ट्रांसफार्मर: महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
ज़रूर, ट्रांसफार्मर चैप्टर से परीक्षा के दृष्टिकोण से जितने भी महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर बन सकते हैं, उन्हें यहाँ प्रस्तुत किया गया है:
ट्रांसफार्मर: महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
* ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
a) ओम का नियम
b) फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम
c) किरचॉफ का नियम
d) लेन्ज़ का नियम
उत्तर: b) फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम
* ट्रांसफार्मर का मुख्य कार्य क्या है?
a) आवृत्ति बदलना
b) शक्ति बढ़ाना
c) वोल्टेज को बढ़ाना या घटाना
d) प्रतिरोध कम करना
उत्तर: c) वोल्टेज को बढ़ाना या घटाना
* एक स्टेप-अप ट्रांसफार्मर में:
a) द्वितीयक घुमावों की संख्या प्राथमिक से कम होती है
b) द्वितीयक घुमावों की संख्या प्राथमिक के बराबर होती है
c) द्वितीयक घुमावों की संख्या प्राथमिक से अधिक होती है
d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c) द्वितीयक घुमावों की संख्या प्राथमिक से अधिक होती है
* ट्रांसफार्मर किस प्रकार की धारा पर कार्य करता है?
a) प्रत्यावर्ती धारा (AC)
b) दिष्ट धारा (DC)
c) दोनों (AC और DC)
d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: a) प्रत्यावर्ती धारा (AC)
* ट्रांसफार्मर की कोर को पटलित (laminated) क्यों बनाया जाता है?
a) कॉपर हानि कम करने के लिए
b) भँवर धारा हानि (eddy current loss) कम करने के लिए
c) हिस्टेरिसिस हानि (hysteresis loss) कम करने के लिए
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: b) भँवर धारा हानि (eddy current loss) कम करने के लिए
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
* ट्रांसफार्मर क्या है?
ट्रांसफार्मर एक स्थिर वैद्युत उपकरण है जो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसका मुख्य कार्य प्रत्यावर्ती धारा (AC) वोल्टेज को बढ़ाना (स्टेप-अप) या घटाना (स्टेप-डाउन) है, जबकि आवृत्ति और शक्ति लगभग समान रहती है।
* ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग कौन-कौन से हैं?
ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग हैं:
* प्राथमिक कुंडली (Primary Winding): यह वह कुंडली है जिससे इनपुट AC वोल्टेज जुड़ा होता है।
* द्वितीयक कुंडली (Secondary Winding): यह वह कुंडली है जिससे आउटपुट वोल्टेज प्राप्त होता है।
* कोर (Core): यह लोहे की बनी होती है और प्राथमिक व द्वितीयक कुंडलियों के बीच चुंबकीय पथ प्रदान करती है। इसे आमतौर पर नरम लोहे की पतली-पतली चादरों को पटलित करके बनाया जाता है।
* स्टेप-अप ट्रांसफार्मर और स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर में क्या अंतर है?
* स्टेप-अप ट्रांसफार्मर: यह कम वोल्टेज को अधिक वोल्टेज में परिवर्तित करता है। इसमें द्वितीयक कुंडली में घुमावों की संख्या प्राथमिक कुंडली से अधिक होती है (N_s > N_p)।
* स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर: यह अधिक वोल्टेज को कम वोल्टेज में परिवर्तित करता है। इसमें द्वितीयक कुंडली में घुमावों की संख्या प्राथमिक कुंडली से कम होती है (N_s < N_p)।
* ट्रांसफार्मर में होने वाली हानियों का वर्णन करें।
ट्रांसफार्मर में मुख्य रूप से तीन प्रकार की हानियाँ होती हैं:
* कॉपर हानि (Copper Loss): यह कुंडलियों के प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होती है (I^2R हानि)। इसे मोटे तारों का उपयोग करके कम किया जा सकता है।
* भँवर धारा हानि (Eddy Current Loss): यह कोर में भँवर धाराओं के कारण उत्पन्न होती है। इसे कोर को पटलित (laminated) करके कम किया जाता है।
* हिस्टेरिसिस हानि (Hysteresis Loss): यह कोर के बार-बार चुम्बकित और विचुम्बकित होने के कारण उत्पन्न होती है। इसे ऐसे पदार्थ (जैसे नरम लोहा) का उपयोग करके कम किया जाता है जिनकी हिस्टेरिसिस लूप छोटी होती है।
* फ्लक्स लीकेज हानि (Flux Leakage Loss): जब प्राथमिक और द्वितीयक कुंडलियों के बीच सभी चुंबकीय फ्लक्स एक दूसरे से नहीं जुड़ते हैं, तो यह हानि होती है।
* ट्रांसफार्मर दक्षता क्या है?
