लैगिंग, लीडिंग और यूनिटी पावर फैक्टर के बीच अंतर ( Lagging, Leading and Unity Power Factor)
विद्युत इंजीनियरिंग में,
शक्ति कारक (Power factor) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो एक AC (प्रत्यावर्ती धारा) सर्किट में वास्तविक शक्ति (जो उपयोगी कार्य करती है) और आभासी शक्ति (सर्किट को दी गई कुल शक्ति) के बीच के संबंध को दर्शाती है।
इसे वोल्टेज और करंट के बीच के कला कोण (phase angle) के कोसाइन के रूप में भी परिभाषित किया जाता है। शक्ति कारक का मान 0 से 1 के बीच होता है।
अग्रणी शक्ति कारक (Leading Power Factor)
- जब करंट वोल्टेज से आगे (lead) होता है, तो इसे अग्रणी शक्ति कारक कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से संधारित्र भार (capacitive load) वाले सर्किट में होता है।
- उदाहरण: संधारित्र (capacitors) और संधारित्र बैंक।
- इस स्थिति में, सर्किट में प्रतिक्रियाशील शक्ति (reactive power) उत्पन्न होती है।
पश्चगामी शक्ति कारक (Lagging Power Factor)
- जब करंट वोल्टेज से पीछे (lag) होता है, तो इसे पश्चगामी शक्ति कारक कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से प्रेरक भार (inductive load) वाले सर्किट में होता है।
- उदाहरण: मोटर, ट्रांसफार्मर, और चोक कॉइल।
- यह सबसे आम प्रकार का शक्ति कारक है और इसमें प्रतिक्रियाशील शक्ति का उपभोग होता है।
एकता शक्ति कारक (Unity Power Factor)
जब करंट और वोल्टेज एक ही कला (phase) में होते हैं, तो शक्ति कारक का मान 1 होता है, जिसे एकता शक्ति कारक कहते हैं।
यह मुख्य रूप से प्रतिरोधक भार (resistive load) वाले सर्किट में होता है।
उदाहरण: हीटर, इनकैंडेसेंट बल्ब, और टोस्टर।
इस स्थिति में,
कोई प्रतिक्रियाशील शक्ति नहीं होती, और सारी शक्ति उपयोगी कार्य के लिए उपयोग होती है, जिससे सर्किट सबसे अधिक कुशल होता है।
पावर फैक्टर (शक्ति गुणांक) एक एसी सर्किट में वास्तविक शक्ति (Real Power) और आभासी शक्ति (Apparent Power) के बीच का अनुपात होता है। यह दर्शाता है कि सर्किट में कितनी शक्ति वास्तव में उपयोगी कार्य कर रही है, और कितनी शक्ति बेकार जा रही है।
इसका मान 0 से 1 के बीच होता है।
पावर फैक्टर का सूत्र पावर फैक्टर को कई तरह से व्यक्त किया जा सकता है:
शक्ति के अनुपात के रूप में: (PF) = {वास्तविक शक्ति (किलोवाट)}{आभासी शक्ति (किलोवोल्ट एम्पीयर)}
(PF) = {KW}{KVA} वोल्टेज और करंट के कला कोण (Phase Angle) के कोसाइन के रूप में:
(PF) = \cos\phi
यहाँ, \phi वोल्टेज (V) और करंट (I) के बीच का कला कोण है। जब ये दोनों एक ही कला में होते हैं (\phi = 0),
तो \cos\phi = 1 होता है,
जो सर्वोत्तम पावर फैक्टर है।
प्रतिरोध (Resistance) और प्रतिबाधा (Impedance) के अनुपात के रूप में: (PF) = {R}{Z}
यहाँ, R सर्किट का प्रतिरोध है और Z सर्किट की कुल प्रतिबाधा है।
वास्तविक शक्ति (Real Power/Active Power): यह वह शक्ति है जो वास्तव में उपयोगी कार्य करती है, जैसे मोटर को घुमाना या बल्ब को रोशन करना। इसे किलोवाट (kW) में मापा जाता है।
