लाइन टेस्टर ,वोल्टेज टेस्टर या एक चरण परीक्षक ( Phase Tester )
एक चरण परीक्षक (phase tester), जिसे लाइन टेस्टर या वोल्टेज टेस्टर भी कहते हैं, एक साधारण विद्युत उपकरण है जिसका उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि किसी तार या सर्किट में लाइव AC वोल्टेज मौजूद है या नहीं।
इसके मुख्य तीन भाग होते हैं:
- मेटल टिप (Metal Tip): यह टेस्टर का वह भाग है जिसे आप तार या टर्मिनल को छूते हैं। यह आंतरिक प्रतिरोधक और नियॉन इंडिकेटर से जुड़ा होता है।
- नियॉन इंडिकेटर (Neon Indicator): यह टेस्टर के अंदर लगा एक छोटा बल्ब होता है। जब इसमें से करंट गुजरता है, तो यह चमकता है और वोल्टेज की उपस्थिति को दर्शाता है।
- मेटालिक एंड कैप (Metallic End Cap): यह टेस्टर का पिछला सिरा है, जिसे आप जांच करते समय अपनी उंगली से छूते हैं। आपका शरीर एक ग्राउंड पाथ के रूप में कार्य करता है, जिससे सर्किट पूरा होता है और एक छोटा करंट बहता है, जिससे नियॉन बल्ब जल उठता है।
यह कैसे काम करता है?
एक चरण परीक्षक उच्च प्रतिबाधा सर्किट (high impedance circuit) के सिद्धांत पर काम करता है।
इसके अंदर लगा प्रतिरोधक बहुत उच्च प्रतिरोध (लगभग मेगाओम में) का होता है। जब आप टेस्टर की टिप को लाइव तार से और अपनी उंगली को मेटालिक एंड कैप से छूते हैं, तो एक बहुत छोटा करंट लाइव तार से प्रतिरोधक, नियॉन बल्ब और आपके शरीर के माध्यम से जमीन तक बहता है। यह उच्च प्रतिरोध उस करंट को एक बहुत ही कम और सुरक्षित स्तर तक सीमित कर देता है जो आपको नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन नियॉन बल्ब को चमकने के लिए पर्याप्त होता है।
फेज टेस्टर में मैटेल टिप का मुख्य काम सर्किट में लाइव AC वोल्टेज की जांच करना है। यह टेस्टर का वह भाग है जिसे हम सीधे उस तार या टर्मिनल से जोड़ते हैं, जिसका हमें परीक्षण करना होता है।
मैटेल टिप का कार्य:
- संपर्क बनाना (Making Contact): मैटेल टिप टेस्टर और जिस तार की आप जांच कर रहे हैं, उसके बीच एक चालक (conductive) संपर्क स्थापित करती है।
- सर्किट पूरा करना (Completing the Circuit): जब आप मैटेल टिप को लाइव तार पर रखते हैं और अपनी उंगली से टेस्टर के पीछे लगी मैटेलिक एंड कैप को छूते हैं, तो एक बंद सर्किट बनता है। यह सर्किट लाइव तार से मैटेल टिप के माध्यम से, फिर टेस्टर के अंदर लगे उच्च प्रतिरोध (high resistance) और नियॉन बल्ब से होता हुआ, आपकी उंगली से जमीन (ground) तक जाता है।
- वोल्टेज का संकेत देना (Indicating Voltage): इस बंद सर्किट के माध्यम से बहुत कम, लेकिन पर्याप्त मात्रा में करंट बहता है, जिससे टेस्टर के अंदर लगा नियॉन बल्ब जल उठता है। यह बल्ब का जलना ही इस बात का संकेत है कि उस तार में वोल्टेज मौजूद है।
संक्षेप में,
मैटेल टिप एक पुल की तरह काम करती है, जो लाइव वोल्टेज को टेस्टर के अंदरूनी हिस्सों से जोड़ती है ताकि वोल्टेज की उपस्थिति का पता लगाया जा सके।
फेज टेस्टर में सर्किट तभी पूरा होता है जब आप इसे इस्तेमाल करने के लिए सही तरीका अपनाते हैं। यह एक बहुत ही सरल लेकिन प्रभावी सिद्धांत पर काम करता है, जिसमें आपका शरीर भी सर्किट का एक हिस्सा बन जाता है।
सर्किट कैसे पूरा होता है:
जब आप किसी तार या सॉकेट की जांच करने के लिए फेज टेस्टर का उपयोग करते हैं, तो निम्नलिखित चरण होते हैं जिससे सर्किट पूरा होता है:
- आप टेस्टर की मैटेल टिप को लाइव तार या फेज पॉइंट से छूते हैं।
