लैडर प्रोग्रामिंग (Ladder Programming) में मेमोरी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह PLC (Programmable Logic Controller) को इनपुट, आउटपुट, और प्रोग्राम के बीच डेटा को स्टोर और एक्सेस करने की अनुमति देती है।

 लैडर प्रोग्रामिंग (Ladder Programming) में मेमोरी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह PLC (Programmable Logic Controller) को इनपुट, आउटपुट, और प्रोग्राम के बीच डेटा को स्टोर और एक्सेस करने की अनुमति देती है।

लैडर प्रोग्रामिंग में मेमोरी का उपयोग क्यों किया जाता है?

PLC में मेमोरी का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है:

 * इनपुट/आउटपुट डेटा स्टोर करना: PLC अपने इनपुट की स्थिति (जैसे सेंसर से सिग्नल) और अपने आउटपुट की स्थिति (जैसे मोटर या लाइट को नियंत्रित करना) को मेमोरी में स्टोर करता है।

 * प्रोग्राम लॉजिक स्टोर करना: लैडर लॉजिक प्रोग्राम (आपके द्वारा बनाए गए नियम और अनुक्रम) PLC की मेमोरी में ही संग्रहीत होते हैं।

 * इंटरनल बिट्स (Internal Bits) या मेमोरी बिट्स (Memory Bits): ये PLC के अंदर की वर्चुअल रिले की तरह काम करती हैं। इनका उपयोग प्रोग्राम के भीतर लॉजिक को स्टोर करने के लिए किया जाता है, जैसे कि किसी स्थिति को "याद रखना" या किसी ऑपरेशन को लैच (Latch) करना। इन्हें कभी-कभी "बाइनरी बिट्स" या "ऑक्सिलरी रिले" भी कहा जाता है।

 * टाइमर और काउंटर डेटा: टाइमर और काउंटर PLC प्रोग्रामिंग में आवश्यक कार्य हैं। उनके वर्तमान मान (accumulated value), प्रीसेट मान (preset value), और "डन" बिट (done bit) जैसी जानकारी मेमोरी में स्टोर की जाती है।

 * अन्य डेटा प्रकार: PLC विभिन्न प्रकार के डेटा को स्टोर कर सकता है, जैसे इंटीजर (पूर्णांक), फ्लोटिंग-पॉइंट (दशमलव), और स्ट्रिंग (टेक्स्ट), जिनका उपयोग जटिल गणनाओं या डेटा हेरफेर के लिए किया जाता है।

लैडर प्रोग्रामिंग में मेमोरी के प्रकार:

PLC में मुख्य रूप से दो प्रकार की मेमोरी होती है:

 * अस्थिर मेमोरी (Volatile Memory - RAM):

   * यह अस्थायी डेटा स्टोरेज के लिए उपयोग की जाती है।

   * जब PLC की बिजली बंद हो जाती है, तो इसमें संग्रहीत डेटा आमतौर पर खो जाता है।

   * लैडर लॉजिक प्रोग्राम और डायनेमिक डेटा (जैसे टाइमर/काउंटर के वर्तमान मान) अक्सर RAM में संग्रहीत होते हैं।

   * इसे डेटा को बनाए रखने के लिए बैटरी बैकअप की आवश्यकता हो सकती है।

 * गैर-अस्थिर मेमोरी (Non-Volatile Memory - ROM, EEPROM, Flash Memory):

   * यह स्थायी डेटा स्टोरेज के लिए उपयोग की जाती है।

   * बिजली बंद होने पर भी इसमें संग्रहीत डेटा बना रहता है।

   * PLC का ऑपरेटिंग सिस्टम, फ़र्मवेयर और उपयोगकर्ता के प्रोग्राम का एक स्थायी संस्करण इसमें संग्रहीत होता है।

   * इसका उपयोग उन डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है जिन्हें PLC के बंद होने पर भी याद रखने की आवश्यकता होती है।

मेमोरी एड्रेसिंग (Memory Addressing):

