पीएलसी (प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर) प्रोग्रामिंग भाषाएँ वे भाषाएँ हैं जिनका उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं और मशीनों को स्वचालित करने के लिए किया जाता है। ये भाषाएँ पीएलसी को यह निर्देश देती हैं कि इनपुट संकेतों के आधार पर आउटपुट कैसे नियंत्रित करें।
पीएलसी (प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर) प्रोग्रामिंग भाषाएँ वे भाषाएँ हैं जिनका उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं और मशीनों को स्वचालित करने के लिए किया जाता है। ये भाषाएँ पीएलसी को यह निर्देश देती हैं कि इनपुट संकेतों के आधार पर आउटपुट कैसे नियंत्रित करें।
पीएलसी प्रोग्रामिंग भाषाओं के प्रकार
IEC (अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन) 61131-3 मानक द्वारा पांच पीएलसी प्रोग्रामिंग भाषाओं को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। ये भाषाएँ दो मुख्य श्रेणियों में आती हैं: ग्राफिकल और टेक्स्टुअल।
ग्राफिकल भाषाएँ
* लैडर डायग्राम (LD) / लैडर लॉजिक (LL) (Ladder Diagram / Ladder Logic):
* यह सबसे लोकप्रिय पीएलसी प्रोग्रामिंग भाषा है।
* यह रिले लॉजिक सर्किट डायग्राम पर आधारित है और सीढ़ी जैसी दिखती है, जिसमें दो ऊर्ध्वाधर रेल और क्षैतिज रेंग होते हैं।
* इसे समझना और उपयोग करना आसान है, खासकर उन लोगों के लिए जो विद्युत संकेतों और रिले सर्किट से परिचित हैं।
* यह विजुअल इंटरफ़ेस प्रदान करता है, जिससे प्रोग्रामिंग सीखने की प्रक्रिया काफी कम हो जाती है।
* उदाहरण: किसी बटन को दबाने पर मोटर को चालू करना। लैडर डायग्राम में, बटन एक "सामान्य रूप से खुला" संपर्क (normally open contact) के रूप में दर्शाया जाएगा और मोटर एक "कॉइल" (coil) के रूप में।
* फंक्शन ब्लॉक डायग्राम (FBD) (Function Block Diagram):
* यह एक और लोकप्रिय ग्राफिकल भाषा है जिसमें विभिन्न प्रकार के ब्लॉक होते हैं जिनके इनपुट और आउटपुट होते हैं।
* ये ब्लॉक विशिष्ट कार्यों (जैसे टाइमर, काउंटर, गणितीय संचालन) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
* यह प्रवाह चार्ट की तरह दिखता है और प्रक्रियाओं को प्रोग्राम करने का एक सरल और ग्राफिकल तरीका है।
* उदाहरण: किसी सेंसर से इनपुट लेकर एक निश्चित समय के बाद अलार्म बजाना। इसमें टाइमर और लॉजिक गेट्स के फंक्शन ब्लॉक का उपयोग किया जाएगा।
* सीक्वेंशियल फंक्शन चार्ट्स (SFC) (Sequential Function Charts):
* यह एक ग्राफिकल भाषा है जो GRAFCET पर आधारित है और कंप्यूटर विज्ञान एल्गोरिथम फ्लोचार्ट से मिलती-जुलती है।
* इसमें चरण (Steps) और संक्रमण (Transitions) होते हैं।
* चरण वे क्रियाएं हैं जिन्हें निष्पादित किया जाना है, और संक्रमण वे लॉजिक शर्तें हैं जिन्हें अगले चरण पर जाने से पहले पूरा किया जाना चाहिए।
* यह जटिल अनुक्रमिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
* उदाहरण: एक असेंबली लाइन में कई चरणों वाली प्रक्रिया को नियंत्रित करना, जहाँ एक चरण पूरा होने पर ही अगला चरण शुरू होता है।
टेक्स्टुअल भाषाएँ
* स्ट्रक्चर्ड टेक्स्ट (ST) (Structured Text):
* यह एक उच्च-स्तरीय टेक्स्टुअल प्रोग्रामिंग भाषा है जिसकी सिंटैक्स C या C++ जैसी पारंपरिक प्रोग्रामिंग भाषाओं के समान है।
* इसमें कथनों (Statements) का उपयोग किया जाता है (जैसे IF, FOR, WHILE) जो कार्य करते हैं।
* यह गणितीय गणनाओं, एल्गोरिदम और बड़े डेटा को संभालने के लिए बहुत लचीली और शक्तिशाली है।
* यह उन लोगों के लिए आसान है जिन्होंने पारंपरिक प्रोग्रामिंग भाषाओं में काम किया है।
* उदाहरण: जटिल गणितीय समीकरणों को हल करना या बड़े डेटासेट पर लॉजिकल ऑपरेशन करना।
* इंस्ट्रक्शन लिस्ट (IL) (Instruction List):
* यह एक निम्न-स्तरीय टेक्स्टुअल प्रोग्रामिंग भाषा है जो असेंबली भाषा के समान है।
* इसमें निर्देशों की एक सूची होती है जो पीएलसी द्वारा एक के बाद एक निष्पादित किए जाते हैं।
* यह बहुत कुशल होती है और कम मेमोरी का उपयोग करती है, लेकिन इसे समझना और प्रोग्राम करना अधिक कठिन हो सकता है।
* यह पुराने या कम क्षमता वाले पीएलसी में अधिक उपयोग होती थी।
* उदाहरण: बहुत ही सरल और प्रत्यक्ष लॉजिकल ऑपरेशन, जैसे इनपुट को सीधे आउटपुट से जोड़ना।
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