पीएलसी (PLC - Programmable Logic Controller) में लॉजिक गेट्स डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के बुनियादी बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं, जिनका उपयोग नियंत्रण तर्क (control logic) बनाने के लिए किया जाता है। ये गेट्स, इनपुट सिग्नलों के आधार पर आउटपुट सिग्नलों को नियंत्रित करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में होता है।
पीएलसी (PLC - Programmable Logic Controller) में लॉजिक गेट्स डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के बुनियादी बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं, जिनका उपयोग नियंत्रण तर्क (control logic) बनाने के लिए किया जाता है। ये गेट्स, इनपुट सिग्नलों के आधार पर आउटपुट सिग्नलों को नियंत्रित करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में होता है।
पीएलसी में लॉजिक गेट्स क्या होते हैं?
लॉजिक गेट्स मूल रूप से ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होते हैं जो एक या अधिक इनपुट लेते हैं और एक ही आउटपुट उत्पन्न करते हैं। यह आउटपुट इनपुट के बीच एक निश्चित लॉजिकल संबंध पर आधारित होता है। पीएलसी में, इन लॉजिक गेट्स को सीधे वायरिंग के बजाय प्रोग्रामिंग के माध्यम से लागू किया जाता है, आमतौर पर लैडर लॉजिक (Ladder Logic) या फंक्शन ब्लॉक डायग्राम (Function Block Diagram) जैसी भाषाओं का उपयोग करके।
कुछ मुख्य प्रकार के लॉजिक गेट्स और उनके काम करने का तरीका:
* AND गेट:
* काम करने का तरीका: AND गेट में, आउटपुट तभी 'हाई' (या ऑन) होता है जब उसके सभी इनपुट 'हाई' (या ऑन) हों। यदि कोई भी इनपुट 'लो' (या ऑफ) है, तो आउटपुट भी 'लो' रहेगा।
* पीएलसी में: लैडर लॉजिक में, AND गेट को सीरीज में जुड़े हुए नॉर्मली ओपन (NO) कॉन्टैक्ट्स (inputs) के रूप में दर्शाया जाता है। जब सभी कॉन्टैक्ट्स बंद होते हैं (यानी इनपुट ऑन होते हैं), तो करंट फ्लो करता है और आउटपुट ऑन होता है।
* उदाहरण: एक मशीन तभी शुरू होगी जब 'स्टार्ट' बटन दबाया गया हो AND 'सेफ्टी गार्ड' अपनी जगह पर हो।
* OR गेट:
* काम करने का तरीका: OR गेट में, आउटपुट 'हाई' (या ऑन) होता है यदि उसके किसी भी इनपुट में से कम से कम एक इनपुट 'हाई' (या ऑन) हो। आउटपुट केवल तभी 'लो' होगा जब उसके सभी इनपुट 'लो' हों।
* पीएलसी में: लैडर लॉजिक में, OR गेट को पैरेलल में जुड़े हुए नॉर्मली ओपन (NO) कॉन्टैक्ट्स के रूप में दर्शाया जाता है। यदि कोई भी कॉन्टैक्ट बंद होता है, तो करंट आउटपुट तक पहुंच जाएगा और आउटपुट ऑन हो जाएगा।
* उदाहरण: एक लाइट तब जलेगी जब 'लाइट स्विच 1' ऑन हो OR 'लाइट स्विच 2' ऑन हो।
* NOT गेट (इनवर्टर):
* काम करने का तरीका: NOT गेट एक इनपुट लेता है और उसके विपरीत आउटपुट देता है। यदि इनपुट 'हाई' है, तो आउटपुट 'लो' होगा, और यदि इनपुट 'लो' है, तो आउटपुट 'हाई' होगा।