प्रत्येक PLC में मेमोरी को विशिष्ट पतों (Addresses) का उपयोग करके व्यवस्थित किया जाता है। ये पते PLC के निर्माता और मॉडल के अनुसार भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, एलन-ब्रैडली (Allen-Bradley) और सीमेंस (Siemens) PLCs की अपनी अलग एड्रेसिंग स्कीमें होती हैं।

सामान्य मेमोरी एड्रेसिंग के कुछ उदाहरण:

 * इनपुट एड्रेसिंग (Input Addressing): I:X.Y/Z या %I (सीमेंस में) - यह फिजिकल इनपुट से जुड़ा होता है।

 * आउटपुट एड्रेसिंग (Output Addressing): O:X.Y/Z या %Q (सीमेंस में) - यह फिजिकल आउटपुट से जुड़ा होता है।

 * मेमोरी बिट एड्रेसिंग (Memory Bit Addressing): B3:X/Y (एलन-ब्रैडली में), M या MB (सीमेंस में) - ये इंटरनल बिट्स या वर्चुअल रिले को दर्शाते हैं।

 * टाइमर एड्रेसिंग (Timer Addressing): T4:X (एलन-ब्रैडली में)

 * काउंटर एड्रेसिंग (Counter Addressing): C5:X (एलन-ब्रैडली में)

 * वर्ड/डबल वर्ड एड्रेसिंग (Word/Double Word Addressing): N7:X (इंटीजर के लिए), MW (मेमोरी वर्ड), MD (मेमोरी डबल वर्ड) - बड़े डेटा मानों को स्टोर करने के लिए।

लैडर प्रोग्रामिंग में मेमोरी बिट्स का उपयोग कैसे करें:

मेमोरी बिट्स लैडर लॉजिक में बहुत उपयोगी होते हैं। वे आपको जटिल लॉजिक को सरल बनाने और बीच के परिणामों को स्टोर करने की अनुमति देते हैं।

उदाहरण: एक साधारण लैचिंग सर्किट में मेमोरी बिट का उपयोग:

मान लीजिए आप एक मोटर को एक स्टार्ट बटन से चालू करना चाहते हैं और एक स्टॉप बटन से बंद करना चाहते हैं। मोटर को तब तक चालू रहना चाहिए जब तक स्टॉप बटन न दबाया जाए (यानी, उसे लैच करना चाहिए)।

|-----| |------|  |-----------|  (M0.0)  |----------|

| Start | | M0.0 |----( )----| Motor_Output |

| Button| |      |            |           |

|-----| |------|            |-----------|


|-----| |------|  (M0.0)

| Stop  | | M0.0 |----( / )----|

| Button| |      |

|-----| |------|


 * यहां, M0.0 एक मेमोरी बिट है।

 * जब Start Button दबाया जाता है, तो M0.0 ऑन हो जाता है।

 * M0.0 अपनी ही स्थिति को लैच कर लेता है (पहली रंग में M0.0 का सामान्य खुला संपर्क)।

 * जब M0.0 ऑन होता है, तो यह Motor_Output को भी ऑन कर देता है।

 * जब Stop Button दबाया जाता है, तो यह M0.0 के लिए पावर को तोड़ देता है (दूसरी रंग में Stop Button का सामान्य बंद संपर्क), जिससे M0.0 और Motor_Output दोनों बंद हो जाते हैं।

संक्षेप में, लैडर प्रोग्रामिंग में मेमोरी वह जगह है जहां PLC अपने ऑपरेशन के लिए आवश्यक सभी जानकारी को स्टोर करता है, जिसमें प्रोग्राम लॉजिक, इनपुट/आउटपुट की स्थिति, और इंटरमीडिएट डेटा शामिल है। विभिन्न प्रकार की मेमोरी (अस्थिर और गैर-अस्थिर) और उनकी विशिष्ट एड्रेसिंग योजनाएं PLC को कुशलतापूर्वक और मज़बूती से काम करने में मदद करती हैं।


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