आभासी शक्ति (Apparent Power): यह सर्किट को दी गई कुल शक्ति है। इसमें वास्तविक शक्ति और प्रतिक्रियाशील शक्ति (Reactive Power) दोनों शामिल होती हैं। इसे किलोवोल्ट एम्पीयर (kVA) में मापा जाता है।
प्रतिक्रियाशील शक्ति (Reactive Power): यह वह शक्ति है जो सर्किट में चुंबकीय क्षेत्र बनाने (मोटर्स, ट्रांसफार्मर में) या विद्युत क्षेत्र बनाने (कैपेसिटर में) के लिए आवश्यक होती है। यह उपयोगी कार्य नहीं करती और इसे किलोवोल्ट-एम्पीयर-रिएक्टिव (kVAR) में मापा जाता है।
यूनिटी पावर फैक्टर (PF = 1) वह आदर्श स्थिति है जब किसी AC सर्किट में वोल्टेज और करंट पूरी तरह से एक ही कला (phase) में होते हैं।
इसका मतलब यह है कि सर्किट में कोई भी प्रतिक्रियाशील शक्ति (reactive power) नहीं होती और दी गई सारी शक्ति का उपयोग उपयोगी कार्य करने के लिए होता है।
यूनिटी पावर फैक्टर की मुख्य विशेषताएं
अधिकतम दक्षता (Maximum Efficiency): जब पावर फैक्टर 1 होता है, तो सर्किट में कोई भी शक्ति बर्बाद नहीं होती। वास्तविक शक्ति (Real Power) और आभासी शक्ति (Apparent Power) बराबर होती हैं।
कम करंट: समान मात्रा में वास्तविक शक्ति को स्थानांतरित करने के लिए, यूनिटी पावर फैक्टर पर सर्किट को कम करंट की आवश्यकता होती है।
प्रतिरोधक भार (Resistive Load): यह स्थिति मुख्य रूप से ऐसे सर्किट में पाई जाती है जिनमें केवल प्रतिरोधक भार (जैसे हीटर या इनकैंडेसेंट बल्ब) होते हैं। इन भारों में न तो प्रेरक (inductor) होते हैं और न ही संधारित्र (capacitor)।
कम हानि और बेहतर प्रदर्शन: कम करंट के कारण, ट्रांसमिशन लाइनों में I²R हानि (जिसे तापीय हानि भी कहते हैं) कम होती है। इससे उपकरण जैसे ट्रांसफार्मर और मोटर्स का प्रदर्शन बेहतर होता है और उनकी जीवनकाल भी बढ़ता है।
लाभ
- ऊर्जा दक्षता: बिजली का पूरी तरह से उपयोग होता है, जिससे बिजली के बिल कम आते हैं।
- उपकरणों की क्षमता: उपकरण जैसे ट्रांसफार्मर और जनरेटर अधिकतम क्षमता पर कार्य करते हैं।
- छोटे कंडक्टर: कम करंट के कारण, पतले और कम महंगे तारों का उपयोग किया जा सकता है।
यूनिटी पावर फैक्टर एक आदर्श स्थिति है,
लेकिन व्यवहार में इसे प्राप्त करना कठिन होता है, खासकर उन औद्योगिक संयंत्रों में जहां बड़ी संख्या में प्रेरक भार (मोटर्स) होते हैं। इसलिए, पावर फैक्टर सुधारने के लिए संधारित्र बैंकों का उपयोग करके इसे 1 के जितना करीब लाने का प्रयास किया जाता है।
जब एक AC (प्रत्यावर्ती धारा) सर्किट में करंट (धारा) वोल्टेज से पीछे (lag) रहता है, तो उस स्थिति को लैगिंग पावर फैक्टर कहते हैं। इसका मान 1 से कम होता है (PF < 1)।
यह मुख्य रूप से उन सर्किटों में होता है जिनमें प्रेरक भार (inductive load) होता है।
लैगिंग पावर फैक्टर का कारण
लैगिंग पावर फैक्टर का सबसे बड़ा कारण इंडक्टर या कॉइल वाले उपकरण होते हैं। जब इन उपकरणों (जैसे मोटर या ट्रांसफार्मर) को बिजली दी जाती है, तो वे एक चुंबकीय क्षेत्र बनाते हैं। इस चुंबकीय क्षेत्र को बनाने के लिए उन्हें प्रतिक्रियाशील शक्ति (reactive power) की आवश्यकता होती है।
