विद्युत पैनल कई प्रकार के होते हैं, और उनका वर्गीकरण मुख्य रूप से उनके कार्य, उपयोग और वोल्टेज स्तर के आधार पर किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

 विद्युत पैनल कई प्रकार के होते हैं, और उनका वर्गीकरण मुख्य रूप से उनके कार्य, उपयोग और वोल्टेज स्तर के आधार पर किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

1. वोल्टेज के आधार पर:

 * एचटी (HT) पैनल (हाई टेंशन पैनल): ये पैनल उच्च वोल्टेज (आमतौर पर 1000V से ऊपर, जैसे 6.6 kV, 11 kV, 33 kV) पर काम करते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से सबस्टेशनों, बड़े उद्योगों और बिजली संयंत्रों में होता है जहाँ उच्च वोल्टेज बिजली को नियंत्रित और वितरित किया जाता है।

 * एलटी (LT) पैनल (लो टेंशन पैनल): ये पैनल कम वोल्टेज (आमतौर पर 1000V से नीचे) पर काम करते हैं। ये आवासीय, वाणिज्यिक और छोटे से मध्यम आकार के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।

2. कार्य के आधार पर (एलटी पैनल के उप-प्रकार):

 * मुख्य वितरण बोर्ड (MDB) / पावर डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड (PDB) / पावर कंट्रोल सेंटर (PCC) पैनल: ये किसी भी स्थापना के मुख्य विद्युत स्रोत होते हैं। ये आने वाली बिजली को विभिन्न उप-सर्किटों और अन्य पैनलों में वितरित करते हैं। ये बड़े औद्योगिक संयंत्रों और वाणिज्यिक भवनों में मुख्य बिजली के वितरण को नियंत्रित करते हैं।

 * मोटर कंट्रोल सेंटर (MCC) पैनल: इन पैनलों का उपयोग इलेक्ट्रिक मोटरों को नियंत्रित और सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। वे ओवरलोड, शॉर्ट-सर्किट और अन्य समस्याओं से मोटर्स की रक्षा करते हैं और उद्योगों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं जहां कई मोटर्स संचालित होती हैं (जैसे खाद्य, रसायन, फार्मास्युटिकल उद्योग)।

 * ऑटोमैटिक पावर फैक्टर कंट्रोल (APFC) पैनल: ये पैनल बिजली की खपत की दक्षता में सुधार के लिए पावर फैक्टर की निगरानी और प्रबंधन करते हैं। वे स्वचालित रूप से कैपेसिटर को चालू या बंद करके पावर फैक्टर को नियंत्रित करते हैं, जिससे बिजली के बिल में कमी आती है।

 * स्वचालित मुख्य विफलता (AMF) पैनल: ये पैनल मुख्य बिजली आपूर्ति की विफलता का पता लगाते हैं और स्वचालित रूप से बैकअप पावर स्रोत (जैसे जनरेटर) पर स्विच कर देते हैं। ये उन स्थानों के लिए महत्वपूर्ण हैं जहां बिजली की निरंतर आपूर्ति आवश्यक है (जैसे अस्पताल, मॉल, बैंक, आईटी पार्क)।

 * वितरण बोर्ड (DB) / सब-पैनल: ये छोटे स्तर पर बिजली वितरित करने के लिए होते हैं, जैसे कि घरेलू या छोटे वाणिज्यिक भवनों में विभिन्न कमरों या मंजिलों पर। सब-पैनल मुख्य पैनल से जुड़े होते हैं और संपत्ति के विशिष्ट क्षेत्रों में बिजली वितरित करते हैं।

 * लाइटिंग कंट्रोल पैनल: इन पैनलों का उपयोग इमारतों या सुविधाओं में प्रकाश व्यवस्था को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। इनमें टाइमर या सेंसर जैसे स्वचालित नियंत्रण हो सकते हैं।

 * PLC ऑटोमेशन पैनल: ये पैनल प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर (PLC) का उपयोग करके औद्योगिक प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए होते हैं। ये जटिल स्वचालन कार्यों को कर सकते हैं।

 * ट्रांसफर स्विच पैनल: ये विशेष पैनल होते हैं जो बिजली स्रोत को मुख्य ग्रिड से वैकल्पिक स्रोत (जैसे जनरेटर) पर स्विच करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। ये बिजली कटौती के दौरान काम आते हैं।

 * फ्यूज बॉक्स (पुराने): ये पुराने प्रकार के विद्युत पैनल हैं जो सर्किट ब्रेकर के बजाय फ्यूज का उपयोग करते हैं। ये अब आधुनिक निर्माणों में कम लोकप्रिय हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक ही पैनल में कई कार्य हो सकते हैं, या विभिन्न पैनलों को एक साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है।


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