पीएलसी (प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर) का उपयोग करके मोटर को नियंत्रित करना औद्योगिक स्वचालन का एक मूलभूत कार्य है। यहां बताया गया है कि आप यह कैसे कर सकते हैं:

 पीएलसी (प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर) का उपयोग करके मोटर को नियंत्रित करना औद्योगिक स्वचालन का एक मूलभूत कार्य है। यहां बताया गया है कि आप यह कैसे कर सकते हैं:

1. आवश्यक घटक (Required Components)

 * पीएलसी (PLC): यह मुख्य नियंत्रक है।

 * मोटर (Motor):

जिसे आप नियंत्रित करना चाहते हैं। यह एक AC मोटर (जैसे इंडक्शन मोटर) या DC मोटर हो सकती है।

 * मोटर ड्राइवर/कॉन्टैक्टर (Motor Driver/Contactor):

पीएलसी के आउटपुट सिग्नल सीधे उच्च शक्ति वाली मोटर को नहीं चला सकते हैं। आपको एक मोटर ड्राइवर (जैसे VFD - वेरिएबल फ़्रीक्वेंसी ड्राइव) या एक कॉन्टैक्टर (जो मोटर को चालू/बंद करता है) की आवश्यकता होगी। VFD मोटर की गति और दिशा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जबकि कॉन्टैक्टर केवल चालू/बंद करते हैं।

 * स्टार्ट/स्टॉप पुश बटन (Start/Stop Push Buttons): मोटर को मैन्युअल रूप से शुरू और बंद करने के लिए।

 * ओवरलोड रिले (Overload Relay): 

मोटर को ओवरलोड से बचाने के लिए।

 * वायरिंग और केबल (Wiring & Cables): 

सभी घटकों को जोड़ने के लिए।

 * प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर (Programming Software): पीएलसी को प्रोग्राम करने के लिए। (उदाहरण: सीमेंस TIA पोर्टल, रॉकवेल आरएसलॉगिक्स, आदि)

2. वायरिंग (Wiring)

वायरिंग पीएलसी और मोटर के प्रकार पर निर्भर करती है। यहां एक सामान्य सेटअप दिया गया है:

 * इनपुट वायरिंग (Input Wiring):

   * स्टार्ट पुश बटन: पीएलसी के एक इनपुट (जैसे I0.0) से कनेक्ट करें। यह आमतौर पर एक नॉर्मली ओपन (NO) संपर्क होता है।

   * स्टॉप पुश बटन: 

पीएलसी के दूसरे इनपुट (जैसे I0.1) से कनेक्ट करें। यह आमतौर पर एक नॉर्मली क्लोज (NC) संपर्क होता है।

   * ओवरलोड रिले (OLR): 

ओवरलोड रिले के NC संपर्क को पीएलसी के तीसरे इनपुट (जैसे I0.2) से कनेक्ट करें। यदि मोटर ओवरलोड होती है, तो यह संपर्क खुल जाएगा और पीएलसी को ट्रिप सिग्नल देगा।

 * आउटपुट वायरिंग (Output Wiring):

   * मोटर कॉन्टैक्टर/ड्राइवर:

पीएलसी के एक आउटपुट (जैसे Q0.0) को मोटर कॉन्टैक्टर के कॉइल या VFD के रन इनपुट से कनेक्ट करें। जब पीएलसी यह आउटपुट सक्रिय करेगा, तो मोटर चालू हो जाएगी।

   * इंडिकेटर लैंप्स (वैकल्पिक):

मोटर की स्थिति (चालू/बंद/ट्रिप) दिखाने के लिए आप अन्य पीएलसी आउटपुट (जैसे Q0.1, Q0.2) से लैंप कनेक्ट कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण:

 * हमेशा सुरक्षा का ध्यान रखें। वायरिंग करते समय बिजली बंद कर दें।

 * पीएलसी, मोटर, और ड्राइवर के मैनुअल का संदर्भ लें ताकि सही वायरिंग डायग्राम का पालन किया जा सके।

 * मोटर और ड्राइवर के लिए उचित पावर सप्लाई कनेक्शन भी होने चाहिए।

3. पीएलसी प्रोग्रामिंग (PLC Programming)

सबसे आम पीएलसी प्रोग्रामिंग भाषा लैडर लॉजिक (Ladder Logic) है। मोटर को चालू और बंद करने के लिए एक बुनियादी लैडर लॉजिक प्रोग्राम ऐसा दिख सकता है:

Rung 0:

|--[ I0.0 ]--+--------[ Q0.0 ]--|

|            |                |

|            +--[ Q0.0 ]------|

|

Rung 1:

|--[ I0.1 ]--[ ]--/---( Q0.0 )--|

|

Rung 2:

|--[ I0.2 ]--[ ]--/---( Q0.0 )--|


इस लैडर लॉजिक का विवरण:

 * Rung 0 (स्टार्ट लॉजिक और लैचिंग):

   * I0.0 (स्टार्ट पुश बटन): 

यह एक नॉर्मली ओपन (NO) संपर्क है। जब स्टार्ट बटन दबाया जाता है, तो यह बंद हो जाता है।