यह प्रक्रिया तुरंत नहीं होती, जिसके कारण करंट वोल्टेज के पीछे हो जाता है। यह प्रतिक्रियाशील शक्ति कोई उपयोगी कार्य नहीं करती, बल्कि केवल चुंबकीय क्षेत्र को बनाए रखने के लिए सर्किट में बहती रहती है।
प्रेरक भार (Inductive Loads) के उदाहरण
अधिकांश औद्योगिक और घरेलू उपकरण जो कॉइल या वाइंडिंग का उपयोग करते हैं, वे प्रेरक भार होते हैं।
- इंडक्शन मोटर: उद्योग में सबसे आम प्रेरक भार।
- ट्रांसफार्मर: बिजली को एक वोल्टेज स्तर से दूसरे स्तर पर बदलने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- इंडक्टिव हीटर: प्रेरण हीटिंग में उपयोग होने वाले उपकरण।
- इलेक्ट्रिक पंखे, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर: इनमें भी मोटर होती है जो प्रेरक भार के रूप में कार्य करती है।
लैगिंग पावर फैक्टर के प्रभाव
- बढ़ता हुआ करंट: समान वास्तविक शक्ति (kW) के लिए, कम पावर फैक्टर के कारण सर्किट को अधिक करंट की आवश्यकता होती है। इससे ट्रांसमिशन लाइनों में I²R हानि (तापीय हानि) बढ़ जाती है।
- कम दक्षता: अधिक करंट के कारण उपकरण गर्म होते हैं और उनकी दक्षता घटती है।
- बड़ा कंडक्टर: अधिक करंट को संभालने के लिए मोटे तारों (कंडक्टरों) की आवश्यकता होती है, जिससे लागत बढ़ती है।
- कम क्षमता: जनरेटर, ट्रांसफार्मर, और अन्य वितरण उपकरण अपनी पूरी क्षमता पर काम नहीं कर पाते क्योंकि उनकी क्षमता को आभासी शक्ति (kVA) में मापा जाता है।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए,
कैपेसिटर बैंक का उपयोग करके पावर फैक्टर को सुधारा जाता है, जिससे यह 1 के करीब आ सके।
जब किसी AC सर्किट में करंट (धारा) वोल्टेज से आगे (lead) होता है, तो उस स्थिति को अग्रणी पावर फैक्टर (Leading Power Factor) कहा जाता है।
इसका मान भी 1 से कम होता है (PF < 1)।
यह मुख्य रूप से उन सर्किटों में होता है जिनमें संधारित्र भार (capacitive load) होता है।
अग्रणी पावर फैक्टर का कारण
अग्रणी पावर फैक्टर का कारण कैपेसिटर या संधारित्र होते हैं। कैपेसिटर में, करंट वोल्टेज से 90 डिग्री आगे रहता है क्योंकि वे विद्युत ऊर्जा को एक विद्युत क्षेत्र (electric field) के रूप में संग्रहीत करते हैं।
इस प्रक्रिया में,
कैपेसिटर प्रतिक्रियाशील शक्ति (reactive power) को उत्पन्न करते हैं और उसे सर्किट में वापस भेजते हैं। यह उत्पन्न प्रतिक्रियाशील शक्ति प्रेरक भार द्वारा उपभोग की जाने वाली प्रतिक्रियाशील शक्ति का प्रतिकार करती है।
संधारित्र भार (Capacitive Loads) के उदाहरण
कैपेसिटिव भार सामान्यतः औद्योगिक या घरेलू उपयोग में कम होते हैं, लेकिन उनका उपयोग पावर फैक्टर को सुधारने के लिए किया जाता है।
- कैपेसिटर बैंक: ये सबसे आम कैपेसिटिव भार हैं जिनका उपयोग औद्योगिक और वाणिज्यिक सेटिंग्स में लैगिंग पावर फैक्टर (प्रेरक भार) को सुधारने के लिए किया जाता है।
- लंबी ट्रांसमिशन लाइनें: कुछ मामलों में, लंबी ट्रांसमिशन लाइनें अपने आप में एक कैपेसिटिव प्रभाव दिखा सकती हैं।
