डोल (DOL) स्टार्टर का कार्य सिद्धांत और सर्किट आरेख
डोल (DOL) स्टार्टर का कार्य सिद्धांत और सर्किट आरेख
कार्य सिद्धांत (Working
DOL स्टार्टर मोटर को सीधे पूर्ण लाइन वोल्टेज पर चालू करता है। इसमें मुख्य रूप से एक कॉन्टैक्टर और एक ओवरलोड रिले शामिल होता है।
* स्टार्ट बटन दबाना (Pressing the Start Button): जब आप स्टार्ट बटन (जो आमतौर पर NO - Normally Open होता है) दबाते हैं, तो कॉन्टैक्टर कॉइल को विद्युत आपूर्ति मिलती है।
* कॉन्टैक्टर का सक्रिय होना (Contactor Energization):
कॉन्टैक्टर कॉइल सक्रिय होने पर, यह एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र बनाता है। यह क्षेत्र कॉन्टैक्टर के मुख्य संपर्कों को बंद कर देता है।
* मोटर को शक्ति प्रदान करना (Power to the Motor):
जैसे ही कॉन्टैक्टर के मुख्य संपर्क बंद होते हैं, थ्री-फेज विद्युत आपूर्ति सीधे मोटर के टर्मिनल से जुड़ जाती है। मोटर पूर्ण लाइन वोल्टेज प्राप्त करती है और चलना शुरू कर देती है।
* होल्डिंग सर्किट/लचिंग (Holding Circuit/Latching):
स्टार्ट बटन दबाने के बाद भी मोटर चलती रहे, इसके लिए एक होल्डिंग या लैचिंग सर्किट का उपयोग किया जाता है। कॉन्टैक्टर के अपने स्वयं के एक सहायक NO (Normally Open) संपर्क होते हैं। जब कॉन्टैक्टर सक्रिय होता है, तो यह सहायक संपर्क भी बंद हो जाता है। यह संपर्क स्टार्ट बटन के समानांतर में जुड़ा होता है, जिससे स्टार्ट बटन छोड़ने के बाद भी कॉन्टैक्टर कॉइल को आपूर्ति मिलती रहती है।
* स्टॉप बटन दबाना (Pressing the Stop Button): जब आप स्टॉप बटन (जो आमतौर पर NC - Normally Closed होता है) दबाते हैं, तो कॉन्टैक्टर कॉइल को मिलने वाली आपूर्ति बाधित हो जाती है।
* कॉन्टैक्टर का निष्क्रिय होना (Contactor De-energization):
आपूर्ति कटने पर, कॉन्टैक्टर कॉइल निष्क्रिय हो जाता है और उसके मुख्य संपर्क खुल जाते हैं। इससे मोटर को मिलने वाली विद्युत आपूर्ति कट जाती है और मोटर रुक जाती है।
* ओवरलोड संरक्षण (Overload Protection): ओवरलोड रिले मोटर को ओवरलोड या अधिक करंट से बचाता है। जब मोटर निर्धारित सीमा से अधिक करंट खींचती है (जो आमतौर पर मोटर के रेटेड करंट से अधिक होता है), तो ओवरलोड रिले सक्रिय हो जाता है। यह रिले कॉन्टैक्टर कॉइल की आपूर्ति को काटने के लिए अपने NC (Normally Closed) संपर्क का उपयोग करता है, जिससे मोटर बंद हो जाती है और क्षति से बच जाती है।
सर्किट आरेख (Circuit Diagram):
DOL स्टार्टर के सर्किट आरेख में दो मुख्य भाग होते हैं:
* मुख्य शक्ति परिपथ (Main Power Circuit):
* नियंत्रण परिपथ (Control Circuit)
https://dkrajwar.blogspot.com/2025/07/blog-post_06.html
यहाँ एक सामान्य DOL स्टार्टर का सर्किट आरेख दिया गया है:
R ----/ ---- (मुख्य संपर्क - कॉन्टैक्टर) ---/ --- L1 (मोटर)
Y -----/ ----- (मुख्य संपर्क - कॉन्टैक्टर) ---/ -- L2 (मोटर)
B ----/ ---- (मुख्य संपर्क - कॉन्टैक्टर) -----/ --- L3 (मोटर)
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(ओवरलोड रिले)
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(मोटर)
नियंत्रण परिपथ (Control Circuit):
L1 (एक फेज) -| |
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|--- (फ्यूज/MCB) -----------------------|
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|--- (NC संपर्क - ओवरलोड रिले) ------|