* पीएलसी में: लैडर लॉजिक में, NOT गेट को नॉर्मली क्लोज्ड (NC) कॉन्टैक्ट के रूप में दर्शाया जाता है। जब इनपुट ऑन होता है, तो NC कॉन्टैक्ट खुल जाता है और आउटपुट बंद हो जाता है। जब इनपुट बंद होता है, तो NC कॉन्टैक्ट बंद रहता है और आउटपुट ऑन होता है।
* उदाहरण: एक अलार्म तभी बजेगा जब 'दरवाजा बंद नहीं' हो (यानी दरवाजा खुला हो)।
* NAND गेट:
* काम करने का तरीका: NAND गेट AND गेट का उल्टा होता है। इसका आउटपुट तभी 'लो' होता है जब उसके सभी इनपुट 'हाई' हों। अन्यथा, आउटपुट 'हाई' रहता है।
* पीएलसी में: इसे AND गेट के आउटपुट को NOT गेट से जोड़कर बनाया जा सकता है, या सीधे लैडर लॉजिक में पैरेलल में NC कॉन्टैक्ट्स का उपयोग करके बनाया जा सकता है।
* NOR गेट:
* काम करने का तरीका: NOR गेट OR गेट का उल्टा होता है। इसका आउटपुट तभी 'हाई' होता है जब उसके सभी इनपुट 'लो' हों। अन्यथा, आउटपुट 'लो' रहता है।
* पीएलसी में: इसे OR गेट के आउटपुट को NOT गेट से जोड़कर बनाया जा सकता है, या सीधे लैडर लॉजिक में सीरीज में NC कॉन्टैक्ट्स का उपयोग करके बनाया जा सकता है।
* XOR गेट (एक्सक्लूसिव OR):
* काम करने का तरीका: XOR गेट का आउटपुट 'हाई' होता है यदि उसके इनपुट अलग-अलग हों (एक 'हाई' और दूसरा 'लो')। यदि इनपुट समान हों (दोनों 'हाई' या दोनों 'लो'), तो आउटपुट 'लो' होता है।
* पीएलसी में: इसे AND और OR गेट्स के संयोजन से बनाया जाता है।
पीएलसी में लॉजिक गेट्स कैसे काम करते हैं?
पीएलसी में लॉजिक गेट्स सीधे इलेक्ट्रॉनिक घटकों के रूप में मौजूद नहीं होते हैं। इसके बजाय, वे सॉफ्टवेयर में प्रोग्रामिंग निर्देशों के रूप में लागू होते हैं। जब आप एक पीएलसी प्रोग्राम लिखते हैं, तो आप वास्तव में लॉजिक गेट्स के कार्यों का अनुकरण कर रहे होते हैं।
पीएलसी एक चक्र (स्कैन) में काम करती है:
* इनपुट स्कैन (Input Scan): पीएलसी अपने सभी भौतिक इनपुट (जैसे सेंसर, स्विच) की स्थिति (ऑन/ऑफ) पढ़ती है।
* प्रोग्राम स्कैन (Program Scan): पीएलसी आपके द्वारा लिखे गए प्रोग्राम को निष्पादित करती है। इस चरण में, पीएलसी लॉजिक गेट्स के नियमों के अनुसार इनपुट की स्थिति को प्रोसेस करती है और आवश्यक आउटपुट की गणना करती है। उदाहरण के लिए, यदि प्रोग्राम में एक AND गेट है और उसके सभी संबंधित इनपुट ऑन हैं, तो पीएलसी उस AND गेट के आउटपुट को ऑन के रूप में निर्धारित करेगी।
* आउटपुट अपडेट (Output Update): गणना किए गए आउटपुट के आधार पर, पीएलसी अपने भौतिक आउटपुट (जैसे रिले, मोटर, लाइट) की स्थिति को अपडेट करती है।
इस निरंतर स्कैनिंग प्रक्रिया के माध्यम से, पीएलसी वास्तविक समय में इनपुट के आधार पर मशीनरी और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है, लॉजिक गेट्स के सिद्धांतों का पालन करते हुए। पीएलसी की प्रोग्रामिंग भाषाएं (जैसे लैडर लॉजिक) इन लॉजिक गेट्स को समझना और लागू करना बहुत आसान बनाती हैं, जिससे जटिल नियंत्रण प्रणालियों का निर्माण संभव हो पाता है।
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