- सिंक्रोनस मोटर (Synchronous Motor): जब सिंक्रोनस मोटर ओवर-एक्साइटेड मोड में चलती है, तो यह कैपेसिटिव भार की तरह व्यवहार करती है।
अग्रणी पावर फैक्टर के प्रभाव
अग्रणी पावर फैक्टर के कुछ लाभ हैं, खासकर जब इसका उपयोग लैगिंग पावर फैक्टर को संतुलित करने के लिए किया जाता है। हालांकि, अत्यधिक अग्रणी पावर फैक्टर भी हानिकारक हो सकता है।
- पावर फैक्टर सुधार: कैपेसिटर बैंक का उपयोग करके लैगिंग पावर फैक्टर वाले सर्किट में अग्रणी पावर फैक्टर जोड़कर कुल पावर फैक्टर को 1 के करीब लाया जाता है, जिससे ऊर्जा दक्षता बढ़ती है।
- वोल्टेज में वृद्धि: बहुत अधिक कैपेसिटिव लोड होने पर सर्किट का वोल्टेज बढ़ सकता है, जिससे फेरांटी प्रभाव (Ferranti effect) नामक एक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह वोल्टेज वृद्धि उपकरणों के लिए हानिकारक हो सकती है।
लैगिंग और लीडिंग पावर फैक्टर दोनों ही 1 से कम होते हैं,
लेकिन उनका प्रभाव और कारण अलग-अलग होते हैं। लैगिंग पावर फैक्टर सबसे आम है और इसे सुधारने के लिए लीडिंग पावर फैक्टर वाले कैपेसिटर का उपयोग किया जाता है।
पावर फैक्टर (PF) एक AC सर्किट में वास्तविक शक्ति (Real Power) और आभासी शक्ति (Apparent Power) के बीच के अनुपात को दर्शाता है।
इसे मापने के लिए कई महत्वपूर्ण सूत्र हैं, जो सर्किट के प्रकार (एकल-चरण या तीन-चरण) और उपलब्ध मापों पर निर्भर करते हैं।
प्रमुख सूत्र शक्ति के अनुपात के रूप में:
यह सबसे सामान्य और सीधा सूत्र है।
PF = {वास्तविक शक्ति (Real Power)}{आभासी शक्ति (Apparent Power)} = {kW}{kVA} यह दर्शाता है कि कुल दी गई शक्ति (kVA) में से कितनी शक्ति (kW) वास्तव में उपयोगी कार्य कर रही है।
कला कोण के कोसाइन के रूप में: यह सूत्र वोल्टेज और करंट के बीच के कला कोण (phi) का उपयोग करता है।
PF = cos(phi) यदि वोल्टेज और करंट एक ही कला में हैं,
तो phi = 0 और PF = 1 होता है।
सर्किट के अनुसार सूत्र
एकल-चरण (Single-Phase) सर्किट के लिए:
PF = {kW}{kVA} = {V × I ×cos(phi)}{V ×I} = cos(phi) PF = {W}{V ×I}
यहां,
W वास्तविक शक्ति (watts) है,
V वोल्टेज है, और I करंट है।
तीन-चरण (Three-Phase) सर्किट के लिए:
PF = {kW}{kVA} = {sqrt{3} ×V_L ×I_L× cos(phi)}{sqrt{3} ×V_L ×I_L} = cos(phi) PF = {W}{sqrt{3} ×V_L ×I_L}
यहां,
W वास्तविक शक्ति (watts) है,
V_L लाइन वोल्टेज है, और
I_L लाइन करंट है।
sqrt{3} की मान लगभग 1.732 होती है।
पावर ट्रायंगल (शक्ति त्रिभुज) से संबंधित सूत्र पावर ट्रायंगल एक समकोण त्रिभुज है जो तीन प्रकार की शक्तियों के बीच संबंध दर्शाता है:
वास्तविक शक्ति (P):
आधार प्रतिक्रियाशील शक्ति (Q):
लंबवत आभासी शक्ति (S):
कर्ण (hypotenuse) इनके बीच पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार संबंध होता है:
S^2 = P^2 + Q^2 kVA^2 = kW^2 + kVAR^2
इस त्रिभुज से भी पावर फैक्टर का सूत्र निकाला जा सकता है:
cos(phi) = {आधार}{कर्ण} = {P}{S} PF = {kW}{kVA}