- इसके साथ ही, आप अपनी उंगली को टेस्टर के पीछे लगे मेटालिक एंड कैप पर रखते हैं।
- इस क्रिया से एक बंद सर्किट बन जाता है। करंट का प्रवाह लाइव तार से शुरू होता है, फिर टेस्टर की मैटेल टिप में प्रवेश करता है।
- यह करंट टेस्टर के अंदर लगे उच्च प्रतिरोध (high resistance) और नियॉन बल्ब से होकर गुजरता है।
- आखिर में, यह बहुत ही कम करंट आपके शरीर के माध्यम से जमीन (ground) में चला जाता है।
इस तरह,
लाइव तार और जमीन के बीच एक पूर्ण सर्किट बनता है। टेस्टर के अंदर लगा उच्च प्रतिरोधक इस करंट को इतना कम कर देता है कि यह आपके शरीर से सुरक्षित रूप से गुजर सके और आपको झटका न लगे, लेकिन यह नियॉन बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होता है।
एक फेज टेस्टर में, धारा का प्रवाह एक बहुत ही सीमित और सुरक्षित मार्ग से होता है, जिसमें आपका शरीर भी शामिल होता है। यह धारा प्रवाह तभी होता है जब आप वोल्टेज की जांच करते हैं।
धारा प्रवाह का मार्ग (Path of Current Flow)
- लाइव वायर (Live Wire): करंट लाइव वायर से शुरू होता है।
- मैटेल टिप (Metal Tip): लाइव वायर से करंट टेस्टर की धातु की टिप में प्रवेश करता है।
- उच्च प्रतिरोधक (High Resistor): टिप से करंट टेस्टर के अंदर लगे एक बहुत उच्च प्रतिरोध (लगभग 1 मेगाओम) से गुजरता है। यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह धारा के मान को बहुत कम कर देता है।
- नियॉन बल्ब (Neon Bulb): उच्च प्रतिरोधक से निकलने के बाद, यह कम धारा नियॉन बल्ब से गुजरती है, जिससे वह चमकने लगता है।
- धातु का एंड कैप (Metal End Cap): नियॉन बल्ब से धारा टेस्टर के पीछे लगे धातु के एंड कैप तक पहुंचती है।
- मानव शरीर (Human Body): जब आप अपनी उंगली से एंड कैप को छूते हैं, तो धारा आपके शरीर से होती हुई जमीन (ground) में चली जाती है।
इस तरह,
लाइव वायर से लेकर जमीन तक एक संपूर्ण सर्किट बनता है। टेस्टर में लगा उच्च प्रतिरोधक धारा को इतना कम कर देता है कि यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित होती है, लेकिन नियॉन बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होती है।
एक फेज टेस्टर में, नियॉन लैंप का चमकना यह दर्शाता है कि जिस तार या सर्किट की आप जांच कर रहे हैं, उसमें AC वोल्टेज मौजूद है। यह टेस्टर का मुख्य संकेतक (indicator) होता है।
नियॉन लैंप कैसे काम करता है
नियॉन लैंप एक प्रकार का गैस डिस्चार्ज लैंप है। इसकी कार्यप्रणाली को समझने के लिए इन बिंदुओं को देखें:
- संरचना: लैंप के अंदर एक छोटे से ग्लास कैप्सूल में कम दबाव पर नियॉन गैस भरी होती है। इसमें दो इलेक्ट्रोड भी होते हैं।
- आयनीकरण (Ionization): जब आप टेस्टर का उपयोग करते हैं, तो लाइव वोल्टेज इन इलेक्ट्रोडों के बीच एक मजबूत विद्युत क्षेत्र बनाता है। यह विद्युत क्षेत्र नियॉन गैस के परमाणुओं में मौजूद इलेक्ट्रॉनों को मुक्त कर देता है, जिससे गैस का आयनीकरण होता है।
- चमक (Glow): आयनीकृत गैस अब विद्युत की सुचालक (conductive) बन जाती है और एक बहुत ही कम मात्रा में करंट बहने लगता है। इस प्रक्रिया में, उत्साहित नियॉन परमाणु ऊर्जा को फोटॉन के रूप में छोड़ते हैं, जिसे हम नारंगी-लाल चमक के रूप में देखते हैं।