   * Q0.0 (मोटर आउटपुट): यह मोटर कॉन्टैक्टर/ड्राइवर को नियंत्रित करने वाला पीएलसी आउटपुट है।

   * लैचिंग (Latching): 

Q0.0 का एक NO संपर्क I0.0 के समानांतर में लगाया जाता है। इसका मतलब है कि एक बार जब Q0.0 चालू हो जाता है, तो यह अपनी खुद की स्थिति को बनाए रखता है (भले ही स्टार्ट बटन छोड़ दिया जाए)।

 * Rung 1 (स्टॉप लॉजिक):

   * I0.1 (स्टॉप पुश बटन): 

यह एक नॉर्मली क्लोज (NC) संपर्क है। जब स्टॉप बटन दबाया जाता है, तो यह खुल जाता है।

   * (/) Q0.0 (डि-लैचिंग):

जब I0.1 खुलता है, तो यह Q0.0 के लिए बिजली के प्रवाह को तोड़ देता है, जिससे मोटर बंद हो जाती है।

 * Rung 2 (ओवरलोड सुरक्षा):

   * I0.2 (ओवरलोड रिले):

यह भी एक NC संपर्क है। यदि मोटर ओवरलोड होती है, तो यह संपर्क खुल जाता है।

   * यह Q0.0 को भी डि-लैच कर देगा, जिससे मोटर बंद हो जाएगी।

प्रोग्रामिंग चरण:

 * सॉफ्टवेयर खोलें: अपने पीएलसी के प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर को खोलें।

 * नया प्रोजेक्ट बनाएं: 

एक नया पीएलसी प्रोजेक्ट बनाएं और अपने पीएलसी मॉडल का चयन करें।

 * टैग/एड्रैस असाइन करें

इनपुट (I0.0, I0.1, I0.2) और आउटपुट (Q0.0) को उनके संबंधित टैग (जैसे "Start_PB", "Stop_PB", "Overload_TRIP", "Motor_RUN") असाइन करें।

 * लैडर लॉजिक लिखें:

ऊपर दिए गए लॉजिक को अपने सॉफ्टवेयर में बनाएं।

 * प्रोग्राम डाउनलोड करें: 

प्रोग्राम को पीएलसी में डाउनलोड करें।

 * पीएलसी को रन मोड पर रखें: 

पीएलसी को प्रोग्राम चलाने के लिए रन मोड में बदलें।

4. परीक्षण और डिबगिंग (Testing and Debugging)

 * मोटर से पावर डिस्कनेक्ट करके या कम पावर वाली मोटर/लैंप का उपयोग करके पहले ड्राई रन करें।

 * स्टार्ट और स्टॉप बटन दबाकर देखें कि क्या लॉजिक ठीक से काम कर रहा है।

 * ओवरलोड स्थिति का अनुकरण करके देखें कि क्या सुरक्षा तंत्र काम करता है।

 * यदि कोई समस्या आती है, तो पीएलसी के डायग्नोस्टिक्स और अपने लॉजिक को डिबग करें।

5. विचार करने योग्य बातें (Points to Consider)

 * मोटर का प्रकार: 

यदि आप AC इंडक्शन मोटर का उपयोग कर रहे हैं, तो सीधे चालू/बंद करने के लिए कॉन्टैक्टर और सुरक्षा के लिए थर्मल ओवरलोड रिले का उपयोग करें। यदि आप गति नियंत्रण चाहते हैं, तो VFD का उपयोग करें।

 * सुरक्षा इंटरलॉक (Safety Interlocks): 

मोटर को नुकसान से बचाने और कर्मियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंटरलॉक (जैसे एस्टॉप बटन, गार्ड इंटरलॉक) जोड़ना महत्वपूर्ण है।

 * फीडबैक (Feedback): 

मोटर के चलने, बंद होने या ट्रिप होने की स्थिति का फीडबैक लेने के लिए आप अतिरिक्त इनपुट का उपयोग कर सकते हैं। यह अक्सर HMI (ह्यूमन मशीन इंटरफ़ेस) पर स्टेटस डिस्प्ले के लिए उपयोग किया जाता है।

 * अलार्म (Alarms):

किसी भी असामान्य स्थिति (जैसे ओवरलोड ट्रिप) के लिए अलार्म सेट करें।

यह पीएलसी का उपयोग करके मोटर को नियंत्रित करने का एक सामान्य अवलोकन है। वास्तविक कार्यान्वयन में आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं और उपयोग किए जा रहे घटकों के आधार पर भिन्नता हो सकती है।


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घरेलू उपयोग के लिए पीएलसी (Programmable Logic Controller) का इस्तेमाल करना संभव है, हालांकि यह औद्योगिक उपयोग जितना आम नहीं है। आमतौर पर, घर के स्वचालन के लिए माइक्रोकंट्रोलर-आधारित सिस्टम या रेडीमेड स्मार्ट होम सोल्यूशंस (जैसे गूगल होम, अमेज़न एलेक्सा, स्मार्टथिंग्स) अधिक प्रचलित हैं।

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