वास्तविक शक्ति (P) वह शक्ति है जो AC सर्किट में वास्तव में उपयोगी कार्य करती है, जैसे कि गर्मी उत्पन्न करना, रोशनी देना या मोटर चलाना। इसे वाट (W) या किलोवाट (kW) में मापा जाता है।
इसके महत्वपूर्ण सूत्र AC सर्किट के प्रकार (एकल-चरण या तीन-चरण) पर निर्भर करते हैं।
एकल-चरण (Single-Phase) AC सर्किट के लिए एकल-चरण सर्किट में,
वास्तविक शक्ति की गणना करने के लिए सबसे सामान्य सूत्र है:
P = V × I × cos(phi)
P: वास्तविक शक्ति (वाट में)
V: RMS वोल्टेज (वोल्ट में)
I: RMS करंट (एम्पीयर में)
cos(phi) : शक्ति कारक (पावर फैक्टर)
जब सर्किट में शुद्ध प्रतिरोधक भार (Purely resistive load) होता है,
तो पावर फैक्टर का मान 1 होता है (cos(phi)=1), और
सूत्र सरल हो जाता है: P = V × I
तीन-चरण (Three-Phase) AC सर्किट के लिए तीन-चरण सर्किट में,
वास्तविक शक्ति की गणना के लिए लाइन वोल्टेज (V_L) और लाइन करंट (I_L) का उपयोग किया जाता है।
संतुलित भार (Balanced Load) के लिए: P = sqrt{3} × V_L × I_L × cos(phi)
P: कुल वास्तविक शक्ति (वाट में)
sqrt{3}: तीन-चरण सर्किट के लिए एक स्थिरांक (लगभग 1.732)
V_L: लाइन वोल्टेज (वोल्ट में)
I_L: लाइन करंट (एम्पीयर में)
cos(phi) : शक्ति कारक यह सूत्र शक्ति त्रिभुज (Power Triangle) से भी संबंधित है,
जहाँ वास्तविक शक्ति (P),
प्रतिक्रियाशील शक्ति (Q), और
आभासी शक्ति (S) के बीच संबंध होता है।
P = S × cos(phi)
प्रतिक्रियाशील शक्ति (Q) वह शक्ति है जो AC सर्किट में उपयोगी कार्य नहीं करती है, बल्कि यह चुंबकीय या विद्युत क्षेत्र बनाने और बनाए रखने के लिए सर्किट में प्रवाहित होती रहती है।
इसे वोल्ट-एम्पीयर-रिएक्टिव (VAR) या किलोवोल्ट-एम्पीयर-रिएक्टिव (kVAR) में मापा जाता है। इसके महत्वपूर्ण सूत्र AC सर्किट के प्रकार (एकल-चरण या तीन-चरण) और शक्ति त्रिकोण (power triangle) से प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रमुख सूत्र शक्ति के अनुपात के रूप में: शक्ति त्रिकोण में, प्रतिक्रियाशील शक्ति (Q) को वोल्टेज और करंट के बीच के कला कोण (phi) के sine के रूप में व्यक्त किया जाता है।
Q = V × I × sin(phi)
Q: प्रतिक्रियाशील शक्ति (VAR में)
V: RMS वोल्टेज (वोल्ट में)
I: RMS करंट (एम्पीयर में)
sin(phi) : कला कोण का sine शक्ति त्रिकोण से:
पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करके,
प्रतिक्रियाशील शक्ति को वास्तविक और आभासी शक्ति से भी निकाला जा सकता है:
S^2 = P^2 + Q^2
Q = sqrt{S^2 - P^2}
यहां,
S आभासी शक्ति (VA में) और
P वास्तविक शक्ति (W में) है।
सर्किट के अनुसार सूत्र एकल-चरण (Single-Phase) AC सर्किट के लिए:
Q = V × I × sin(phi)
तीन-चरण (Three-Phase) AC सर्किट के लिए:
संतुलित भार के लिए, प्रतिक्रियाशील शक्ति की गणना लाइन वोल्टेज (V_L) और लाइन करंट (I_L) का उपयोग करके की जाती है।
Q = sqrt{3} × V_L × I_L × sin(\phi)
sqrt{3}: तीन-चरण सर्किट के लिए स्थिरांक (≈ 1.732)
V_L: लाइन वोल्टेज (वोल्ट में)
I_L: लाइन करंट (एम्पीयर में)