फेज टेस्टर में लगा उच्च प्रतिरोधक (high resistor) इस करंट को इतना कम कर देता है कि यह आपके शरीर को कोई नुकसान न पहुंचाए, लेकिन यह नियॉन लैंप को जलाने के लिए पर्याप्त होता है। यही कारण है कि नियॉन लैंप इस काम के लिए एकदम सही है: इसे जलने के लिए अपेक्षाकृत उच्च वोल्टेज की आवश्यकता होती है, लेकिन यह बहुत कम करंट पर भी काम कर सकता है।
फेज टेस्टर में प्रतिरोधक (resistor) का सबसे महत्वपूर्ण काम सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह उपयोगकर्ता को बिजली के झटके से बचाने के लिए सर्किट में धारा (current) के प्रवाह को बहुत कम कर देता है।
प्रतिरोधक की भूमिका
फेज टेस्टर में एक उच्च-मान वाला प्रतिरोधक (high-value resistor), आमतौर पर लगभग 1 मेगाओम (1,000,000 ओम) का उपयोग किया जाता है। इसकी मुख्य भूमिकाएं इस प्रकार हैं:
- धारा को सीमित करना: जब आप फेज टेस्टर का उपयोग करते हैं, तो करंट लाइव वायर से आपके शरीर के माध्यम से जमीन में चला जाता है। यदि यह प्रतिरोधक नहीं होता, तो लाइव वोल्टेज (जैसे 220V) के कारण एक बहुत बड़ी और खतरनाक धारा आपके शरीर से गुजरती, जिससे आपको गंभीर बिजली का झटका लग सकता था। प्रतिरोधक इस धारा को बहुत कम, यानी कुछ माइक्रोएम्पीयर तक सीमित कर देता है, जो मानव शरीर के लिए सुरक्षित है।
- नियॉन लैंप को सुरक्षित रखना: यह प्रतिरोधक न केवल आपकी सुरक्षा करता है, बल्कि यह नियॉन लैंप को भी अतिरिक्त वोल्टेज और धारा से बचाता है, जिससे लैंप लंबे समय तक काम करता है।
संक्षेप में,
प्रतिरोधक एक सुरक्षा अवरोध (safety barrier) के रूप में कार्य करता है। यह वोल्टेज को सीधे आपके शरीर तक पहुंचने से रोकता है और सिर्फ उतनी ही धारा को प्रवाहित होने देता है जो नियॉन लैंप को जलाने के लिए पर्याप्त हो।
फेज टेस्टर के काम करने के लिए ग्राउंडिंग (Grounding) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सीधे तौर पर टेस्टर के सर्किट को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है। एक सामान्य टेस्टर में कोई अलग से ग्राउंड वायर नहीं होता, इसके बजाय, यह आपके शरीर को ही ग्राउंडिंग के रूप में उपयोग करता है।
ग्राउंडिंग की भूमिका
जब आप किसी लाइव तार की जांच करते हैं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया से सर्किट पूरा होता है:
- आप टेस्टर की मैटेल टिप को लाइव तार या सॉकेट के फेज पॉइंट से छूते हैं।
- इसी समय, आप अपनी उंगली से टेस्टर के पीछे लगे मैटेलिक एंड कैप को छूते हैं।
- अब, करंट लाइव तार से टेस्टर के अंदर लगे उच्च प्रतिरोधक (high-resistance resistor) और नियॉन लैंप से होता हुआ आपके शरीर में प्रवेश करता है।
- आपका शरीर एक वाहक (conductor) की तरह काम करता है, जो करंट को जमीन (ground) में जाने का रास्ता देता है।
- जब यह सर्किट पूरा हो जाता है, तो बहुत ही कम मात्रा में करंट बहता है, जिससे नियॉन लैंप चमकता है और वोल्टेज की उपस्थिति का संकेत देता है।
इस पूरी प्रक्रिया में,
प्रतिरोधक यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर से होकर गुजरने वाला करंट इतना कम हो कि वह पूरी तरह से सुरक्षित रहे। इस तरह, फेज टेस्टर को काम करने के लिए आपके शरीर की ग्राउंडिंग की आवश्यकता होती है।
फेज टेस्टर में इंसुलेटेड स्टेम का मुख्य काम उपयोगकर्ता को बिजली के झटके से बचाना है। यह टेस्टर का सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक भाग होता है।
इंसुलेटेड स्टेम का कार्य