ट्रांसफार्मर दक्षता (efficiency) ट्रांसफार्मर द्वारा दी गई आउटपुट शक्ति और इसे दी गई इनपुट शक्ति का अनुपात होती है। इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
दक्षता (η) = (आउटपुट शक्ति / इनपुट शक्ति) × 100%
एक आदर्श ट्रांसफार्मर की दक्षता 100% होती है, लेकिन व्यवहार में यह 90-99% तक होती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
* ट्रांसफार्मर की कार्यप्रणाली को विस्तार से समझाइए।
ट्रांसफार्मर फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम पर कार्य करता है। जब प्राथमिक कुंडली में प्रत्यावर्ती धारा (AC) प्रवाहित होती है, तो यह कोर में एक परिवर्ती चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न करती है। यह परिवर्ती फ्लक्स कोर के माध्यम से द्वितीयक कुंडली से जुड़ता है और उसमें भी विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के कारण एक प्रेरित EMF (वोल्टेज) उत्पन्न करता है। चूँकि फ्लक्स परिवर्ती है, द्वितीयक कुंडली में भी प्रत्यावर्ती वोल्टेज उत्पन्न होता है।
प्रेरित EMF का परिमाण कुंडलियों में घुमावों की संख्या के सीधे आनुपातिक होता है।
E_p / E_s = N_p / N_s
जहाँ E_p प्राथमिक कुंडली में वोल्टेज, E_s द्वितीयक कुंडली में वोल्टेज, N_p प्राथमिक कुंडली में घुमावों की संख्या, और N_s द्वितीयक कुंडली में घुमावों की संख्या है।
यदि N_s > N_p तो E_s > E_p (स्टेप-अप ट्रांसफार्मर), और यदि N_s < N_p तो E_s < E_p (स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर)।
एक आदर्श ट्रांसफार्मर में, इनपुट शक्ति आउटपुट शक्ति के बराबर होती है (P_{in} = P_{out})।
V_p I_p = V_s I_s
जहाँ I_p प्राथमिक कुंडली में धारा और I_s द्वितीयक कुंडली में धारा है।
* ट्रांसफार्मर के उपयोगों का वर्णन करें।
ट्रांसफार्मर का उपयोग विभिन्न विद्युत अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से किया जाता है:
* विद्युत शक्ति संचरण और वितरण (Power Transmission and Distribution): बिजली घरों से लंबी दूरी तक बिजली भेजने के लिए स्टेप-अप ट्रांसफार्मर का उपयोग उच्च वोल्टेज (कम धारा) पर किया जाता है ताकि शक्ति हानि (I^2R हानि) को कम किया जा सके। उपभोक्ताओं तक पहुँचने से पहले, स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज को सुरक्षित और उपयोगी स्तर (जैसे 220V/440V) तक कम करने के लिए किया जाता है।
* इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Devices): रेडियो, टेलीविज़न, चार्जर, कंप्यूटर आदि जैसे अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है, जिसके लिए स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
* इंडक्शन हीटिंग (Induction Heating): औद्योगिक अनुप्रयोगों में धातुओं को गर्म करने या पिघलाने के लिए उच्च धाराओं के साथ निम्न वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
* वेल्डिंग (Welding): आर्क वेल्डिंग में उच्च धारा और निम्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है, जो ट्रांसफार्मर द्वारा प्रदान किया जाता है।
* इंपीडेंस मैचिंग (Impedance Matching): यह स्रोत और लोड के बीच प्रतिबाधा (impedance) को मैच करने के लिए उपयोग किया जाता है ताकि अधिकतम शक्ति स्थानांतरण हो सके, जैसे ऑडियो एम्पलीफायरों में।
यह ट्रांसफार्मर अध्याय से परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक व्यापक सेट है।
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