आभासी शक्ति (S) एक AC (प्रत्यावर्ती धारा) सर्किट को दी गई कुल शक्ति है। इसमें वह शक्ति शामिल होती है जो उपयोगी कार्य करती है (वास्तविक शक्ति) और वह शक्ति जो चुंबकीय या विद्युत क्षेत्र बनाने के लिए उपयोग होती है (प्रतिक्रियाशील शक्ति)।
इसे वोल्ट-एम्पीयर (VA) या किलोवोल्ट-एम्पीयर (kVA) में मापा जाता है।
प्रमुख सूत्र वोल्टेज और करंट के गुणनफल के रूप में: यह सबसे सरल और सामान्य सूत्र है जो आभासी शक्ति को सीधे वोल्टेज और करंट के गुणनफल के रूप में परिभाषित करता है।
S = V × I
S: आभासी शक्ति (VA में)
V: RMS वोल्टेज (वोल्ट में)
I: RMS करंट (एम्पीयर में)
शक्ति त्रिकोण (Power Triangle) से: शक्ति त्रिकोण पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करके तीन शक्तियों के बीच संबंध स्थापित करता है।
S^2 = P^2 + Q^2 S = sqrt{P^2 + Q^2}
यहां,
P वास्तविक शक्ति (watts) और
Q प्रतिक्रियाशील शक्ति (VAR) है।
सर्किट के अनुसार सूत्र एकल-चरण (Single-Phase) AC सर्किट के लिए:
S = V × I यह सूत्र सीधे वोल्टेज और करंट को गुणा करके आभासी शक्ति की गणना करता है।
तीन-चरण (Three-Phase) AC सर्किट के लिए:
संतुलित भार के लिए,
आभासी शक्ति की गणना लाइन वोल्टेज (V_L) और
लाइन करंट (I_L) का उपयोग करके की जाती है।
S = sqrt{3} × V_L × I_L
sqrt{3}: तीन-चरण सर्किट के लिए स्थिरांक (≈ 1.732)
V_L: लाइन वोल्टेज (वोल्ट में)
I_L: लाइन करंट (एम्पीयर में)
पावर फैक्टर (शक्ति गुणांक) के महत्वपूर्ण सूत्रों के प्रकार नीचे दिए गए हैं, जो सर्किट में शक्ति, वोल्टेज, करंट और प्रतिबाधा के बीच संबंधों पर आधारित हैं।
1. शक्ति के अनुपात पर आधारित सूत्र यह सबसे बुनियादी और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला सूत्र है। यह दर्शाता है कि कुल आभासी शक्ति में से कितनी शक्ति वास्तव में उपयोगी कार्य कर रही है।
PF = {वास्तविक शक्ति (P)}{आभासी शक्ति (S)} = {kW}{kVA}
2. कला कोण (Phase Angle) पर आधारित सूत्र यह सूत्र वोल्टेज और करंट के बीच के कला कोण (phi) के कोसाइन (cosine) का उपयोग करता है।
PF = cos(phi) यूनिटी पावर फैक्टर (PF=1):
जब phi = 0 होता है (वोल्टेज और करंट एक ही कला में होते हैं)।
लैगिंग पावर फैक्टर (PF<1): जब करंट वोल्टेज से पीछे होता है (प्रेरक भार)।
अग्रणी पावर फैक्टर (PF<1): जब करंट वोल्टेज से आगे होता है (संधारित्र भार)।
3. प्रतिरोध और प्रतिबाधा पर आधारित सूत्र यह सूत्र सर्किट के प्रतिरोध (R) और कुल प्रतिबाधा (Z) के बीच के अनुपात को दर्शाता है।
PF = {R}{Z}
R: सर्किट का प्रतिरोध (ओहम में)।
Z: सर्किट की कुल प्रतिबाधा (ओहम में)।
4. सर्किट के प्रकार के अनुसार सूत्र एकल-चरण (Single-Phase) सर्किट:
PF = {P}{S} = {V × I × cos(phi)}{V × I} = cos(phi)
तीन-चरण (Three-Phase) सर्किट:
PF ={P}{S} = {sqrt{3} × V_L × I_L × cos(phi)}{\sqrt{3} × V_L × I_L} = cos(phi) इन सूत्रों का उपयोग पावर फैक्टर की गणना करने और विद्युत प्रणाली की दक्षता को समझने के लिए किया जाता है।
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