवन निर्माण और घरेलू विद्युत संलग्नकों (Enclosures) में किया जाता है।

​2. केबल के प्रकार पर आधारित (Based on Cable Type)

​केबल के डिज़ाइन के आधार पर ग्लैंड दो प्रमुख प्रकार की होती हैं:

  • बिना कवच वाली केबल ग्रंथि (Unarmoured Cable Glands):
    • ​ये सामान्य, लचीले (Flexible), या बिना धातु के शील्ड वाले केबलों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
    • ​ये मुख्य रूप से स्ट्रेन रिलीफ (तनाव से राहत) और पर्यावरणीय सीलिंग (IP Rating) प्रदान करते हैं।
  • आर्मर्ड केबल ग्रंथि (Armoured Cable Glands):
    • ​ये विशेष रूप से आर्मर्ड (कवचयुक्त) केबलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं (जिनमें यांत्रिक सुरक्षा के लिए धातु की परत होती है)।
    • ​इनका प्राथमिक कार्य केबल के कवच को यांत्रिक रूप से सुरक्षित करना और विद्युत निरंतरता (अर्थिंग) के लिए उसे ग्लैंड के भीतर समाप्त (Terminate) करना होता है।

​3. सुरक्षा विशेषताओं पर आधारित (Based on Safety Features)

​सुरक्षा आवश्यकताओं के आधार पर विशेष प्रकार की ग्रंथियां होती हैं:

  • विस्फोट-सबूत / खतरनाक क्षेत्र ग्रंथि (Explosion-Proof / Hazardous Area Glands - Ex Glands):
    • ​ये विशेष रूप से ज्वलनशील गैसों, वाष्पों या धूल वाले वातावरण (जैसे तेल रिफाइनरी, रासायनिक संयंत्र) के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
    • ​ये सुनिश्चित करते हैं कि संलग्नक के अंदर होने वाला कोई भी विस्फोट या चिंगारी बाहर के वातावरण को प्रज्वलित न करे (Ex d - Flameproof)।
  • ईएमसी ग्रंथि (EMC Glands):
    • ​ये उन केबलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिनमें विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (Electromagnetic Interference - EMI) से बचाने के लिए धातु की शील्ड या ब्रेडेड स्क्रीन होती है।
    • ​ये ग्लैंड केबल शील्ड को संलग्नक के धातु के खोल से जोड़कर हस्तक्षेप को सुरक्षित रूप से ग्राउंड (Ground) कर देती हैं।
  • वेदरप्रूफ ग्रंथि (Weatherproof Glands):
    • ​ये IP66, IP67 या IP68 जैसी उच्च IP रेटिंग सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिनका उपयोग बाहरी (Outdoor) या अत्यधिक गीले वातावरण में किया जाता है।

संक्षेप में

सही केबल ग्रंथि का चयन उस वातावरण, सुरक्षा मानकों और केबल के निर्माण पर निर्भर करता है जिसका उपयोग किया जा रहा है।




केबल ग्रंथियों को उनकी निर्माण सामग्री (Construction Material) के आधार पर मुख्य रूप से दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: धातु की ग्रंथियां (Metallic Glands) और प्लास्टिक की ग्रंथियां (Plastic/Non-Metallic Glands)

​प्रत्येक सामग्री का चुनाव उस वातावरण, सुरक्षा की आवश्यकता, और लागत पर निर्भर करता है जहाँ ग्लैंड का उपयोग किया जाना है।

​1. धातु की ग्रंथियां (Metallic Cable Glands) 

​धातु की ग्रंथियां कठोर औद्योगिक वातावरण, उच्च यांत्रिक शक्ति और बेहतर विद्युत चालकता की आवश्यकता वाले अनुप्रयोगों के लिए चुनी जाती हैं।

2. प्लास्टिक/गैर-धातु की ग्रंथियां (Plastic / Non-Metallic Cable Glands) 

​ये ग्रंथियां वहाँ पसंद की जाती हैं जहाँ लागत कम रखनी हो, यांत्रिक तनाव कम हो, और संक्षारण प्रतिरोध (रसायनों के बजाय नमी) की आवश्यकता हो।

सामग्री का चयन क्यों मायने रखता है?

​केबल ग्रंथि की सामग्री का चुनाव सीधा संबंध ग्लैंड द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा से है:

  1. संक्षारण (Corrosion): स्टेनलेस स्टील का उपयोग समुद्री वातावरण में किया जाता है क्योंकि पीतल या नायलॉन जंग के कारण विफल हो सकते हैं।
  2. यांत्रिक शक्ति: भारी औद्योगिक मशीनरी या उपकरणों के लिए हमेशा धातु की ग्रंथियां चुनी जाती हैं, क्योंकि वे टूटने या दरार पड़ने का विरोध करती हैं।
  3. अर्थिंग और ईएमआई (Grounding & EMI): आर्मर्ड केबलों के लिए, या विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (EMI) को नियंत्रित करने के लिए, धातु की ग्रंथियां आवश्यक हैं क्योंकि वे केबल शील्ड को संलग्नक की बॉडी से जोड़कर एक प्रवाहकीय (Conductive) मार्ग प्रदान करती हैं।




पीतल केबल ग्रंथि (Brass Cable Glands) औद्योगिक और कठोर वातावरण में सबसे अधिक उपयोग होने वाले प्रकारों में से एक है। ये अपनी मजबूती, स्थायित्व और उत्कृष्ट विद्युत गुणों के कारण बेहद लोकप्रिय हैं।

​यहाँ पीतल केबल ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं, लाभ और उपयोग दिए गए हैं:

​1. पीतल केबल ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं (Key Features of Brass Cable Glands)

​पीतल (Brass) एक तांबे और जस्ता (Zinc) का मिश्र धातु (Alloy) है, और इसका उपयोग कई कारणों से किया जाता है:

  • मजबूती और स्थायित्व (Strength and Durability): पीतल यांत्रिक रूप से बहुत मजबूत होता है और औद्योगिक वातावरण में उच्च दबाव, खिंचाव और घर्षण (Abrasion) को आसानी से झेल सकता है।
  • संक्षारण प्रतिरोध (Corrosion Resistance): इसे आमतौर पर निकल-प्लेटिंग (Nickel-Plating) के साथ फिनिश किया जाता है, जो इसकी जंग लगने की क्षमता को काफी कम कर देता है और इसे नमी वाले वातावरण के लिए उपयुक्त बनाता है।
  • उत्कृष्ट चालकता (Excellent Conductivity): धातु होने के कारण, पीतल केबल के कवच (Armour) या शील्ड से संलग्नक (Enclosure) तक एक विश्वसनीय अर्थिंग (Grounding) पथ प्रदान करता है। यह विद्युत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  • उच्च तापमान सहनशीलता (High Temperature Tolerance): प्लास्टिक ग्लैंड्स की तुलना में पीतल उच्च परिचालन तापमान (Operating Temperatures) को सहन कर सकता है।

