पीएलसी (Programmable Logic Controller) सिस्टम में विभिन्न प्रकार के मॉड्यूल होते हैं जो अलग-अलग कार्यों को संभालते हैं। मुख्य रूप से, पीएलसी मॉड्यूल को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

 पीएलसी (Programmable Logic Controller) सिस्टम में विभिन्न प्रकार के मॉड्यूल होते हैं जो अलग-अलग कार्यों को संभालते हैं। मुख्य रूप से, पीएलसी मॉड्यूल को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

1. इनपुट/आउटपुट (I/O) मॉड्यूल:

ये मॉड्यूल पीएलसी और बाहरी उपकरणों (सेंसर, स्विच, एक्चुएटर आदि) के बीच इंटरफ़ेस प्रदान करते हैं।

 * डिजिटल I/O मॉड्यूल:

   * डिजिटल इनपुट मॉड्यूल: ये बाइनरी सिग्नल (चालू/बंद) को संसाधित करते हैं जो सेंसर, स्विच या बटन जैसे उपकरणों से आते हैं।

   * डिजिटल आउटपुट मॉड्यूल: ये बाइनरी सिग्नल (चालू/बंद) को एक्चुएटर, मोटर या लाइट जैसे उपकरणों पर भेजते हैं।

 * एनालॉग I/O मॉड्यूल:

   * एनालॉग इनपुट मॉड्यूल: ये निरंतर सिग्नल (जैसे तापमान, दबाव, प्रवाह) को संसाधित करते हैं, जिनका उपयोग सटीक नियंत्रण के लिए किया जाता है।

   * एनालॉग आउटपुट मॉड्यूल: ये निरंतर सिग्नल को एक्चुएटर पर भेजते हैं जो चर आउटपुट (जैसे वाल्व की स्थिति, मोटर की गति) को नियंत्रित करते हैं।

 * विशिष्ट I/O मॉड्यूल:

   * हाई-स्पीड काउंटर मॉड्यूल: उच्च गति वाले पल्स सिग्नल को गिनने के लिए।

   * मोशन कंट्रोल मॉड्यूल: सर्वो मोटर या स्टेपर मोटर जैसे मोशन कंट्रोल सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए।

   * PID मॉड्यूल: आनुपातिक-अभिन्न-व्युत्पन्न (PID) नियंत्रण लूप को प्रबंधित करने के लिए।

2. CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) मॉड्यूल:

यह पीएलसी का "मस्तिष्क" होता है, जो नियंत्रण तर्क को निष्पादित करता है और सभी जुड़े हुए मॉड्यूल का समन्वय करता है। यह प्रोग्राम को स्टोर और चलाता है।

3. पावर सप्लाई मॉड्यूल:

यह बाहरी विद्युत शक्ति को पीएलसी सिस्टम के लिए आवश्यक वोल्टेज में परिवर्तित करता है।

4. कम्युनिकेशन मॉड्यूल:

ये मॉड्यूल पीएलसी को अन्य नेटवर्कों (जैसे ईथरनेट/IP, प्रोफिबस), HMI (ह्यूमन-मशीन इंटरफेस), SCADA सिस्टम या IoT प्लेटफॉर्म से डेटा साझा करने के लिए कनेक्ट करने में सक्षम बनाते हैं।

5. इंटरफ़ेस मॉड्यूल (IM):

ये वैकल्पिक मॉड्यूल होते हैं और इनका उपयोग मॉड्यूलर पीएलसी सिस्टम में रैक-से-रैक संचार के लिए किया जाता है, खासकर जब कई रैक होते हैं।

6. फंक्शन मॉड्यूल (FM):

ये विशिष्ट कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं जिनकी सामान्य I/O या CPU द्वारा सीधी हैंडलिंग मुश्किल होती है, जैसे जटिल गणितीय गणना, PID नियंत्रण, या उच्च-स्पीड काउंटर।

PLC के प्रकार संरचना के आधार पर भी होते हैं:

 * कॉम्पैक्ट/फिक्स्ड PLC: इसमें सभी मॉड्यूल (CPU, I/O, पावर सप्लाई) एक ही केस में एकीकृत होते हैं। इनमें I/O की संख्या निश्चित होती है और इन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता। ये छोटे अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त होते हैं।

 * मॉड्यूलर PLC: इसमें अलग-अलग मॉड्यूल होते हैं (CPU, I/O, पावर सप्लाई आदि) जिन्हें रैक या चेसिस पर लगाया जाता है। इसमें आवश्यकतानुसार मॉड्यूल को जोड़ा या हटाया जा सकता है, जिससे यह अधिक स्केलेबल और लचीला होता है। ये मध्यम से बड़े और जटिल स्वचालन परियोजनाओं के लिए उपयुक्त होते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ पीएलसी निर्माता इन श्रेणियों में कुछ विशेष मॉड्यूल भी बना सकते हैं जो इन सामान्य प्रकारों में सीधे फिट नहीं होते हैं।


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घरेलू उपयोग के लिए पीएलसी (Programmable Logic Controller) का इस्तेमाल करना संभव है, हालांकि यह औद्योगिक उपयोग जितना आम नहीं है। आमतौर पर, घर के स्वचालन के लिए माइक्रोकंट्रोलर-आधारित सिस्टम या रेडीमेड स्मार्ट होम सोल्यूशंस (जैसे गूगल होम, अमेज़न एलेक्सा, स्मार्टथिंग्स) अधिक प्रचलित हैं।

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