पीएलसी (PLC - Programmable Logic Controller) से वीएफडी (VFD - Variable Frequency Drive) को नियंत्रित करना एक आम औद्योगिक प्रक्रिया है। यह मुख्य रूप से दो तरीकों से किया जा सकता है: डिजिटल I/O (इनपुट/आउटपुट) का उपयोग करके और सीरियल कम्युनिकेशन (जैसे Modbus) का उपयोग करके।

 पीएलसी (PLC - Programmable Logic Controller) से वीएफडी (VFD - Variable Frequency Drive) को नियंत्रित करना एक आम औद्योगिक प्रक्रिया है। यह मुख्य रूप से दो तरीकों से किया जा सकता है: डिजिटल I/O (इनपुट/आउटपुट) का उपयोग करके और सीरियल कम्युनिकेशन (जैसे Modbus) का उपयोग करके।

1. डिजिटल I/O का उपयोग करके वीएफडी को नियंत्रित करना

यह सबसे सीधा तरीका है जिसमें पीएलसी के डिजिटल आउटपुट का उपयोग वीएफडी के डिजिटल इनपुट को सक्रिय करने के लिए किया जाता है।

वायरिंग (Wiring)

 * स्टार्ट/स्टॉप (Start/Stop): पीएलसी के एक डिजिटल आउटपुट (जैसे Y0) को वीएफडी के "फॉरवर्ड रन" या "रन कमांड" इनपुट से कनेक्ट करें। पीएलसी के दूसरे डिजिटल आउटपुट (यदि रिवर्स की आवश्यकता हो) को "रिवर्स रन" इनपुट से कनेक्ट करें। वीएफडी के कॉमन टर्मिनल को पीएलसी के कॉमन टर्मिनल से जोड़ना सुनिश्चित करें।

 * गति नियंत्रण (Speed Control): गति नियंत्रण के लिए, आपको एक एनालॉग सिग्नल (आमतौर पर 0-10V DC या 4-20mA) की आवश्यकता होगी। पीएलसी का एनालॉग आउटपुट (जैसे DAC) वीएफडी के एनालॉग इनपुट (जैसे AI1) से कनेक्ट होगा।

 * फीडबैक (Feedback): वीएफडी से स्थिति (जैसे रनिंग, फॉल्ट, आउटपुट फ्रीक्वेंसी) को पीएलसी में वापस पढ़ने के लिए, वीएफडी के डिजिटल आउटपुट (जैसे रिले आउटपुट) को पीएलसी के डिजिटल इनपुट से कनेक्ट करें। वीएफडी के एनालॉग आउटपुट को पीएलसी के एनालॉग इनपुट से जोड़कर आउटपुट फ्रीक्वेंसी या करंट जैसे एनालॉग डेटा को भी पढ़ा जा सकता है।

प्रोग्रामिंग (Programming)

 * पीएलसी प्रोग्रामिंग:

   * स्टार्ट/स्टॉप: पीएलसी में एक साधारण लैडर लॉजिक प्रोग्राम लिखें। जब एक स्टार्ट बटन (पीएलसी इनपुट X0) दबाया जाता है, तो एक आउटपुट (Y0) सक्रिय हो जाता है जो वीएफडी को चालू करता है। एक स्टॉप बटन (पीएलसी इनपुट X1) दबाने पर Y0 निष्क्रिय हो जाता है और वीएफडी रुक जाता है।

   * गति नियंत्रण: पीएलसी के एनालॉग आउटपुट को नियंत्रित करने के लिए पीएलसी के प्रोग्राम में एनालॉग आउटपुट कमांड का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, एक एचएमआई (HMI) से एक संख्यात्मक इनपुट के आधार पर एनालॉग आउटपुट का मान बदलें। 0V पर वीएफडी न्यूनतम गति पर चलेगा (या रुकेगा) और 10V पर अधिकतम गति पर चलेगा।

 * वीएफडी पैरामीटर सेटिंग: वीएफडी को पीएलसी से कमांड स्वीकार करने के लिए कॉन्फ़िगर करें।

   * कंट्रोल सोर्स (Control Source): वीएफडी के पैरामीटर्स में, "रन कमांड" और "फ्रीक्वेंसी कमांड" के स्रोत को "बाहरी टर्मिनल" या "एनालॉग इनपुट" पर सेट करें।

   * इनपुट मैपिंग: वीएफडी के डिजिटल और एनालॉग इनपुट को उनके संबंधित कार्यों (जैसे फॉरवर्ड, रिवर्स, स्पीड संदर्भ) के लिए मैप करें।