​2. पीतल ग्लैंड्स के लाभ (Advantages of Brass Glands)

  • सर्वोत्तम ईएमआई शील्डिंग (EMI Shielding): चूंकि पीतल विद्युत का संचालन करता है, इसलिए यह ईएमआई (Electromagnetic Interference) और आरएफ (Radio Frequency) हस्तक्षेप को दबाने के लिए केबल की धातु शील्ड को संलग्नक से प्रभावी ढंग से जोड़ता है।
  • विस्फोट-सबूत अनुप्रयोग (Explosion-Proof Applications): पीतल का उपयोग आमतौर पर विस्फोट-सबूत (Ex d) और खतरनाक क्षेत्र (Hazardous Area) की ग्रंथियों के निर्माण में किया जाता है, क्योंकि यह आंतरिक विस्फोट के दबाव को झेल सकता है।
  • आर्मर्ड केबल के लिए आदर्श (Ideal for Armoured Cables): पीतल की ग्लैंड्स विशेष रूप से आर्मर्ड केबलों के लिए डिज़ाइन की जाती हैं ताकि वे केबल के धातु कवच को सुरक्षित रूप से जकड़ सकें और उसे अर्थिंग प्रदान कर सकें।

​3. उपयोग के क्षेत्र (Areas of Use)

​पीतल केबल ग्रंथियां निम्नलिखित अनुप्रयोगों में मानक विकल्प हैं:

  1. भारी औद्योगिक मशीनरी: जहाँ केबलों पर निरंतर यांत्रिक तनाव या कंपन होता है।
  2. विद्युत वितरण बोर्ड और पैनल: मुख्य विद्युत आपूर्ति और नियंत्रण प्रणालियों में।
  3. पेट्रोकेमिकल और रिफाइनरी: निकल-प्लेटिंग संक्षारक रसायनों से सुरक्षा प्रदान करती है।
  4. संचार और डेटा केबलिंग: जहाँ ईएमआई शील्डिंग की आवश्यकता होती है।

​4. लोकप्रिय प्रकार (Popular Types)

​पीतल की ग्रंथियां मुख्य रूप से निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हैं:

  • आर्मर्ड केबल ग्रंथि (A1/A2): बिना कवच वाले केबलों के लिए।
  • सिंगल कम्प्रेशन ग्लैंड (Single Compression Glands): केबल पर एक सिंगल सीलिंग पॉइंट प्रदान करती है।
  • डबल कम्प्रेशन ग्लैंड (Double Compression Glands): केबल पर दो सीलिंग पॉइंट (एक आंतरिक और एक बाहरी) प्रदान करती है, जो उच्च दबाव और कठोर मौसम की स्थिति के लिए बेहतर होती है।




स्टेनलेस स्टील केबल ग्रंथि (Stainless Steel Cable Glands) को उच्चतम स्तर के संक्षारण प्रतिरोध (Corrosion Resistance), कठोरता (Robustness) और सफाई की आवश्यकता वाले अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

इन्हें आमतौर पर पीतल (Brass) या नायलॉन ग्लैंड्स की तुलना में अधिक मांग वाले और गंभीर वातावरण में उपयोग किया जाता है।

​1. स्टेनलेस स्टील ग्लैंड्स की मुख्य विशेषताएं

​स्टेनलेस स्टील (विशेष रूप से टाइप 304 या 316) की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:

2. उपयोग के प्रमुख क्षेत्र (Key Areas of Use)

​स्टेनलेस स्टील ग्लैंड्स का उपयोग उन उद्योगों में एक मानक आवश्यकता है जहाँ उपकरण का विफल होना अस्वीकार्य है:

  1. समुद्री और अपतटीय (Marine and Offshore): खारे पानी और नमी के निरंतर संपर्क के कारण 316L ग्रेड का स्टेनलेस स्टील यहाँ सबसे उपयुक्त होता है।
  2. खाद्य और पेय उद्योग (Food and Beverage Industry): यहाँ सफाई के लिए अक्सर कास्टिक वॉशडाउन (Caustic Washdowns) की आवश्यकता होती है। स्टेनलेस स्टील स्वच्छता और संक्षारण दोनों आवश्यकताओं को पूरा करता है।
  3. रासायनिक प्रसंस्करण संयंत्र: विभिन्न एसिड और क्षारों (Acids and Alkalies) की उपस्थिति के कारण, संक्षारण प्रतिरोधी 316 स्टेनलेस स्टील अनिवार्य है।
  4. फार्मास्युटिकल उद्योग: उच्च-मानक स्वच्छता और रसायनों के उपयोग के कारण।

​3. पीतल से तुलना (Comparison with Brass)





एल्यूमीनियम केबल ग्रंथि (Aluminum Cable Glands) हल्के वजन (lightweight) और अच्छी संक्षारण प्रतिरोध (corrosion resistance) वाले अनुप्रयोगों के लिए उपयोग की जाती है, जहाँ पीतल (brass) या स्टेनलेस स्टील की अत्यधिक यांत्रिक शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है।

एल्यूमीनियम ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं और उपयोग

​एल्यूमीनियम ग्लैंड्स विशेष रूप से उन अनुप्रयोगों में उपयोगी होती हैं जहाँ वजन कम रखना महत्वपूर्ण है या जहाँ संलग्नक (enclosure) स्वयं एल्यूमीनियम का बना होता है।

​1. मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics)

  • हल्का वजन (Lightweight): यह पीतल या स्टेनलेस स्टील की तुलना में काफी हल्का होता है, जिससे यह ऐसे उपकरणों के लिए आदर्श है जहाँ कुल वजन कम रखने की आवश्यकता होती है, जैसे पोर्टेबल मशीनरी या विमानन अनुप्रयोग।
  • संक्षारण प्रतिरोध (Corrosion Resistance): एल्यूमीनियम स्वाभाविक रूप से ऑक्सीकरण (oxidation) होने पर एक पतली, सुरक्षात्मक ऑक्साइड परत (oxide layer) बनाता है। यह इसे कई वातावरणों में जंग लगने से बचाता है।
  • गैर-चुंबकीय (Non-Magnetic): पीतल की तरह, एल्यूमीनियम भी गैर-चुंबकीय होता है, जो इसे उन क्षेत्रों में उपयोगी बनाता है जहाँ चुंबकीय हस्तक्षेप (magnetic interference) एक चिंता का विषय हो सकता है।
  • लागत-प्रभावशीलता (Cost-Effectiveness): यह आमतौर पर स्टेनलेस स्टील की तुलना में अधिक किफायती होता है।

​2. उपयोग के क्षेत्र (Areas of Use)

​एल्यूमीनियम ग्लैंड्स का चुनाव अक्सर उनके हल्के वजन और संलग्नक की सामग्री से मेल खाने की क्षमता के कारण किया जाता है:

  • एल्यूमीनियम संलग्नक: यह सबसे आम उपयोग है। जब संलग्नक स्वयं एल्यूमीनियम का बना होता है, तो एल्यूमीनियम ग्लैंड्स का उपयोग करने से गैल्वेनिक संक्षारण (Galvanic Corrosion) का जोखिम कम हो जाता है जो तब हो सकता है जब भिन्न धातुएं (जैसे पीतल और एल्यूमीनियम) नमी की उपस्थिति में संपर्क में आती हैं।
  • बाहरी और प्रकाश अनुप्रयोग (Outdoor and Lighting Applications): स्ट्रीट लाइटिंग फिक्स्चर या अन्य आउटडोर बाड़ों में जहाँ वजन कम रखना और नमी से सामान्य सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक होता है।
  • पोर्टेबल उपकरण: हल्के होने के कारण, ये उन उपकरणों के लिए उपयुक्त हैं जिन्हें बार-बार ले जाया जाता है।

​3. सीमाएँ (Limitations)

​हालांकि एल्यूमीनियम के कई फायदे हैं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:

  • यांत्रिक शक्ति: इसकी यांत्रिक शक्ति पीतल या स्टेनलेस स्टील जितनी अधिक नहीं होती है। यह अत्यधिक खिंचाव या उच्च प्रभाव वाले औद्योगिक वातावरण के लिए कम उपयुक्त हो सकता है।
  • रसायन प्रतिरोध: यह कुछ रसायनों और मजबूत क्षारों (alkalis) के प्रति संवेदनशील हो सकता है, जो इसकी ऑक्साइड परत को हटा सकते हैं और संक्षारण का कारण बन सकते हैं। ऐसे क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील या प्लास्टिक बेहतर विकल्प होते हैं।




प्लास्टिक या नायलॉन केबल ग्रंथि (Plastic/Nylon Cable Glands) गैर-धातुई (non-metallic) सामग्री से बनी होती है, आमतौर पर पॉलीएमाइड 6 (Polyamide 6) या नायलॉन 66 से। 

ये अपनी लागत-प्रभावशीलता (cost-effectiveness), हल्के वजन और संक्षारण (corrosion) प्रतिरोध के कारण व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं।

प्लास्टिक/नायलॉन ग्रंथि की मुख्य विशेषताएँ और लाभ

​धातु की ग्रंथियों की तुलना में प्लास्टिक की ग्रंथियों के अपने विशिष्ट फायदे और उपयुक्त अनुप्रयोग क्षेत्र हैं:

  • उत्कृष्ट संक्षारण प्रतिरोध (Excellent Corrosion Resistance): प्लास्टिक की ग्रंथियों में धातु की तरह जंग (rust) नहीं लगती है, जिससे ये अत्यधिक नमी वाले या हल्के रासायनिक वातावरण के लिए आदर्श होती हैं।
  • बिजली का कुचालक (Electrical Insulator): नायलॉन प्राकृतिक रूप से एक कुचालक होता है, जो बिजली के झटके के जोखिम को कम करता है। यह उन अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ संलग्नक (enclosure) के पास कोई अतिरिक्त अर्थिंग (Grounding) पथ नहीं होना चाहिए।
  • हल्का वजन और लचीलापन (Lightweight and Flexibility): ये धातु की ग्रंथियों की तुलना में बहुत हल्की होती हैं, जिससे वे पोर्टेबल या हल्के उपकरणों के लिए उपयुक्त होती हैं। इन्हें स्थापित करना भी अक्सर आसान होता है।
  • लागत प्रभावी (Cost-Effective): उत्पादन लागत कम होने के कारण, ये धातु की ग्रंथियों की तुलना में अधिक किफायती होती हैं, जिससे इन्हें बड़ी मात्रा में उपयोग किए जाने वाले सामान्य अनुप्रयोगों में पसंद किया जाता है।
  • यूवी प्रतिरोध (UV Resistance): उच्च गुणवत्ता वाली प्लास्टिक ग्रंथियों को यूवी स्टेबलाइजर्स के साथ बनाया जाता है ताकि वे बाहरी (outdoor) वातावरण में सूर्य के प्रकाश से ख़राब न हों।

उपयोग के क्षेत्र (Areas of Use)

​प्लास्टिक/नायलॉन ग्लैंड्स का उपयोग आमतौर पर निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है:

  1. सामान्य जंक्शन बक्से (General Junction Boxes): घरेलू और वाणिज्यिक वायरिंग अनुप्रयोगों में।
  2. प्रकाश व्यवस्था (Lighting Systems): इनडोर और आउटडोर लाइटिंग फिक्स्चर में।
  3. नियंत्रण पैनल (Control Panels): मशीनरी और उपकरण के लिए जहां यांत्रिक तनाव कम होता है।
  4. रासायनिक या नम वातावरण (Chemical or Damp Environments): जहां संक्षारक वाष्पों से धातु की ग्रंथियां जल्दी खराब हो सकती हैं।

सीमाएँ (Limitations)

​नायलॉन ग्रंथियों की कुछ सीमाएँ भी हैं:

  • कम यांत्रिक शक्ति: ये पीतल या स्टेनलेस स्टील की ग्रंथियों की तुलना में कम मजबूत होती हैं और उच्च प्रभाव या अत्यधिक खिंचाव (Strain) को सहन नहीं कर पाती हैं।
  • कम तापमान सहनशीलता: उच्च परिचालन तापमान पर ये विकृत (deform) हो सकती हैं।
  • ईएमआई शील्डिंग का अभाव: ये ईएमआई (EMI) या आरएफ हस्तक्षेप (RFI) से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करती हैं, क्योंकि इनमें विद्युत चालकता का अभाव होता है। ऐसे मामलों में, शील्डिंग के लिए ईएमसी (EMC) या धातु की ग्रंथियों का उपयोग करना आवश्यक है।




केबल ग्रंथियों (Cable Glands) को केबल के प्रकार के आधार पर मुख्य रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण केबल की संरचना (Structure) पर निर्भर करता है, खासकर उसमें धातु कवच (metal armour) है या नहीं।

​1. बिना कवच वाली केबल ग्रंथि (Unarmoured Cable Glands)

​ये ग्लैंड्स साधारण, लचीले (flexible), या बिना धातु की शील्ड वाले केबलों के लिए डिज़ाइन की जाती हैं। इनका प्राथमिक ध्यान पर्यावरण सीलिंग (IP Rating) और तनाव से राहत (Strain Relief) पर होता है।

2. आर्मर्ड केबल ग्रंथि (Armoured Cable Glands)

​ये ग्लैंड्स उन केबलों के लिए आवश्यक हैं जिनमें आंतरिक रूप से स्टील वायर या टेप का कवच (Armour) होता है। आर्मर्ड केबल का उपयोग यांत्रिक सुरक्षा के लिए कठोर और जोखिम वाले वातावरण में किया जाता है।

संक्षेप में, 

आर्मर्ड ग्लैंड्स न केवल सीलिंग प्रदान करती हैं, बल्कि केबल के कवच को समाप्त (terminate) करके सुरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं। बिना कवच वाली ग्लैंड्स केवल पर्यावरणीय सीलिंग और तनाव से राहत प्रदान करती हैं।




