ट्रांजिस्टर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

 ट्रांजिस्टर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

 * द्विध्रुवी संधि ट्रांजिस्टर (Bipolar Junction Transistor - BJT):

   * ये करंट-नियंत्रित उपकरण होते हैं।

   * इनमें दो मुख्य प्रकार होते हैं:

     * NPN ट्रांजिस्टर: इसमें P-प्रकार के पदार्थ की परत को दो N-प्रकार की परतों के बीच में लगाया जाता है।

     * PNP ट्रांजिस्टर: इसमें N-प्रकार के पदार्थ की परत को दो P-प्रकार की परतों के बीच में लगाया जाता है।

 * क्षेत्र प्रभाव ट्रांजिस्टर (Field-Effect Transistor - FET):

   * ये वोल्टेज-नियंत्रित उपकरण होते हैं।

   * इनमें मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:

     * जंक्शन फील्ड-इफेक्ट ट्रांजिस्टर (JFET): इसमें PN जंक्शन होता है।

     * मेटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर फील्ड-इफेक्ट ट्रांजिस्टर (MOSFET): ये सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले FET हैं और इनमें गेट क्षेत्र और चैनल के बीच एक धातु ऑक्साइड की पतली परत होती है।

इसके अलावा, कुछ अन्य विशिष्ट प्रकार के ट्रांजिस्टर भी होते हैं, जैसे:

 * इंसुलेटेड-गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (IGBT): ये BJT और MOSFET दोनों की विशेषताओं को जोड़ते हैं।

 * डार्लिंगटन ट्रांजिस्टर: ये दो ट्रांजिस्टर का संयोजन होते हैं जो उच्च करंट गेन प्रदान करते हैं।

 * शॉटकी ट्रांजिस्टर: ये ट्रांजिस्टर को शॉटकी डायोड के साथ जोड़कर बनाए जाते हैं।


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