इंसुलेटेड स्टेम वह मुख्य बॉडी है जिसे आप अपनी उंगलियों से पकड़ते हैं। यह एक गैर-चालक पदार्थ (non-conductive material) जैसे प्लास्टिक या फाइबरग्लास से बना होता है। इसकी भूमिकाएं इस प्रकार हैं:
- सुरक्षा सुनिश्चित करना: यदि स्टेम धातु का बना होता, तो करंट सीधे धातु की टिप से आपके हाथ में चला जाता, जिससे आपको एक खतरनाक झटका लग सकता था। इंसुलेटेड स्टेम यह सुनिश्चित करता है कि करंट केवल टेस्टर के अंदर लगे उच्च प्रतिरोधक (high-resistance resistor) और नियॉन लैंप से होकर गुजरे, जिससे आपके शरीर तक पहुंचने वाली धारा बहुत कम और सुरक्षित रहे।
- पकड़ने में आराम: यह आपको टेस्टर को सुरक्षित और आराम से पकड़ने की अनुमति देता है, जिससे जांच करते समय आपका हाथ फिसलने से बचता है।
संक्षेप में,
इंसुलेटेड स्टेम एक सुरक्षा अवरोध के रूप में कार्य करता है जो लाइव वोल्टेज को आपके हाथ से सीधे संपर्क में आने से रोकता है और टेस्टर के काम करने के लिए आवश्यक सर्किट को पूरा करने के लिए केवल मैटेलिक एंड कैप को छूने की अनुमति देता है।
एक फेज टेस्टर में, स्प्रिंग (वसंत) दो महत्वपूर्ण कार्य करता है: विद्युत संपर्क स्थापित करना और आंतरिक भागों को स्थिर रखना।
वसंत का कार्य
स्प्रिंग, जिसे आमतौर पर टेस्टर के अंदर देखा जाता है, एक सरल लेकिन आवश्यक घटक है। इसके मुख्य कार्य इस प्रकार हैं:
- विद्युत संपर्क (Electrical Contact): स्प्रिंग नियॉन बल्ब के एक सिरे को मैटेलिक एंड कैप से जोड़ता है। यह सुनिश्चित करता है कि जब आप अपनी उंगली से एंड कैप को छूते हैं, तो सर्किट पूरा हो जाए और करंट का प्रवाह सुचारू रूप से हो सके। इसके बिना, सर्किट अधूरा रहेगा और टेस्टर काम नहीं करेगा।
- यांत्रिक स्थिरता (Mechanical Stability): स्प्रिंग टेस्टर के अंदर लगे नाजुक घटकों जैसे उच्च प्रतिरोधक (high-resistance resistor) और नियॉन बल्ब को मजबूती से पकड़ कर रखता है। यह उन्हें अपनी जगह से हिलने से रोकता है और टेस्टर के उपयोग या गिरने पर होने वाले झटकों से उनकी रक्षा करता है।
संक्षेप में, स्प्रिंग
एक पुल की तरह काम करता है जो विद्युत प्रवाह के लिए रास्ता बनाता है और साथ ही टेस्टर के आंतरिक हिस्सों को सुरक्षित रखता है।
फेज टेस्टर में लगी क्लिप का मुख्य काम टेस्टर को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से साथ रखना है। यह टेस्टर का एक उपयोगी बाहरी भाग है।
क्लिप का कार्य
क्लिप का प्राथमिक उद्देश्य उपयोगकर्ता को टेस्टर को आसानी से रखने की सुविधा देना है। इसके दो मुख्य कार्य हैं:
- सुविधा (Convenience): क्लिप की मदद से आप टेस्टर को अपनी शर्ट की जेब, बेल्ट या टूल बैग से क्लिप कर सकते हैं। इससे टेस्टर हमेशा आपकी पहुंच में रहता है और काम के दौरान आपको उसे बार-बार ढूंढना नहीं पड़ता।
- सुरक्षा (Safety): क्लिप टेस्टर को गिरने से बचाता है। जब टेस्टर को सही जगह पर क्लिप किया जाता है, तो उसके फिसलने या गिरने की संभावना कम हो जाती है, जिससे उसके नाजुक आंतरिक घटकों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
संक्षेप में, क्लिप टेस्टर की पोर्टेबिलिटी (portability) और सुरक्षा को बढ़ाती है।
एक फेज टेस्टर को अर्थिंग पॉइंट पर इस्तेमाल करने का परिणाम यह होता है कि नियॉन लैंप नहीं जलता। ऐसा होना पूरी तरह से सामान्य और सही है, क्योंकि टेस्टर को फेज (लाइव) वोल्टेज की जांच करने के लिए बनाया गया है, अर्थिंग की नहीं।
अर्थिंग पॉइंट पर टेस्टर क्यों नहीं जलता?