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|--- (NC संपर्क - स्टॉप बटन) -----------|
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|-- (NO संपर्क - स्टार्ट बटन) -----------|
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|----( कॉन्टैक्टर कॉइल A1)------------|
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|-- (NO सहायक संपर्क - कॉन्टैक्टर) --|
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|---- (कॉन्टैक्टर कॉइल A2)-------------|
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|---- (न्यूट्रल/दूसरा फेज)------------------|
घटकों का विवरण (Description of Components):
* MCB/फ्यूज (MCB/Fuse):
यह पूरे परिपथ को शॉर्ट-सर्किट और ओवरकरंट से बचाता है।
* कॉन्टैक्टर (Contactor):
यह एक विद्युत चुम्बकीय स्विच है जो मुख्य शक्ति परिपथ को खोलता या बंद करता है। इसमें मुख्य संपर्क (जो भारी करंट ले जाते हैं) और सहायक संपर्क (जो नियंत्रण परिपथ में उपयोग होते हैं) होते हैं।
* ओवरलोड रिले (Overload Relay):
यह मोटर को ओवरलोड या अत्यधिक करंट से बचाने के लिए होता है। इसमें NC (Normally Closed) संपर्क होता है जो नियंत्रण परिपथ में होता है और जब ओवरलोड होता है तो खुल जाता है।
* स्टॉप बटन (Stop Button):
यह एक NC (Normally Closed) पुश-बटन है। इसे दबाने पर नियंत्रण परिपथ टूट जाता है और मोटर रुक जाती है।
* स्टार्ट बटन (Start Button):
यह एक NO (Normally Open) पुश-बटन है। इसे दबाने पर नियंत्रण परिपथ पूरा होता है और कॉन्टैक्टर सक्रिय हो जाता है।
* कॉन्टैक्टर कॉइल (Contactor Coil - A1, A2):
यह कॉन्टैक्टर का विद्युत चुम्बकीय भाग है जो नियंत्रण परिपथ से आपूर्ति मिलने पर मुख्य संपर्कों को बंद कर देता है।
कार्यप्रणाली का प्रवाह (Flow of Operation):
* नियंत्रण परिपथ MCB के माध्यम से सक्रिय होता है।
* ओवरलोड रिले का NC संपर्क और स्टॉप बटन का NC संपर्क सामान्य स्थिति में बंद रहते हैं, जिससे कॉन्टैक्टर कॉइल तक आपूर्ति जाने का मार्ग तैयार रहता है।
* जब स्टार्ट बटन दबाया जाता है, तो आपूर्ति स्टार्ट बटन के NO संपर्क के माध्यम से कॉन्टैक्टर कॉइल (A1-A2) तक पहुंचती है।
* कॉन्टैक्टर कॉइल सक्रिय होता है, और कॉन्टैक्टर के मुख्य संपर्क बंद हो जाते हैं, जिससे मोटर को सीधे आपूर्ति मिलने लगती है।
* उसी समय, कॉन्टैक्टर का सहायक NO संपर्क भी बंद हो जाता है। यह संपर्क स्टार्ट बटन के समानांतर में होता है, जिससे स्टार्ट बटन छोड़ने के बाद भी कॉन्टैक्टर कॉइल को आपूर्ति मिलती रहती है (होल्डिंग या लैचिंग)।
* मोटर अब चल रही है।
* मोटर को रोकने के लिए, स्टॉप बटन दबाया जाता है। स्टॉप बटन का NC संपर्क खुल जाता है, कॉन्टैक्टर कॉइल की आपूर्ति कट जाती है, और कॉन्टैक्टर के मुख्य संपर्क खुल जाते हैं, जिससे मोटर रुक जाती है।
* यदि मोटर ओवरलोड होती है, तो ओवरलोड रिले सक्रिय हो जाता है, उसका NC संपर्क खुल जाता है, जिससे कॉन्टैक्टर कॉइल की आपूर्ति कट जाती है और मोटर बंद हो जाती है।
DOL स्टार्टर सरल और किफायती होता है, लेकिन इसका उपयोग केवल उन मोटरों के लिए किया जाता है जहाँ स्टार्टिंग करंट की कोई बड़ी समस्या नहीं होती है, क्योंकि यह स्टार्टिंग में उच्च इनरश करंट उत्पन्न करता है।
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