2. सीरियल कम्युनिकेशन (Modbus) का उपयोग करके वीएफडी को नियंत्रित करना

यह विधि अधिक उन्नत है और पीएलसी और वीएफडी के बीच अधिक डेटा एक्सचेंज की अनुमति देती है, जैसे कि विभिन्न पैरामीटर को पढ़ना और लिखना। Modbus RTU RS-485 पर सबसे आम प्रोटोकॉल है।

वायरिंग (Wiring)

 * RS-485 कनेक्शन: पीएलसी के RS-485 पोर्ट (या एक कम्युनिकेशन मॉड्यूल) के डाटा+ (Data+) को वीएफडी के डाटा+ से और पीएलसी के डाटा- (Data-) को वीएफडी के डाटा- से कनेक्ट करें।

 * टर्मिनेशन रेसिस्टर्स: यदि कम्युनिकेशन लाइन लंबी है या कई डिवाइस जुड़े हैं, तो लाइन के दोनों सिरों पर टर्मिनेशन रेसिस्टर्स (आमतौर पर 120 ओम) का उपयोग करना पड़ सकता है।

प्रोग्रामिंग (Programming)

 * पीएलसी प्रोग्रामिंग:

   * कम्युनिकेशन सेटअप: पीएलसी में Modbus कम्युनिकेशन को कॉन्फ़िगर करें। इसमें बॉड रेट (जैसे 9600, 19200), पैरिटी (ईवन, ऑड, नन), डेटा बिट्स और स्टॉप बिट्स जैसी सेटिंग्स शामिल हैं।

   * Modbus कमांड: पीएलसी के प्रोग्राम में Modbus रीड (Function Code 3, 4) और राइट (Function Code 6, 16) कमांड का उपयोग करें।

     * वीएफडी को स्टार्ट/स्टॉप करने के लिए विशिष्ट Modbus रजिस्टर में मान लिखें (उदाहरण के लिए, एक बिट को 1 पर सेट करें)।

     * वीएफडी की गति को नियंत्रित करने के लिए एक विशिष्ट आवृत्ति रजिस्टर में एक संख्यात्मक मान लिखें।

     * वीएफडी से स्टेटस (जैसे आउटपुट फ्रीक्वेंसी, करंट, फॉल्ट कोड) पढ़ने के लिए विशिष्ट Modbus रजिस्टर से डेटा पढ़ें।

 * वीएफडी पैरामीटर सेटिंग: वीएफडी को Modbus कम्युनिकेशन स्वीकार करने के लिए कॉन्फ़िगर करें।

   * कम्युनिकेशन मोड: वीएफडी के कम्युनिकेशन मोड को Modbus RTU पर सेट करें।

   * पता (Address): वीएफडी का एक अद्वितीय Modbus पता सेट करें (उदाहरण के लिए, 1)।

   * बॉड रेट और पैरिटी: पीएलसी की सेटिंग से मेल खाने के लिए बॉड रेट और पैरिटी सेट करें।

   * रजिस्टर मैपिंग: वीएफडी के मैनुअल में दिए गए Modbus रजिस्टर पते को नोट करें, क्योंकि इनका उपयोग पीएलसी प्रोग्राम में कमांड भेजने और डेटा पढ़ने के लिए किया जाएगा।

प्रमुख विचार (Key Considerations)

 * वीएफडी मैनुअल (VFD Manual): यह सबसे महत्वपूर्ण है। हर वीएफडी मॉडल के विशिष्ट पैरामीटर सेटिंग, वायरिंग डायग्राम और Modbus रजिस्टर पते अलग-अलग होते हैं। वीएफडी के मैनुअल को ध्यान से पढ़ें।

 * सुरक्षा (Safety): वायरिंग और प्रोग्रामिंग से पहले हमेशा पावर बंद करें। आपातकालीन स्टॉप (Emergency Stop) सर्किट को स्वतंत्र रूप से तारना सुनिश्चित करें।

 * परीक्षण (Testing): वायरिंग और प्रोग्रामिंग के बाद, मोटर को कम गति पर और फिर धीरे-धीरे पूर्ण गति तक परीक्षण करें।

 * सामंजस्य (Compatibility): सुनिश्चित करें कि पीएलसी और वीएफडी के बीच कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल और वोल्टेज स्तर संगत हों।

इन चरणों का पालन करके, आप पीएलसी का उपयोग करके वीएफडी को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर सकते हैं।


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घरेलू उपयोग के लिए पीएलसी (Programmable Logic Controller) का इस्तेमाल करना संभव है, हालांकि यह औद्योगिक उपयोग जितना आम नहीं है। आमतौर पर, घर के स्वचालन के लिए माइक्रोकंट्रोलर-आधारित सिस्टम या रेडीमेड स्मार्ट होम सोल्यूशंस (जैसे गूगल होम, अमेज़न एलेक्सा, स्मार्टथिंग्स) अधिक प्रचलित हैं।

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