बख्तरबंद केबल ग्रंथियां (Armoured Cable Glands) विशेष रूप से बख्तरबंद केबलों (Armoured Cables) को संलग्नक (Enclosure) से सुरक्षित रूप से जोड़ने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। 

इन ग्रंथियों का प्राथमिक कार्य केबल के धातु कवच (metal armour) को पकड़ना और उसे सुरक्षित रूप से समाप्त (terminate) करके विद्युत प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

​वे सामान्य (unarmoured) केबल ग्रंथियों की तुलना में अधिक जटिल और मजबूत होती हैं।

बख्तरबंद केबल ग्रंथियों का उद्देश्य (Purpose of Armoured Cable Glands)

​बख्तरबंद केबलों का उपयोग कठोर औद्योगिक वातावरण में यांत्रिक क्षति (mechanical damage) से कोर (conductors) की रक्षा के लिए किया जाता है। ग्रंथि इन तीन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करती है:

  1. कवच को सुरक्षित करना (Securing the Armour): यह केबल के धातु कवच को मजबूती से जकड़ लेती है, जिससे कवच अपनी जगह पर स्थिर रहता है और केबल पर कोई यांत्रिक बल नहीं पड़ता।
  2. अर्थिंग निरंतरता (Earth Continuity): यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। ग्रंथि केबल कवच के माध्यम से सुरक्षित अर्थिंग (grounding) पथ को संलग्नक की धातु की बॉडी तक पहुँचाती है। यदि कोई दोष होता है, तो यह दोष धारा (fault current) को सुरक्षित रूप से जमीन तक निर्देशित करती है, जिससे बिजली के झटके का खतरा समाप्त हो जाता है।
  3. पर्यावरण सीलिंग और तनाव से राहत (Environmental Sealing & Strain Relief): यह केबल के बाहरी जैकेट पर सील लगाकर धूल और नमी के प्रवेश को रोकती है, और केबल को खींचने या कंपन से बचाती है।

बख्तरबंद ग्रंथि की संरचना (Structure of Armoured Gland)

​एक बख्तरबंद ग्रंथि में कई अलग-अलग घटक होते हैं, जो एक साथ काम करते हैं:

  1. कवच क्लैंपिंग रिंग (Armour Clamping Ring): यह एक विशेष शंकु के आकार का भाग होता है जो केबल के कटे हुए कवच (wires या tape) को अंदर फँसाता है और कसकर पकड़ लेता है।
  2. आंतरिक सील (Inner Seal): यह केबल के आंतरिक म्यान (inner sheath) पर सील लगाकर मुख्य कोर को नमी से बचाता है।
  3. बाहरी सील (Outer Seal): यह केबल के बाहरी जैकेट पर सील लगाकर ग्लैंड और केबल के बीच IP रेटिंग बनाए रखती है।
  4. लॉकनट और वॉशर (Locknut and Washer): ग्लैंड को संलग्नक की दीवार पर मजबूती से सुरक्षित करने के लिए।

उपयोग और प्रकार (Usage and Types)

​बख्तरबंद केबल ग्रंथियों का उपयोग उन सभी क्षेत्रों में अनिवार्य है जहाँ आर्मर्ड केबल का उपयोग होता है:

  • भारी उद्योग (Heavy Industry): विनिर्माण संयंत्र, स्टील मिल।
  • बिजली संयंत्र (Power Stations): उच्च वोल्टेज और नियंत्रण केबलिंग।
  • पेट्रोकेमिकल (Petrochemical): तेल रिफाइनरी और गैस प्रसंस्करण इकाइयाँ।
  • खतरनाक क्षेत्र (Hazardous Areas): खतरनाक क्षेत्रों के लिए, Ex d (फ्लेमप्रूफ) रेटेड बख्तरबंद ग्लैंड्स का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष: 

बख्तरबंद केबल ग्रंथि किसी भी आर्मर्ड केबल इंस्टॉलेशन में एक सुरक्षा अवरोध (safety barrier) के रूप में कार्य करती है, जो केबल की यांत्रिक शक्ति को विद्युत सुरक्षा से जोड़ती है।




बिना कवच वाली केबल ग्रंथियां (Unarmoured Cable Glands) वे ग्लैंड्स हैं जिन्हें साधारण, लचीले, और बिना किसी धातु के आंतरिक कवच (Armour) वाले केबलों को संलग्नक (Enclosure) से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

इनका मुख्य कार्य पर्यावरणीय सीलिंग और केबल को खींचने से राहत (Strain Relief) प्रदान करना होता है।

मुख्य विशेषताएँ और कार्य (Key Features and Function)

​बिना कवच वाली ग्लैंड्स की संरचना बख्तरबंद (Armoured) ग्लैंड्स की तुलना में सरल होती है, क्योंकि उन्हें केबल कवच को समाप्त करने की आवश्यकता नहीं होती है।

​1. पर्यावरणीय सीलिंग (Environmental Sealing) 

  • ​इनका प्राथमिक उद्देश्य केबल और संलग्नक के प्रवेश द्वार के बीच एक प्रभावी सील बनाना है।
  • ​यह सुनिश्चित करता है कि संलग्नक की आईपी रेटिंग (IP Rating) बनी रहे, जिससे धूल, नमी, पानी और अन्य बाहरी दूषित पदार्थ अंदर प्रवेश न कर सकें।
  • ​सीलिंग के लिए आमतौर पर नायलॉन, रबर (जैसे EPDM) या नियोप्रीन से बने सीलिंग इंसर्ट (Sealing Inserts) का उपयोग किया जाता है।

​2. तनाव से राहत (Strain Relief) 

  • ​यह ग्लैंड केबल को मजबूती से जकड़कर रखती है। यदि केबल को खींचा जाता है या कंपन होता है, तो बल सीधे विद्युत टर्मिनलों पर नहीं पड़ता है।
  • ​यह केबल के अंदर के तारों को टूटने या कनेक्शन ढीले होने से बचाता है।

​3. सरल संरचना

  • ​इनमें केवल दो या तीन मुख्य भाग होते हैं—एक मुख्य बॉडी, एक सीलिंग इंसर्ट, और एक क्लैंपिंग नट
  • स्थापना (Installation) सरल और तेज़ होती है।

सामग्री और उपयोग (Material and Usage)

​बिना कवच वाली ग्रंथियां कई सामग्रियों में उपलब्ध हैं:

उपयोग के क्षेत्र: 

ये ग्लैंड्स सबसे आम हैं और इनका उपयोग घरेलू वायरिंग, जंक्शन बक्से, नियंत्रण पैनल, छोटे उपकरण और सामान्य प्रकाश व्यवस्था जैसे अनुप्रयोगों में किया जाता है, जहाँ केबल पर अत्यधिक यांत्रिक बल (जैसे कुचलना या बहुत अधिक खिंचाव) पड़ने का जोखिम कम होता है।




