डीसी श्रृंखला मोटर्स (DC series motors) दिष्ट धारा (डायरेक्ट करंट) पर चलने वाली एक प्रकार की विद्युत मोटरें होती हैं। इन मोटरों में, फील्ड वाइंडिंग (क्षेत्र कुंडलन) को आर्मेचर वाइंडिंग (आर्मेचर कुंडलन) के साथ श्रृंखला (सीरीज) में जोड़ा जाता है। इसका मतलब है कि फील्ड वाइंडिंग में वही करंट प्रवाहित होता है जो आर्मेचर में प्रवाहित होता है।
डीसी श्रृंखला मोटर्स (DC series motors) दिष्ट धारा (डायरेक्ट करंट) पर चलने वाली एक प्रकार की विद्युत मोटरें होती हैं। इन मोटरों में, फील्ड वाइंडिंग (क्षेत्र कुंडलन) को आर्मेचर वाइंडिंग (आर्मेचर कुंडलन) के साथ श्रृंखला (सीरीज) में जोड़ा जाता है। इसका मतलब है कि फील्ड वाइंडिंग में वही करंट प्रवाहित होता है जो आर्मेचर में प्रवाहित होता है।
कार्य सिद्धांत:
डीसी मोटर का मूल सिद्धांत यह है कि जब एक विद्युत धारा प्रवाहित चालक को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो उस पर एक यांत्रिक बल (टॉर्क) कार्य करता है, जिससे वह घूमने लगता है। डीसी श्रृंखला मोटर में, फील्ड वाइंडिंग और आर्मेचर वाइंडिंग दोनों में एक ही धारा प्रवाहित होती है, जिसके परिणामस्वरूप एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र बनता है और उच्च टॉर्क उत्पन्न होता है।
विशेषताएँ:
* उच्च प्रारंभिक टॉर्क (High Starting Torque): डीसी श्रृंखला मोटर्स की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उनका बहुत उच्च प्रारंभिक टॉर्क है। यही कारण है कि इन्हें उन अनुप्रयोगों में पसंद किया जाता है जहां भारी भार को शुरू में उठाना होता है।
* परिवर्तनशील गति (Variable Speed):
इसकी गति लोड के साथ काफी बदलती रहती है। जब लोड कम होता है, तो गति बहुत अधिक बढ़ जाती है, और जब लोड बढ़ता है, तो गति कम हो जाती है।
* शून्य-भार की स्थिति खतरनाक (Dangerous at No-Load):
बिना किसी लोड के डीसी श्रृंखला मोटर को चलाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसकी गति इतनी अधिक बढ़ सकती है कि यह स्वयं को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, इसे हमेशा किसी न किसी लोड से जोड़कर चलाया जाता है।
* सरल गति नियंत्रण (Easy Speed Control):
डीसी श्रृंखला मोटर की गति को नियंत्रित करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
* छोटी आकार और उच्च शक्ति दर (Compact Size and High Power Density):
ये मोटरें अक्सर अपने आकार के सापेक्ष उच्च शक्ति प्रदान करती हैं।
अनुप्रयोग:
उच्च प्रारंभिक टॉर्क के कारण, डीसी श्रृंखला मोटर्स का उपयोग उन अनुप्रयोगों में किया जाता है जहां भारी भार उठाने या खींचने की आवश्यकता होती है, जैसे:
* इलेक्ट्रिक ट्रेन और ट्राम:
ट्रेनों को शुरू में भारी खिंचाव बल की आवश्यकता होती है।
* क्रेन और उत्तोलक (Hoists):
भारी वस्तुओं को उठाने के लिए।
* रोलिंग मिल्स:
धातु को आकार देने वाली मशीनें।
* ड्रिल मशीनें:
शुरुआती उच्च टॉर्क की आवश्यकता होती है।
* वैद्युत रेलवे और ट्रैक्शन सिस्टम: परिवहन प्रणालियों में जहां शुरुआती गति और टॉर्क महत्वपूर्ण हैं।
लाभ:
* उच्च प्रारंभिक टॉर्क।
* लोड के साथ गति का स्वतः समायोजन (हालांकि यह एक विशेषता है, यह कुछ अनुप्रयोगों में एक लाभ के रूप में कार्य करता है)।
* सरल गति नियंत्रण।
* एसी मोटर्स की तुलना में कम बिजली की खपत (कुछ विशिष्ट अनुप्रयोगों में)।
हानियाँ:
* शून्य-भार पर खतरनाक रूप से उच्च गति।
* गति विनियमन उतना अच्छा नहीं होता जितना कि डीसी शंट मोटर्स में होता है।
* कम्यूटेटर और ब्रश के कारण रखरखाव की आवश्यकता होती है।
* उच्च प्रारंभिक मूल्य (अन्य प्रकार की मोटरों की तुलना में)।
संक्षेप में, डीसी श्रृंखला मोटर्स उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श हैं जहां उच्च प्रारंभिक टॉर्क और लोड के साथ गति में बदलाव स्वीकार्य है, बशर्ते उन्हें कभी भी बिना लोड के न चलाया जाए।
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