एक फेज टेस्टर केवल तभी काम करता है जब उसे एक वोल्टेज अंतर (voltage difference) मिलता है। यह अंतर लाइव फेज तार और जमीन (ground) के बीच होता है।
- अर्थिंग पॉइंट का उद्देश्य: एक अच्छी तरह से काम करने वाला अर्थिंग पॉइंट सीधे जमीन से जुड़ा होता है। इसका उद्देश्य किसी भी अतिरिक्त करंट को सीधे जमीन में भेजना है। इसलिए, एक सही अर्थिंग पॉइंट का वोल्टेज शून्य होता है।
- सर्किट का अधूरापन: जब आप टेस्टर की मैटेल टिप को अर्थिंग पॉइंट पर रखते हैं और अपनी उंगली से एंड कैप को छूते हैं, तो दोनों पॉइंट (अर्थिंग और आपका शरीर) जमीन के बराबर होते हैं। चूंकि दोनों में कोई वोल्टेज अंतर नहीं होता है, इसलिए कोई करंट प्रवाहित नहीं होता है।
- परिणाम: करंट के अभाव में, टेस्टर के अंदर लगा नियॉन लैंप नहीं जलता।
यदि किसी स्थिति में,
अर्थिंग पॉइंट पर टेस्टर जलता है, तो यह एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इसका मतलब यह है कि अर्थिंग पॉइंट पर लीकेज करंट या वोल्टेज मौजूद है, जो वायरिंग में खराबी को दर्शाता है। इस स्थिति में, तुरंत किसी पेशेवर इलेक्ट्रीशियन से जांच करवानी चाहिए।
फेज टेस्टर का मुख्य उपयोग किसी भी विद्युत सर्किट में लाइव AC वोल्टेज की उपस्थिति का पता लगाना है। यह एक सरल लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण है जो बिजली से जुड़े काम करते समय आपकी मदद करता है।
फेज टेस्टर के सामान्य उपयोग
- लाइव वायर की पहचान करना: यह सबसे आम उपयोग है। फेज टेस्टर का उपयोग करके आप यह पता लगा सकते हैं कि किसी तार में बिजली है या नहीं, जिससे आप उसे छूने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
- सॉकेट की जांच करना: आप सॉकेट में फेज (live), न्यूट्रल और अर्थिंग पॉइंट की पहचान कर सकते हैं। सॉकेट के फेज पॉइंट पर टेस्टर लगाने पर उसका लैंप जल जाएगा, जबकि न्यूट्रल और अर्थिंग पर वह नहीं जलेगा।
- फ्यूज चेक करना: आप यह जांचने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं कि किसी उपकरण का फ्यूज सही है या नहीं। यदि फ्यूज पर टेस्टर का लैंप नहीं जलता है, तो इसका मतलब है कि फ्यूज खराब हो गया है।
- सर्किट में खराबी का पता लगाना: फेज टेस्टर का उपयोग करके आप यह पता लगा सकते हैं कि किसी सर्किट में बिजली का प्रवाह कहां तक हो रहा है। अगर एक पॉइंट पर टेस्टर जलता है और उसके बाद वाले पॉइंट पर नहीं जलता, तो इसका मतलब है कि उन दोनों पॉइंट्स के बीच कहीं तार टूटा हुआ है।
फेज टेस्टर वोल्टेज की सटीक मात्रा नहीं बताता, बल्कि सिर्फ यह संकेत देता है कि वोल्टेज मौजूद है या नहीं। यह हर इलेक्ट्रीशियन और घर में बिजली से जुड़े काम करने वाले व्यक्ति के लिए एक आवश्यक उपकरण है।
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