केबल ग्रंथियों (Cable Glands) को उनके अनुप्रयोग के वातावरण (Application Environment) और सुरक्षा की आवश्यकता के आधार पर कई विशिष्ट प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। 

यह वर्गीकरण सुनिश्चित करता है कि ग्लैंड उस विशेष स्थिति में ठीक से कार्य करे जहाँ उसका उपयोग किया जा रहा है।

अनुप्रयोग के आधार पर केबल ग्रंथियों के प्रकार

एकल संपीड़न ग्रंथियां (Single Compression Cable Glands) केबल ग्रंथियों का सबसे सामान्य और सरल प्रकार हैं। इन्हें मुख्य रूप से गैर-बख्तरबंद (Unarmoured) केबलों के साथ उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ उनका मुख्य कार्य पर्यावरण सीलिंग (IP Rating) और तनाव से राहत (Strain Relief) प्रदान करना होता है।

​इन ग्रंथियों को "सिंगल कम्प्रेशन" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये केबल पर केवल एक ही सीलिंग प्वाइंट (या कम्प्रेशन सील) प्रदान करती हैं, जो आमतौर पर केबल के बाहरी जैकेट पर होता है।

एकल संपीड़न ग्रंथि की कार्यप्रणाली और लाभ

​1. संरचना और कार्यप्रणाली

​एकल संपीड़न ग्रंथि में आमतौर पर तीन मुख्य घटक होते हैं:

  1. ग्रंथि बॉडी (Gland Body) और लॉकनट (Locknut): यह ग्रंथि को संलग्नक (Enclosure) की दीवार पर सुरक्षित करता है।
  2. सीलिंग इंसर्ट (Sealing Insert) / ग्रिपिंग रिंग: यह एक रबर या नियोप्रीन का तत्व होता है जो केबल के चारों ओर फिट होता है।
  3. क्लैंपिंग नट (Clamping Nut): जब इस नट को कसा जाता है, तो यह सीलिंग इंसर्ट को संपीड़ित (compress) करता है, जिससे केबल की बाहरी जैकेट पर एक मजबूत पकड़ बनती है।

​यह एकल संपीड़न ही सुनिश्चित करता है:

  • ​बाहरी तत्वों (धूल, पानी) का प्रवेश रुक जाए।
  • ​केबल को खींचने या कंपन होने पर लगे तनाव से कनेक्शन सुरक्षित रहे।

​2. लाभ (Advantages)

  • लागत प्रभावी (Cost-Effective): सरल डिज़ाइन के कारण ये दोहरी संपीड़न (Double Compression) ग्रंथियों की तुलना में अधिक किफायती होते हैं।
  • तेज़ स्थापना (Quick Installation): कम घटकों के कारण इन्हें स्थापित करना आसान और तेज़ होता है।
  • व्यापक अनुप्रयोग (Wide Application): ये वाणिज्यिक, आवासीय और सामान्य औद्योगिक सेटिंग्स में गैर-बख्तरबंद केबलों के लिए मानक विकल्प हैं।
  • पर्याप्त सीलिंग: अधिकांश इनडोर और आउटडोर सामान्य-उद्देश्य वाले अनुप्रयोगों के लिए, ये आवश्यक IP रेटिंग (आमतौर पर IP66 या IP67 तक) प्रदान करते हैं।

एकल और दोहरी संपीड़न में मुख्य अंतर

निष्कर्ष: 

एकल संपीड़न ग्रंथियां वहाँ आदर्श हैं जहाँ केबल पर यांत्रिक तनाव या पर्यावरणीय जोखिम मध्यम होते हैं, और जहाँ एक सरल, तेज़ और लागत प्रभावी समाधान की आवश्यकता होती है।




दोहरी संपीड़न ग्रंथियां (Double Compression Cable Glands) एक उन्नत प्रकार की केबल ग्रंथि है जो केबल पर दो अलग-अलग सीलिंग पॉइंट (या कम्प्रेशन सील) प्रदान करती है। 

इन्हें उच्च सुरक्षा और विश्वसनीयता की आवश्यकता वाले कठोर औद्योगिक, बाहरी (Outdoor), और खतरनाक (Hazardous) क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

दोहरी संपीड़न ग्रंथि की कार्यप्रणाली

​जैसा कि नाम से पता चलता है, ये ग्रंथियां दो चरणों में सीलिंग और जकड़न प्रदान करती हैं:

  1. पहली (आंतरिक) सील (Inner Seal):
    • ​यह सील केबल के आंतरिक म्यान (Inner Sheath) या कोर इंसुलेशन पर लगाई जाती है।
    • उद्देश्य: यह मुख्य रूप से केबल के कोर पर सीलिंग सुनिश्चित करती है, जिससे केबल के अंदर से गैसों या नमी का प्रवेश रुक जाता है। यह अक्सर विस्फोट-सबूत (Ex d) अनुप्रयोगों में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है।
  2. दूसरी (बाहरी) सील (Outer Seal):
    • ​यह सील केबल के बाहरी जैकेट (Outer Jacket) पर लगाई जाती है।
    • उद्देश्य: यह पर्यावरण सीलिंग (IP Rating) और तनाव से राहत (Strain Relief) प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करती है कि धूल, पानी और नमी संलग्नक (Enclosure) के अंदर प्रवेश न करें।

दोहरी संपीड़न ग्रंथियों के लाभ

​दोहरी संपीड़न ग्रंथियां एकल संपीड़न ग्रंथियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन और सुरक्षा प्रदान करती हैं:

  • उच्चतम IP रेटिंग: दोहरी सुरक्षा के कारण, ये IP67 और IP68 जैसी उच्च प्रवेश संरक्षण (Ingress Protection) रेटिंग बनाए रखने में अधिक प्रभावी होते हैं।
  • बेहतर स्ट्रेन रिलीफ: बाहरी सील केबल को अधिक मजबूती से जकड़ती है, जो उच्च कंपन (Vibration) और खींचतान वाले वातावरण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • विस्फोटक वातावरण के लिए आदर्श: आंतरिक सील गैसों को कोर के माध्यम से फैलने से रोकती है, जिससे ये खतरनाक क्षेत्रों (Ex d और Ex e रेटेड संलग्नकों) के लिए आवश्यक हो जाती हैं।
  • आर्मर्ड और नॉन-आर्मर्ड उपयोग: हालाँकि इन्हें अक्सर बख्तरबंद (Armoured) केबलों के साथ उपयोग किया जाता है (जहाँ ये कवच को भी समाप्त करती हैं), लेकिन इन्हें उच्च सुरक्षा के लिए गैर-बख्तरबंद केबलों के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपयोग के क्षेत्र

​दोहरी संपीड़न ग्रंथियों का उपयोग उन सभी स्थानों पर किया जाता है जहाँ अत्यधिक विश्वसनीयता और सुरक्षा की मांग होती है:

  • तेल रिफाइनरी और गैस प्लेटफॉर्म (Offshore Platforms): जहाँ उच्च कंपन और कठोर समुद्री वातावरण मौजूद होता है।
  • खनन उद्योग: धूल और नमी के उच्च स्तर वाले क्षेत्र।
  • भारी औद्योगिक संयंत्र: जहाँ रसायनों और अत्यधिक तापमान का खतरा होता है।



ईएमसी ग्रंथियां (EMC Glands) विशेष प्रकार की केबल ग्रंथियां हैं जिन्हें विद्युत चुम्बकीय संगतता (Electromagnetic Compatibility - EMC) बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

इनका मुख्य कार्य विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (Electromagnetic Interference - EMI) को नियंत्रित करना है ताकि संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ठीक से काम कर सकें।

ईएमसी ग्रंथि का उद्देश्य और कार्यप्रणाली

​साधारण धातु की ग्रंथियां केवल यांत्रिक स्थिरता और IP रेटिंग प्रदान करती हैं, लेकिन EMC ग्रंथियां EMI शील्डिंग में एक महत्वपूर्ण विद्युत कार्य भी करती हैं।

​1. ईएमआई क्या है? (What is EMI?)

​ईएमआई एक प्रकार का "विद्युत शोर" है जो विद्युत उपकरणों, मोटर या रेडियो संकेतों से उत्पन्न होता है। यह शोर आस-पास के संवेदनशील उपकरणों (जैसे सेंसर या डेटा केबल) के सिग्नल को विकृत कर सकता है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली में त्रुटि आ सकती है।

​2. कार्यप्रणाली (How it Works)

​EMC ग्रंथियां उन केबलों के साथ उपयोग की जाती हैं जिनमें एक धातु की शील्ड या ब्रेडेड स्क्रीन होती है। यह ग्रंथि सुनिश्चित करती है कि यह शील्ड संलग्नक (Enclosure) की धातु की बॉडी के साथ 360-डिग्री संपर्क बनाए रखे।

  • ग्राउंडिंग पथ: यह संपर्क केबल शील्ड पर उत्पन्न होने वाले किसी भी हस्तक्षेप (Interference) को पकड़ लेता है और उसे तुरंत ग्रंथि की बॉडी और फिर संलग्नक की बॉडी के माध्यम से सुरक्षित रूप से जमीन (Ground) तक पहुंचा देता है।
  • दक्षता: यह शोर को संलग्नक के अंदर या बाहर फैलने से प्रभावी ढंग से रोकता है, जिससे सिग्नल की गुणवत्ता बनी रहती है।

​3. ईएमसी ग्रंथियों के लाभ

  • सिग्नल अखंडता (Signal Integrity): संवेदनशील डेटा और नियंत्रण संकेतों को EMI से बचाती है, जिससे त्रुटियां (errors) और सिस्टम डाउनटाइम कम होता है।
  • अनुरूपता (Compliance): कई औद्योगिक और चिकित्सा अनुप्रयोगों को कड़े EMC मानकों (जैसे IEC और FCC) का पालन करना पड़ता है। EMC ग्रंथियां इस अनुपालन को प्राप्त करने में मदद करती हैं।
  • सुरक्षा: कुछ मामलों में, यह हस्तक्षेप को संलग्नक के अंदर जमा होने से भी रोकती है, जहाँ यह अन्य घटकों को प्रभावित कर सकता है।

​4. उपयोग के क्षेत्र

​ईएमसी ग्रंथियां उन अनुप्रयोगों में अनिवार्य हैं जहाँ डेटा या सिग्नल की सटीकता महत्वपूर्ण है:

  • टेलीकम्युनिकेशन (Telecommunications) और आईटी: सर्वर, नेटवर्क उपकरण और डेटा ट्रांसमिशन केबल्स।
  • चिकित्सा उपकरण (Medical Equipment): MRI मशीनें, मॉनिटरिंग सिस्टम, जिन्हें शोर-मुक्त वातावरण की आवश्यकता होती है।
  • ऑटोमेशन और कंट्रोल सिस्टम: रोबोटिक्स, मशीनरी कंट्रोल पैनल और सेंसर केबल।

​EMC ग्रंथियां आमतौर पर निकल-प्लेटेड पीतल (Nickel-Plated Brass) या स्टेनलेस स्टील से बनी होती हैं ताकि अच्छी चालकता और मजबूती सुनिश्चित की जा सके।




मौसमरोधी ग्रंथियां (Weatherproof Glands) वे केबल ग्रंथियां हैं जिन्हें विशेष रूप से बाहरी (outdoor) और अत्यधिक नम (damp) वातावरण में विद्युत संलग्नकों (electrical enclosures) के लिए उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

​इनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संलग्नक की आईपी रेटिंग (IP Rating - Ingress Protection) बनी रहे, जिससे बारिश, धूल, नमी और यूवी विकिरण (UV radiation) जैसे तत्वों के प्रवेश को रोका जा सके।

मौसमरोधी ग्रंथियों की मुख्य विशेषताएँ

​मौसमरोधी ग्रंथियां सामान्य ग्रंथियों की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ सामग्री तथा बेहतर सीलिंग घटकों का उपयोग करती हैं:

​1. उच्च आईपी रेटिंग (High IP Rating) 

​मौसमरोधी ग्रंथियां आमतौर पर IP66, IP67, या IP68 की रेटिंग प्रदान करती हैं:

  • IP66: धूल-रोधी और शक्तिशाली पानी के जेट (बारिश) के खिलाफ सुरक्षित।
  • IP67: धूल-रोधी और पानी में अस्थायी विसर्जन (temporary immersion) से सुरक्षा।
  • IP68: धूल-रोधी और पानी में दीर्घकालिक विसर्जन (long-term submersion) से सुरक्षा।

​2. सामग्री का चयन (Material Selection) 

​चूँकि ये बाहरी वातावरण में उपयोग की जाती हैं, इसलिए सामग्री को जंग और यूवी क्षति का विरोध करना चाहिए:

  • स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel 316): समुद्री (marine) या तटीय क्षेत्रों के लिए सबसे अच्छा विकल्प, जो नमक के पानी से होने वाले जंग का प्रतिरोध करता है।
  • निकल-प्लेटेड पीतल (Nickel-Plated Brass): औद्योगिक बाहरी उपयोग के लिए मजबूत और संक्षारण प्रतिरोधी।
  • यूवी स्थिर नायलॉन (UV Stabilized Nylon): हल्के और संक्षारण-मुक्त अनुप्रयोगों के लिए, जिन्हें सीधे सूर्य की रोशनी से ख़राब होने से बचाने के लिए विशेष रूप से उपचारित किया जाता है।

​3. सीलिंग घटक (Sealing Components)

​ये ग्रंथियां उच्च गुणवत्ता वाले इलास्टोमर (Elastomer) सामग्री का उपयोग करती हैं जो तापमान परिवर्तन और समय के साथ कठोर नहीं होती हैं:

  • ​ग्रंथि और संलग्नक के बीच सील करने के लिए टिकाऊ ओ-रिंग (O-Rings) और वेदरप्रूफ वाशर (Weatherproof Washers)
  • ​केबल के चारों ओर कसकर सील बनाने के लिए विशेष नियोप्रीन या EPDM रबर सीलिंग इंसर्ट।

उपयोग के क्षेत्र (Areas of Use)

​मौसमरोधी ग्रंथियां निम्नलिखित अनुप्रयोगों में अनिवार्य हैं:

  • आउटडोर लाइटिंग और स्ट्रीट फर्नीचर: स्ट्रीट लैंप, ट्रैफिक सिग्नल, और विज्ञापन बोर्ड।
  • दूरसंचार उपकरण: बाहरी एंटीना बेस स्टेशन और संलग्नक।
  • समुद्री और अपतटीय (Offshore) स्थापनाएँ: नावों, बंदरगाहों और तेल प्लेटफार्मों पर उपकरण।
  • सौर पैनल (Solar Panels) और पवन ऊर्जा (Wind Energy): नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिष्ठानों में।

​मौसमरोधी ग्रंथियां सुनिश्चित करती हैं कि पर्यावरण की परवाह किए बिना आंतरिक विद्युत घटक सुरक्षित और कार्यात्मक बने रहें।



केबल ग्रंथियां (Cable Glands) विभिन्न अनुप्रयोगों और आवश्यकताओं के आधार पर कई रूपों में उपलब्ध हैं। यहाँ सामग्री, केबल के प्रकार, और कार्यक्षमता पर आधारित कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं:

​1. सामग्री पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Material)

​केबल ग्लैंड की सामग्री उसके स्थायित्व, संक्षारण प्रतिरोध और चालकता को निर्धारित करती है।

  • नायलॉन/प्लास्टिक ग्रंथि (Nylon/Plastic Gland):
    • उपयोग: सामान्य जंक्शन बक्से, कम वोल्टेज वाले प्रकाश फिक्स्चर और घरेलू अनुप्रयोग।
    • विशेषता: लागत प्रभावी, हल्की, और उत्कृष्ट संक्षारण प्रतिरोध प्रदान करती है (जंग नहीं लगती)।
  • पीतल ग्रंथि (Brass Gland) (निकल-प्लेटेड):
    • उपयोग: सामान्य औद्योगिक मशीनरी, नियंत्रण पैनल और विद्युत वितरण।
    • विशेषता: अच्छी यांत्रिक शक्ति, उच्च तापमान सहनशीलता, और प्रभावी ईएमआई (EMI) शील्डिंग के लिए उत्कृष्ट चालकता।
  • स्टेनलेस स्टील ग्रंथि (Stainless Steel Gland):
    • उपयोग: समुद्री (Offshore) वातावरण, खाद्य प्रसंस्करण, और रासायनिक संयंत्र।
    • विशेषता: उच्चतम संक्षारण प्रतिरोध, उच्च स्वच्छता मानकों के लिए उपयुक्त।

​2. केबल प्रकार पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Cable Type)

​ग्लैंड्स केबल की संरचना के अनुसार डिज़ाइन की जाती हैं।

  • आर्मर्ड केबल ग्रंथि (Armoured Cable Gland - CW या E1W टाइप):
    • केबल: SWA (स्टील वायर आर्मर्ड) जैसे कवचयुक्त केबल।
    • कार्य: केबल के धातु कवच को सुरक्षित रूप से जकड़ना और अर्थिंग निरंतरता प्रदान करना।
  • गैर-आर्मर्ड केबल ग्रंथि (Unarmoured Cable Gland - A2 टाइप):
    • केबल: PVC या रबर जैकेट वाले साधारण लचीले केबल।
    • कार्य: केवल तनाव से राहत और पर्यावरण सीलिंग प्रदान करना।

​3. सुरक्षा विशेषता पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Safety Feature)

​ये ग्लैंड्स विशिष्ट सुरक्षा मानकों को पूरा करती हैं।

  • दोहरी संपीड़न ग्रंथि (Double Compression Gland):
    • कार्य: केबल के आंतरिक और बाहरी दोनों शीथ पर सील लगाकर उच्चतम IP रेटिंग और कंपन प्रतिरोध सुनिश्चित करना।
    • उपयोग: कठोर औद्योगिक क्षेत्र, जहां मजबूत सील की आवश्यकता होती है।
  • फ्लेमप्रूफ ग्रंथि (Flameproof Gland - Ex d रेटेड):
    • कार्य: संलग्नक के अंदर होने वाले विस्फोट की ज्वाला और दबाव को बाहर के खतरनाक वातावरण में फैलने से रोकना।
    • उपयोग: तेल और गैस, खनन और पेट्रोकेमिकल उद्योग।
  • ईएमसी ग्रंथि (EMC Gland):
    • कार्य: केबल शील्ड को संलग्नक से जोड़कर विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप को ग्राउंड करना।
    • उपयोग: दूरसंचार और संवेदनशील नियंत्रण उपकरण।



बीडब्ल्यू ग्रंथि (BW Gland) एक प्रकार की बख्तरबंद केबल ग्रंथि (Armoured Cable Gland) है जिसे विशेष रूप से शुष्क, इनडोर वातावरण में बख्तरबंद केबलों को समाप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

​यह सबसे बुनियादी आर्मर्ड केबल ग्लैंड में से एक है और इसका मुख्य उद्देश्य केबल के धातु कवच को सुरक्षित रूप से जकड़ना और अर्थिंग निरंतरता (Earth Continuity) प्रदान करना है।

​1. BW ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं और कार्य

​BW ग्रंथि सरल और लागत-प्रभावी होती है, लेकिन इसकी पर्यावरणीय सुरक्षा सीमित होती है।

2. उपयोग का क्षेत्र (Area of Use)

​BW ग्रंथियों का उपयोग वहाँ किया जाता है जहाँ केबल पर कोई यांत्रिक तनाव न हो और पर्यावरणीय जोखिम (Environmental Risk) बहुत कम हो:

  • शुष्क इनडोर अनुप्रयोग (Dry Indoor Applications): मुख्य रूप से नियंत्रण पैनल, स्विचगियर या अन्य संलग्नकों के अंदर जो पहले से ही पर्यावरण से सुरक्षित हैं।
  • गैर-खतरनाक क्षेत्र (Non-Hazardous Areas): इसका उपयोग ज्वलनशील गैसों या अत्यधिक धूल वाले क्षेत्रों में नहीं किया जाता है।

​3. CW ग्रंथि से अंतर (Difference from CW Gland)

​BW ग्रंथि की तुलना में CW ग्रंथि अधिक उन्नत होती है, जिसका उपयोग अक्सर आउटडोर अनुप्रयोगों में किया जाता है:

संक्षेप में, 

BW ग्रंथि सबसे बुनियादी बख्तरबंद ग्लैंड है जिसका उपयोग केवल आंतरिक, शुष्क और संरक्षित विद्युत प्रणालियों में यांत्रिक और विद्युत निरंतरता के लिए किया जाता है।




सीडब्ल्यू ग्रंथि (CW Gland) एक प्रकार की बख्तरबंद केबल ग्रंथि (Armoured Cable Gland) है जिसे विशेष रूप से बाहरी (Outdoor), नम, या धूल भरे वातावरण में बख्तरबंद केबलों को समाप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

​यह बीडब्ल्यू ग्रंथि (BW Gland) की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करती है, क्योंकि यह न केवल कवच को जकड़ती है बल्कि पर्यावरण सीलिंग भी सुनिश्चित करती है।

सीडब्ल्यू ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं और कार्य

​सीडब्ल्यू ग्लैंड का डिज़ाइन इसे कठोर मौसम और औद्योगिक परिस्थितियों के लिए उपयुक्त बनाता है:

  1. कवच समाप्ति (Armour Termination):
    • ​यह बख्तरबंद केबल (जैसे SWA) के धातु कवच को मजबूती से क्लैंप करती है, जिससे केबल को खींचे जाने या कंपन से नुकसान नहीं होता।
    • ​यह सुनिश्चित करती है कि कवच के माध्यम से अर्थिंग निरंतरता (Earth Continuity) बनी रहे, जो सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. पर्यावरण सीलिंग (Environmental Sealing) :
    • ​सीडब्ल्यू ग्रंथि केबल के बाहरी जैकेट पर एक प्रभावी सील प्रदान करती है।
    • ​यह इसे उच्च आईपी रेटिंग (IP Rating) (आमतौर पर IP66 तक) प्राप्त करने में मदद करता है, जिसका अर्थ है कि यह धूल और पानी के जेट (बारिश) के प्रवेश को रोकती है।
  3. संरचना:
    • ​यह कई भागों (जैसे क्लैंपिंग रिंग, आंतरिक सील, बाहरी सील और कोन) से बनी होती है, जो आर्मर्ड केबल के विभिन्न परतों को नियंत्रित करते हैं।
    • ​यह आमतौर पर पीतल (Brass) या स्टेनलेस स्टील से बनी होती है ताकि आवश्यक यांत्रिक शक्ति और संक्षारण प्रतिरोध सुनिश्चित हो सके।

BW ग्रंथि से अंतर (Difference from BW Gland)

​सीडब्ल्यू ग्रंथि (CW) और बीडब्ल्यू ग्रंथि (BW) दोनों आर्मर्ड केबल के लिए हैं, लेकिन उनकी सीलिंग क्षमता में मुख्य अंतर है:

निष्कर्ष: 

सीडब्ल्यू ग्रंथि एक बहुमुखी आर्मर्ड ग्रंथि है जो यांत्रिक और विद्युत सुरक्षा के साथ-साथ गंभीर मौसम की स्थिति में उपकरणों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत पर्यावरणीय अवरोध (environmental barrier) भी प्रदान करती है।




ई1डब्ल्यू ग्रंथि (E1W Gland) एक प्रकार की दोहरी संपीड़न (Double Compression) और बख्तरबंद केबल ग्रंथि (Armoured Cable Gland) है। 

इसे विशेष रूप से कठोर बाहरी (Outdoor), नम (damp), या खतरनाक वातावरण (Hazardous Areas) में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ उच्च यांत्रिक और पर्यावरणीय सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

​यह सीडब्ल्यू ग्रंथि (CW Gland) की तुलना में अधिक उन्नत पर्यावरणीय सुरक्षा प्रदान करती है।

​1. E1W ग्रंथि की मुख्य विशेषताएं और कार्य

​E1W ग्रंथि का डिज़ाइन इसे सबसे सुरक्षित और बहुमुखी आर्मर्ड ग्लैंड्स में से एक बनाता है:

  • दोहरी संपीड़न (Double Sealing) : यह केबल पर दो अलग-अलग सीलिंग प्रदान करती है:
    1. आंतरिक सील (Inner Seal): यह केबल के आंतरिक म्यान (Inner Sheath) पर सील करती है। यह कोर पर पानी, नमी और गैसों के प्रवेश को रोकती है, जो खतरनाक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
    2. बाहरी सील (Outer Seal): यह केबल के बाहरी जैकेट पर सील करती है, जो उच्च IP रेटिंग (आमतौर पर IP66 या IP67) सुनिश्चित करती है।
  • कवच समाप्ति (Armour Termination): यह बख्तरबंद केबल (SWA) के धातु कवच को मजबूती से क्लैंप करती है और अर्थिंग निरंतरता (Earth Continuity) प्रदान करती है।
  • सामग्री: आमतौर पर निकल-प्लेटेड पीतल या स्टेनलेस स्टील से बनी होती है, जो कठोरता और संक्षारण प्रतिरोध सुनिश्चित करता है।

​2. उपयोग के क्षेत्र (Areas of Use)

​E1W ग्रंथि का उपयोग उन सभी वातावरणों में किया जाता है जहाँ बख्तरबंद केबल के लिए अधिकतम सीलिंग और सुरक्षा की आवश्यकता होती है:

  • खतरनाक क्षेत्र (Hazardous Areas): इसका उपयोग अक्सर ऐसे संलग्नकों के साथ किया जाता है जिनमें उच्च स्तर की सुरक्षा की आवश्यकता होती है (Ex e या Ex d प्रकार के बाड़े)। आंतरिक सील गैसों को कोर के माध्यम से फैलने से रोकने में मदद करती है।
  • समुद्री और अपतटीय (Marine and Offshore): खारे पानी और अत्यधिक कंपन वाले वातावरण।
  • कठोर औद्योगिक सेटिंग्स: जहाँ उच्च आर्द्रता, पानी का छींटा, या धूल मौजूद हो।

​3. CW ग्रंथि से अंतर (Difference from CW Gland)

​CW और E1W दोनों बख्तरबंद ग्लैंड्स हैं, लेकिन E1W में आंतरिक सील का होना इसे अधिक सुरक्षात्मक बनाता है:

संक्षेप में, 

E1W ग्रंथि सुरक्षा और पर्यावरणीय प्रतिरोध के मामले में सर्वश्रेष्ठ आर्मर्ड ग्लैंड विकल्पों में से एक है।





टिप्पणियाँ

Popular Post

घरेलू उपयोग के लिए पीएलसी (Programmable Logic Controller) का इस्तेमाल करना संभव है, हालांकि यह औद्योगिक उपयोग जितना आम नहीं है। आमतौर पर, घर के स्वचालन के लिए माइक्रोकंट्रोलर-आधारित सिस्टम या रेडीमेड स्मार्ट होम सोल्यूशंस (जैसे गूगल होम, अमेज़न एलेक्सा, स्मार्टथिंग्स) अधिक प्रचलित हैं।

एसी मोटर के मुख्य पुर्जे (Parts of AC Motor)

रिले के प्रकार